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Saturday 30 May 2015

Keep this tips in mind for office

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Keep in mind these matters in office
1. Never sit and back toward the door.
2. beam neither sit down nor work.
3. Sitting in his cabin and face north or the south-west corner of East remain.
4. your room / cabin southwest corner never leave empty. Keep the file cabinet or a plant.
5. Computer Monitor Keep southeast or northwest direction. When working on the computer should be in Apakamuk east or north.
6. to sustainability Hang on the wall behind the picture of mountains or high-rise buildings.
7. Do not sit by the back door or side window, otherwise you will be Sikar of Chuglion your Apaneuchchadikarion, staff, clients and colleagues will fight. If you keep close behind the back window of a window coinciding Touse put a plant.

Pt.P.S Tripathi
Mobile no-9893363928,9424225005
Landline no-0771-4035992,4050500
Feel Free to ask any questions in


Saturday 23 May 2015

वास्तु और ईशान दिशा


वास्तु और ईशान दिशा
कैसे पाएं ईशान दिशा के शुभ परिणाम
किसी भी भवन की ईशान दिशा सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती है। इसमें वास्तु अनुरूप भवन का निर्माण हमारी प्रगति में चार चांद लगा देता है। आइए जानते हैं किस प्रकार से भवन निर्माण कराने से आप शुभ परिणाम प्राप्त करेंगे :-
* ईशान दिशा अन्य दिशाओं की तुलना में बड़ी हो तो गृह के निवासी धन-संपत्ति से युक्त रहेंगे। उनके ऐश्वर्य में वृद्धि होगी तथा उनकी संतानें मेधावी होंगी।
* ईशान दिशा में जल का स्थल हो तो गृह के रहवासी निरंतर प्रगति करेंगे।
* ईशान दिशा नीचे हो तो गृह स्वामी अष्टविध संपत्ति के अधिकारी होंगे।
* ईशान ब्लाक में पूर्व की तरफ ढलान पुरुषों के लिए तथा उत्तर की तरफ वाला ढलान स्त्रियों के सर्वांगीण विकास के लिए श्रेष्ठतम होता है।
* ईशान दिशा में पूर्व तथा उत्तर वाली दीवारें पश्चिम तथा दक्षिण दिशा वाली दीवारों की तुलना में नीची होने से चिरकाल तक आरोग्य, सुख-संपत्ति तथा धन लाभ होता है।
* गृह का समस्त जल इस दिशा से बाहर निकलना चाहिए। वर्षा का जल भी इस दिशा से बाहर निकले तो गृह स्वामी के सुख में वृद्धि होती है।

...यदि आप भी अपना वास्तुचेक कराना चाहे तो संपर्क करे.
Pt.P.S Tripathi
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Monday 18 May 2015

वास्तुदोष को दूर करें : नकारात्मक ऊर्जा दूर करें


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आपको मालूम होना चाहिए कि मकान के प्रवेश द्वार के सामने कोई रोड, गली या टी जक्शन हो, तो ये गंभीर वास्तुदोष उत्पन्न करते हैं, खासकर उन भवनों में जो दक्षिण व पश्चिम मुखी होते हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसे मकान में निवास करने वाले लोगों को प्रत्येक काम में असफलता ही हाथ लगती है।

वास्तुदोष से मुक्ति के लिए यह उपाय करें :-

- आप अपने मकान के बाहर उस नकारात्मक टी की तरफ मुँह किए 6 इंच का एक अष्टकोण आकार का मिरर लटका दें। ऐसा करने से दक्षिण एवं पश्चिम दिशाओं की टी का सम्पूर्ण वास्तुदोष ठीक हो जाता है।

- आपके मकान में कमरे की खिड़की, दरवाजा या बॉलकनी ऐसी दिशा में खुले, जिस ओर कोई खंडहरनुमा मकान स्थित हो। या वहाँ कोई उजाड़ जमीन या प्लाट पड़ा हो या फिर बरसों से बंद पड़ा मकान हो, श्मशान या कब्रिस्तान स्थित हो, तो यह अत्यंत अशुभ है। ऐसे मकान में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए किसी शीशे की प्लेट में कुछ छोटे-छोटे फिटकरी के टुकड़े आदि खिड़की या दरवाजे या बालकनी के पास रख दें तथा उन्हें हर महीने नियम से बदलते रहें, तो वास्तुदोष से मुक्ति मिलती है।

- यदि मकान के किसी कमरे में सोने पर तरह-तरह के भयावह सपने आते रहते हों, इसके कारण आपको रात में नींद नहीं आती
हो, बुरे सपने देखने के बाद छोटे बच्चे सो नहीं पाते और रतजगा करने लगते हैं अथवा रोते रहते हैं, इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए कमरे में एक जीरो वॉट का पीले रंग का नाइट लैम्प या बल्ब जलाए रखें। यह उस कमरे में बाहर से आने वाली नकारात्मक ऊर्जा को मार भगाता है।

- कभी-कभी बच्चों को मकान के किसी कमरे में अकेले जाने से डर लगता है, उस कमरे में सोने के नाम से ही उनके रोंगटे खड़े
हो जाते हैं, ऐसे में बेड या पलंग के सिरहाने के पास वाले दोनों किनारों में ताँबे के तार से बने स्प्रिंगनुमा छल्ले डाल दें। ये छल्ले
नकारात्मकता को दूर करते हैं। छल्लों को कोने पर डालने से और तेजी से लाभ प्राप्त होगा।

- यदि किसी मकान की छत पर पूर्व, उत्तर या पूर्वोत्तर दिशाओं में कमरा, स्टोर या सर्वेन्ट रूम आदि बने हों तथा ये तीनों दिशाएँ दक्षिण-पश्चिम के नैऋत्य कोण से ऊँची बन गई हों, तो ऐसा मकान गृह स्वामी को कभी सुख नहीं देता। गृह स्वामी हमेशा परेशान व दुखी रहता है।

ऐसा गृह स्वामी अपने जीवन में नौकरियाँ बदलते रहता है अथवा व्यापार में भाग्य आजमाते रहता है। इस समस्या से मुक्ति व वास्तुदोष से छुटकारा पाने के लिए मकान के दक्षिण-पश्चिम कोने में छत पर एक पतला-सा लोहे का पाइप एवं उस पर पीली या लाल रंग की झंडी लटका दें। इससे दक्षिण-पश्चिम का कोना सबसे ऊँचा हो जाता है।


घर में विविध तस्वीरें लगाना, मूर्तियाँ रखना हमारा शौक होता है। मगर यह करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए अन्यथा घर की सुख-शांति नष्ट होते देर नहीं लगती।

1. स्नेह-शांति व सुख का प्रतीक (प्रदर्शन) करने वाली मूर्तियाँ या तस्वीरें लगाएँ। क्रोध, वैराग्य, भयकारी, वीभत्स, दुख की भावना वाली वस्तुएँ न रखें।

2. युद्ध प्रसंग, रामायण या महाभारत के युद्ध के चित्र, राक्षसों की मूर्तियाँ, तलवार लिए योद्धा आदि घर में न रखें।

3. करुण रस से ओतप्रोत स्त्री, रोता बच्चा, अकाल, सूखे पेड़ आदि की तस्वीरें कतई न लगाएँ।

4. बंदर, सर्प, गिद्ध, कबूतर, बाघ, कौआ, गरुड़, उल्लू, भालू, सियार, सुअर आदि की तस्वीरें या मूर्ति कतई न रखें।

5. ऐतिहासिक-पौरा‍णिक घटनाओं को दिखाने वाली तस्वीरें न लगाएँ।

6. घोड़ा, ऊँट या हिरण घर में लगाया जा सकता है।

7. घर में स्थान-स्थान पर भगवान की मूर्तियाँ या चित्र न लगाएँ। इनसे लाभ की बजाय हानि होती हैं।

8. उन्हीं तस्वीरों या मूर्तियों को चुनें जो देखने पर मन को शांति और सुख प्रदान करें।

9. हंस की तस्वीर से घर में समृद्धि आती है।