हथेलियों की आकृति:
इस दुनियां में जो व्यक्ति जन्म लेता है उनका भाग्य ईश्वर जन्म के साथ ही निर्धारित कर देता है। ईश्वर हर व्यक्ति के साथ उसकी जन्म कुण्डली स्वयं तैयार करके हाथों में थमा देता है। आपके हाथों में खींची आडी तीरछी रेखाएं और विभिन्न चिन्ह परमात्मा के लेख हैं जिसे विधि का लेख या भाग्य कहते हैं आपके हाथों में मौजूद चिन्ह आपके भाग्य के विषय में क्या कहता हैं आइये देखते हैं।
आप अपनी हथेलियों को गौर से देखिये आपको अपनी हथेली पर कई अलग अलग तरह की आकृति दिखाई देगी। आकृतियों में तारा, द्वीप, जाली, त्रिकोण, गुणा, वर्ग, धब्बा आपको नज़र आएंगे इसके अलावा छतरी आदि के चिन्ह भी आप अपनी हथेली पर देख सकते हैं। इन चिन्हों में से कुछ शुभ होते हैं तो कुछ अशुभ, हथेली में जिस स्थान पर ये चिन्ह होते हैं उसी के अनुरूप इन चिन्हों का फल हमें प्राप्त होता है।
तारा:
सबसे पहले हम तारा का जिक्र करते हैं। हथेली में इस चिन्ह को अत्यंत शुभ कहा गया है। किसी रेखा के अंतिम सिरे पर जब तारा होता है तब उस रेखा का पभाव काफी बढ़ जाता है। तारा हथेली के जिस पर्वत पर होता है उस पर्वत की शक्ति काफी बढ़ जाती है जिससे आपको उस पर्वत से सम्बन्धित फल में उत्तमता प्राप्त होती है। तारा जिस पर्वत पर होता है उसके अनुसार मिलने वाले फल की बात करें तो यह अगर बृइस्पति पर हो तो आप शक्तिशाली एवं प्रतिष्ठति होंगे व आपके मान सम्मान में इजाफा होगा।
तारा सूर्य पर्वत पर दिख रहा है तो इसका मतलब यह है कि आपके पास पैसा भी होगा और आप अच्छे पद एवं प्रभाव में होंगे फिर भी मन में खुशी की अनुभूति नहीं होगी। आपके हाथों तारा अगर चन्द्र पर्वत पर है तो आप लोकप्रियता एवं यश प्राप्त करेंगे हो सकता है कि इस स्थिति में आप कलाकर हो सकते हैं। मंगल पर्वत पर तारा होने से आपका भाग्य अच्छा रहेगा और आपके सामने एक से एक अवसर आते रहेंगे।
आप विज्ञान के क्षेत्र में कामयाबी प्राप्त कर सकते हें और इस क्षेत्र में एक के बाद एक सफलता हासिल कर सकते हैं। आप किसी से प्रेम करते हैं तो देखिये आपके शुक्र पर्वत पर तारा का निशान है या नहीं। अगर इस स्थान पर तारा का निशान है तो आप प्रेम में कामयाब रहेंगे। शनि पर्वत पर तारा का निशान होना इस बात का संकेत है कि आप जीवन में कामयाबी हासिल करेंगें, परंतु इसके लिए आपको काफी परेशानी व कठिनाईयों से गुजरना होगा।
द्वीप:
द्वीप चिन्ह को हस्तरेखीय ज्योतिष में दुर्भाग्यशाली चिन्ह माना जाता है। यह जिस पर्वत पर होता है उस पर विपरीत प्रभाव डालता है। गुरू पर्वत पर यह चिन्ह होने पर गुरू कमज़ोर हो जाता है जिससे आपके मान सम्मान की हानि होती है और आप जीवन में अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में असफल होते हैं। द्वीप चिन्ह सूर्य पर्वत पर होने से सूर्य का प्रभाव क्षीण होता है फलत: आपकी कलात्मक क्षमता उभर नहीं पाती है। चन्द्र पर्वत पर इस चिन्ह के होने से आपकी कल्पना शक्ति प्रभावित होती है।
मंगल पर्वत पर द्वीप चिन्ह होने से आपके अंदर साहस एवं हिम्मत की कमी होती और बुध पर इस चिन्ह के होने से आपका मन अस्थिर होता है जिससे आप किसी भी काम को पूरा करने से पहले ही आपका मन उचट जाता है और आप काम में बीच में ही अधूरा छोड़ देते हैं। जिनके शुक्र पर्वत पर द्वीप के निशान होते हैं वे बहुत अधिक शौकीन होते हैं और सुन्दरता के प्रति दीवानगी रखते हैं। आपके शनि पर्वत पर यदि द्वीप बना हुआ है तो आपके जीवन में शनि का प्रकोप रहेगा यानी काफी मेहनत के बाद ही आपका कोई काम सफल होगा। आपका एक काम बनेगा तो दूसरी परेशानी सिर उठाए खड़ी रहेगी। द्वीप चिन्ह अगर हृदय रेखा पर साफ और उभरी नज़र आ रही है तो आप हृदय रोग से पीड़ित हो सकते हैं, इस स्थिति में आपको दिल का दौरा भी पड़ सकता है। यह चिन्ह का मस्तिष्क रेखा पर होने से आपको मानसिक परेशानियों का सामना करना होता है व आपके सिर में दर्द रहता है।
गुणा:
हस्त रेखा अध्ययन में इस चिन्ह को कई अर्थों में देखा जाता है क्योंकि यह चिन्ह कठिन, निराशा, दुर्घटना और जीवन में आने वाले बदलाव को दर्शाता है। इस चिन्ह को यूं तो शुभ नहीं माना जाता है परंतु कुछ स्थिति में यह लाभदायक भी होता है। यह चिन्ह जब बृहस्पति पर होता है तब आपकी रूचि गुप्त एवं रहस्यमयी विषयों में होती है। इस स्थिति में आप दर्शनशास्त्र में अभिरूचि लेते हैं इसी प्रकार जब यह निशान हथेली के मध्य होती है तब आप पूजा पाठ एवं अध्यात्म में रूचि लेते हैं आप अलसुलझे रहस्यो पर से पर्दा हटाने की कोशिश करते हैं अर्थात पराविज्ञान की ओर आकर्षित रहते हैं।
हस्त रेखा से भविष्य का आंकलन करने वाले कहते हैं गुणा का चिन्ह जब सूर्य पर्वत पर होता है तब आपको विभिन्न प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति में आपकी आर्थिक दशा कमज़ोर रहती है आपके अंदर की कला का विकास सही से नहीं हो पाता है और न तो आपको प्रसिद्धि मिल पाती है। मंगल पर्वत पर बुध के नीचे अगर यह चिन्ह नज़र आ रहा है तो आपको अपने शत्रुओं से सावधान रहने की आवश्यकता है क्योंकि इस स्थिति में आपको अपने शत्रुओं से काफी खतरा रहता है। इसी प्रकार मंगल पर्वत पर यह चिन्ह बृहस्पति के नीचे दिखाई दे रहा तो यह भी शुभ संकेत नहीं है इस स्थति आपको संघर्ष से बच कर रहना चाहिए अन्यथा आपकी जान को खतरा रहता है। यह चिन्ह अगर शनि पार्वत पर हो और भाग्य रेखा को छू रहा हो तो यह समझना चाहिए कि दुर्घटना अथवा संघर्ष में जान का खतरा हो सकता है। शनि पर्वत के मध्य यह चिन्ह हो तब इसी तरह की घटना होने की संभावना और भी प्रबल हो जाती है। गुणा का चिन्ह जीवन रेखा पर होना जीवन के लिए घातक होता है, जीवन रेखा में जिस स्थान पर यह होता है उस स्थान पर प्राण को संकट रहता है। जीवन रेखा पर यह चिन्ह होने से आपके अपने करीबी रिश्तेदारों से अच्छे सम्बन्ध नहीं रहते हैं। शुक्र पर यह निशान एवं प्रेमी दोनों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।
त्रिकोण
आप श्रृंखला के पहले भाग में पढ़ चुके होंगे कि सभी चिन्ह शुभ नहीं होते हैं और न तो सभी अशुभ प्रभाव डालने वाले होते हैं। यहां हम जिस चिन्ह की बात कर रहे हैं वह चिन्ह हथेली में होना शुभता की निशानी होती है। इस चिन्ह को यानी त्रिकोण को श्रेष्ठ चिन्ह कहा गया है। हस्तरेखीय ज्योतिष के अनुसार अगर यह आपके हाथ में है तो आप भले ही आसमान को न छू पाएं परन्तु ज़मीन पर मजे में जीवन गुजार सकते हैं कहने का तात्पर्य यह है कि इस चिन्ह से बहुत बड़ी उपलब्धि तो नहीं मिलती है लेकिन यह बुरी स्थिति से भी बचाव करती है।
त्रिकोण चिन्ह साफ व स्पष्ट होने से आपकी सोचने समझने की क्षमता अच्छी रहती है व आपकी बुद्धि तेज चलती है। यह चिन्ह जिस स्थान पर होता है उस स्थान पर मौजूद ग्रह शक्तिशाली हो जाते हैं और आपको उस ग्रह से अनुकूलता प्राप्त होती है। यह चिन्ह जब अलग अलग पर्वत पर होता है तब कैसा फल मिलता है आइये अब इसे देखें। हस्तरेखीय ज्योतिष के अनुसार जब यह चिन्ह बृहस्पति पर होता है तब आपमें प्रबंधन की क्षमता बहुत ही अच्छी रहती है, आप किसी भी संस्था को सही तरह से चलाने में सक्षम होते हैं एवं जनसमुदाय को निर्देशित करने की योग्यता रखते हैं। त्रिकोण का चिन्ह अगर सर्य पर्वत पर हो तो आप गंभीर स्वभाव के होते हैं व कला के क्षेत्र में अपने प्रयास एवं लगन से धीरे धीरे सफलता एवं प्रसिद्धि हासिल करते हैं। आपकी हथेली मे चन्द्र पर्वत पर त्रिकोण का निशान होना इस बात का सूचक होता है कि आप आपकी कल्पना व आपकी सोच निराधार नहीं होती है। आप जो भी सोचते या कल्पना करते हैं उनका एक दृढ़ आधार होता है। त्रिकोण का चिन्ह मंगल पर्वत पर होने से आप संघर्ष की स्थिति से दूर रहते हैं अगर ऐसी स्थिति आ भी जाती है तो आप अपनी चतुराई एवं अक्लमंदी से स्थितियों को अपनी ओर कर लेते है, साथ ही आप कठिन घड़ी में भी अपने आप पर नियंत्रण बनाये रखने में सक्षम होते हें और संकट की स्थिति में सूझ बूझ भरा निर्णय लेते हैं।
आर्थिक दृष्टिकोण से यह माना जाता है कि यह चिन्ह जब बुध पर्वत पर होता है तब आप व्यापार, व्यवसाय एवं आर्थिक विषयों में सूझ बूझ भरा निर्णय लेते हैं और अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में कामयाब होते हैं। शुक्र प्यार मुहब्बत का स्थान होता है, शुक्र पर्वत पर इस चिन्ह के होना प्रेम और प्रेमी दोनों के लिए ही शुभ माना जाता है। इस स्थान पर यह चिन्ह होने से आप अपने मन को काबू में रख पाने में सफल होते हैं अर्थात आपका अपने मन पर नियंत्रण होता है एवं आपमें सहनशीलता रहती है जो प्यार की कामयाबी के लिए आवश्यक कहा गया है। आप अपनी हथेली को गौर से देखिये कहीं यह चिन्ह शनि पर्वत पर तो नहीं है। अगर शनि पर्वत पर यह चिन्ह है तो आपके विषय में यही कहा जा सकता है कि यह आपको गुप्त विद्याओं की ओर आकर्षित करेगा आप तंत्र, मंत्र, यंत्र के पुजारी होंगे। आप लोगों को अपनी चमत्कारी विद्याओ से चकित करने की चाहत रखेंगे।
चक्र:
हस्त रेखीय ज्योतिष में चक्र के निशान को शुभ नहीं माना गया है। यह निशान जिस पर्वत पर होता है उस पर्वत से सम्बन्धित फल की हानि करता है, अगर यह किसी पर्वत पर स्थित होकर किसी रेखा को छूता है तो जिस रेखा को यह छूता है उसके शुभ प्रभाव की हानि हो जाती है। यह भी कहा गया है कि अगर यह रेखा चन्द्र पर्वत पर हो तब आपको जलक्षेत्र से सावधान रहना चाहिए क्योंकि इस स्थिति में आपको जल में डूबकर मरने की संभावना रहती है। सूर्य पर्वत इस सम्बन्ध में अपवाद माना गया है। अगर यह चिन्ह सूर्य पर्वत पर होता है तो इसे अशुभ नहीं माना जाता है क्योंकि इस स्थान पर यह सूर्य ग्रह से मिलने वाले फल की वृद्धि करता है और आपको सूर्य का शुभ प्रभाव दिलाता है।
वर्गाकार रेखा:
हथेली में वर्गाकार रेखा शुभ चिन्ह के रूप में जाता है। इस रेखा को रक्षा कवच के रूप में भी जाना जाता है क्योकि यह निशान आपको जीवन में आने वाली समस्याओं को सहने की ताकत देता है और आपके अंदर की क्षमता को बढ़ाता है जिससे आप आने वाली किसी भी कठिनाई से लड़कर अपने आपको सामान्य स्थिति मे ले आते हैं। हथेली में मौजूद अलग अलग पर्वत पर इस चिन्ह का प्रभाव भी अलग होता है जैसे अगर यह चिन्ह गुरू पर्वत पर हो तो आप महत्वाकांक्षी होते हैं आपके सपने आसमान की बुलंदियों को छूते हैं। सूर्य पर्वत पर यह निशान होने से आप लोकप्रियता और प्रसिद्धि प्राप्त करने के लिए अत्यंत उत्सुक होते हैं। आपकी हथेली में चन्द्र पर्वत पर अगर वर्ग का चिन्ह है तो आप बहुत अधिक कल्पनाशील होते हैं आप ख्वाबो व ख्यालों की दुनियां में खोये रहते हैं। मंगल पर्वत पर इस चिन्ह का होना इस बात का इशारा है कि आपको अपने शत्रुओं से सावधान रहना चाहिए अन्यथा शत्रु आपको परेशान कर सकते हैं। बुध पर्वत पर वर्गाकर निशान का होना मानसिक असंतुलन को दर्शाता है। इस स्थति के होने से आपका मन चचल रहता है, आप किसी एक विषय पर अपने मन को स्थिर नहीं कर पाते हैं।
शुक्र पर्वत पर यह चिन्ह उन स्थितियों में आपको बचाता है जब आप आवेग या जोश में आकर कोई कदम उठा लेते हैं और संकट में घिर जाते हैं। शनि पर्वत पर यह निशान शुभ नहीं माना जाता है। इस स्थान पर इस चिन्ह के होने से आपको जीवन में कई स्थानों पर आपको नुकसान या क्षति की स्थिति से गुजरना होता है।
इस दुनियां में जो व्यक्ति जन्म लेता है उनका भाग्य ईश्वर जन्म के साथ ही निर्धारित कर देता है। ईश्वर हर व्यक्ति के साथ उसकी जन्म कुण्डली स्वयं तैयार करके हाथों में थमा देता है। आपके हाथों में खींची आडी तीरछी रेखाएं और विभिन्न चिन्ह परमात्मा के लेख हैं जिसे विधि का लेख या भाग्य कहते हैं आपके हाथों में मौजूद चिन्ह आपके भाग्य के विषय में क्या कहता हैं आइये देखते हैं।
आप अपनी हथेलियों को गौर से देखिये आपको अपनी हथेली पर कई अलग अलग तरह की आकृति दिखाई देगी। आकृतियों में तारा, द्वीप, जाली, त्रिकोण, गुणा, वर्ग, धब्बा आपको नज़र आएंगे इसके अलावा छतरी आदि के चिन्ह भी आप अपनी हथेली पर देख सकते हैं। इन चिन्हों में से कुछ शुभ होते हैं तो कुछ अशुभ, हथेली में जिस स्थान पर ये चिन्ह होते हैं उसी के अनुरूप इन चिन्हों का फल हमें प्राप्त होता है।
तारा:
सबसे पहले हम तारा का जिक्र करते हैं। हथेली में इस चिन्ह को अत्यंत शुभ कहा गया है। किसी रेखा के अंतिम सिरे पर जब तारा होता है तब उस रेखा का पभाव काफी बढ़ जाता है। तारा हथेली के जिस पर्वत पर होता है उस पर्वत की शक्ति काफी बढ़ जाती है जिससे आपको उस पर्वत से सम्बन्धित फल में उत्तमता प्राप्त होती है। तारा जिस पर्वत पर होता है उसके अनुसार मिलने वाले फल की बात करें तो यह अगर बृइस्पति पर हो तो आप शक्तिशाली एवं प्रतिष्ठति होंगे व आपके मान सम्मान में इजाफा होगा।
तारा सूर्य पर्वत पर दिख रहा है तो इसका मतलब यह है कि आपके पास पैसा भी होगा और आप अच्छे पद एवं प्रभाव में होंगे फिर भी मन में खुशी की अनुभूति नहीं होगी। आपके हाथों तारा अगर चन्द्र पर्वत पर है तो आप लोकप्रियता एवं यश प्राप्त करेंगे हो सकता है कि इस स्थिति में आप कलाकर हो सकते हैं। मंगल पर्वत पर तारा होने से आपका भाग्य अच्छा रहेगा और आपके सामने एक से एक अवसर आते रहेंगे।
आप विज्ञान के क्षेत्र में कामयाबी प्राप्त कर सकते हें और इस क्षेत्र में एक के बाद एक सफलता हासिल कर सकते हैं। आप किसी से प्रेम करते हैं तो देखिये आपके शुक्र पर्वत पर तारा का निशान है या नहीं। अगर इस स्थान पर तारा का निशान है तो आप प्रेम में कामयाब रहेंगे। शनि पर्वत पर तारा का निशान होना इस बात का संकेत है कि आप जीवन में कामयाबी हासिल करेंगें, परंतु इसके लिए आपको काफी परेशानी व कठिनाईयों से गुजरना होगा।
द्वीप:
द्वीप चिन्ह को हस्तरेखीय ज्योतिष में दुर्भाग्यशाली चिन्ह माना जाता है। यह जिस पर्वत पर होता है उस पर विपरीत प्रभाव डालता है। गुरू पर्वत पर यह चिन्ह होने पर गुरू कमज़ोर हो जाता है जिससे आपके मान सम्मान की हानि होती है और आप जीवन में अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में असफल होते हैं। द्वीप चिन्ह सूर्य पर्वत पर होने से सूर्य का प्रभाव क्षीण होता है फलत: आपकी कलात्मक क्षमता उभर नहीं पाती है। चन्द्र पर्वत पर इस चिन्ह के होने से आपकी कल्पना शक्ति प्रभावित होती है।
मंगल पर्वत पर द्वीप चिन्ह होने से आपके अंदर साहस एवं हिम्मत की कमी होती और बुध पर इस चिन्ह के होने से आपका मन अस्थिर होता है जिससे आप किसी भी काम को पूरा करने से पहले ही आपका मन उचट जाता है और आप काम में बीच में ही अधूरा छोड़ देते हैं। जिनके शुक्र पर्वत पर द्वीप के निशान होते हैं वे बहुत अधिक शौकीन होते हैं और सुन्दरता के प्रति दीवानगी रखते हैं। आपके शनि पर्वत पर यदि द्वीप बना हुआ है तो आपके जीवन में शनि का प्रकोप रहेगा यानी काफी मेहनत के बाद ही आपका कोई काम सफल होगा। आपका एक काम बनेगा तो दूसरी परेशानी सिर उठाए खड़ी रहेगी। द्वीप चिन्ह अगर हृदय रेखा पर साफ और उभरी नज़र आ रही है तो आप हृदय रोग से पीड़ित हो सकते हैं, इस स्थिति में आपको दिल का दौरा भी पड़ सकता है। यह चिन्ह का मस्तिष्क रेखा पर होने से आपको मानसिक परेशानियों का सामना करना होता है व आपके सिर में दर्द रहता है।
गुणा:
हस्त रेखा अध्ययन में इस चिन्ह को कई अर्थों में देखा जाता है क्योंकि यह चिन्ह कठिन, निराशा, दुर्घटना और जीवन में आने वाले बदलाव को दर्शाता है। इस चिन्ह को यूं तो शुभ नहीं माना जाता है परंतु कुछ स्थिति में यह लाभदायक भी होता है। यह चिन्ह जब बृहस्पति पर होता है तब आपकी रूचि गुप्त एवं रहस्यमयी विषयों में होती है। इस स्थिति में आप दर्शनशास्त्र में अभिरूचि लेते हैं इसी प्रकार जब यह निशान हथेली के मध्य होती है तब आप पूजा पाठ एवं अध्यात्म में रूचि लेते हैं आप अलसुलझे रहस्यो पर से पर्दा हटाने की कोशिश करते हैं अर्थात पराविज्ञान की ओर आकर्षित रहते हैं।
हस्त रेखा से भविष्य का आंकलन करने वाले कहते हैं गुणा का चिन्ह जब सूर्य पर्वत पर होता है तब आपको विभिन्न प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति में आपकी आर्थिक दशा कमज़ोर रहती है आपके अंदर की कला का विकास सही से नहीं हो पाता है और न तो आपको प्रसिद्धि मिल पाती है। मंगल पर्वत पर बुध के नीचे अगर यह चिन्ह नज़र आ रहा है तो आपको अपने शत्रुओं से सावधान रहने की आवश्यकता है क्योंकि इस स्थिति में आपको अपने शत्रुओं से काफी खतरा रहता है। इसी प्रकार मंगल पर्वत पर यह चिन्ह बृहस्पति के नीचे दिखाई दे रहा तो यह भी शुभ संकेत नहीं है इस स्थति आपको संघर्ष से बच कर रहना चाहिए अन्यथा आपकी जान को खतरा रहता है। यह चिन्ह अगर शनि पार्वत पर हो और भाग्य रेखा को छू रहा हो तो यह समझना चाहिए कि दुर्घटना अथवा संघर्ष में जान का खतरा हो सकता है। शनि पर्वत के मध्य यह चिन्ह हो तब इसी तरह की घटना होने की संभावना और भी प्रबल हो जाती है। गुणा का चिन्ह जीवन रेखा पर होना जीवन के लिए घातक होता है, जीवन रेखा में जिस स्थान पर यह होता है उस स्थान पर प्राण को संकट रहता है। जीवन रेखा पर यह चिन्ह होने से आपके अपने करीबी रिश्तेदारों से अच्छे सम्बन्ध नहीं रहते हैं। शुक्र पर यह निशान एवं प्रेमी दोनों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।
त्रिकोण
आप श्रृंखला के पहले भाग में पढ़ चुके होंगे कि सभी चिन्ह शुभ नहीं होते हैं और न तो सभी अशुभ प्रभाव डालने वाले होते हैं। यहां हम जिस चिन्ह की बात कर रहे हैं वह चिन्ह हथेली में होना शुभता की निशानी होती है। इस चिन्ह को यानी त्रिकोण को श्रेष्ठ चिन्ह कहा गया है। हस्तरेखीय ज्योतिष के अनुसार अगर यह आपके हाथ में है तो आप भले ही आसमान को न छू पाएं परन्तु ज़मीन पर मजे में जीवन गुजार सकते हैं कहने का तात्पर्य यह है कि इस चिन्ह से बहुत बड़ी उपलब्धि तो नहीं मिलती है लेकिन यह बुरी स्थिति से भी बचाव करती है।
त्रिकोण चिन्ह साफ व स्पष्ट होने से आपकी सोचने समझने की क्षमता अच्छी रहती है व आपकी बुद्धि तेज चलती है। यह चिन्ह जिस स्थान पर होता है उस स्थान पर मौजूद ग्रह शक्तिशाली हो जाते हैं और आपको उस ग्रह से अनुकूलता प्राप्त होती है। यह चिन्ह जब अलग अलग पर्वत पर होता है तब कैसा फल मिलता है आइये अब इसे देखें। हस्तरेखीय ज्योतिष के अनुसार जब यह चिन्ह बृहस्पति पर होता है तब आपमें प्रबंधन की क्षमता बहुत ही अच्छी रहती है, आप किसी भी संस्था को सही तरह से चलाने में सक्षम होते हैं एवं जनसमुदाय को निर्देशित करने की योग्यता रखते हैं। त्रिकोण का चिन्ह अगर सर्य पर्वत पर हो तो आप गंभीर स्वभाव के होते हैं व कला के क्षेत्र में अपने प्रयास एवं लगन से धीरे धीरे सफलता एवं प्रसिद्धि हासिल करते हैं। आपकी हथेली मे चन्द्र पर्वत पर त्रिकोण का निशान होना इस बात का सूचक होता है कि आप आपकी कल्पना व आपकी सोच निराधार नहीं होती है। आप जो भी सोचते या कल्पना करते हैं उनका एक दृढ़ आधार होता है। त्रिकोण का चिन्ह मंगल पर्वत पर होने से आप संघर्ष की स्थिति से दूर रहते हैं अगर ऐसी स्थिति आ भी जाती है तो आप अपनी चतुराई एवं अक्लमंदी से स्थितियों को अपनी ओर कर लेते है, साथ ही आप कठिन घड़ी में भी अपने आप पर नियंत्रण बनाये रखने में सक्षम होते हें और संकट की स्थिति में सूझ बूझ भरा निर्णय लेते हैं।
आर्थिक दृष्टिकोण से यह माना जाता है कि यह चिन्ह जब बुध पर्वत पर होता है तब आप व्यापार, व्यवसाय एवं आर्थिक विषयों में सूझ बूझ भरा निर्णय लेते हैं और अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में कामयाब होते हैं। शुक्र प्यार मुहब्बत का स्थान होता है, शुक्र पर्वत पर इस चिन्ह के होना प्रेम और प्रेमी दोनों के लिए ही शुभ माना जाता है। इस स्थान पर यह चिन्ह होने से आप अपने मन को काबू में रख पाने में सफल होते हैं अर्थात आपका अपने मन पर नियंत्रण होता है एवं आपमें सहनशीलता रहती है जो प्यार की कामयाबी के लिए आवश्यक कहा गया है। आप अपनी हथेली को गौर से देखिये कहीं यह चिन्ह शनि पर्वत पर तो नहीं है। अगर शनि पर्वत पर यह चिन्ह है तो आपके विषय में यही कहा जा सकता है कि यह आपको गुप्त विद्याओं की ओर आकर्षित करेगा आप तंत्र, मंत्र, यंत्र के पुजारी होंगे। आप लोगों को अपनी चमत्कारी विद्याओ से चकित करने की चाहत रखेंगे।
चक्र:
हस्त रेखीय ज्योतिष में चक्र के निशान को शुभ नहीं माना गया है। यह निशान जिस पर्वत पर होता है उस पर्वत से सम्बन्धित फल की हानि करता है, अगर यह किसी पर्वत पर स्थित होकर किसी रेखा को छूता है तो जिस रेखा को यह छूता है उसके शुभ प्रभाव की हानि हो जाती है। यह भी कहा गया है कि अगर यह रेखा चन्द्र पर्वत पर हो तब आपको जलक्षेत्र से सावधान रहना चाहिए क्योंकि इस स्थिति में आपको जल में डूबकर मरने की संभावना रहती है। सूर्य पर्वत इस सम्बन्ध में अपवाद माना गया है। अगर यह चिन्ह सूर्य पर्वत पर होता है तो इसे अशुभ नहीं माना जाता है क्योंकि इस स्थान पर यह सूर्य ग्रह से मिलने वाले फल की वृद्धि करता है और आपको सूर्य का शुभ प्रभाव दिलाता है।
वर्गाकार रेखा:
हथेली में वर्गाकार रेखा शुभ चिन्ह के रूप में जाता है। इस रेखा को रक्षा कवच के रूप में भी जाना जाता है क्योकि यह निशान आपको जीवन में आने वाली समस्याओं को सहने की ताकत देता है और आपके अंदर की क्षमता को बढ़ाता है जिससे आप आने वाली किसी भी कठिनाई से लड़कर अपने आपको सामान्य स्थिति मे ले आते हैं। हथेली में मौजूद अलग अलग पर्वत पर इस चिन्ह का प्रभाव भी अलग होता है जैसे अगर यह चिन्ह गुरू पर्वत पर हो तो आप महत्वाकांक्षी होते हैं आपके सपने आसमान की बुलंदियों को छूते हैं। सूर्य पर्वत पर यह निशान होने से आप लोकप्रियता और प्रसिद्धि प्राप्त करने के लिए अत्यंत उत्सुक होते हैं। आपकी हथेली में चन्द्र पर्वत पर अगर वर्ग का चिन्ह है तो आप बहुत अधिक कल्पनाशील होते हैं आप ख्वाबो व ख्यालों की दुनियां में खोये रहते हैं। मंगल पर्वत पर इस चिन्ह का होना इस बात का इशारा है कि आपको अपने शत्रुओं से सावधान रहना चाहिए अन्यथा शत्रु आपको परेशान कर सकते हैं। बुध पर्वत पर वर्गाकर निशान का होना मानसिक असंतुलन को दर्शाता है। इस स्थति के होने से आपका मन चचल रहता है, आप किसी एक विषय पर अपने मन को स्थिर नहीं कर पाते हैं।
शुक्र पर्वत पर यह चिन्ह उन स्थितियों में आपको बचाता है जब आप आवेग या जोश में आकर कोई कदम उठा लेते हैं और संकट में घिर जाते हैं। शनि पर्वत पर यह निशान शुभ नहीं माना जाता है। इस स्थान पर इस चिन्ह के होने से आपको जीवन में कई स्थानों पर आपको नुकसान या क्षति की स्थिति से गुजरना होता है।
जाल:
हथेली पर जालीनुमा निशान होना सामुद्रिक ज्योतिष की दृष्टि से शुभ नहीं है। यह निशान हथेली पर जहां भी होता है उस स्थान से सम्बन्धित फल को नष्ट कर देता है। यह निशान जिस पर्वत पर होता है उस पर्वत की गुणवत्ता कम हो जाती है। इस निशान के होने से आपको जीवन में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है, अगर आपके हाथों में भी यह निशान है तो समझ लिये आपको कठिनायों पर विजय हासिल करने के लिए काफी कठिनाईयों का सामना करना होगा। हस्त रेखा विज्ञान में ऐसा माना जाता है कि अगर यह निशान अपोलो पर्वत पर हो तो आपको सफलता का स्वाद मुश्किल से मिलता है।
हथेली के विभिन्न पर्वत पर इस निशान का क्या प्रभाव होता है आइये इसे देखते हैं। अगर यह निशान गुरू पर्वत पर हो तो यह आपको घमंडी, अपने आपको बढ़ा चढ़ा कर दिखाने वाला और अहमवादी बनाता है। सूर्य पर्वत पर चिन्ह का होना बताता है कि आप झूठी प्रतिष्ठा के लिए दिखावा करते और आज्ञानियों वाला काम कर जाते हैं। चन्द्र पर्वत पर जालीनुमा निशान बताता है कि आप अंदर से व्याकुल, अस्थिर और वेचैन रहते हैं। अगर आप प्यार में दिवानगी की हद पार कर जाते हैं तो संभव है कि आपकी हथेली के शुक्र पर्वत पर जालीनुमा निशान मौजूद हो, क्योंकि इस स्थान पर जाली का होना यही बताता है। शनि पर्वत पर यह निशान आपको शारीरिक रूप से अस्वस्थ एवं कमज़ोर बनाता है साथ ही यह आपको दुखी रखता है।
हथेली पर जालीनुमा निशान होना सामुद्रिक ज्योतिष की दृष्टि से शुभ नहीं है। यह निशान हथेली पर जहां भी होता है उस स्थान से सम्बन्धित फल को नष्ट कर देता है। यह निशान जिस पर्वत पर होता है उस पर्वत की गुणवत्ता कम हो जाती है। इस निशान के होने से आपको जीवन में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है, अगर आपके हाथों में भी यह निशान है तो समझ लिये आपको कठिनायों पर विजय हासिल करने के लिए काफी कठिनाईयों का सामना करना होगा। हस्त रेखा विज्ञान में ऐसा माना जाता है कि अगर यह निशान अपोलो पर्वत पर हो तो आपको सफलता का स्वाद मुश्किल से मिलता है।
हथेली के विभिन्न पर्वत पर इस निशान का क्या प्रभाव होता है आइये इसे देखते हैं। अगर यह निशान गुरू पर्वत पर हो तो यह आपको घमंडी, अपने आपको बढ़ा चढ़ा कर दिखाने वाला और अहमवादी बनाता है। सूर्य पर्वत पर चिन्ह का होना बताता है कि आप झूठी प्रतिष्ठा के लिए दिखावा करते और आज्ञानियों वाला काम कर जाते हैं। चन्द्र पर्वत पर जालीनुमा निशान बताता है कि आप अंदर से व्याकुल, अस्थिर और वेचैन रहते हैं। अगर आप प्यार में दिवानगी की हद पार कर जाते हैं तो संभव है कि आपकी हथेली के शुक्र पर्वत पर जालीनुमा निशान मौजूद हो, क्योंकि इस स्थान पर जाली का होना यही बताता है। शनि पर्वत पर यह निशान आपको शारीरिक रूप से अस्वस्थ एवं कमज़ोर बनाता है साथ ही यह आपको दुखी रखता है।
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