Wednesday 27 May 2015

खुद से प्यार करना सीखो


ऐसा समय सभी के जीवन मेंं कभी न कभी जरूर आता है जबकि व्यक्ति को अपनी क्षमताओं पर संदेह होने लगता है, अपनी योग्यता पर वह खुद ही प्रश्नचिह्न लगाने लगता है। जिंदगी के ऐसे लम्हों मेंं जब आप खुद को कमतर आंकें तो अपने आत्मविश्वास को संभालने की बहुत ज्यादा जरूरत है। यहां हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देंगे जिनसे आपको आत्मसंशय के समय आत्मविश्वास बढ़ जाएगा और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए तीसरे स्थान को मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है।

क्या वाकई मैं कुछ अच्छा काम नहींं कर रहा हूं? क्या मैं अपनी पूरी क्षमता से काम कर पा रहा हूं? क्या मैं इतना अच्छा हूं कि लोग मुझसे प्यार करें? ऐसे खयाल बहुत से लोगों के मन मेंं उमड़ते हैं। अपने प्रियजनों और परिजनों की नजर मेंं और अपने कामकाजी जीवन मेंं अपने महत्व को लेकर अक्सर लोग कुछ ज्यादा ही चिंतित होते हैं। ऐसी चिंता बहुधा उन्हें अपनी क्षमता से कमतर होने का एहसास कराती है। व्यक्ति कई मौकों पर खुद को मूल्यहीन समझने लगता है। ऐसे मेंं किसी भी तुलना से दूर रहते हुए खुद पर भरोसा रखकर आगे बढऩा ही आपका मंत्र होना चाहिए। सभी बातों मेंं सबसे महत्वपूर्ण है कि कभी यह न सोचें कि आपका कोई महत्व नहींं है। किसी भी व्यक्ति को ऐसा नहींं सोचना चाहिए। और ऐसा किसी के मन में लगातार आ रहा हो तो अपनी कुंडली के तीसरे स्थान का विश£ेषण कराकर उस स्थान के ग्रह की शांति कराकर अपना मनोबल उच्च करना चाहिए।
हर व्यक्ति का अलग स्तर:
अगर आपको लगता है कि आपको अपने साथियों के मुकाबले बहुत ही कम चीजें आती हैं। उनके स्तर तक पहुंचने के लिए आपको बहुत लंबा समय लगेगा तो इस तरह दूसरों के साथ तुलना करने के बजाय आपको समझना चाहिए कि उनके और आपके स्तर मेंं फर्क है, और आप दोनों की प्राथमिकताएं भी अलग-अलग हैं।
समान परिस्थितियों मेंं रहने वाले दो लोग भी एक स्तर पर नहींं होते हैं इसलिए खुद को दूसरों से कमतर समझने के भाव से उबरना चाहिए। इसके साथ यह भी है कि सिर्फ आप अकेले नहींं हैं जो दूसरों से इस तरह की तुलना करके दबाव मेंं आते हैं बल्कि ऐसा सभी लोगों के साथ होता है। मुश्किल उन्हीं लोगों के साथ पेश आती है जो खुद को मूल्यहीन मान बैठते हैं। इसलिए जरूरी यही है कि खुद को मूल्यहीन न समझें।
हर व्यक्ति मेंं कोई न कोई खूबी:
मान लीजिए कि आप मार्केटिंग मेंं बहुत अच्छे नहींं हैं और इसी कारण आप खुद को साबित करने का दबाव महसूस करते हों लेकिन हो सकता है कि आप दूसरों के साथ तालमेंल मेंं माहिर हों। अक्सर हम अपने भीतर उन्हीं गुणों को तलाशते हैं जो हमेंं दूसरों मेंं दिखाई देते हैं, उन गुणों की तलाश नहींं करते जो हमारे भीतर हैं।
हम दूसरों के गुणों को तो देख पाते हैं लेकिन कई बार अपने गुणों की तरफ ही नजर नहींं जाती है। ऐसे मेंं अपनी क्षमताओं और योग्यताओं को पहचानने की जरूरत है। इसे यूं समझिए कि आप अपने भाई, बहन, पिता, टीचर, बॉस की तरह नहींं होते हैं। आपकी परवरिश और आपका स्वभाव दूसरों से अलग ही होगा। हर व्यक्ति दूसरे से अलग होता है। ऐसे मेंं अपने को कमतर आंकने का कोई अर्थ नहींं है।
भविष्य नहींं वर्तमान मेंं रहें:
ऐसे बहुत से लोग हैं जो सोचते हैं कि जब उनकी नौकरी अच्छी हो जाएगी तो वे ज्यादा बेहतर स्थिति मेंं होंगे। या फिर जब उनका अपना घर होगा तब उनके लिए कोई आकांक्षा बाकी नहींं रह जाएगी। जब वे पूरी तरह स्वस्थ होंगे तभी वे खुश रहेंगे। लेकिन इस तरह की सोच के साथ लोग अपने ''आज की पूरी तरह उपेक्षा करते हैं और उस भविष्य मेंं जीते हैं जो संभावित है।
ऐसे लोग खुशियों के पीछे दौड़ते रहते हैं लेकिन हमेशा उन्हें खुशियां अपने से आगे ही नजर आती है और उन्हें लगता है कि उनका आज मूल्यहीन है। जब वे आज के महत्व को समझेंगे तो उन्हें जीवन मूल्यवान नजर आएगा।
खुद से प्यार करें:
जब भी जीवन मेंं दु:ख हो तो आपको प्यार की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। अगर आप खुद के प्रति ही अच्छा नहींं महसूस करेंगे तो चीजें ठीक नहींं होगी। कठिन समय मेंं इंसान को अपने प्रति अधिक उदार होने की जरूरत होती है। हम देखते हैं कि जब भी बच्चे को चोट पहुंचती है या वे दु:खी होते हैं तो माता-पिता उन्हें दुलारते हैं और कहते हैं कि सबकुछ ठीक होगा। यह आश्वासन उनकी जिंदगी मेंं महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
हमेंं अपने प्रति भी इस तरह के प्रेम के प्रदर्शन की जरूरत है। अपने प्रति अच्छा सोचकर आप सही दिशा मेंं आगे बढ़ सकेंगे। अपने गुणों के प्रति विश्वास रखना आपको भीतर से भी मजबूत बनाएगा।
आकलन का नजरिया अपना हो:
हम खुद को किस तरह देखें और खुद का मूल्यांकन किस तरह करें इसका विचार हमेंं अपने आसपास के लोगों से मिलता है लेकिन पूरी तरह उनके विचारों के अनुरूप चलने से आप कभी पूरी तरह अपने मन का काम नहींं कर पाएंगे।
हमेशा उनके विचारों के अनुरूप बने रहने का दबाव आप पर बना रहेगा और आप हमेशा खुद को कमतर पाएंगे, इसलिए किसी की भी नकारात्मक प्रतिक्रिया या नकारात्मक विचार के आधार पर खुद के आकलन से बचें। इस तरह आप अपनी ऊर्जा को भी बचा पाएंगे और सही दिशा मेंं आगे बढ़ पाएंगे।

भविष्य आपके हाथ मेंं है:
आप अपने विचारों के स्वामी हैं और अपनी गतिविधियों को नियंत्रित भी कर सकते हैं। जब एक बार आप जान लेते हैं कि हर तरह की स्थिति से निकला जा सकता है तो कुछ भी मुश्किल नहींं है। इसलिए आज अगर आप कठिन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं तो कल उसमेंं बदलाव भी कर सकते हैं।
हमेशा याद रखें कि अपने भविष्य को बदलना आपके हाथ मेंं है और अगर आप आज कडी मेंहनत करते हैं तो भविष्य मेंं अच्छे परिणाम हासिल कर सकते हैं। मुश्किलों से जूझते हुए जब आप चीजों को बेहतर बनाएंगे तो इससे आपका आत्मसम्मान भी बढऩा तय है।
जो आप कर सकते हैं दूसरे नहींं:
कुछ काम ऐसे भी होते हैं जो आप दूसरों से ज्यादा बेहतर तरीके से कर सकते हैं और इस लिहाज मेंं आप उनसे बहुत ज्यादा आगे हैं। यह खुद को दिलासा देने के लिए नहींं है बल्कि इसका महत्व इस रूप मेंं है कि इस तरह की सोच आपको प्रेरित और उत्साहित बनाए रखती है।
जीवन एकपक्षीय नहींं है बल्कि उसमेंं कई क्षेत्र हैं और हर क्षेत्र मेंं अलग तरह की योग्यता की जरूरत होती है। याद रखें कि आपके क्षेत्र के मुताबिक आपकी काबिलियत के भी अपने मायने हैं।

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