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Wednesday 3 June 2015

मांगलिक दोष एवं उसका आध्यात्मिक निदान-

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विवाह के अवसर पर वर एवं वधू की कुण्डली मिलान करते समय अष्टकूट के साथ-साथ मांगलिक दोष पर भी विचार किया जाता है। इसे शास्त्रों में कुज दोष या भौम दोष का नाम भी दिया गया है। इस दोष को गहराई से समझना आवश्यक है, ताकि इसका भय दूर हो सके। भारतीय ज्योतिष के अनुसार यदि मंगल प्रथम, द्वितीय, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम अथवा द्वादश भाव में स्थित हो तो मंगल दोष माना जाता है। विद्वानों ने राशि से भी उक्त स्थानों पर मंगल के होने पर यह दोष बताया है। किसी भी पत्रिका में यह योग हो तो उस कुण्डली को मंगली कहा जाता है। वर-वधू में से किसी एक की कुण्डली के इन भावों में मंगल हो तथा दूसरे की पत्रिका में नहीं तो ऐसी परिस्थिति को वैवाहिक जीवन के लिए अनिष्टकारक कहा गया है तथा ज्योतिषी उन दोनों का विवाह न करने की सलाह दे देते हैं। यदि वर-वधू दोनों की कुण्डली में उक्त दोष हो तो दोष समाप्त समझा जाता है। यह दोष तब और प्रबल हो जाता है जब जन्म कुण्डली में इन पांचों भावों में मंगल के साथ अन्य क्रूर ग्रह (शनि, राहू, केतु) बैठे हों। बृहत् पाराशर के अनुसार विकलरू पाप संयुतरू अर्थात पापी ग्रह से युक्त ग्रह विकल अवस्था का होगा तथा दोष कारक होगा। अतः शनि या राहु की युति से मांगलिक दोष में अभिवृद्धि हो जाती है।
मांगलिक दोष की निवृत्ति हेतु मंगल तथा अन्य ग्रहों की शांति एवं सफल वैवाहिक जीवन हेतु लडको का अर्क विवाह एवं कन्याओं हेतु कुंभ विवाह कराना चाहिए। साथ ही पावर्ती-मंगल स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। वैवाहिक जीवन के कष्ट को दूर करने के लिए मंगल का व्रत करने से मंगल दोष की निवृत्ति होती है।


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Sunday 17 May 2015

कुंडली के किस भावों में मंगल दोष और उसके उपाय


जिस जातक की जन्म कुंडली, लग्न/चंद्र कुंडली आदि में मंगल ग्रह, लग्न से लग्न में (प्रथम), चतुर्थ, सप्तम, अष्टम तथा द्वादश भावों में से कहीं भी स्थित हो, तो उसे मांगलिक कहते हैं।
गोलिया मंगल 'पगड़ी मंगल' तथा चुनड़ी मंगल : जिस जातक की जन्म कुंडली में 1, 4, 7, 8, 12वें भाव में कहीं पर भी मंगल स्थित हो उसके साथ शनि, सूर्य, राहु पाप ग्रह बैठे हो तो व पुरुष गोलिया मंगल, स्त्री जातक चुनड़ी मंगल हो जाती है अर्थात द्विगुणी मंगली इसी को माना जाता है।
मांगलिक कुंडली का मिलान : वर, कन्या दोनों की कुंडली ही मांगलिक हो तो विवाह शुभ और दाम्पत्य जीवन आनंदमय रहता है। एक सादी एवं एक कुंडली मांगलिक नहीं होना चाहिए।
मंगल-दोष निवारण : मांगलिक कुंडली के सामने मंगल वाले स्थान को छोड़कर दूसरे स्थानों में पाप ग्रह हो तो दोष भंग हो जाता है। उसे फिर मंगली दोषरहित माना जाता है तथा केंद्र में चंद्रमा 1, 4, 7, 10वें भाव में हो तो मंगली दोष दूर हो जाता है। शुभ ग्रह एक भी यदि केंद्र में हो तो सर्वारिष्ट भंग योग बना देता है।
शास्त्रकारों का मत ही इसका निर्णय करता है कि जहाँ तक हो मांगलिक से मांगलिक का संबंध करें। ‍िफर भी मांगलिक एवं अमांगलिक पत्रिका हो, दोनों परिवार अपने पारिवारिक संबंध के कारण पूर्ण संतुष्ट हो, तब भी यह संबंध श्रेष्ठ नहीं है। ऐसा नहीं करना चाहिए।ऐसे में अन्य कई कुयोग हैं। जैसे वैधव्य विषागना आदि दोषों को दूर रखें। यदि ऐसी स्थिति हो तो 'पीपल' विवाह, कुंभ विवाह, सालिगराम विवाह तथा मंगल यंत्र का पूजन आदि कराके कन्या का संबंध अच्छे ग्रह योग वाले वर के साथ करें। मंगल यंत्र विशेष परिस्थिति में ही प्रयोग करें। देरी से विवाह, संतान उत्पन्न की समस्या, तलाक, दाम्पत्य सुख में कमी एवं कोर्ट केस इत्या‍दि में ही इसे प्रयोग करें। छोटे कार्य के लिए नहीं। विशेष : विशेषकर जो मांगलिक हैं उन्हें इसकी पूजा अवश्य करना चाहिए। चाहे मांगलिक दोष भंग आपकी कुंडली में क्यों न हो गया हो फिर भी मंगल यंत्र मांगलिकों को सर्वत्र जय, सुख, विजय और आनंद देता है। निम्न 21 नामों से मंगल की पूजा करें :-
1. ऊँ मंगलाय नम:
2. ऊँ भूमि पुत्राय नम:
3. ऊँ ऋण हर्वे नम:
4. ऊँ धनदाय नम:
5. ऊँ सिद्ध मंगलाय नम:
6. ऊँ महाकाय नम:
7. ऊँ सर्वकर्म विरोधकाय नम:
8. ऊँ लोहिताय नम:
9. ऊँ लोहितगाय नम:
10. ऊँ सुहागानां कृपा कराय नम:
11. ऊँ धरात्मजाय नम:
12. ऊँ कुजाय नम:
13. ऊँ रक्ताय नम:
14. ऊँ भूमि पुत्राय नम:
15. ऊँ भूमिदाय नम:
16. ऊँ अंगारकाय नम:
17. ऊँ यमाय नम:
18. ऊँ सर्वरोग्य प्रहारिण नम:
19. ऊँ सृष्टिकर्त्रे नम:
20. ऊँ प्रहर्त्रे नम:
21. ऊँ सर्वकाम फलदाय नम:
विशेष : किसी ज्योतिषी से चर्चा करके ही पूजन करना चाहिए। मंगल की पूजा का विशेष महत्व होता है। अपूर्ण या कुछ जरूरी पदार्थों के बिना की गई पूजा प्रतिकूल प्रभाव भी डाल सकती है..
मंगल दोष/ योग निवारणार्थ.....कृपया मंगलनाथ मंदिर , जो उज्जैन ( मध्य प्रदेश ) में स्थित हे ..वहा जाकर विशेष रूप से "भात पूजा" अवश्य करवाएं...इस पूजा से शादी में विलम्ब/ कर्जमुक्ति..आदि में लाभ मिलता हे..