Thursday 4 June 2015

बचत का ज्योतिषीय पहलू -


बचत क्या है? असल में बचत कमाई के बाद की गई खर्च के बाद भी बची हुई कमाई है। अर्थात् यदि आपकी कमाई खर्च से ज्यादा होगी तब ही आपकी बचत होगी और यदि आपकी कमाई खर्च से कम होगी तब आपके उपर ब्याज होगा। इसका सीधा सा मतलब है कि यदि आपको बचत करना होगा तो निष्चित ही आपको अपनी कमाई बढ़ानी होगी। यदि इसे हम ज्योतिषीय रूप में देखें तो कमाई को हम एकादष स्थान से और व्यय को द्वादष स्थान से देखते हैं तब यदि एकादष स्थान बलि होगा तो कमाई अधिक तथा यदि द्वादष स्थान बलि होगा तो खर्च अधिक। अतः यदि एकादष स्थान बलि हो तब ही किसी जातक के जीवन में बचत संभव है। इस प्रकार यदि बचत करना हो तो अपने एकादष स्थान के ग्रह की गणना कर उस ग्रह को बली बनाकर बचत संभव है.. इसके लिए एकादष भाव के स्वामी ग्रह की ग्रह शांति.. मंत्रजाप... एव दान करें...

Pt.P.S Tripathi
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