Friday 5 June 2015

क्यूॅ होते हैं बार-बार चोटिल जाने ज्योतिष से -


दुर्घटनाएँ सिर्फ नौजवानों और लापरवाह ड्राइवरों के साथ होती हैं। मैं गाड़ी इतनी सावधानी और देखकर चलाता हॅू, सो गाड़ी चलाते वक्त मेरा ऐक्सिडेंट हो, यह नामुमकिन है। कई लोग सोचते हैं कि गाड़ी चलाते वक्त वे कभी ऐक्सिडेंट कर ही नहीं सकते। क्या गाड़ी चलाते वक्त दुर्घटना स्वयं की ही गलती से होती है या कोई बहुत खराब गाड़ी चलाकर भी सुरक्षित रहता है वहीं कई लोग दुर्घटनाग्रस्त होते ही रहते हैं सामान्य तौर पर इस फंडे को नहीं जाना जा सकता है कि किसी के साथ ही ऐसा क्यों होता है और किसे के साथ नहीं हो सकता? इस बात का ज्ञान ज्योतिष द्वारा लगाया जा सकता है। जब भी किसी की कुंडली में लग्न, दूसरे, तीसरे, एकादश अथवा द्वादश स्थान पर मंगल या केतु हो अथवा इन स्थानों का स्वामी मंगल होकर छठवे, आठवे या बारहवे हो जाए तो ऐसे लोगों को दुर्घटना लगने के योग बनते हैं। वहीं यदि केतु का किसी भी प्रकार से इन स्थानों पर होकर शनि से संबंध बने तो सर्जरी होने के कारण बनते हैं। अतः किसी की कुंडली में इस प्रकार दुर्घटना में शारीरिक हानि या चोट की आशंका बन रही हो तो उसे नियम से तुला दान करना चाहिए, रक्तदान करना भी अच्छा विकल्प है चोट लगने का। साथ ही मंगल की शांति हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।



Pt.P.S Tripathi
Mobile no-9893363928,9424225005
Landline no-0771-4035992,4050500
Feel Free to ask any questions in



No comments: