Tuesday 21 April 2015

निःसंतान दम्पति अपनाये ये वास्तु नियम


निःसंतान दम्पति अपनाये ये वास्तु नियम
संसार के हर स्त्री-पुरुष की विवाह के बाद पहली कामना संतान प्राप्त करने की रहती है परन्तु कई बार देखने में यह आता है कि पति-पत्नी शारीरिक एवं मानसिक रूप से पूर्ण स्वस्थ्य रहने के बाद भी निःसंतान ही रह जाते हैं। किसी भी दंपत्ति के निःसंतान रहने में भाग्य के साथ-साथ वास्तुदोष भी एक महत्त्वपूर्ण कारण होता है।
यदि कोई दम्पत्ति निःसंतान है तो उन्हें चाहिए कि वह अपने घर के वास्तु दोष को दूर करें क्योंकि वास्तु दोष के कारण घर में नकारात्क ऊर्जा पैदा होती है जो संतान प्राप्ति में बाधा पैदा करती है। जो दम्पत्ति निःसंतान हैं उन्हें मेरी यह सलाह है कि वे योग्य डॉक्टर से उचित जांच अवश्य करवाए साथ ही घर में जो वास्तुदोष है उन्हें दूर करें ताकि उनकी संतान प्राप्ति की कामना पूर्ण हो सके। सामान्यतः नीचे लिखे कुछ वास्तुदोष वंशवृद्धि में बाधा का कारण बनते हैं-
1 जिस किसी घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में निर्माण कार्य न होने के कारण खुली हुई हो ईशान कोण में निर्माण होने के कारण घर के ईशान कोण वाले भाग में खुली जगह न हो और उसकी उत्तर और पूर्व दिशा में पड़ोसियों के घर के कारण वहां दरवाजा या खिड़की भी न हो ऐसे कोने वाले कमरे में जिन दम्पत्ति का बेडरूम होता है उन्हें संतान प्राप्ति में बाधा पैदा होती है।
2 उत्तर भाग में खाली जगह न हो और अहाते की हद से लगकर घर हो और दक्षिण में खाली जगह हो तो वंशवृद्धि रूक जाती है।
3 घर अथवा चारदीवारी की ईशान दिशा लुप्त हो जाए तो पुरुष संतान नहीं होगी। यदि हो भी तो विकलांग अथवा पागल बनकर अल्पायु होगी।
4 यदि किसी दम्पत्ति के शयनकक्ष के मुख्यद्वार वाली दीवार और सामने वाली दीवार पर कोई खिड़की न हो परन्तु शयनकक्ष के मुख्यद्वार के दांए या बांए वाली किसी एक दीवार पर खिड़की हो वहां सोने वाले दम्पत्ति को संतान प्राप्ति में कई सालों का लम्बा विलम्ब हो सकता है।
5 पश्चिम की ओर ऊंचाई हो पश्चिम और नैऋत्य के बीच में या पश्चिम और वायव्य के बीच में पश्चिम में किसी भी प्रकार का टैंक, चेम्बर, गड्ढा इत्यादि हो तो वंश वृद्धि नहीं होती। ऐसे घरों में कई बार शादी लायक बच्चों की शादी नहीं होने से वंश वृद्धि रूक जाती है।
6 पूर्व दिशा का हिस्सा घटकर पूर्वी सीमा पर निर्माण हो, तो उस घर का ज्येष्ठ पुत्र गलत आदतों को शिकार होगा और तीसरी पीढ़ी तक पहुँचते-पहुँचते उसका वंश समाप्त हो जाएगा।
7 पूर्व उत्तर दिशाएं जुड़ी हो और पड़ोस से घटी हो तो घर के लोग संपत्ति के होने पर भी लावारिस होगें। पुरुष दत्तक लेने पर उसे संतान तो हो सकती है पर उसे पुरुष संतान नहीं होती है।
8 अगर ईशान कुंचित हो और वायव्य में बढ़ाव हो तो शत्रुओं की संख्या बढ़ जाएगी और संतान हानि होगी। यह हानि जीवित संतान या गर्भ में पल रही संतान की हो सकती है।


Pt.P.S Tripathi
Mobile no-9893363928,9424225005
Landline no-0771-4035992,4050500
Feel Free to ask any questions in

No comments: