Tuesday 23 June 2015

उन्नति में सहायक प्रमुख योग-

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उन्नति में सहायक प्रमुख योग-
एजुकेषन तथा कैरियर में सफलता एवं उन्नति हेतु जातक में अनेक गुण होने चाहिए, जोकि एक ही व्यक्ति में संभव नहीं है। किसी व्यक्ति के पास वाकशक्ति होती है तो किसी के पास कार्यनिष्ठा तो कोई कार्य में दक्ष होने से सफल होता है।
किसी व्यक्ति में कार्यक्षमता का स्तर कितना है यह शनि की स्थिति से देखना चाहिए। यदि शनि उत्तम या अनुकूल है तो व्यक्ति में कार्यक्षमता अच्छी होगी, जिससे उसके सफलता प्राप्ति के अवसर ज्यादा होंगे।
किसी व्यक्ति में यदि अच्छी समझ होगी तो उसे समझने में दिक्कतों का सामना कम करना पड़ेगा। किसी व्यक्ति की कुंडली में यदि गुरू उत्तम स्थिति या अनुकूल हो तो उसकी समझने की क्षमता अच्छी होगी। साथ ही स्मरणशक्ति प्रबल बनाने में भी गुरू का प्रभाव होता है, जिससे सही समय तथा सही जगह पर उसे प्रयोग करने से अच्छी सफलता की प्राप्ति हो सकती है।
किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य अनुकूल हो तो अनुशासन तथा जिम्मेदार होेने से भी उन्नति में सहायक होता है। यांत्रिक ज्ञान तथा वाकशक्ति उत्तम होना भी सफलता में सहयोगी हो सकता है, इसके लिए जन्म कुंडली का तीसरा भाव तथा बुध एवं मंगल की स्थिति उत्तम होनी चाहिए।
इस प्रकार व्यक्तित्व के साथ प्रयास का स्तर तथा बौद्धिक क्षमता किसी जातक के उन्नति तथा सफलता में सहायक होता है। यदि इन में किसी प्रकार की परेषानी हो रही हो तो उस क्षेत्र विषेष से संबंधित उपाय तथा आवष्यक सावधानी इच्छुत सफलता प्राप्ति का रास्ता आसान बनाता है।

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