
अगर रास्ता सही मिल जाए तो मंजिल तक पहुंचना आसान होता है। इसी प्रकार अगर 
कैरियर का सही चुनाव कर लिया जाए तो कामयाबी कदम चूमती है और व्यक्ति सफलता
 की राह पर आगे बढ़ता रहता है। लेकिन जब कैरियर के चुनाव की बात आती है तब 
अक्सर लोग चुनाव करने में ग़लती कर बैठते हैं जिससे काफी संघर्ष करने के 
बाद भी निराशा और असफलता का दर्द महसूस होता रहता है। इस समस्या से बचने के
 लिए हस्तरेखा की सहायता ले सकते हैं। हाथों की बनावट और हस्तरेखाओं से आप 
यह जान सकते हैं कि ईश्वर आपको किन क्षेत्रों में सफलता प्रदान करेगा। अगर 
रेखाओं को ध्यान से देखें तो जान सकते हैं कि भाग्य ने आपके लिए किस तरह का
 करियर चुना है।
उच्चाधिकारी बनाती हैं ऐसी रेखाएं:
सूर्य को सरकार एवं सरकारी क्षेत्र में सफलता का कारक माना जाता है। जिस 
व्यक्ति की हथेली में सूर्य रेखा स्पष्ट और गहरी होती है तथा इस रेखा पर 
शुभ चिन्ह जैसे त्रिभुज, चतुर्भुज या सितारों का चिन्ह होता है वह सरकारी 
क्षेत्र में उच्च पद प्राप्त करते हैं। छोटी उंगली का अनामिका उंगली के 
तीसरे पोर की जड़ तक पहुंचना। मंगल पर्वत अथवा जीवनरेखा से किसी रेखा का 
निकलकर सूर्य पर्वत तक पहुंचना भी शुभ माना जाता है। ऐसे व्यक्ति सरकारी 
क्षेत्र में अधिकारी होते हैं। निष्कंलक अर्थात् शुद्घ भाग्य रेखा अनामिका 
की तुलना में लम्बी तर्जनी, कनिष्ठा, अनामिका के पहले पोरे को पारकर जाए। 
शाखायुक्त मस्तिष्क रेखा, अच्छा मजबूत दोषयुक्त सूर्य क्षेत्र तथा श्रेष्ठ 
अन्य रेखाएं जातक को प्रशासन संबंधी कार्यों की ओर ले जाने का संकेत करती 
हैं।
इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सफलता:
इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कैरियर बनने के लिए शनि पर्वत यानी मध्यमा 
उंगली की जड़ के पास हथेली उभरी हुई हो। भाग्य रेखा शनि पर्वत पर आकर रुक 
गई हो। गुरू पर्वत यानी तर्जनी के पास हथेली का उभरा हुआ होना भी 
इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कैरियर बनाने में सहायक होता है। मजबूत शनि, 
लम्बी गहरी मस्तिष्क रेखा, लम्बी एवं गांठदार अंगुलियां जातक का रूझान 
मशीनरी क्षेत्र में होता है।
चिकित्सा के क्षेत्र में कामयाबी:
जिनकी हथेली में बुध, मंगल एवं सूर्य पर्वत उभरा हुआ होता है वह चिकित्सा 
के क्षेत्र में सफल एवं प्रसिद्घ होते हैं। कनिष्ठा उंगली पर कई सीधी 
रेखाएं हों और मंगल उभरा हुआ होना बताता है कि व्यक्ति शल्य चिकित्सा के 
क्षेत्र में कामयाब होगा। अच्छे बुध पर तीन-चार खड़ी लाइनें, लम्बी एवं 
गांठदार अंगुलियां तथा वर्गाकार हथेली तथा अच्छी आभास रेखा चिकित्सा 
क्षेत्र के लिए उपयुक्त है।
फिल्म एवं टेलीविजन में कैरियर:
हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अभिनय के क्षेत्र में कैरियर 
बनाने की सोच रहा है तो जरूरी है कि सूर्य पर्वत और शुक्र पर्वत उभरा हुआ 
हो। सूर्य पर्वत अनामिका के जड़ के पास के भाग को कहते हैं और शुक्र पर्वत 
अंगूठे के जड़ वाले भाग को कहा जाता है। इसके साथ ही हाथ की सभी उंगलियां 
कोमल और हथेली के पीछे की ओर झुकती हों। अनामिका उंगली की लंबाई मध्यमा की 
जड़ तक हो। और भाग्य रेखा को कोई अन्य रेखा नहीं काटती हो। जिनकी हथेली ऐसी
 होती है वह अभिनय के क्षेत्र में सफल होते हैं। ऐसे व्यक्ति लोकप्रिय एवं 
धन-संपन्न होते है। इसमे भी अभिनय के क्षेत्र में सफलता लम्बी एवं शाखा 
युक्त मस्तिष्क रेखा जिसकी एक शाखा बुध पर जाए, विकसित बुध तथा शुक्र तथा 
सूर्य एवं अच्छा चन्द्र एवं लम्बी कनिष्ठा अंगुली ऐक्टिंग के लिए उपयुक्त 
है। अंगुलियों की तुलना में लम्बी हथेली, कोणाकार अंगुलियां, मस्तिष्क एवं 
जीवन रेखा में प्रारम्भ से ही गैप तथा शाखा युक्त मस्तिष्क रेखा एवं शुक्र व
 चन्द्र अच्छे हों, तो गायकी के क्षेत्र में सफलतादायी होती है। लचीला 
अंगूठा, लचीली एवं हथेली की तुलना में लम्बी अंगुलियां होने पर नृत्य के 
क्षेत्र में नाम प्रदान करती है। अगर सूर्य, बुध पर्वत उभरे हुए हों, भाग्य
 रेखा, सूर्य रेखा अच्छी हो, मस्तिष्क रेखा चंद्र पर्वत के नीचे तक आए तो 
छोटी आयु में ही बडा संगीतज्ञ बनने के योग बनते हैं।
कानून के क्षेत्र में कैरियर:
अपने उदय के समय मस्तिष्क रेखा एवं जीवन रेखा थोड़ा गैप लेकर चले तथा 
मस्तिष्क रेखा के अंत में कोई द्विशाखा हो, कनिष्ठा का पहला पोरा लम्बा एवं
 मजबूत हो तथा अच्छा बुध, तीन खड़ी लाइन युक्त हो तथा मजबूत अंगूठे का 
दूसरा पोर सबल हो तो यह न्याय के क्षेत्र में ले जाने का संकेत है। 
मस्तिष्क रेखा अंत में अर्ध वृत्ताकार चलती हुई बुध पर्वत की ओर मुड जाए तो
 उसे नीति और चतुराई से समस्या को हल करने में महारत प्राप्त होता है।
सैन्य सेवाओ के क्षेत्र में कैरियर:
लम्बा एवं सख्त मजबूत अंगूठा, उन्नत शुक्र एवं मंगल अच्छी सूर्य एवं भाग्य 
रेखा तथा वर्गाकार या चमसाकार अंगुलियां सैन्य सेवा के लिए अच्छी हैं। इसके
 साथ यदि मंगल अति विकसित एवं सख्त है तो थल सेना के लिए उपयुक्त है। यदि 
उक्त के साथ विकसित बृहस्पति एवं मजबूत एवं थोड़ा सा अन्तराल लिए मस्तिष्क 
एवं जीवन रेखा का उदय हो तो हवाई सेना के लिए संकेत हैं। जीवन रेखा और 
भाग्य रेखा के मध्य कोई त्रिभुज हो तो सेना में उच्च पद प्राप्त होता है।
अकाउट के क्षेत्र में कैरियर:
अगर भाग्य रेखा एवं प्रभाव रेखा गुरू पर्वत की ओर जाए तो व्यक्ति धन से 
संबंधित हिसाब-किताब का कार्य करता है। अच्छा बुध, सूर्य एवं अच्छी 
भाग्यरेखा तथा मजबूत अंगूठा एवं अंगुलियों की सबल विकसित दूसरी संधि गांठ 
हो, तो अकांटिंग का कार्य करता है।
व्यापार के क्षेत्र में कैरियर:
अगर भाग्य रेखा का बुध पर्वत पर अंत हो तो जातक को व्यापार में सफलता 
प्राप्त होती है। अगर मस्तिष्क रेखा अंत में तीन शाखाओं में बँट जाए तो 
व्यक्ति डिप्लोमेट होता है। इसमें से अगर एक शाखा चंद्र पर्वत तक जाए और 
दूसरी शाखा बुध पर्वत तक जाए तो व्यक्ति में गजब की व्यापारिक क्षमता होती 
है और अपनी योग्यता से धन कमाने में सफल होता है। स्वास्थ्य रेखा से कोई 
प्रभाव रेखा निकल कर नीचे ओर सूर्य रेखा को स्पर्श करें तो यह व्यापार में 
अच्छी सफलता प्रदान करता है। पर यदि यह रेखा सूर्य रेखा को काट दे तो 
साझेदारी के लिए हानिकारक होता है।
ज्योतिष के क्षेत्र में कैरियर:
अगर मस्तिष्क रेखा चंद्र पर्वत के बीच तक जाएॅ और तर्जनी के दूसरे पर्व में
 खडी रेखाएॅ हों तो व्यक्ति ज्योतिष तथा तंत्रमंत्र विद्याओं में पारंगत 
होता है। बुध पर्वत से चंद्रक्षेत्र तक कोई गोलाई लिये हुए रेखा आए, उसे 
अंत: प्रेरणा रेखा कहते हैं, तो उसे ज्योतिष का अच्छा ज्ञान होता है। यदि 
अंत: प्रेरणा रेखा, भाग्य रेखा और मस्तक रेखा मिलकर कोई छोटा क्रास बनाये 
तो गुप्त विद्यओं का अच्छा ज्ञान होता है। यदि शनि पर्वत के नीचे चतुर्भुज 
में क्रास हो जिसे कोई भी बडी रेखा स्पर्श ना करें तो उसकी बोली हुई बातें 
सच साबित होती है तथा ज्योतिष के क्षेत्र में उसे बडी सफलता प्राप्त होती 
है।
 Pt.P.S Tripathi
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