मंगल ग्रह के शुभ मंगलकारी उपाय पं. रमेश शास्त्राी स्कद पुराण में कहा गया है मंगलो भूमि पुत्राश्च ऋणहर्ता-धनकर्ता, अर्थात् मंगल भूमि के पुत्र हैं, और जो उनकी उपासना आदि करता है वह कभी भी ऋणग्रस्त नहीं होता और उसके जीवन में धन संपत्ति का कभी अभाव नहीं रहता है। जीवन में सर्वत्र मंगल ही मंगल होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल को नवग्रहों में विशिष्ट स्थान प्राप्त है। जो महत्व गोचर में शनि की साढ़ेसाती एवं ढैया का है, वही महत्व कुंडली मिलान आदि में मंगल का भी है। जीवन में मंगल की यंत्र, मंत्र, पूजा आदि के द्वारा उपासना करने से व्यक्ति का जीवन सुखमय होता है। यहां मंगल के दोषों के शमन के कुछ सरल उपाय दिए जा रहे हैं जिन्हें अपनाकर जिज्ञासु साधक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। मंगल यंत्र: जिन लोगों की कुंडली में मंगल अशुभ हो और वह मूंगा भी धारण नहीं कर सकते हों, उन्हें इस यंत्र की शुक्ल पक्ष के मंगलवार को अपने घर में स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा करके नित्य धूप, दीप से पूजन एवं मंगल मंत्र ¬ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः का 108 बार जप करने से मंगल ग्रह के अशुभ फल की शांति होती है। उपासक को धन, भूमि, मकान आदि का सुख प्राप्त होता है और शत्रुओं के षड्यंत्र से रक्षा होती है। मूंगे का लाॅकेट: जिन व्यक्तियों के मन में घबराहट अधिक रहती हो, किसी से खुलकर बात करने में संकोच होता हो, आलस्य अधिक आता हो उन्हें मूंगे का लाॅकेट गले में धारण करने से लाभ प्राप्त होता है। 14 मुखी रुद्राक्ष: यह रुद्राक्ष हनुमान जी का प्रतीक माना जाता है। हनुमान जी का प्रतीक होने से इसे मंगल ग्रह की अनुकूलता के लिए धारण किया जाता है। इसे धारण करने से बल, बुद्धि, विद्या, संपत्ति, पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। इस रुद्राक्ष को पंचामृत से अभिषिक्त करके सोने की चेन अथवा लाल धागे में शुक्ल पक्ष के मंगलवार की सुबह धारण करें। मूंगे की माला: इस माला पर मंगल ग्रह का मंत्र जपने से सफलता शीघ्र प्राप्त होती है। यदि मंगल ग्रह अशुभ हो तथा ऋण से मुक्ति न मिल पा रही हो, जमीन, जायदाद के लाभ में कमी हो, तो इस माला पर मंगल के मंत्र का जप करने कार्य सिद्धि शीघ्र होती है। जो लोग मूंगा हाथ में धारण नहीं करना चाहते वे इस माला को गले में धारण कर सकते हैं।
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Sunday 19 March 2017
मंगल ग्रह के शांति के उपाय
मंगल ग्रह के शुभ मंगलकारी उपाय पं. रमेश शास्त्राी स्कद पुराण में कहा गया है मंगलो भूमि पुत्राश्च ऋणहर्ता-धनकर्ता, अर्थात् मंगल भूमि के पुत्र हैं, और जो उनकी उपासना आदि करता है वह कभी भी ऋणग्रस्त नहीं होता और उसके जीवन में धन संपत्ति का कभी अभाव नहीं रहता है। जीवन में सर्वत्र मंगल ही मंगल होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल को नवग्रहों में विशिष्ट स्थान प्राप्त है। जो महत्व गोचर में शनि की साढ़ेसाती एवं ढैया का है, वही महत्व कुंडली मिलान आदि में मंगल का भी है। जीवन में मंगल की यंत्र, मंत्र, पूजा आदि के द्वारा उपासना करने से व्यक्ति का जीवन सुखमय होता है। यहां मंगल के दोषों के शमन के कुछ सरल उपाय दिए जा रहे हैं जिन्हें अपनाकर जिज्ञासु साधक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। मंगल यंत्र: जिन लोगों की कुंडली में मंगल अशुभ हो और वह मूंगा भी धारण नहीं कर सकते हों, उन्हें इस यंत्र की शुक्ल पक्ष के मंगलवार को अपने घर में स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा करके नित्य धूप, दीप से पूजन एवं मंगल मंत्र ¬ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः का 108 बार जप करने से मंगल ग्रह के अशुभ फल की शांति होती है। उपासक को धन, भूमि, मकान आदि का सुख प्राप्त होता है और शत्रुओं के षड्यंत्र से रक्षा होती है। मूंगे का लाॅकेट: जिन व्यक्तियों के मन में घबराहट अधिक रहती हो, किसी से खुलकर बात करने में संकोच होता हो, आलस्य अधिक आता हो उन्हें मूंगे का लाॅकेट गले में धारण करने से लाभ प्राप्त होता है। 14 मुखी रुद्राक्ष: यह रुद्राक्ष हनुमान जी का प्रतीक माना जाता है। हनुमान जी का प्रतीक होने से इसे मंगल ग्रह की अनुकूलता के लिए धारण किया जाता है। इसे धारण करने से बल, बुद्धि, विद्या, संपत्ति, पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। इस रुद्राक्ष को पंचामृत से अभिषिक्त करके सोने की चेन अथवा लाल धागे में शुक्ल पक्ष के मंगलवार की सुबह धारण करें। मूंगे की माला: इस माला पर मंगल ग्रह का मंत्र जपने से सफलता शीघ्र प्राप्त होती है। यदि मंगल ग्रह अशुभ हो तथा ऋण से मुक्ति न मिल पा रही हो, जमीन, जायदाद के लाभ में कमी हो, तो इस माला पर मंगल के मंत्र का जप करने कार्य सिद्धि शीघ्र होती है। जो लोग मूंगा हाथ में धारण नहीं करना चाहते वे इस माला को गले में धारण कर सकते हैं।
सूर्य शांति के उपाय
कुण्डली में ग्रह पीडा होने पर गोचर का जो ग्रह व्यक्ति को पीडा दे रहा हो तो उक्त ग्रह से संबंधित उपाय करने पर कुछ शुभ पभावों को प्राप्त किया जा सकता है. सूर्य कुण्डली में आरोग्य शक्ति व पिता के कारक ग्रह होते है अत: जब जन्म कुण्डली में सूर्य के दुष्प्रभाव प्राप्त हो रहे हों या फिर सूर्य पीडित हो तो सूर्य उपाय करना लाभकारी रहता है. विशेष कर यह उपाय सूर्य गोचर में जब शुभ फल न दे रहे हों तो भी उपाय किया जा सकता है. इसके अलावा जब सूर्य गोचर में छठे घर के स्वामी या सांतवें घर के स्वामी पर अपनी दृ्ष्टी डाल उसे पीडित कर रहा हो तब भी इनके उपाय करने से व्यक्ति के कष्टों में कमी होती है. कुण्डली में सूर्य अगर नीच का है अथवा पीड़ित अवस्था में है तो सूर्य की शांति के लिए आप दान कर सकते हैं. शास्त्रों के अनुसार दान का फल उत्तम तभी होता है जब यह शुभ समय में सुपात्र को दिया जाए. सूर्य से सम्बन्धित वस्तुओं का दान रविवार के दिन दोपहर के समय करना चाहिए. सूर्य ग्रह की शांति के लिए रविवार के दिन व्रत करना चाहिए. गाय को गेहुं और गुड़ मिलाकर खिलाना चाहिए. किसी ब्राह्मण अथवा गरीब व्यक्ति को गुड़ का खीर खिलाने से भी सूर्य ग्रह के विपरीत प्रभाव में कमी आती है.गुड़, सोना, तांबा और गेहूं का दान भी सूर्य ग्रह की शांति के लिए उत्तम माना गया है. सूर्य से सम्बन्धित रत्न का दान भी उत्तम होता है. कुण्डली में सूर्य कमज़ोर है तो पिता एवं अन्य बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए इससे सूर्य देव प्रसन्न होते हैं. प्रात: उठकर सूर्य नमस्कार करने से भी सूर्य की विपरीत दशा से आपको राहत मिल सकती है.सूर्य से संबन्धित वस्तुओं का दान, जप, होम मन्त्र धारण व सूर्य की वस्तुओं से जल स्नान करना भी सूर्य के उपायों में आता है. सूर्य की शान्ति करने के लिये इन पांच विधियों में से किसी भी एक विधि का प्रयोग किया जा सकता है. गोचर में सूर्य के अनिष्ट प्रभाव को दूर करने में ये उपाय विशेष रुप से उपयोगी हो सकते है.
सूर्य वस्तुओं का दान एवं स्नान द्वारा उपाय
गोचर में यदि सूर्य अनिष्ट कारक हो तो व्यक्ति को स्नान करते समय जल में खसखस या लाल फूल या केसर डाल कर स्नान करना शुभ रहता है. खसखस, लाल फूल या केसर ये सभी वस्तुएं सूर्य की कारक वस्तुएं है तथा सूर्य के उपाय करने पर अन्य अनिष्टों से बचाव करने के साथ-साथ व्यक्ति में रोगों से लडने की शक्ति का विकास होता है. सूर्य की वस्तुओं से स्नान करने पर सूर्य की वस्तुओं के गुण व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करते हैं तथा उसके शरीर में सूर्य के गुणों में वृ्द्धि करते है. सूर्य की वस्तुओं से स्नान करने के अतिरिक्त सूर्य की वस्तुओं का दान करने से भी सूर्य के अनिष्ट से बचा जा सकता है. सूर्य की दान देने वाली वस्तुओं में तांबा, गुड, गेहूं, मसूर दाल दान की जा सकती है. यह दान प्रत्येक रविवार या सूर्य संक्रान्ति के दिन किया जा सकता है. सूर्य ग्रहण के दिन भी सूर्य की वस्तुओं का दान करना लाभकारी रहता है. इस उपाय के अन्तर्गत सभी वस्तुओं का एक साथ भी दान किया जा सकता है. दान करते समय वस्तुओं का वजन अपने सामर्थय के अनुसार लिया जा सकता है. दान की जाने वाली वस्तुओं को व्यक्ति अपने संचित धन से दान करें तो अच्छा रहता है.
सूर्य मन्त्र जाप
सूर्य के उपायों में मन्त्र जाप भी किया जा सकता है. सूर्य के मन्त्रों में "ॐ घृणि: सूर्य आदित्य: " मन्त्र का जाप किया जा सकता है. इस मन्त्र का जाप प्रतिदिन भी किया जा सकता है तथा प्रत्येक रविवार के दिन यह जाप करना विशेष रुप से शुभ फल देता है. सूर्य से संबन्धित अन्य कार्य जैसे हवन इत्यादि में भी इसी मंत्र का जाप करना अनुकुल रहता है.
सूर्य यन्त्र स्थापना
सूर्य यन्त्र की स्थापना करने के लिये सबसे पहले तांबे के पत्र पर या भोजपत्र पर विशेष परिस्थितियों में कागज पर ही सूर्य यन्त्र का निर्माण कराया जाता है. सूर्य यन्त्र में समान आकार के नौ खाने बनाये जाते हैं इनमें निर्धारित संख्याएं लिखी जाती हैं. ऊपर की तीन खानों में 6,1,8 क्रमशा अलग- अलग खानों में होना चाहिए. मध्य के खानों में 7,5,3 संख्याएं लिखी जाती है. तथा अन्तिम लाईन के खानों में 2,9,4 लिखा जाता है. यन्त्र की संख्याओं की यह विशेषता है कि इनका सम किसी ओर से भी किया जाए उसका योगफल 15 ही आता है. यह एक उपयोगी यंत्र होता है जिसके पूजन द्वारा सूर्य शांति प्राप्त होती है.
Friday 17 March 2017
Month of Shravan
It is believed that on Poornima or a full moon day or at any time during this month, the Shravan Nakshatra or star rules the skies and hence, this month derives its name from this nakshatra.The Shravan maas is synonymous with auspicious festivals and events. It is the best time to conduct all-important religious ceremonies, as almost all days in this month are auspicious for shubh arambh, i.e. good start. Shravan maas’ ruling deity is Lord Shiva. In this month, each Monday is celebrated as Shravan Somvar across all temples with the Dharanatra hanging over the Shiva linga, bathing it with holy water and milk, throughout the day into the night. Devotees offer Bael leaves, flowers, holy water and milk, i.e. Falam-Toyam, Pushpam-Patram to lord Shiva on every Shravan Somwar. They fast until the sun goes down.
The significance of Lord Shiva in Shravan Maas
The Samudra Manthan is a very important episode as per the Puranas. The churning of the milky ocean, i.e. Samudra Manthan in search of the amrit, took place during the month of Shravan. During the churning, 14 different rubies emerged from the ocean. Thirteen rubies were divided among the devas and the asuras, however, Halahal, the 14th ruby remained untouched as it was the deadliest poison which could destroy the whole universe and every living being. Lord Shiva drank the Halahal and stored the poison in his throat. Due to the impact of the poison, his throat turned blue and he came to be called Neelkantha.
Such was the impact of the poison that Lord Shiva wore a crescent moon on his head and all the devas started offering water from the holy river of Ganges to lord Shiva to reduce the effects of the poison. Both these events took place in the Shravan Maas and therefore, it is considered very auspicious to offer holy Ganga water to Lord Shiva in this month.
Importance of wearing Rudraksh in Shravan Maas
Devout devotees of Lord Shiva consider it auspicious to wear Rudraksha in the month of Shravan. Mondays are dedicated to Lord Shiva as his the ruling deity of the day. However, Mondays in the Shravan maas as known as Shravan Somwar and are highly auspicious, and celebrated with all austerities.
The significance of Lord Shiva in Shravan Maas
The Samudra Manthan is a very important episode as per the Puranas. The churning of the milky ocean, i.e. Samudra Manthan in search of the amrit, took place during the month of Shravan. During the churning, 14 different rubies emerged from the ocean. Thirteen rubies were divided among the devas and the asuras, however, Halahal, the 14th ruby remained untouched as it was the deadliest poison which could destroy the whole universe and every living being. Lord Shiva drank the Halahal and stored the poison in his throat. Due to the impact of the poison, his throat turned blue and he came to be called Neelkantha.
Such was the impact of the poison that Lord Shiva wore a crescent moon on his head and all the devas started offering water from the holy river of Ganges to lord Shiva to reduce the effects of the poison. Both these events took place in the Shravan Maas and therefore, it is considered very auspicious to offer holy Ganga water to Lord Shiva in this month.
Importance of wearing Rudraksh in Shravan Maas
Devout devotees of Lord Shiva consider it auspicious to wear Rudraksha in the month of Shravan. Mondays are dedicated to Lord Shiva as his the ruling deity of the day. However, Mondays in the Shravan maas as known as Shravan Somwar and are highly auspicious, and celebrated with all austerities.
Wearing Blue Sapphire gives "Rajyog"
Neelam is the precious stone of Saturn (Shani). There are lots of apprehensions in the minds of people about Saturn and about wearing Neelam stone to enhance their fortunes. It is a known fact that Saturn is the Kingmaker Planet and if it is suitably placed on the chart as your Yogakarak Planet, then it can bestow lots of bounty on the native.
Saturn is related to the field of technology and research. It helps the native to understand the behavior and attitude of others with ease. There is no doubt that Saturn is also the cause of great sorrows and delays in many good things in life, but when it is supportive in the natal chart then it promises magical results. Wearing Neelam stone helps one in unfolding one’s mind and assists the native to take up the work with the peaceful and structured mind. Wearing Neelam also helps in increasing the work efficiency.
Neelam provides the person with farsightedness and helps native to overcome the challenges in personal and professional fields. It also helps native to overcome enemies with ease. A fabulous placement of Saturn in the chart along with wearing of Neelam would bring joy, progress, and ascendance in life.It is always advised that Neelam should be worn only after consultation with a good astrologer. If Saturn is not rightly placed in your horoscope then wearing of Neelam may result into. Pain in body and particularly in limbs (Lower and upper both),Native will take wrong or confused decisions, Difficulties in life will increase,One may meet with some accident,One may face financial difficulties, It may create hindrance in job and personal life, One may have an irritating nature, Late sleeping and waking up, Your vehicles might need repairs quite often, Bad dreams and laziness So, it is advisable that one should get one’s horoscope thoroughly checked before one wears the Neelam stone.
Saturn is related to the field of technology and research. It helps the native to understand the behavior and attitude of others with ease. There is no doubt that Saturn is also the cause of great sorrows and delays in many good things in life, but when it is supportive in the natal chart then it promises magical results. Wearing Neelam stone helps one in unfolding one’s mind and assists the native to take up the work with the peaceful and structured mind. Wearing Neelam also helps in increasing the work efficiency.
Neelam provides the person with farsightedness and helps native to overcome the challenges in personal and professional fields. It also helps native to overcome enemies with ease. A fabulous placement of Saturn in the chart along with wearing of Neelam would bring joy, progress, and ascendance in life.It is always advised that Neelam should be worn only after consultation with a good astrologer. If Saturn is not rightly placed in your horoscope then wearing of Neelam may result into. Pain in body and particularly in limbs (Lower and upper both),Native will take wrong or confused decisions, Difficulties in life will increase,One may meet with some accident,One may face financial difficulties, It may create hindrance in job and personal life, One may have an irritating nature, Late sleeping and waking up, Your vehicles might need repairs quite often, Bad dreams and laziness So, it is advisable that one should get one’s horoscope thoroughly checked before one wears the Neelam stone.
Benefits of wearing Pink Sapphire
Sapphire is one of the most common stones that is also equally popular. Sapphire comes with very powerful properties and also has a number of colours available.Besides the powerful blue, pink sapphire is also a very in-demand stone. Generally found in Australia, Russia and Sri Lanka, the pink sapphire is popular as well as highly valued in the world of gemstones. The demand for use of the stone in jewellery pieces too, is on the rise. The top benefit of the gemstone is that it can be used instead of a ruby for strengthening the Sun’s position. The sun signs, Sagittarius and Aries are perfectly suited to wearing the gemstone. It enhances the overall public visibility of an individual and also aids in improvement of someone’s fiscal positions.
The Strong Properties of a Rare Stone
The pink sapphire gemstone sees limited availability and belongs to the rare type. The Aura it has is vibrant and that is why it helps in strengthening positions faster than red rubies.Those who suffer from depression can benefit hugely from wearing pink sapphire. The issues with temperament, moods and anger can all be curtailed with the pink sapphire. It helps in checking tantrums and temper of a person. In few cases, when Sun comes across as the seventh lord or even conjuncts with the seventh lord, pink sapphire can actually lead to benefits in one’s marital life.The pink sapphire gemstone helps those who are looking for love immensely. It helps in making your Sun stronger—thereby, rendering more appeal in you. This naturally increases the confidence you possess. This helps you take clearer stand with love and commitment too. For those who have a very public profile in terms of career—from artists, sales to administration—the pink sapphire gemstone turns out to be a boon. In addition, it opens new scope and also welcomes in opportunities to make money faster. The monetary benefits of wearing pink sapphire have actually made it furthermore in demand. Those in the Army might benefit form pink sapphire so that the danger of standing superseded is minimized. The Sun gets stronger with the gemstone, thus rendering this possible. Even cooks and chefs swear by the miraculous benefits of pink sapphire. It helps them maintain calm and stick to their job responsibilities without deterring. In terms of health too, the pink sapphire actually aids with digestive troubles. The stone curbs issues arising out of a weak body heath system.Pink sapphires are cherished gemstones that deserve much respect. Thanks to so many properties and healing abilities, a professional astrologer often prescribes the same, if found suitable for an individual.
The Strong Properties of a Rare Stone
The pink sapphire gemstone sees limited availability and belongs to the rare type. The Aura it has is vibrant and that is why it helps in strengthening positions faster than red rubies.Those who suffer from depression can benefit hugely from wearing pink sapphire. The issues with temperament, moods and anger can all be curtailed with the pink sapphire. It helps in checking tantrums and temper of a person. In few cases, when Sun comes across as the seventh lord or even conjuncts with the seventh lord, pink sapphire can actually lead to benefits in one’s marital life.The pink sapphire gemstone helps those who are looking for love immensely. It helps in making your Sun stronger—thereby, rendering more appeal in you. This naturally increases the confidence you possess. This helps you take clearer stand with love and commitment too. For those who have a very public profile in terms of career—from artists, sales to administration—the pink sapphire gemstone turns out to be a boon. In addition, it opens new scope and also welcomes in opportunities to make money faster. The monetary benefits of wearing pink sapphire have actually made it furthermore in demand. Those in the Army might benefit form pink sapphire so that the danger of standing superseded is minimized. The Sun gets stronger with the gemstone, thus rendering this possible. Even cooks and chefs swear by the miraculous benefits of pink sapphire. It helps them maintain calm and stick to their job responsibilities without deterring. In terms of health too, the pink sapphire actually aids with digestive troubles. The stone curbs issues arising out of a weak body heath system.Pink sapphires are cherished gemstones that deserve much respect. Thanks to so many properties and healing abilities, a professional astrologer often prescribes the same, if found suitable for an individual.
नरसिंह द्वादशी व्रत
हिन्दू पंचांगानुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को ‘नरसिंह द्वादशी’ मनाई जाती है। इसी दिन भगवान् विष्णु ने नरसिंह (नृसिंह) अवतार लिया था, जिस कारण यह दिन विशेष रूप से भगवान् नरसिंह को समर्पित है और ‘नरसिंह द्वादशी’ के नाम से जाना जाता है। कुछ श्रद्धालुजन इस दिन को ‘गोविन्द द्वादशी’ भी कहते हैं। मान्यता है कि नरसिंह द्वादशी के दिन सच्चे मन से भगवान् नरसिंह का व्रत व पूजन करने से समस्त पापों का नाश होता है।
नरसिंह द्वादशी व्रत व पूजन विधि
नरसिंह द्वादशी व्रत का आरम्भ एक दिन पूर्व एकादशी से होता है। प्रातः काल शीघ्र जागकर स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके पश्चात् पूजा स्थल पर भगवान् नरसिंह और माँ लक्ष्मी की प्रतिमाएं स्थापित करें। धूप, दीप, फल, फूल, मिष्ठान, गंगाजल, नारियल इत्यादि से उनकी पूजा करें। व्रत का संकल्प लें और पूजन करते समय 108 बार निम्न नृसिंह मन्त्र का जाप करें –
ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्। नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युमृत्युं नमाम्यहम्॥
पूजन के पश्चात् पूरे दिन अन्न-जल ग्रहण किये बिना व्रत रखें, यदि ऐसा संभव न हो तो जल, दूध व फल ग्रहण कर सकते हैं। अगले दिन प्रातः भगवान् नरसिंह और माँ लक्ष्मी की पूजा-उपासना करें। तत्पश्चात् व्रत का पारण करें।
नरसिंह (नृसिंह) अवतरण की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में एक हिरण्यकशिपु नाम का दैत्य था। भगवान् विष्णु ने उसके भाई हिरण्याक्ष का वध किया था, इसलिए वह उनसे अत्यधिक क्रोधित था और अपने भाई की मृत्यु का प्रतिकार (बदला) लेना चाहता था। यहाँ तक कि उसने अपने राज्य में भगवान् विष्णु की पूजा करने पर प्रतिबन्ध भी लगा दिया था। उसका आदेश था कि उसके राज्य में विष्णु की पूजा करना तो दूर, कोई विष्णु का नाम तक नहीं लेगा। हिरण्यकशिपु ने कठिन तप करके ब्रह्मा जी से एक अनोखा वरदान प्राप्त किया था, जिसके फलस्वरूप उसकी मृत्यु हो पाना लगभग असंभव था।
हिरण्यकशिपु का पुत्र, प्रह्लाद, भगवान् विष्णु का परम भक्त था और निरंतर उनके नाम का जाप करता था। अपने पुत्र के इस आचरण से हिरण्यकशिपु बहुत क्रोधित था। उसने अनेकों बार उसे ऐसा करने के लिए मना किया था। किन्तु, प्रह्लाद ने उसकी एक नहीं सुनी। अंततः हिरण्यकशिपु ने अपने सैनिकों को प्रह्लाद का वध करने का आदेश दे दिया। इसके उपरांत भी प्रह्लाद ने विष्णु जी की भक्ति नहीं छोड़ी। जब सैनिकों ने प्रह्लाद को मारने की कोशिश की तब भगवान् विष्णु ने उसकी रक्षा की। अतः हिरण्यकशिपु ने प्रह्लाद को मरवाने के अनेक प्रयत्न किये, यहाँ तक कि इसके लिए अपनी राक्षसी बहन की भी सहायता ली किन्तु उसके सब प्रयास असफल रहे। अंततः हिरण्यकशिपु अपना धैर्य खो बैठा और उसने क्रोधित स्वर में प्रह्लाद से पूछा कि – “तुम प्रतिक्षण जिस विष्णु की पूजा करते हो, जिसका नाम जपते हो, क्या वास्तव में उसका कोई अस्तित्व भी है और यदि है, तो कहाँ है तुम्हारा वो भगवान्?” प्रह्लाद ने उत्तर दिया – “प्रभु नारायण तो सर्वव्यापी हैं, सृष्टि के कण-कण में उनका वास है।” तब हिरण्यकशिपु ने एक खम्भे की ओर संकेत करते हुए प्रह्लाद से पूछा – “क्या उस खम्भ (खम्भे) में भी तुम्हारा भगवान् विष्णु विद्यमान है।” प्रह्लाद ने हाँ में सिर हिला दिया।
नरसिंह द्वादशी व्रत व पूजन विधि
नरसिंह द्वादशी व्रत का आरम्भ एक दिन पूर्व एकादशी से होता है। प्रातः काल शीघ्र जागकर स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके पश्चात् पूजा स्थल पर भगवान् नरसिंह और माँ लक्ष्मी की प्रतिमाएं स्थापित करें। धूप, दीप, फल, फूल, मिष्ठान, गंगाजल, नारियल इत्यादि से उनकी पूजा करें। व्रत का संकल्प लें और पूजन करते समय 108 बार निम्न नृसिंह मन्त्र का जाप करें –
ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्। नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युमृत्युं नमाम्यहम्॥
पूजन के पश्चात् पूरे दिन अन्न-जल ग्रहण किये बिना व्रत रखें, यदि ऐसा संभव न हो तो जल, दूध व फल ग्रहण कर सकते हैं। अगले दिन प्रातः भगवान् नरसिंह और माँ लक्ष्मी की पूजा-उपासना करें। तत्पश्चात् व्रत का पारण करें।
नरसिंह (नृसिंह) अवतरण की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में एक हिरण्यकशिपु नाम का दैत्य था। भगवान् विष्णु ने उसके भाई हिरण्याक्ष का वध किया था, इसलिए वह उनसे अत्यधिक क्रोधित था और अपने भाई की मृत्यु का प्रतिकार (बदला) लेना चाहता था। यहाँ तक कि उसने अपने राज्य में भगवान् विष्णु की पूजा करने पर प्रतिबन्ध भी लगा दिया था। उसका आदेश था कि उसके राज्य में विष्णु की पूजा करना तो दूर, कोई विष्णु का नाम तक नहीं लेगा। हिरण्यकशिपु ने कठिन तप करके ब्रह्मा जी से एक अनोखा वरदान प्राप्त किया था, जिसके फलस्वरूप उसकी मृत्यु हो पाना लगभग असंभव था।
हिरण्यकशिपु का पुत्र, प्रह्लाद, भगवान् विष्णु का परम भक्त था और निरंतर उनके नाम का जाप करता था। अपने पुत्र के इस आचरण से हिरण्यकशिपु बहुत क्रोधित था। उसने अनेकों बार उसे ऐसा करने के लिए मना किया था। किन्तु, प्रह्लाद ने उसकी एक नहीं सुनी। अंततः हिरण्यकशिपु ने अपने सैनिकों को प्रह्लाद का वध करने का आदेश दे दिया। इसके उपरांत भी प्रह्लाद ने विष्णु जी की भक्ति नहीं छोड़ी। जब सैनिकों ने प्रह्लाद को मारने की कोशिश की तब भगवान् विष्णु ने उसकी रक्षा की। अतः हिरण्यकशिपु ने प्रह्लाद को मरवाने के अनेक प्रयत्न किये, यहाँ तक कि इसके लिए अपनी राक्षसी बहन की भी सहायता ली किन्तु उसके सब प्रयास असफल रहे। अंततः हिरण्यकशिपु अपना धैर्य खो बैठा और उसने क्रोधित स्वर में प्रह्लाद से पूछा कि – “तुम प्रतिक्षण जिस विष्णु की पूजा करते हो, जिसका नाम जपते हो, क्या वास्तव में उसका कोई अस्तित्व भी है और यदि है, तो कहाँ है तुम्हारा वो भगवान्?” प्रह्लाद ने उत्तर दिया – “प्रभु नारायण तो सर्वव्यापी हैं, सृष्टि के कण-कण में उनका वास है।” तब हिरण्यकशिपु ने एक खम्भे की ओर संकेत करते हुए प्रह्लाद से पूछा – “क्या उस खम्भ (खम्भे) में भी तुम्हारा भगवान् विष्णु विद्यमान है।” प्रह्लाद ने हाँ में सिर हिला दिया।
हिरण्यकशिपु ने अपनी गदा से उस खम्भे पर प्रहार कर दिया। उसी क्षण उस खम्भे में से भगवान् विष्णु एक भयंकर और अत्यंत क्रोधित नृसिंह (नर और सिंह का मिश्रित स्वरुप) के अवतार में प्रकट हुए। उन्होंने हिरण्यकशिपु को पकड़ा और उसके शरीर को चीरकर उसका वध कर डाला। उसके पश्चात् भगवान् नरसिंह ने प्रह्लाद को आशीर्वाद दिया। इस प्रकार भगवान् विष्णु ने नृसिंह अवतार धारण कर अपने भक्त की रक्षा की और एक दैत्य का संहार भी किया।
भगवान् नरसिंह सदैव अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। नरसिंह द्वादशी व्रत को विधि-विधान से करने वाले मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस व्रत के प्रभाव से भय दूर हो जाता है, आत्मविश्वास बढ़ता है और साहस की प्राप्ति होती है।
ग्रह और बिमारियों का विष्लेष्ण ज्योतिष द्वारा
वैदिक दर्शनों में ‘‘यथा पिण्डे तथा ब्रहाण्डे’’ कर सिद्धांत प्रचलित है, जिसके अनुसार सौर जगत में सूर्य और चंद्रमा आदि ग्रहों की विभिन्न गतिविधियों एवं क्रिया कलापों में जोे नियम है वही नियम मानव शरीर पर है। जिस प्रकार परमाणुओं के समूह से ग्रह बनें हैं उसी प्रकार से अनन्त परमाणुओं जिन्हें शरीर विज्ञान की भाषा में कोषिकाएॅ कहते हैं हमारा शरीर निर्मित हुआ है। ग्रह नक्षत्रों तथा शरीर सतत संबंध में हैं उनकी स्थिति तथा परिवर्तन का प्रभाव पड़ता है इसका साक्ष्य जलवायु परिवर्तन से महसूस किया जा सकता है। मानव शरीर अग्नि, पृथ्वी, जल और वायु जैसे तत्वों से मिलकर यह नष्वर शरीर निर्मित हुआ है। ज्योतिष का फलित भाग इन ग्रहों, नक्षत्रों तथा राषियों के मानव शरीर पर प्रभाव का अध्ययन करता है। वैदिक मान्यता है कि पूर्व जन्मकृतं पापं व्याधिरूपेण जायते अर्थात् पिछले जन्म में किया गया पाप इस जन्म में रोग के रूप में सामने आता है। वैदिक दर्षनों में कर्म के संचित, प्रारब्ध और क्रियमाण ये तीन भेद माने जाते हैं। फलित ज्योतिष में संचित कर्म के फल का विचार आधार कुंडली या जन्मकुंडली में बने योगों द्वारा किया जाता है, जिसमें अंधत्व, काणत्व, मूकत्व या बधिरत्व आदि जन्मजात रोगों का विचार करते हैं। प्रारब्ध के फल का विचार दषाओं द्वारा किया जाता है जिसमें वात, पित्त या कफ के विपर्यय द्वारा उत्पन्न रोग तथा विकारों का विचार किया जाता है। क्रियमाण फल का विचार आहार-विहार आदि द्वारा किया जाता है, जिन्हें दषाओं और अंतरदषाओं के द्वारा ज्ञात किया जा सकता है। ज्योतिष ने पंचतत्वों में प्रधानता के आधार पर ग्रहों में इन तत्वों को अनुभव किया है कि रवि और मंगल अग्नि तत्व के ग्रह हैं और यह शरीर की ऊर्जा तथा जीने की शक्ति का कारक है। अग्नि तत्व की कमी से शरीर का विकास अवरूद्ध होकर रोगों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है। शुक्र और चंद्रमा जल तत्व के कारक हैं। जब शरीर में पोषण संचार का कारक है और शुक्राणु जल में जीवित रहकर सृष्टि के विकास तथा निर्माण में सहायक होता है। अतः जल तत्व की कमी से आलस्य और तनाव उत्पन्न कर शरीर की संचार व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव डालती है। बृहस्पति तथा राहु आकाष तत्व हैं और ये व्यक्ति के पर्यावरण तथा आध्यात्मिक जीवन से सीधा संबंध रखते हैं। बुध पृथ्वी तत्व है जोकि बुद्धि क्षमता तथा निर्णय की शक्ति दर्षाती है। शनि वायु तत्व है जोकि जीवन में वायु सदृष्य कार्य करती है। अतः जब ये ग्रह भ्रमण करते हुए संवेदनषील राषियों के अंगों को प्रभावित करते हैं तब इन अंगों को नुकसान होता है या उनका नाकारात्मक प्रभाव दृष्टिगोचर होता है। संसार या तो नियमबद्ध सृष्टि है या नियमरहित। यदि सूर्य इत्यादि ग्रह पूर्ण अनुषासन, व्यवस्था एवं नियमितता का पालन करते हैं तो ब्रम्हाण्ड में दैवयोग या आकस्मिक घटना नाम की कोई चीज नहीं है। महर्षियों का मानना है कि ब्रम्हाण्ड में घटने वाली प्रत्येक घटना एक निष्चित नियम द्वारा बंधी है तो मनुष्य कर्म के नियमों द्वारा निष्चित तथा सुनियोजित है। ज्योतिष में ग्रहों का दूषित प्रभाव दूर करने के अनेक उपाय हैं। प्रयासों तथा अदृष्टफल की अनुभूति में तारतम्य कर सकता है। इसलिए कुंडली में ग्रहों का विवेचन कर आप निरो दगी रह सकते हैं।
Wednesday 15 March 2017
कुशल प्रबंधन में सहायक ग्रह
जितनी सूक्ष्मता प्रबंधन विषय में आवश्यकता होती है, उससे कहीं अधिक बारीकियों और सूक्ष्म गणनाओं का विषय है- कुंडली विवेचन। कुशल प्रबंधन मानवीय श्रम के बेहतरीन संयोजन और कुशलतम व्यवस्थापन का नाम है। इसी प्रकार कुंडली की विवेचना भी सूक्ष्मतम गणनाओं और व्यापक अनुभव का फलितार्थ है। इन दोनों का तालमेल और सामंजस्य कुल मिलाकर एक ऐसे संस्थान की रचना करने के लिए पर्याप्त है जो अपने क्षेत्र में बेरोकटोक निरंतर शीर्ष की ओर अग्रसर हो सकते हैं। शून्य का जन्मदाता कहलाने वाला भारत वैदिक गणित और ज्योतिष विद्या में भी काफी पुराने समय से अग्रणी रहा है। वैदिक गणित को अमेरिका की सर्वोच्च स्पेस एजेंसी नासा ने भी अपनी पूरी-पूरी मान्यता प्रदान की है एवं कई अमेरिकी विश्वविद्यालयों में इसकी विशेष कक्षाएं लग रही हैं। ठीक इसी प्रकार भारतीय ज्योतिष विद्या और कुंडली विवेचना को भी पाश्चात्य जगत् में शनैः-शनैः मान्यता मिलती जा रही है। व्यक्ति विशेष के भूत, वर्तमान और भविष्य को एक एकीकृत रूप से खुली पुस्तक के रूप में सामने रख देने वाले शास्त्र को भारतीय ज्योतिष कहा गया है। इन ज्योतिष शास्त्रों में व्यक्ति विशेष की जन्मकुंडली का सबसे बड़ा महत्व है, क्योंकि इसी से इसका सम्पूर्ण जीवन चरित्र छुपा होता है। यदि उस व्यक्ति विशेष के संपूर्ण गुण व दोषों से प्रबंधन कर्ता समय के पूर्व वाकिफ हो जाएं तो वह उसे सर्वोपयुक्त स्थान पर नियुक्त करते हुए संस्थान को अधिकतम लाभ दिला सकता है। प्रबंधन का प्रथम सूत्र ही यही है कि सक्षम व्यक्ति संस्थान के भविष्य को उज्ज्वल बनाते हैं और ज्योतिष शास्त्र यह बताने में सक्षम है कि कौन-सा व्यक्ति संस्थान के लिए लाभदायक रहेगा। उसके गुण-दोषों की विवेचना के साथ ज्योतिषशास्त्र में ग्रहों का भी अध्ययन सकारात्मक कहा जा सकता है। प्रथम बुध क्योंकि बुध विचारशीलता की अभिव्यक्ति प्रदान करता है तो गणित से संबंधित भी इस ग्रह की विशेषता होती है। मंगल-मंगल उत्साहवर्धक, साहस महत्वाकांक्षा एवं उच्च मनोबल की अभिव्यक्ति देती है। गुरु-गुरु ज्ञान, अनुभव प्रथक्करण व निरीक्षण के साथ तत्व ज्ञान की अभिव्यक्ति करने वाला होता है। शनि-शनि कुशल प्रशासन व सत्ता में महत्व बढ़ाने वाला होता है। एक उत्तम प्रबंधक में उपरोक्त ग्रहों के गुणों का समावेश होना चाहिए।
विवाह विलम्ब में महत्वपूर्ण ग्रह शनि
सप्तम भावस्थ प्रत्येक ग्रह अपने स्वभावानुसार जातक-जातका के जीवन में अलग-अलग फल प्रदान करता है। वैसे तो जन्मकुंडली का प्रत्येक भाव का अपना विशिष्ट महत्व है, किंतु सप्तम भाव जन्मांग का केंद्रवर्ती भाव है, जिसके एक ओर शत्रु भाव और दूसरी ओर मृत्यु भाव स्थित है। जीवन के दो निर्मम सत्यों के मध्य यह रागानुराग वाला भाव सदैव जाग्रत व सक्रिय रहता है। पराशर ऋषि के अनुसार इस भाव से जीवन साथी, विवाह, यौना चरण और संपत्ति का विचार करना चाहिए। सप्तम भावस्थ शनि के फल: आमयेन बल हीनतां गतो हीनवृत्रिजनचित्त संस्थितिः। कामिनीभवनधान्यदुःखितः कामिनीभवनगे शनैश्चरै।। अर्थात सप्तम भाव में शनि हो, तो जातक आपरोग से निर्बल, नीचवृत्ति, निम्न लोगों की संगति, पत्नी व धान्य से दुखी रहता है। विवाह के संदर्भ में शनि की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि आकाश मंडल के नवग्रहों में शनि अत्यंत मंदगति से भ्रमण करने वाला ग्रह है। वैसे सप्तम भाव में शनि बली होता है, किंतु सिद्धांत व अनुभव के अनुसार केंद्रस्थ क्रूर ग्रह अशुभ फल ही प्रदान करते हैं। जातक का जीवन रहस्यमय होता है। हजारों जन्म पत्रियों के अध्ययन, मनन, चिंतन से यह बात सामने आई है कि सप्तम भावस्थ शनि के प्रभाव से कन्या का विवाह आयु के 32 वें वर्ष से 39 वें वर्ष के मध्य ही हो पाया। कहीं-कहीं तो कन्या की आयु 42, 43 भी पार कर जाती है। जन्म-पत्री में विष कन्या योग, पुनर्विवाह योग, वन्ध्यत्व योग, चरित्रहनन योग, अल्पायु योग, वैधव्य योग, तलाक योग, कैंसर योग या दुर्घटना योग आदि का ज्ञान शनि की स्थिति से ही प्राप्त होता है। मेरे विचार में पूर्व जन्म-कृत दोष के आधार पर ही जातक-जातका की जन्मकुंडली में शनि सप्तम भावस्थ होता है। इस तरह शनि हमारे पूर्व जन्म के कर्मों का ज्ञान करा ही देता है एवं दंडस्वरूप इस जन्म में विवाह-विलंब व विवाह प्रतिबंध योग, संन्यास-योग तक देता है। शनि सप्तम भाव में यदि अन्य ग्रहों के दूषित प्रभाव में अधिक हो, ता जातक अपने से उम्र में बड़ी विवाहिता विधवा या पति से संबंध विच्छेद कर लेने वाली पत्नी से रागानुराग का प्रगाढ़ संबंध रखेगा। ऐसे जातक का दृष्टिकोण पत्नी के प्रति पूज्य व सम्मानजनक न होकर भोगवादी होगा। शनि सप्तम भाव में सूर्य से युति बनाए, तो विवाह बाधा आती है और विवाह होने पर दोनों के बीच अंतर्कलह, विचारों में अंतर होता है। शनि व चंद्र सप्तमस्थ हों, तो यह स्थिति घातक होती है। जातक स्वेच्छाचारी और अन्य स्त्री की ओर आसक्त होता है। पत्नी से उसका मोह टूट जाता है। शनि और राहु सप्तमस्थ हों, तो जातक दुखी होता है और इस स्थिति से द्विभार्या-योग निर्मित होता है। वह स्त्री जाति से अपमानित होता है। शनि, मंगल व केतु जातक को अविवेकी और पशुवत् बनाते हैं। और यदि शुक्र भी सह-संस्थित हो, तो पति पत्नी दोनों का चारित्रिक पतन हो जाता है। जातक पूर्णतया स्वेच्छाचारी हो जाता है। आशय यह कि सप्तम भावस्थ शनि के साथ राहु, केतु, सूर्य, मंगल और शुक्र का संयोग हो, तो जातक का जीवन यंत्रणाओं के चक्रव्यूह में उलझ ही जाता है। सप्तमस्थ शनि के तुला, मकर या कुंभ राशिगत होने से शश योग निर्मित होता है। और जातक उच्च पद प्रतिष्ठित होकर भी चारित्रिक दोष से बच नहीं पाता। सप्तम भावस्थ शनि किसी भी प्रकार से शुभ फल नहीं देता। विवाह विलंब में शनि की विशिष्ट भूमिका: शनि व सूर्य की युति यदि लग्न या सप्तम में हो, तो विवाह में बाधा आती है। विलंब होता है और यदि अन्य क्रूर ग्रहों का प्रभाव भी हो, तो विवाह नहीं होता। सप्तम में शनि व लग्न में सूर्य हो, तो विवाह में विलंब होता है। कन्या की जन्मपत्री में शनि, सूर्य या चंद्र से युत या दृष्ट होकर लग्न या सप्तम में संस्थित हो, तो विवाह नहीं होगा। शनि लग्नस्थ हो और चंद्र सप्तम में हो, तो विवाह टूट जाएगा अथवा विवाह में विलंब होगा। शनि व चंद्र की युति सप्तम में हो या नवमांश चक्र में या यदि दोनों सप्तमस्थ हों, तो विवाह में बाधा आएगी। शनि लग्नस्थ हो और चंद्र सप्तमेश हो और दोनों परस्पर दृष्टि-निक्षेप करें, तो विवाह में विलंब होगा। यह योग कर्क व मकर लग्न की जन्मकुंडली में संभव है। शनि लग्नस्थ और सूर्य सप्तमस्थ हो तथा सप्तमेश निर्बल हो, तो विवाह नहीं होगा। शनि की दृष्टि सूर्य या चंद्र पर हो एवं शुक्र भी प्रभावित हो, तो विवाह विलंब से होगा। शनि लग्न से द्वादश हो व सूर्य द्वितीयेश हो तो, लग्न निर्बल हो, तो विवाह नहीं होगा। इसी तरह शनि षष्ठस्थ और सूर्य अष्टमस्थ हो तथा सप्तमेश निर्बल हो, तो विवाह नहीं होगा। लग्न सप्तम भाव या सप्तमेश पापकर्तरि योग के मध्य आते हैं तो विवाह में विलंब बहुत होगा। शनि सप्तम में राहु के साथ अथवा लग्न में राहु के साथ हो और पति-पत्नी स्थान पर संयुक्त दृष्टि पड़े, तो विवाह वृद्धावस्था में होगा। अन्य क्रूर ग्रह भी साथ हां, तो विवाह नहीं होगा। शनि व राहु कि युति हो, सप्तमेश व शुक्र निर्बल हों तथा दोनों पर उन दोनों ग्रहों की दृष्टि हो, तो विवाह 50 वर्ष की आयु में होता है। सप्तमेश नीच का हो और शुक्र अष्टम में हो, तो उस स्थिति में भी विवाह वृद्धावस्था में होता है। यदि संयोग से इस अवस्था के पहले हो भी जाए तो पत्नी साथ छोड़ देती है। समाधान शनिवार का व्रत विधि-विधान पूर्वक रखें। शनि मंदिर में शनिदेव का तेल से अभिषेक करें व शनि से संबंधित वस्तुएं अर्पित करें। अक्षय तृतीया के दिन सौभाग्याकांक्षिणी कन्याओं को व्रत रखना चाहिए। रोहिणी नक्षत्र व सोमवार को अक्षय तृतीया पड़े, तो महा शुभ फलदायक मानी जाती है। इस दिन का दान व पुण्य अत्यंत फलप्रद होते हैं। यदि अक्षय तृतीया शनिवार को पड़े, तो जिन कन्याओं की कुंडली में शनि दोष हो, उन्हें इस दिन शनि स्तोत्र और श्री सूक्त का पाठ 11 बार करना चाहिए, विवाह बाधा दूर होगी। यह पर्व बैसाख शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है। इस दिन प्रतीक के रूप में गुड्डे-गुड़ियों का विवाह किया जाता है ताकि कुंआरी कन्याओं का विवाह निर्विघ्न संपन्न हो सके। शनिवार को छाया दान करना चाहिए। दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ नित्य करें। शनिदेव के गुरु शिव हैं। अतः शिव की उपासना से प्रतिकूल शनि अनुकूल होते हैं, प्रसन्न होते हैं। शिव को प्रसन्न करने हेतु 16 सोमवार व्रत विधान से करें व निम्न मंत्र का जप (11 माला) करें: ‘‘नमः शिवाय’’ मंत्र का जप शिवजी के मंदिर में या घर में शिव की तस्वीर के समक्ष करें। हनुमान जी की पूजा उपासना से भी शनिदेव प्रसन्न व अनुकूल होते हैं क्योंकि हनुमान जी ने रावण की कैद से शनि को मुक्त किया था। शनिदेव ने हनुमान जी को वरदान दिया था कि जो आपकी उपासना करेगा, उस पर मैं प्रसन्न होऊंगा। सूर्य उपासना भी शनि के कोप को शांत करती है क्योंकि सूर्य शनि के पिता हैं। अतः सूर्य को सूर्य मंत्र या सूर्य-गायत्री मंत्र के साथ नित्य प्रातः जल का अघ्र्य दें। शनि व सूर्य की युति सप्तम भाव में हो, तो आदित्य-हृदय स्तोत्र का पाठ करें। जिनका जन्म शनिवार, अमावस्या, शनीचरी अमावस्या को या शनि के नक्षत्र में हुआ हो, उन्हें शनि के 10 निम्नलिखित नामों का जप 21 बार नित्य प्रातः व सायं करना चाहिए, विवाह बाधाएं दूर होंगी। कोणस्थः पिंगलो बभू्रः कृष्णो रौद्रान्तको यमः। सौरि शनैश्चरो मंदः पिप्पलादेव संस्तुतः।। हरितालिका व्रतानुष्ठान: जिनके जन्मांग में शनि व मंगल की युति हो, उन्हें यह व्रतानुष्ठान अवश्य करना चाहिए। इस दिन कन्याएं ‘‘पार्वती मंगल स्तोत्र’’ का पाठ रात्रि जागरण के समय 21 बार करें। साथ ही शनि के निम्नलिखित पौराणिक मंत्र का जप जितना संभव हो, करें विवाह शीघ्र होगा। ‘‘नीलांजन समाभासं, रविपुत्रं यामाग्रजं। छायामार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।’’ शनिवार को पीपल के वृक्ष को मीठा जल चढ़ाएं व 7 बार परिक्रमा करें। शनिवार को काली गाय व कौओं को मीठी रोटी और बंदरों को लड्डू खिलाएं। सुपात्र, दीन-दुखी, अपाहिज भिखारी को काले वस्त्र, उड़द, तेल और दैनिक जीवन में काम आने वाले बरतन दान दें। शुक्रवार की रात को काले गुड़ के घोल में चने भिगाएं। शनिवार की प्रातः उन्हें काले कपड़े में बांधकर सात बार सिर से उतार कर बहते जल में बहाएं। बिच्छू की बूटी अथवा शमी की जड़ श्रवण नक्षत्र में शनिवार को प्राप्त करें व काले रंग के धागे में दायें हाथ में बांधें। शनि मंत्र की सिद्धि हेतु सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के दिन शनि मंत्र का जप करें। फिर मंत्र को अष्टगंधयुक्त काली स्याही से कागज पर लिख कर किसी ताबीज में बंद कर काले धागे में गले में पहनें। व्रतों की साधना कठिन लगे, तो शनि पीड़ित लोगों को शनि चालीसा, ‘‘शनि स्तवराज’’ अथवा राजा दशरथ द्वारा रचित ‘‘शनि पीड़ा हरण स्तोत्र’’ का पाठ नित्य करना चाहिए। बहुत पुराने काले गुड़ के घोल म उड़द और आटे को गूंधकर थोड़े से काले तिल मिलाएं और 23 शनिवार तक प्रति शनिवार आटे की 23 गोलियां बनाएं। गोलियां बनाते समय निम्नलिखित मंत्र जपें। अनुष्ठान पूरा हो जाने के बाद इन मीठी गोलियों को बहते जल में प्रवाहित करें। प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः’’ विवाह में आने वाली बाधा को दूर करने हेतु शनि के दस नामों के साथ जातक को शनि पत्नी के नामों का पाठ करना चाहिए। ‘‘ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलह प्रिया। कंटकी कलही चाऽपि महिषी, तुरंगमा अजा।। नामानि शनिमार्यायाः नित्यंजपति यः पुमान तस्य दुःखनि तश्यन्ति सुखमसौभाग्यमेधते। शनि मंत्र: ऐं ह्रीं श्रीं शनैश्चराय। प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः ;3द्ध ¬ शं शनैश्चराय नमः जप संख्या 23 हजार ;4द्ध ¬ नमो भगवते शनैश्चराय सूर्य पुत्राय नम । शनि का दान: लोहा, उड़द दाल, काला वस्त्र, काली गाय, काली भैंस, कृष्ण वर्ण पुष्प, नीलम, तिल कटैला, नीली दक्षिणा आदि। यदि किसी भी प्रकार विवाह नहीं हो पा रहा हो, तो इस अनुभूत उपाय को अपनाएं। कार्तिक मास की देव-उठनी एकादशी (प्रबोधिनी एकादशी) के दिन तुलसी और शालिग्राम का विवाह किया जाता है, यह शास्त्र में वर्णित है। कहीं-कहीं यह विवाह बड़ी धूम-धाम से किया जाता है। इस दिन कन्याएं सौभाग्य कामना हेतु व्रत लें।
शुक्र-चंद्रमा की युति कितना असरकारक
हर व्यक्ति, हर नर-नारी अपने आप को सुंदर दिखाने की कोशिश करता है और इसके लिए अनेक प्रयास भी करता है। लेकिन प्राकृतिक सौंदर्य अपने आप में अलग होती है। यहां सौंदर्य से तात्पर्य व्यक्ति की बनवाट से है जो व्यक्ति को आकर्षित करती है। ज्योतिष शास्त्र के आधार पर देखा गया है कि कुंडली में शुक्र-चंद्रमा की युति व्यक्ति को सौंदर्य प्रदान करती है जो इस बात पर निर्भर करती है कि शुक्र और चंद्र कुंडली के किस भाव में बैठे हैं और किस ग्रह से प्रभावित हैं। इस लेख में किस राशि में चंद्र और शुक्र की युति होने से व किसी अन्य ग्रह का प्रभाव पड़ने पर व्यक्ति कैसा होगा इसका विवेचन किया जा रहा है। मेष तथा वृश्चिक: इस राशि में शुक्र और चंद्र की युति होने से व्यक्ति सुंदर होने के साथ-साथ गेहंुआं रंग तथा लालिमा लिये हुए होता है। वृषभ तथा तुला: इस राशि में यह युति होने से जातक का रंग गोरा तथा सफेदपन पर होता है। मिथुन तथा कन्या: इस राशि में यह युति होने से व्यक्ति लंबा, गेहुंआं तथा कुछ -कुछ पक्का हुआ रंग का होता है। किन्हीं-किन्हीं परिस्थितियों में जहां कि इस युति पर राहु अथवा केतु की पूर्ण दृष्टि पड़ रही हो तो व्यक्ति सांवला होता है किंतु होता है आकर्षक। कर्क राशि: कर्क राशि में यह युति होने से व्यक्ति एकदम गोरा एवं आकर्षक होता है। सिंह राशि: सिंह राशि पर यह युति होने से मनुष्य का रंग सांवला एवं ललाई लिये होता है तथा पक्का-पक्का सा होता है। ऐसे में यदि केतु की दृष्टि पड़ रही हो तो ऐसे व्यक्ति का रंग कभी-कभी चितकबरा भी होता है। धनु एवं मीन: इस राशि में शुक्र-चंद्रमा की युति व्यक्ति को अत्यधिक सुंदर बनाती है। ऐसे जातक का रंग बिल्कुल गोरा, साफ एवं आकर्षक होता है तथा व्यक्ति की चमड़ी काफी कोमल होती है एवं रंग पीलापन लिये हुए होता है। मकर तथा कुंभ: इस राशि में यह युति होने से व्यक्ति सुंदर होने के साथ-साथ सांवलापन लिये हुए होता है। चमड़ी कठोर तथा पकी-पकी सी होती है। ऐसे में यदि इस युति पर राहु अथवा केतु की पूर्ण दृष्टि पड़ रही हो तो व्यक्ति काले रंग का होता है। फिर भी उसका चेहरा एवं शरीर की बनावट आकर्षक होती है।
नक्षत्रों के प्रभाव से आर्थिक संकट
वर्तमान दौर में प्रत्येक व्यक्ति को किसी ना किसी रूप में आर्थिक परेषानी तथा कमी का सामना करना पड़ता है। आज के आधुनिक दौर में सभी आवष्यक कार्यो जैसे दैनिक दैनिंदन कार्य, बच्चों की षिक्षा विवाह के लिए हो या मकान वाहन के लिए आर्थिक संकट हो सकता है। इन परिस्थितियों में कई बार कर्ज लेना जरूरी हो गया है। कई बार कुछ कर्ज आसानी से चुक जाते हैं तो कई कर्ज बोझ बढ़ाने का ही कार्य करते हैं। अतः यदि कर्ज लेते समय नक्षत्र, लग्न एवं राषि पर विचार करते हुए अपनी ग्रह दषाओं के अनुकूल या प्रतिकूल परिस्थितियों का निर्णय लेते हुए कर्ज लिया जाए तो बोझ ना होकर ऐष्वर्या तथा उन्नति बढ़ाने का साधन भी बन सकता है। अतः 27 नक्षत्रों में से 1.अष्विनी, 2.मृगषिरा, 3.पुनवर्सु, 5.चित्रा, 6.विषाखा, 8.अनुराधा, 9.श्रवण, 10.ज्येष्ठा, 11.धनिष्ठा, 12.षतभिषा, 13.रेवती ये नक्षत्र कर्ज हेतु उचित नक्षत्र हैं, जिनमें लिया गया कर्ज चुकाने में कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता वहीं पर हस्त, भरणी, पुष्य, स्वाति इत्यादि नक्षत्र कर्ज लेने हेतु प्रतिकूल फल देते हैं। उसी प्रकार चर लग्न में कर्जा लेना इसलिए उचित होता है क्योंकि इस लग्न में कर्ज आसानी से चुक जाता है किंतु इस लग्न में कर्ज देना उचित नहीं होता। वहीं पर द्विस्वभाव लग्न में लिया गया कर्ज चुकान के उपरांत भी चुका हुआ नहीं दिखता। स्थिर लग्न में लिया गया कर्ज चुकाने में बहुत कष्ट, विवाद की संभावना होती है अतः इन लग्नों में कर्ज लेने से बचना चाहिए। उसी प्रकार प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में अपनी राषि तथा ग्रह स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए कर्ज लेना या देना चाहिए। अगर कोई ग्रह प्रतिकूल हैं उनकी स्थिति तथा दषाओं में कर्ज लेने से बचना ही तनाव से मुक्ति का सरल उपाय है।
कर्ज - नक्षत्र, लग्न और राशी का प्रभाव
वर्तमान दौर में व्यक्ति को कर्ज लेना ना केवल आवष्यक बल्कि मजबूरी भी है। आज के आधुनिक दौर में सभी आवष्यक कार्यो हेतु कर्ज लेना पड़ता फिर वह बच्चों की षिक्षा विवाह के लिए हो या मकान वाहन के लिए। हर अहम परिस्थिति में कर्ज लेना जरूरी हो गया है। कई बार कुछ कर्ज आसानी से चुक जाते हैं तो कई कर्ज बोझ बढ़ाने का ही कार्य करते हैं। अतः यदि कर्ज लेते समय नक्षत्र, लग्न एवं राषि पर विचार करते हुए अपनी ग्रह दषाओं के अनुकूल या प्रतिकूल परिस्थितियों का निर्णय लेते हुए कर्ज लिया जाए तो बोझ ना होकर ऐष्वर्या तथा उन्नति बढ़ाने का साधन भी बन सकता है। अतः 27 नक्षत्रों में से 1.अष्विनी, 2.मृगषिरा, 3.पुनवर्सु, 5.चित्रा, 6.विषाखा, 8.अनुराधा, 9.श्रवण, 10.ज्येष्ठा, 11.धनिष्ठा, 12.षतभिषा, 13.रेवती ये नक्षत्र कर्ज हेतु उचित नक्षत्र हैं, जिनमें लिया गया कर्ज चुकाने में कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता वहीं पर हस्त, भरणी, पुष्य, स्वाति इत्यादि नक्षत्र कर्ज लेने हेतु प्रतिकूल फल देते हैं। उसी प्रकार चर लग्न में कर्जा लेना इसलिए उचित होता है क्योंकि इस लग्न में कर्ज आसानी से चुक जाता है किंतु इस लग्न में कर्ज देना उचित नहीं होता। वहीं पर द्विस्वभाव लग्न में लिया गया कर्ज चुकान के उपरांत भी चुका हुआ नहीं दिखता। स्थिर लग्न में लिया गया कर्ज चुकाने में बहुत कष्ट, विवाद की संभावना होती है अतः इन लग्नों में कर्ज लेने से बचना चाहिए। उसी प्रकार प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में अपनी राषि तथा ग्रह स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए कर्ज लेना या देना चाहिए। अगर कोई ग्रह प्रतिकूल हैं उनकी स्थिति तथा दषाओं में कर्ज लेने से बचना ही तनाव से मुक्ति का सरल उपाय है।
Tuesday 14 March 2017
साप्ताहिक राशिफल-13 मार्च से 19 मार्च, 2017
मेष-
किसी नये व्यवसाय के लिए प्रयासरत रहेंगे और उसके लिए अनुकूल वातावरण भी बढ़ेगा. शासन-सत्ता क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय अनुकूल है, पदोन्नति अथवा स्थानांतरण के प्रयास में सफलता प्राप्त होगी। शिक्षा-प्रतियोगिता के क्षेत्र में प्रयत्न में एकाग्रता बढ़ेगी। कार्यक्षेत्र में विरोधियों की सक्रियता से सावधान रहें. सप्ताह मध्य में सुखद समाचार से मन प्रसन्न होगा. काफी दिनों से अवरोधित कोई महत्वपूर्ण कार्य होगा. पुराने संबंधों में प्रगाढ़ता बढ़ेगी किंतु कुछ वर्तमान के साथी नाराज हो सकते हैं। जीवन साथी के स्वास्थ्य के प्रति चिंता होगी. अनावश्यक कार्यो में समय बर्बाद न करें.
शनि की शांति-
उड़द, सरसो के तेल का दान करें.....
तिल...गुड....से बने लड्डू का भोग लगायें....
किसी नये व्यवसाय के लिए प्रयासरत रहेंगे और उसके लिए अनुकूल वातावरण भी बढ़ेगा. शासन-सत्ता क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय अनुकूल है, पदोन्नति अथवा स्थानांतरण के प्रयास में सफलता प्राप्त होगी। शिक्षा-प्रतियोगिता के क्षेत्र में प्रयत्न में एकाग्रता बढ़ेगी। कार्यक्षेत्र में विरोधियों की सक्रियता से सावधान रहें. सप्ताह मध्य में सुखद समाचार से मन प्रसन्न होगा. काफी दिनों से अवरोधित कोई महत्वपूर्ण कार्य होगा. पुराने संबंधों में प्रगाढ़ता बढ़ेगी किंतु कुछ वर्तमान के साथी नाराज हो सकते हैं। जीवन साथी के स्वास्थ्य के प्रति चिंता होगी. अनावश्यक कार्यो में समय बर्बाद न करें.
शनि की शांति-
उड़द, सरसो के तेल का दान करें.....
तिल...गुड....से बने लड्डू का भोग लगायें....
वृष-
राजकीय कर्मचारियों के लिए नौकरी का वातावरण थोड़ा परेशानी भरा हो सकता है तथा स्थान परिवर्तन के कारण भी परेशान हो सकते हैं. पारंपरिक व धार्मिक कार्यों में आस्था बढ़ेगी. सामाजिक व व्यावसायिक व्यस्तता बढ़ेगी. लाभ के अच्छे अवसर मन को प्रसन्न रखेंगे. सप्ताह के प्रारंभ में आर्थिक क्षेत्र में नयी योजनाओं के क्रियान्वित होने से प्रगति के आसार बढ़ेंगे. शिक्षा-प्रतियोगिता की दिशा में परिश्रम के लिए प्रेरित होगें. जीविका क्षेत्र में परिश्रम का यथोचित लाभ प्राप्त होगा. सप्ताहांत में आलस्य छोड़ परिश्रम का प्रयत्न करें. अपने को किसी रचनात्मक व अच्छे कार्य में लगाएं. रोजगार के अवसर में वृद्धि हो सकती है.
बुध से उत्पन्न कष्ट की शांति के लिए -
गणपति स्त्रोत का जाप करें...
गणेषजी में दूबी चढ़ायें...
राजकीय कर्मचारियों के लिए नौकरी का वातावरण थोड़ा परेशानी भरा हो सकता है तथा स्थान परिवर्तन के कारण भी परेशान हो सकते हैं. पारंपरिक व धार्मिक कार्यों में आस्था बढ़ेगी. सामाजिक व व्यावसायिक व्यस्तता बढ़ेगी. लाभ के अच्छे अवसर मन को प्रसन्न रखेंगे. सप्ताह के प्रारंभ में आर्थिक क्षेत्र में नयी योजनाओं के क्रियान्वित होने से प्रगति के आसार बढ़ेंगे. शिक्षा-प्रतियोगिता की दिशा में परिश्रम के लिए प्रेरित होगें. जीविका क्षेत्र में परिश्रम का यथोचित लाभ प्राप्त होगा. सप्ताहांत में आलस्य छोड़ परिश्रम का प्रयत्न करें. अपने को किसी रचनात्मक व अच्छे कार्य में लगाएं. रोजगार के अवसर में वृद्धि हो सकती है.
बुध से उत्पन्न कष्ट की शांति के लिए -
गणपति स्त्रोत का जाप करें...
गणेषजी में दूबी चढ़ायें...
मिथुन राशि -
इस सप्ताह का प्रारंभ तो आपके लिए सामान्य ही रहेगा किन्तु परिवार में किसी की अस्वस्थता से मन चिन्तित हो सकता है। सामाजिक, आर्थिक मोर्चे पर भी हल्के तौर पर थोडा समस्यायों का सामना करना पड सकता है. धन आगमन की गति पहले से धीमी ही रहेगी. जल्दबाजी में कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय न लें और न ही किसी अति विशेष कार्य को तुरत-फुरत अंजाम दें।
सप्ताह के शुरूआती दिनों की परेशानियों से सबक लेते हुये आपका आत्मिक बल बढेगा और उतरार्ध अवधि में आप मानसिक रूप से बेहद सकून अनुभव करेंगे. भाग्य का अच्छा सहयोग मिलने से आपके अधर में लटके कार्य अनायास ही बनने लगेंगें. परिवार में किसी के स्वास्थ्य को लेकर चली आ रही परेशानी से भी निजात मिलने लगेगी.
उपाय -
(1) पक्षियों को नियमित रूप से दाना डालते रहें
(2) श्री कनकधारा स्त्रोत्र का पाठ करें।
इस सप्ताह का प्रारंभ तो आपके लिए सामान्य ही रहेगा किन्तु परिवार में किसी की अस्वस्थता से मन चिन्तित हो सकता है। सामाजिक, आर्थिक मोर्चे पर भी हल्के तौर पर थोडा समस्यायों का सामना करना पड सकता है. धन आगमन की गति पहले से धीमी ही रहेगी. जल्दबाजी में कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय न लें और न ही किसी अति विशेष कार्य को तुरत-फुरत अंजाम दें।
सप्ताह के शुरूआती दिनों की परेशानियों से सबक लेते हुये आपका आत्मिक बल बढेगा और उतरार्ध अवधि में आप मानसिक रूप से बेहद सकून अनुभव करेंगे. भाग्य का अच्छा सहयोग मिलने से आपके अधर में लटके कार्य अनायास ही बनने लगेंगें. परिवार में किसी के स्वास्थ्य को लेकर चली आ रही परेशानी से भी निजात मिलने लगेगी.
उपाय -
(1) पक्षियों को नियमित रूप से दाना डालते रहें
(2) श्री कनकधारा स्त्रोत्र का पाठ करें।
कर्क राशि -
विद्यार्थियों के लिये यह समय कुछ ठीक नही है. मन में चंचलता बढी रहेगी, स्वभाव में लापरवाही रहेगी. अतः व्यवहार को काबू में रखें अन्यथा परिवार में तनाव रहेगा, धन की कमी भी बनी रहेगी. कारोबार इत्यादि भी मंदी का शिकार रहेगा. संतान के भविष्य संबंधी विषय में निर्णय लेते समय भी विशेष सावधानी रखनी बेहद आवश्यक है. अन्य पारिवारिक सदस्यों का परामर्श ले लेना ही आपके हित में रहेगा. सप्ताहान्त में लाटरी सट्टे शेयर मार्किट इत्यादि के जरिए हानि के योग हैं, इनसे यथा संभव दूरी बनाये रखें. हालाँकि जीवन साथी से मधुर संबंध बने रहेंगे. सप्ताह के उतरार्ध में भ्रमण मनोरंजन के अवसर भी प्राप्त होंगें.
उपाय -
(1) रविवार को उपवास रखें..
(2) गेहूॅ का दान करें।
विद्यार्थियों के लिये यह समय कुछ ठीक नही है. मन में चंचलता बढी रहेगी, स्वभाव में लापरवाही रहेगी. अतः व्यवहार को काबू में रखें अन्यथा परिवार में तनाव रहेगा, धन की कमी भी बनी रहेगी. कारोबार इत्यादि भी मंदी का शिकार रहेगा. संतान के भविष्य संबंधी विषय में निर्णय लेते समय भी विशेष सावधानी रखनी बेहद आवश्यक है. अन्य पारिवारिक सदस्यों का परामर्श ले लेना ही आपके हित में रहेगा. सप्ताहान्त में लाटरी सट्टे शेयर मार्किट इत्यादि के जरिए हानि के योग हैं, इनसे यथा संभव दूरी बनाये रखें. हालाँकि जीवन साथी से मधुर संबंध बने रहेंगे. सप्ताह के उतरार्ध में भ्रमण मनोरंजन के अवसर भी प्राप्त होंगें.
उपाय -
(1) रविवार को उपवास रखें..
(2) गेहूॅ का दान करें।
सिंह-
बढ़ती जिम्मेदारी और कार्य का दबाव तनाव दे सकता है. राजनीति से जुड़े लोगों के लिए अनुकूल वातावरण का लाभ मिलेगा. अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधानी अपेक्षित है. छोटी-छोटी बातों पर क्रोध न करें. सप्ताह के प्रारंभ में यात्रा के कारण कार्य प्रभावित रहेगा. शिक्षार्थियों को ग्रहों की अनुकूलता का लाभ मिलेगा. भौतिक सुख में वृद्धि होगी. व्यवहार कुशलता से संबंधों को प्रगाढ़ बनाएंगे. कार्यक्षेत्र में अनुकूल स्थिति मन को प्रसन्न रखेगी. कार्य का दबाव और लगातार यात्रा से थकान और पेट की तकलीफ संभव.
सूर्य से राहत के लिए....
ऊॅ धृणि सूर्याय नमः का जाप करें....
सफेद फूल, मिठाई का भोग लगायें....
बढ़ती जिम्मेदारी और कार्य का दबाव तनाव दे सकता है. राजनीति से जुड़े लोगों के लिए अनुकूल वातावरण का लाभ मिलेगा. अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधानी अपेक्षित है. छोटी-छोटी बातों पर क्रोध न करें. सप्ताह के प्रारंभ में यात्रा के कारण कार्य प्रभावित रहेगा. शिक्षार्थियों को ग्रहों की अनुकूलता का लाभ मिलेगा. भौतिक सुख में वृद्धि होगी. व्यवहार कुशलता से संबंधों को प्रगाढ़ बनाएंगे. कार्यक्षेत्र में अनुकूल स्थिति मन को प्रसन्न रखेगी. कार्य का दबाव और लगातार यात्रा से थकान और पेट की तकलीफ संभव.
सूर्य से राहत के लिए....
ऊॅ धृणि सूर्याय नमः का जाप करें....
सफेद फूल, मिठाई का भोग लगायें....
कन्या राशि -
इस सप्ताह आप आंतरिक स्तर पर अति क्रियाशील रहेंगे, आपके शत्रु इस सप्ताह आपका कुछ नहीं बिगाड पायेंगे. आपको पूर्वकालिक समय से अभी तक जिन भी व्यवहारिक कठिनाईयों का सामना करना पड रहा था, उनको आप साम-दाम दंड-भेद इत्यादि कैसी भी नीति अपनाते हुये निपटा सकने में कामयाब रहेंगें. कुल मिलाकर इस सप्ताह आप अपने व्यवहारिक उद्देश्य को प्राप्त करने में सक्षम रहेंगे. हालाँकि सप्ताह के उतरार्ध में आपको थोडी परेशानियों का सामना अवश्य करना पड सकता है. पीठ,रीढ की हड्डी अथवा पाँव आदि में दर्द से संबंधित व्याधि पीडा का कारण बन सकती है. भाई-बन्धुओं की ओर से भी थोडा परेशानी रहेगी. कोर्ट कचहरी के मामलों में धन का अपव्यव होना संभावित है. अंक तीन से संबंधित प्रभाव हावी रहेगा.
उपाय -
(1) भगवान सूर्यदेव को रौली एवं कुशा मिश्रित जल से अर्घ्य दिया करें.
(2) चाँदी का चैकोर टुकडा सदैव अपने पास रखें.
इस सप्ताह आप आंतरिक स्तर पर अति क्रियाशील रहेंगे, आपके शत्रु इस सप्ताह आपका कुछ नहीं बिगाड पायेंगे. आपको पूर्वकालिक समय से अभी तक जिन भी व्यवहारिक कठिनाईयों का सामना करना पड रहा था, उनको आप साम-दाम दंड-भेद इत्यादि कैसी भी नीति अपनाते हुये निपटा सकने में कामयाब रहेंगें. कुल मिलाकर इस सप्ताह आप अपने व्यवहारिक उद्देश्य को प्राप्त करने में सक्षम रहेंगे. हालाँकि सप्ताह के उतरार्ध में आपको थोडी परेशानियों का सामना अवश्य करना पड सकता है. पीठ,रीढ की हड्डी अथवा पाँव आदि में दर्द से संबंधित व्याधि पीडा का कारण बन सकती है. भाई-बन्धुओं की ओर से भी थोडा परेशानी रहेगी. कोर्ट कचहरी के मामलों में धन का अपव्यव होना संभावित है. अंक तीन से संबंधित प्रभाव हावी रहेगा.
उपाय -
(1) भगवान सूर्यदेव को रौली एवं कुशा मिश्रित जल से अर्घ्य दिया करें.
(2) चाँदी का चैकोर टुकडा सदैव अपने पास रखें.
तुला-
समय बड़ा मूल्यवान है. अतः इसे व्यर्थ जाया न होने दें. अत्याधिक भागदौड़ से व्यवहार में खिन्नता दिखाई देेगा. कुछ प्रयासरत् क्षेत्रों में मनोवांछित सफलता की प्राप्ति होगी. लंबी दूरी की यात्रा का योग है. कुछ नई शंकाएं पुराने संबंधों में कटुता पैदा कर सकती हैं. व्यावसायिक व्यस्तता से निजी जरूरतों के प्रति समयाभाव आड़े आएगा. सोमवार एवं बुधवार को स्वास्थ्य में छोटी-मोटी परेशानियां संभव. बढ़ती जिम्मेदारियों की पूर्ति हेतु समुचित साधन व्यवस्था के लिए मन चिंतित होगा. परिवार में किसी श्रेष्ठजन की अस्वस्थता संभव. शुक्रवार एवं शनिवार को प्रयासरत क्षेत्रों में सफलता मिलेगी. रोजगार क्षेत्र में प्रयत्न सार्थक होंगे.
केतु से बचाव के लिए -
नारियल...मिष्ठान चढ़ायें....
गाय...कुत्ता को आहार खिलायें...
समय बड़ा मूल्यवान है. अतः इसे व्यर्थ जाया न होने दें. अत्याधिक भागदौड़ से व्यवहार में खिन्नता दिखाई देेगा. कुछ प्रयासरत् क्षेत्रों में मनोवांछित सफलता की प्राप्ति होगी. लंबी दूरी की यात्रा का योग है. कुछ नई शंकाएं पुराने संबंधों में कटुता पैदा कर सकती हैं. व्यावसायिक व्यस्तता से निजी जरूरतों के प्रति समयाभाव आड़े आएगा. सोमवार एवं बुधवार को स्वास्थ्य में छोटी-मोटी परेशानियां संभव. बढ़ती जिम्मेदारियों की पूर्ति हेतु समुचित साधन व्यवस्था के लिए मन चिंतित होगा. परिवार में किसी श्रेष्ठजन की अस्वस्थता संभव. शुक्रवार एवं शनिवार को प्रयासरत क्षेत्रों में सफलता मिलेगी. रोजगार क्षेत्र में प्रयत्न सार्थक होंगे.
केतु से बचाव के लिए -
नारियल...मिष्ठान चढ़ायें....
गाय...कुत्ता को आहार खिलायें...
वृश्चिक-
इस सप्ताह आप पिछले दिनों जिन परेशानी से गुजर रहे थे और उसके कारण जो मानसिक तनाव हो रहा था, आप उनसे उबरने का प्रयास करेंगे और उसमे सफल भी होंगे। आय के नए साधन मिलेंगे और इच्छा की पूर्ति भी होगी। मीडिया और इलेक्ट्रोनिक क्षेत्र में नए साधन मिलेंगे। प्रशासन के कार्यों में बदलाव संभव है आय के साथ साथ खर्चो में भी वृद्धि होगी और संतान के व्यवहार और अनुशासनहिनता से परेशान रह सकते हैं। किसी अपने के स्वास्थ्य खराब होने के कारण दवाई या अस्पताल पर खर्चा हो सकता है। पारिवारिक और व्यावसायिक रिश्तों में सामंजस्य बिठाना होगा।
शांति के लिए चंद्रमा के निम्न उपाय करें -
1. उॅ नमः शिवाय का जाप करें...
2. दूध, चावल का दान करें...
3. श्री सूक्त का पाठ करें धूप तथा दीप जलायें...
धनु-
एक साथ ढेर सारी जिम्मेदारियाॅ और अवरोध परेशान कर सकती हैं. अवरोधित कार्यो के समाधान नहीं होने से व्यस्थित हो सकते हैं. शिक्षार्थियों का मन पढ़ाई में केंद्रित नही होगा. पुरानी समस्याओं के पुनः उभरने के आसार बनेंगे. महत्वपूर्ण क्षेत्रों में समुचित परिश्रम करने में असमर्थ होने से तनाव संभव. सप्ताहांत में स्थिति में थोड़ा परिवर्तन होने से स्थिति में बदलाव होने के आसार होंगे. स्वास्थ्यगत कष्ट के कारण कार्य प्रभावित हो सकता है.
शुक्र के कष्टों की निवृत्ति के लिए -
माता का दूध दही चढ़ायें....
दुर्गासप्तशती का पाठ करें.....
इस सप्ताह आप पिछले दिनों जिन परेशानी से गुजर रहे थे और उसके कारण जो मानसिक तनाव हो रहा था, आप उनसे उबरने का प्रयास करेंगे और उसमे सफल भी होंगे। आय के नए साधन मिलेंगे और इच्छा की पूर्ति भी होगी। मीडिया और इलेक्ट्रोनिक क्षेत्र में नए साधन मिलेंगे। प्रशासन के कार्यों में बदलाव संभव है आय के साथ साथ खर्चो में भी वृद्धि होगी और संतान के व्यवहार और अनुशासनहिनता से परेशान रह सकते हैं। किसी अपने के स्वास्थ्य खराब होने के कारण दवाई या अस्पताल पर खर्चा हो सकता है। पारिवारिक और व्यावसायिक रिश्तों में सामंजस्य बिठाना होगा।
शांति के लिए चंद्रमा के निम्न उपाय करें -
1. उॅ नमः शिवाय का जाप करें...
2. दूध, चावल का दान करें...
3. श्री सूक्त का पाठ करें धूप तथा दीप जलायें...
धनु-
एक साथ ढेर सारी जिम्मेदारियाॅ और अवरोध परेशान कर सकती हैं. अवरोधित कार्यो के समाधान नहीं होने से व्यस्थित हो सकते हैं. शिक्षार्थियों का मन पढ़ाई में केंद्रित नही होगा. पुरानी समस्याओं के पुनः उभरने के आसार बनेंगे. महत्वपूर्ण क्षेत्रों में समुचित परिश्रम करने में असमर्थ होने से तनाव संभव. सप्ताहांत में स्थिति में थोड़ा परिवर्तन होने से स्थिति में बदलाव होने के आसार होंगे. स्वास्थ्यगत कष्ट के कारण कार्य प्रभावित हो सकता है.
शुक्र के कष्टों की निवृत्ति के लिए -
माता का दूध दही चढ़ायें....
दुर्गासप्तशती का पाठ करें.....
मकर-
कार्यक्षेत्र में अच्छी सफलताओं के अवसर बनेंगे और कार्यकुशलता व प्रतिभा का से कार्य में सफलता प्राप्त करेंगे. पारिवारिक वातारण से भावनात्मक असंतुष्टि संभव. सामाजिक कार्यों व संबंधों के निर्वहन में सक्रिय होने से लोकप्रियता बढ़ेगी. अनियोजित कार्यप्रणाली से आय-व्यय में असंतुलन पैदा होगा. महत्वपूर्ण व संवेदनशील स्थिति में बचकाना स्वभाव कार्यक्षेत्र में छवि को प्रभावित कर सकता है. अतः व्यवहार में संतुलन लाने की जरूरत है. नौकरी में किसी सहकर्मी से मतभेद संभव. सप्ताह के अंत में शिक्षा-प्रतियोगिता की दिशा में किये गये प्रयत्न सार्थक होंगे. पारिवारिक वातावरण सुखद होगा.
शनि के निम्न उपाय आजमायें-
ऊॅ शं शनैष्चराय नमः का जाप करें...
काली चीजों का दान करें...
कार्यक्षेत्र में अच्छी सफलताओं के अवसर बनेंगे और कार्यकुशलता व प्रतिभा का से कार्य में सफलता प्राप्त करेंगे. पारिवारिक वातारण से भावनात्मक असंतुष्टि संभव. सामाजिक कार्यों व संबंधों के निर्वहन में सक्रिय होने से लोकप्रियता बढ़ेगी. अनियोजित कार्यप्रणाली से आय-व्यय में असंतुलन पैदा होगा. महत्वपूर्ण व संवेदनशील स्थिति में बचकाना स्वभाव कार्यक्षेत्र में छवि को प्रभावित कर सकता है. अतः व्यवहार में संतुलन लाने की जरूरत है. नौकरी में किसी सहकर्मी से मतभेद संभव. सप्ताह के अंत में शिक्षा-प्रतियोगिता की दिशा में किये गये प्रयत्न सार्थक होंगे. पारिवारिक वातावरण सुखद होगा.
शनि के निम्न उपाय आजमायें-
ऊॅ शं शनैष्चराय नमः का जाप करें...
काली चीजों का दान करें...
कुंभ-
आर्थिक सुदृढ़ता हेतु नई योजनाओं पर कार्य केंद्रित होगा. नौकरी के क्षेत्र में अनवरत् असफलता से मन खिन्न होगा. श्रेष्ठजन या अभिभावक से भावनात्मक कष्ट संभव. प्रयासरत् क्षेत्रों में कुछ अवरोधों का सामना करना पड़ेगा. महत्वपूर्ण दायित्वों की कुशल पूर्ति हेतु मन में चिंता संभव. भौतिक सुख-साधनों को जुटाने के लिए मन चिंतित होगा. सप्ताह मध्य में वाकपटुता व कार्यकुशलता से लोकप्रियता बढ़ेगी. उच्चस्तरीय संबंधों का लाभ मिलेगा. राजनीति से जुड़े के लिए समय विशेष लाभदायक होगा.
शंकरजी के मंदिर दर्षन करें....
महिला को मीठा खिलायें...
मीन -
इस सप्ताह आप जीवनसाथी या अपने पार्टनर मामलों में ही उलझे रहेगे और उसके कारण आपके कार्यों में बाधा उत्पन्न होगी। पूर्व में लिए गए निर्णय अथवा किये हुए कार्यों में थोडा बदलाव करना होगा और आपको उसमे सफलता भी मिलगी। किसी अनजान व्यक्ति की मदद से कार्यों में नया रूप मिलेगा। व्यवहार में बदलाव आएगा, या लाना होगा, जिससे ही आपको विशेष सफलता तथा यश प्राप्त होगा। वाहन चलाते समय एकाग्रचित रहें और कार्य के मामलों में लेन-देन से संबंधित मामलों पर किसी पर विश्वास न करे! किसी भी तरह की परेशानी मानसिक कष्ट का कारण हो सकती है। इस सप्ताह आप विशेषकर विवाद और पार्टनरशीप में सावधानी रखें।
बचने के लिए शांति के लिए -
1. ऊॅ शुं शुक्राय नमः का जाप करें...
2. माॅ महामाया के दर्शन करें...
3. चावल, दूध, दही का दान करें...
आर्थिक सुदृढ़ता हेतु नई योजनाओं पर कार्य केंद्रित होगा. नौकरी के क्षेत्र में अनवरत् असफलता से मन खिन्न होगा. श्रेष्ठजन या अभिभावक से भावनात्मक कष्ट संभव. प्रयासरत् क्षेत्रों में कुछ अवरोधों का सामना करना पड़ेगा. महत्वपूर्ण दायित्वों की कुशल पूर्ति हेतु मन में चिंता संभव. भौतिक सुख-साधनों को जुटाने के लिए मन चिंतित होगा. सप्ताह मध्य में वाकपटुता व कार्यकुशलता से लोकप्रियता बढ़ेगी. उच्चस्तरीय संबंधों का लाभ मिलेगा. राजनीति से जुड़े के लिए समय विशेष लाभदायक होगा.
शंकरजी के मंदिर दर्षन करें....
महिला को मीठा खिलायें...
मीन -
इस सप्ताह आप जीवनसाथी या अपने पार्टनर मामलों में ही उलझे रहेगे और उसके कारण आपके कार्यों में बाधा उत्पन्न होगी। पूर्व में लिए गए निर्णय अथवा किये हुए कार्यों में थोडा बदलाव करना होगा और आपको उसमे सफलता भी मिलगी। किसी अनजान व्यक्ति की मदद से कार्यों में नया रूप मिलेगा। व्यवहार में बदलाव आएगा, या लाना होगा, जिससे ही आपको विशेष सफलता तथा यश प्राप्त होगा। वाहन चलाते समय एकाग्रचित रहें और कार्य के मामलों में लेन-देन से संबंधित मामलों पर किसी पर विश्वास न करे! किसी भी तरह की परेशानी मानसिक कष्ट का कारण हो सकती है। इस सप्ताह आप विशेषकर विवाद और पार्टनरशीप में सावधानी रखें।
बचने के लिए शांति के लिए -
1. ऊॅ शुं शुक्राय नमः का जाप करें...
2. माॅ महामाया के दर्शन करें...
3. चावल, दूध, दही का दान करें...
Sunday 12 March 2017
रत्न और स्वास्थ्य
औषधि मणि मंत्राणां-ग्रह नक्षत्र तारिका। भाग्य काले भवेत्सिद्धिः अभाग्यं निष्फलं भवेत्।। अर्थात- औषधि, रत्न एवं मंत्र ग्रह जनित रोगों को दूर करते हैं। यदि समय सही है तो इनसे उपयुक्त फल प्राप्त होते हैं। लेकिन विपरीत समय में ये भी निष्फल हो जाते हैं। रत्न प्रकृति द्वारा प्रदत्त एक मूल्यवान निधि है। रत्न शब्द का प्रथम प्रमाण ऋग्वेद के श्लोक में मिलता है। रत्न न केवल सौन्दर्य का प्रतीक है वरन यह चिकित्सा पद्धति का भी अंग है। इसका उल्लेख आयुर्वेद की प्रसिद्ध पुस्तक चरक संहिता में हुआ है। आयुर्वेद के अनुसार रोगनाश करने की जितनी क्षमता औषधि सेवन में है उसी के समान रत्न धारण करने में भी है। आचार्य दण्डी रत्न की विशेषता बताते हुए कहते हंै- अचिन्त्यों ही मणिमंत्रौषधीनां प्रभावाः। रत्नों में सौन्दर्य ही नहीं, औषधीय प्रभाव भी होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रोगों की उत्पत्ति अनिष्ट ग्रहों के प्रभाव से एवं पूर्वजन्म के अवांछित संचित कर्मों के प्रभाव से बताई गई है। अनिष्ट ग्रहों के निवारण के लिए पूजा, पाठ, मंत्र जाप, यंत्र धारण, विभिन्न प्रकार के दान एवं रत्न धारण आदि साधन ज्योतिष शास्त्र में उल्लिखित हैं। लग्न संपूर्ण कुण्डली की पृष्ठभूमि होता है। इसके द्वारा व्यक्ति के गुणों व अवगुणों का अवलोकन करने में सहायता प्राप्त होती है। यह व्यक्ति के शरीर, शरीर की बनावट, व्यक्तित्व, स्वभाव और रुप की व्याख्या करता है। इससे रोगों का भी विचार किया जाता है। इसलिए अपने स्वास्थ्य सुख को बनाए रखने और निरोगी रहने के लिए लग्नेश का रत्न धारण करना विशेष रुप से शुभ रहता है। लग्नेश का रत्न धारक के शरीर को बल प्रदान करता है। सभी मनुष्यों को उनकी लग्नानुसार कुछ रोग अधिक होने की संभावना रहती है। आईये जानते हैं कि स्वयं को रोगमुक्त रखने के लिए आप कौन सा रत्न धारण करें, जिससे होने वाले रोग शारीरिक कष्ट का कारण न बन सकें। मेष लग्न: आपकी लग्न का स्वामी मंगल है। आपको थकान और सिर दर्द शीघ्र परेशान करता है तथा पाचन तंत्र विकार और नेत्र रोगों से ग्रसित रहना पड़ता है। सर्वप्रथम आपको सदैव स्वस्थ बने रहने के लिए मंगल रत्न मूंगा जीवन भर के लिए धारण करना चाहिए। मूंगा रक्त विकार दूर करता है। रक्तचाप को नियंत्रित रखने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अतिरिक्त मूंगे के साथ मोती एवं पुखराज धारण करें। मोती आपको मानसिक तनाव में और पुखराज आपको लिवर समस्याओं से बचाएगा। वृष लग्न: आपका लग्नेश शुक्र है। आपको गले, नाक और छाती के रोग हो सकते हैं तथा भोजन में अशुद्धता के कारण उल्टी, दस्त और पेट में जलन की समस्या आपको सामान्य रुप से हो सकती है। साथ ही आपके उच्च अथवा निम्न रक्तचाप से भी पीड़ित होने की संभावनाएं बनी रहती हैं। अतः आप हीरा रत्न धारण कर अपने स्वास्थ्य को सकारात्मक बनाए रखें। आप हीरे के साथ पन्ना भी पहनें। पन्ना आपको त्वचा रोग व रक्तचाप से मुक्ति और स्वस्थ बनाए रखेगा। मिथुन लग्न: बुध आपकी लग्न के स्वामी हैं। आपको गैस, चर्म रोग और अपच की शिकायत प्रायः होगी। इसके अलावा जीवन में पक्षाघात, मिर्गी, श्वांसनली और अस्थमा रोगों से बचने का प्रयास करना चाहिए। बुध रत्न पन्ना धारण करना आपके स्वास्थ्य को उत्तम बनाए रखेगा। स्वास्थ्य सुख के लिए पन्ना रत्न के साथ हीरा व नीलम भी धारण करें । हीरा रत्न आपको मधुमेह और नीलम आपको गठिया रोगों से बचाएगा। कर्क लग्न: आपके लग्न का स्वामी चंद्र है। आपको खांसी, जुकाम, छाती में दर्द, ज्वर रोग भी समय-समय पर कष्ट देते रहते हंै। आपका पाचन तंत्र शीघ्र खराब हो जाता है। आप आजीवन मोती रत्न धारण करें, साथ-साथ आप मूंगा और पुखराज भी धारण करें। यह हृदय, दिमागी व रक्त विकारों को दूर रखने में सहयोग करेगा। इसके अतिरिक्त पुराना दमा, किडनी, हैजा आदि रोग और स्त्रियों को माहवारी में भी कष्ट से राहत मिलती है। सिंह लग्न: आपके लग्न का स्वामी सूर्य है। आपको रक्त विकार, रक्त स्राव और रक्त की कमी जैसे रोग हो सकते हंै। इसके अतिरिक्त आपको पीठ, कमर एवं जोड़ों के दर्द भी शीघ्र अपने प्रभाव में ले सकते हैं अतः सूर्य रत्न माणिक्य धारण करना आपके स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद रहेगा। इस रत्न की शुभता से आपका अस्थितंत्र मजबूत होगा और ह्रदय गति पहले से अच्छी होगी। कन्या लग्न: आपके लग्न का स्वामी बुध है। आपको उदर रोग, छोटी और बड़ी आंत, कमर दर्द और अनिद्रा जैसे रोगों के कारण स्वास्थ्य विकारों का सामना करना पड़ता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आप पन्ना धारण करें। इसे धारण करने से मानसिक रोग आपको अधिक कष्ट नहीं दे पायेंगे। इसके साथ-साथ नीलम रत्न आपको जोड़ों के दर्द में राहत देगा। तुला लग्न: आपके लग्न का स्वामी शुक्र है। जनेन्द्रियों, कमर, नाभि से संबंधित रोगों के कारण आपका स्वास्थ्य कष्टमय हो सकता है। लग्नेश शुक्र का हीरा रत्न धारण करने से आपके स्वास्थ्य सुख में वृद्धि होगी। यह रत्न थायराॅइड को भी शीघ्र दूर करने में सहयोग करेगा। आपके लिए नीलम एवं पन्ना रत्न धारण करना भी उत्तम रहेगा। पन्ना रत्न आपको एलर्जी और नीलम रत्न आपके गठिया रोगों में कमी करेगा। वृश्चिक लग्न: आपके लग्न का स्वामी मंगल है। आपको रक्त चाप, सिर दर्द व मानसिक अशांति हो सकती है। स्वयं को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आप मूंगा धारण करें। यह रत्न आपके रक्त एवं हृदय विकारों को दूर करेगा। साथ ही आप पुखराज और मोती भी धारण करें। पुखराज आपको मांसपेशियों से संबंधित और मोती आपके मानसिक व नेत्र रोगों का निवारण करेगा। धनु लग्न: आपके लग्न का स्वामी गुरु है। आपको कूल्हे, जांघ और मांसपेशियों में खिंचाव जैसी परेशानियां बार-बार हो सकती हैं। साथ ही मोटापा भी आपको रोग्रग्रस्त कर सकता है। इसलिए आप पुखराज रत्न धारण करें। पुखराज की शुभता से आपको लिवर, जिगर व पेट के रोगों से राहत मिलेगी। इसके साथ माणिक्य भी धारण करें। माणिक्य आपको रक्त चाप व हृदय रोग से बचाएगा। मकर लग्न: आपके लग्न का स्वामी शनि है। आपको गठिया, रक्त विकार, चर्म रोगों से पीड़ित होने के योग बनते हंै। शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आप शनि रत्न नीलम धारण करें। इसके साथ ही नीलम रत्न आपको दिमागी रोगों और निराशा से भी मुक्त करेगा। इसके अतिरिक्त हीरा एवं पन्ना रत्न भी धारण करें। हीरा आपको जननेन्द्रिय संबंधी रोग और पन्ना आपको गुर्दा रोग व एलर्जी में रक्षा करेगा। कुंभ लग्न: आपके लग्न का स्वामी शनि है। आपको पैरों से संबंधित रोग, नेत्र रोग व रक्त विकार दे सकता है। इसके साथ ही इसके कारण आपको शुगर एवं पेट के रोग परेशान कर सकते हैं। रोगों में कमी करने के लिए आप नीलम रत्न धारण करें। साथ ही आप पन्ना और हीरा रत्न भी पहनें। पन्ना आपको आंत के रोगों और हीरा आपको थायराॅइड जैसे रोगों में लाभ देगा। मीन लग्न: आपके लग्न का स्वामी गुरु है। आपको संक्रामक रोग, मानसिक तनाव एवं मोटावा परेशान कर सकता है। इसके अतिरिक्त लिवर के रोग भी आपको कष्ट देंगे। लग्नेश गुरु का पुखराज रत्न धारण करना आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहेगा। इसके साथ ही आप मोती और मूंगा भी धारण कर स्वयं को निरोगी रख सकते हैं। मोती रत्न आपको दमा और मूंगा आपको रक्त संबंधी रोगों को दूर करने में सहयोग करेगा। रोग ग्रह रत्न, धातु एवं अंगुली बवासीर चंद्र मरियम, स्वर्ण, कनिष्ठा गुर्दा रोग बुध किडनी स्टोन, स्वर्ण, अनामिका हृदय रोग, रक्तचाप सूर्य अंबर, स्वर्ण, अनामिका पेट के रोग सूर्य माणिक्य, स्वर्ण, अनामिका मानसिक अवसाद चंद्रमा मोती, स्वर्ण, कनिष्ठा मधुमेह शुक्र सफेद मूंगा, स्वर्ण, अनामिका दमा केतु टाइगर आई, पंचधातु, अनामिका संतान बाधा, स्त्री कुंडली राहु गोमेद, अष्टधातु, मध्यमा संतान बाधा, पुरूष कुंडली केतु टाइगर आई, पंचधातु, अनामिका थायराॅइड शुक्र ओपल, स्वर्ण, अनामिका एलर्जी, पिंत्त विकार बुध ओनेक्स, स्वर्ण, अनामिका मतिभ्रम राहु गोमेद, अष्टधातु, मध्यमा सिर दर्द शनि चुंबक, तांबा, मध्यमा रक्त की कमी मंगल, गुरु मूंगा, अनामिका, पुखराज, तर्जनी, स्वर्ण नेत्र रोग सूर्य माणिक्य, स्वर्ण, अनामिका गठिया शनि एक्वामरिन, अष्टधातु, मध्यमा कैंसर शनि, राहु नीलम, गोमेद, अष्टधातु, मध्यमा रोग का निदान न होने पर सभी ग्रह नवरत्न, स्वर्ण, तर्जनी |
शिक्षा में अवरोध: ज्योतिष्य तथ्य
शिक्षा में अवरोध पैदा करने वाले योग बुद्धि भावगताः क्रूराः शत्रुग्रहसमाश्रिताः। नीचराशिगताश्चैव मूर्खो वै मनुजो भवेत्।। - पंचम स्थान में क्रूर ग्रह शत्रु ग्रह से युक्त हो और नीच राशिगत हो, तो व्यक्ति मूर्ख (बुद्धिहीन) होता है, अर्थात शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकता है। - पंचमेश यदि छठे, आठवें या बारहवें स्थान में हो अथवा पंचमेश पाप ग्रहों के साथ हो, तो विद्या भंग योग बनता है। ऐसे जातक के अध्ययन में बाधा अवश्य आती है, विशेष कर उन पाप ग्रहों की दशा-अंर्तदशा में, जिनसे युति हो रही हो। ऐसे योग से जातक को परीक्षा या प्रतियोगिता में सफलता नहीं मिलती है। लग्ने चन्द्रे मन्दारदृष्टे हीनधीः। मन्दारार्काश्चन्द्र पश्यन्ति मौख्र्यकराः।। - लग्न में चंद्रमा तथा उसे शनि, मंगल देखें या चंद्रमा कहीं भी स्थित हो और शनि, मंगल तथा सूर्य देखें, तो जातक मंद बुद्धि होता है। - कुंडली में बुध कमजोर स्थिति में हो तथा द्वितीयेश या द्वितीय भाव पर क्रूर ग्रहों की दृष्टि तथा युति हो, साथ में चंद्रमा की स्थिति वृश्चिक राशि में हो, तो जातक का मस्तिष्क अस्थिर रहता है तथा उसका शिक्षा में मन नहीं लगता है। - पंचम भाव से एकादश पर्यंत पूर्ण काल सर्प योग हो, तो शिक्षा में बाधा उत्पन्न होती है। - दूसरे भाव का स्वामी सूर्य के साथ युति कर के, 6, 8, 12 वें भाव को छोड़ कर, कहीं भी बैठा हो और शनि, राहु की कुदृष्टि पड़ रही हो, तो विद्या प्राप्ति में रुकावटें आती हैं। - पंचम स्थान का स्वामी पापाक्रांत हो और शनि पांचवें स्थान में स्थित हो कर लग्नपति को देख रहा हो, तो जातक को शिक्षा के क्षेत्र में अवरोध प्राप्त होते हैं। सरस्वती प्रयोग से सफलता भगवती सरस्वती देवी विद्या, बुद्धि, मेधा, तर्कशक्ति एवं समस्त ज्ञान-विज्ञान की अधिष्ठात्री शक्ति हैं। इन्हें महासरस्वती, नील सरस्वती आदि नामों से जाना जाता है। हमारे ग्रंथों में अनादि काल से अनेक नाम- रूपों से इनकी उपासना पद्धतियां प्रचलित रही हैं। वेदों तथा आगम ग्रंथों में सरस्वती की उपासना से संबंधित अनेक मंत्र, स्तोत्र भरे हुए हैं। उनमंे सरस्वती रहस्योपनिषद्, शारदा तिलक आदि ग्रंथ विशेष रूप से महत्व रखते हैं। यहां सरस्वती देवी की कृपा प्राप्ति हेतु कुछ सरल मंत्र, विद्यार्थी वर्ग के लाभार्थ, दिये जा रहे हैं: सरस्वती मंत्र ¬ ह्रीं सरस्वत्यै नमः। ¬ ऐं नमः। ¬ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सरस्वत्यै बुधजनन्यै स्वाहा। ¬ ऐं नमः भगवती वद-वद वाग्देवी स्वाहा। ¬ ह्रीं ऐं सरस्वत्यै नमः। ज्योतिषीय परिप्रेक्ष्य में सरस्वती प्रयोग कब करें - जब शिक्षा में अवरोध पैदा हो रहे हों। - अधिक परिश्रम करने पर भी परीक्षा में अच्छे अंकों की प्राप्ति न हो रही हो। - पंचम भाव तथा पंचमेश पर पड़ने वाले या युति करने वाले अशुभ (क्रूर) ग्रहों की महादशा तथा अंतर्दशा में। - परीक्षा तथा प्रतियोगिता में सफलता प्राप्ति हेतु। विद्या तथा परीक्षा/प्रतियोगिता में सफलता हेतु क्या करें -किसी विद्वान ज्योतिषी की सलाह पर पंचमेश का रत्न, मुद्रिका में जड़वा कर, नील सरस्वती मंत्र से पूरित कर, धारण करें। - प्राण प्रतिष्ठायुक्त ‘सरस्वती यंत्र’ की स्थापना कर नित्य दर्शन एवं किसी भी सरस्वती मंत्र का 1, 2 या 5 माला जाप करें तथा नित्य नील सरस्वती स्तोत्र का पाठ करें। - अच्छे परिणामों तथा शीघ्र सफलता हेतु, सरस्वती की पूजा के साथ-साथ, किसी कर्मकांडी विद्वान से गणेश जी के श्री विग्रह पर ‘गणपत्यथर्वशीर्षम्’ के मंत्रों से जलाभिषेक करें, तो आशातीत सफलता प्राप्त होती है। क्रूर ग्रहों की शांति कराएं, जिनकी युति, या दृष्टि से पंचम भाव या पंचमेश को हानि मिल रही हो। - उन महादशा, या अंतर्दशा से संबंधित ग्रहों की शांति कराएं, जिनसे विद्या भाव तथा विद्या भाव के स्वामी को हानि मिल रही हो।
Pisces March 2017 Monthly Horoscope Prediction
A new job or business opportunity knocks at your doors, albeit briefly, on 1st or 2nd. Take quick action, but don’t promise anything. Finding this advice paradoxical? Don’t neglect your health on 4th and 5th. You need right sort of energy now, as 6th and 7th will bring some fresh insights and interesting moments. Mercury along with Sun placed in your Sign is about to supercharge your intuition and activate your imagination. Visualise what you want in future. You never know what may come true! Be careful, though, while handling money matters. Waiting to show some of your stuff to your boss and get appreciation on 11th? Wait, and don’t get frustrated, if you don’t get a chance. On 13th, you may be planning a lot. Great, but don’t lose your grip from the reality. Someone special or close may hurt your feelings on 16th. Well, try not to feel so low. Tell them, what you don’t like. Don’t let this pain weaken you. Mars’ movement to Taurus will help ease off pressures from the financial front. Mercury also moves to Aries. By 19th and 20th, you will be feeling way better. Work will take the centre-stage, or should we say, you will prefer to immerse yourself in work. Either way, you cannot afford to ignore your health and fitness regimes. Self discipline will help you too, and so shall some spiritual and creative pursuits. 24th may bring a new career move or work responsibility. Take up the challenge, but if you are really not upto it, don’t hesitate in saying no. Or, let the offering party wait for your answer. Take time out to rest and relax on 25th and 26th. Too many good ideas may augur confusion and uncertainty on 27th and 28th. Keep a tight leash on your expenses and financial matters. Early next month will be a good time to start repaying your debts.
Career Aspects-Those working in the service sector may be keen to look out for an exposure to show off their hidden talents and skills. Very soon you will be given a platform to show case your talents. Though the tasks assigned to you will be challenging, you must accept it. Now is the time to show your worth. Work on the task at hand with determination. Those in business need to be creative and do things differently, rather than do it in a traditional way. All deals must be negotiated with tact.
Finance issues-You will have to take effective measures to handle matters related to finance very cautiously. As the time is not favorable, business people should avoid making any major investment. As Mars shifts its position, things will ease for you and you will now be free from financial tension. You will be guided by your own instincts to plan your finances in a profitable way. You will now have enough monetary gains. Avoid taking risks for making some money through unethical means. Towards the end of the month, you will have to repay your debts.
Health issues-This month will be troublesome for those prone to slow digestion and blood pressure. Take due preventive measures to deal with the issue well in advance. Consult a physician and ask for a change in your medication. Avoid eating spicy and oily food. Eating out should be totally avoided. Stretching exercise and drinking cold water can soothe the problem. Caffeine and alcohol should be also avoided. Those having pressure problems must be calm at all times and avoid taking any stress. Others will not have any major illness to be worried of.
Saturday 11 March 2017
Aquarius March 2017 Monthly Horoscope Prediction
Ones in jobs may wish to change their job, this month. The conditions at the work place may be a reason, or you may be looking for better prospects and salary. Well, keep trying, as planets seem to be supportive. Short terms travels will bring good gains. 4th will be a good time to connect with old friends. There will be a lot happening on the personal and social front, post 5th. Most of it will be pleasant and positive. On 11th and 12th, partying and meeting friends will keep you busy, thanks to the nicely aligned Mars and Venus. Pushing too early for physical intimacy in a close bond may lead to irreconcilable differences, though. On 13th and 14th, it’s your health that needs care. Are you suffering from mineral deficiencies? Watch out! Take a little break,e if you can. 16th brings a burst of energy on financial and professional front. Ensure you are in top shape, before you embark on a new project. Mercury now shifts into the action oriented Aries. This will let you think clearly. Influence of Mars over the 10th House from your Sign will reveal professional opportunities. New ones in the job market will get more offers. On 21st, Sun gets stationed in its Sign of exaltation, fiery Aries. Limelight gets trained on you. Pressfure shall ease considerably. A new relationship awaits you – if you are interested, that is. This relation may also pertain to your professional and social life. Go slow! Saturn posited in the 11th House from your Sign is a good indicator for accruing monetary gains. However, don’t let your success get to your head. At this time, you may be arrogant, or may end up being caustic in your behaviour. Well, this is absolutely unsightly! Last week of the month, starting 27th signals a note of caution for you. Be careful of people you meet, especially when you are travelling. Someone may mislead you. Doubly check the credentials of new friends, associates and clients. Month-end, thankfully, beings another short burst of planetary support. Take quick action!
Career Aspects-Are you suffocated in your current workplace? Well, it is the right time to move out and search for a new job and a fresh opportunity. Your planets will help you to land a better job. Influence of Mars over the tenth house will show you more opportunities to work upon. Fresher will be fortunate as they will get the job of their dreams. Those in business will be eager to explore new market and increase their customers. Options to showcase your efficiency will increase.
Finance issues-It will be a comfortable month as far as financial matters are concerned. However, the monetary gains that you stand to earn will not stay with you for long as there will be unexpected expenses to incur on your family. With limited monetary gain, you will have to make a list of the important things to spend on. This will cause you to manipulate ways to earn more profits. Your stars will guide you in making a plan to increase your income. You will become stable only at the end of the month. But you must save.
Health issues-Be ready to feel energetic as your planets foretell a healthy robust month for you. There will be no major threat to your health. You will radiate with positive energy that will push you to work efficiently without getting exhausted. Only those prone to calcium deficiency and low immunity levels will have some minor issues. Those with respiratory issues just need to take all necessary precautions to keep problems at bay. Alternative therapy can root out the issues and give you the much need respite.
Friday 10 March 2017
Capricon March 2017 Monthly Horoscope Prediction
The month of March begins on a slightly chaotic note. Carry on unperturbed, instead of trying to settle everything down. Remember, you can only balance your own life, not others’. Try not to pressurize or preach others, as this will only add to your stress. Given Mercury’s placement in the spiritual and psychic Pisces, your mind may be full of all sorts of dreams on 6th. Use your supercharged intuition and imagination to enjoy your life – at the moment. Let work take a back-seat for some time. Around 9th, professional/business opportunities come your way. Traveling abroad is likely in the near future. Influence of powerful Mars will energise your work sector. 13th brings about a rising of the inner tides! It’s a New Moon in Virgo, so it will help you organize your act. There will be tonnes of ideas and strategies floating around. With Venus in a retrograde mode currently, however, you may find it difficult make headway. Be careful in monetary matters too. Saturn getting influenced by Mars may lead to unexpected expenses. Love may encourage you to take a supercharged step. Married ones should not act possessively, though. Ones with kids will get a chance to enjoy a relaxing time with them. Cast away your work anxieties and focus at home affairs for about a day or two. With Mercury moving to Aries, you will feel more centred. If a dream or vision has been on your mind – start putting in place an action strategy on 21st. Sun also moves into fiery Aries. You get another burst of planetary energy coming your way. Take advantage, but don’t get rash and hasty. Travel is likely on 23rd and 24th. Well, it’s a busy time, but don’t neglect your health. Guard against injuries too. On 27th, you may plan to stay away from home, maybe enjoying the scenic spring days in a far off place. Love will make you dreamy or overly romantic. Don’t forget your supplements and fitness routines, while travelling or having fun. A New Moon at the month end tells you to plan for the days ahead.
Career Aspects- Meeting new customers and looking out for new profitable venture will be the order of the day for professionals and business men. Be careful while finalizing your dealings for new venture. You might have to travel for getting this benefit. Though times will be challenging for you as you will have to put up very hard work. Very soon your sales will shoot up. Career oriented need to be prepared to accept new challenges. Your planetary positions will keep you motivated. You will work efficiently. Build up whatever skills you lack.
Finance issues-Very stray monetary gains are foreseen for you for at least a fortnight. Even then, you will be contented with it. Your position on the financial ground will be good. You will be able to lead a contented life. Saturn is posited in the 12th house and is being influenced by Mars. This means that you will have a lot of expenses to incur on various things. You will have to set priorities and mange with the limited resources. Around mid-month, things will improve as you will now sail in a good monetary condition.
Health issues-This month does not seem very favorable for those prone to nagging digestion problems. This can be due to your late night eating habits and being inactive for most of the time. Change in your life style can give you some respite. Those having respiratory disorders will have to also be careful. Avoid places where there is smog and pollution. Those prone to blood pressure must not forget to take their medicines on time. Others will enjoy good health. Only some minor health issues can surface. Try alternative medications.
Sagittarius March 2017 Monthly Horoscope Prediction
You will be aware of your responsibilities, and shall work towards attaining your immediate goals, as the month begins. Love stars shine brightly, on 2nd and 3rd. Enjoy! Health needs care on 4th and 5th, though. So, don’t over indulge. 6th will be all about personal matters. Married ones may remain unhappy. Instead of getting angry, sort this out maturely. Retrograding benefics may delay gains for businessmen and professionals. Keep communication channels alive, nonetheless. Make use of social media web networks. Onus of keeping your flock together shall lie on you. Spend time with your family and loved ones on 11th and 12th. Meeting someone new? Be careful, and go slow! 13th brings an opportunity. Do think about it. 14th and 15th may not be happy days at work, as you may hate someone’s constant nagging. Is it your boss? Keep your cool. Take time out for fun stuff and your hobbies. Visit an orphanage or a blind school. Spend time with someone who is less privileged. You will feel grateful for what you have. Mars has shifted to Taurus – the 6th House from your Sign. This may make you prone to injuries. Trouble brews on the work front on 18th and 19th too. Be careful. Expenses may increase. And, you may take financial decisions, driven purely by the instinct. Don’t! Look for long-term prospects, while taking any decisions that may have far reaching effects. Ongoing influence of Mars pushes you to assert your view aggressively on 22nd and 23rd. It is advisesable you not to be rigid like this! Devote time to your family responsibilities. For the sake of good health, you will have to avoid late nights and uneven lifestyle, even on the weekend, around 25th and 26th. Lady luck comes to your aide, in the month’s final days. Exalted Sun along with Mercury is poised to also help in you. Your personality will shine, and you will be your eloquent best. Good time to make client presentations. Meeting someone influential is likely. Sagittarius parents will be happy, due to their kids. Ones looking to become parents too shall be supported by stars.
Career Aspects- Business persons and professional will have to build a strong communication with their customers to know more about their demands. Also keep your staff motivated through some welfare schemes. With incentives, they will perform in a much better way and thereby increase the output. Those employed will have to perform meticulously without any errors or omissions. Leave no stone unturned to complete you work on time without involving in the office gossips. You may be bogged down and look for a change. However, the time is not suitable for it. Though the office stress will tire you, be patient and calm.
Finance issues-Your planets will favor you in earning some good monetary gains. Handle all matters related to money prudently. Don’t be impulsive while taking a decision in finance. Your purse strings make become loose as you keep splurging on money on your comforts. While investing your money, go in for long-term returns instead of some short cuts. Towards the end of the month, you stand to have huge gains that will make you very comfortable financially. Once again you will have to tighten your purse strings lest you spend all your money.
Health aspects- Middle aged will have some of the issues taking shape once again. Consult your doctor and start the treatment. Eat a healthy diet to get rid of acidity that you are prone to. Avoid late night dinners as digestion does not take place and you will feel uneasy. Fresh vegetables and fruits can help to some extent. Do not remain stressed as this can cause stomach disorders. Yoga and meditation will also ease out the problem. Be watchful if you have blood pressure. Drumstick leaves will bring some relief. Others will enjoy good health.
Scorpio March 2017 Monthly Horoscope Prediction
There may be not much momentum, as the month begins. Keep a tight leash on your expenses, though. By 5th and 6th, things shall be better, and you would be keen about enhancing your prospects. Presence of Saturn in the 2nd House from your Sign may continue to lay challenges on the financial and family front. There may be rising expenses, which may cause tiff at the hoem front too. If someone close is spending your hard earned money, do speak up, but tactfully. It would be more important to work on maintenance now. Steer clear of major purchases, and do not borrow or lend money. On 12th, the ruler of your Sign Mars shifts to Taurus, in direct opposition to your Sign. Lots happening on the work realm! Thankfully, you will have ample energy and force. Mercury is shifting to the action oriented Aries, coming closer to Venus, on 16th. This will enable you to remain well focused. Health takes a beating on 17th and 18th. Avoid over indulging in food or drink. Sun moves to Aries on 19th. This is a perfect time to act with conviction – for making suitable progress in your chosen pursuit. However, it is still very important to plan your finances wisely. Some challenging new tasks may come your way on 22nd and 23rd. Learning new skills gets a starry nod on 24th through the month end. However, you must be careful and guard your safety and well being. Injuries and minor accidents are likely, so take great care. 27th is a good day to lie low and plan for the month ahead. Love takes wings towards February end. Are you planning to elope? Well, that’s a huge step, so weigh pros and cons first. Try talking it out with the ones who matter. In work and business matters, you will manage to push your prospects. This is also a good time to adopt a new work strategy.
Career Aspects- Those in business will want to make a huge profit. For this, you will need extensive planning and preparation. You will be busy handling too many deals at the same time. All your hard work and sincere work will bring rich profits. Career oriented ones will have a lot of struggles in their day to day work. But you will put up a brave front and work with enthusiasm. Don’t be deterred by the disturbances that will crop up in your work. You will also be assigned an important task. Accept it gracefully.
Finance issues-Not a very encouraging month as far as money is concerned. The gains that you make will not be up to your expectation. It can be the result of faulty trading. Moreover increase in the expenses for the family may dry up your resources. You will have to deal with your finances in a careful and planned way. Do not resort to malpractices and wrong method to make quick money. It can land you in trouble. You will not be able to save any money if you resort to this.
Health issues- Due to the heavy work, you will be over exerted and will fall sick. You must give yourself a break and relax completely. Join a gym or yoga center to discipline yourself in keeping fit. Due to stress, you will also be troubled by acidity and its related disorders. In regard to health, planets here indicate that diabetic needs to be much careful. There is a strong possibility of getting injured unexpectedly. Remain cool headed while driving vehicle or travelling through public transport. Others will enjoy very good general health.
Libra March 2017 Monthly Horoscope Prediction
Change may be on your mind, as the month begins. But, don’t let this take away your focus from the tasks at hand. An old contact may get in touch with you, on the 5th. Health remains fragile, so be careful. From 6th, planetary positions portend busier times ahead. The influence of Mars will keep you energized, pushing you to work tirelessly. Under this cosmic vibe, you may be strong in your views. Take care not to hurt the sentiments of people around you. Despite the force and vigour, you may still not feel happy with your job. On the personal front, it would be better to go slow in matters of new relationships, as Jupiter is retrograde at the moment. 13th and 14th will be busy days, with not much happening, in the real sense. There is, possibly, a looming deadline that’s taking away your sunshine. Wind it up soon! In your hurry to do everything, though, don’t neglect your health or your loved ones. Some cheerful moments with kids or loved ones will rejuvenate you. Going to the gym, attending a Zumba class or taking a dip in the pool are other great ideas for rejuvenation. On 17th, you may be packing you bags for a work/ business related travel trip. Afflicted Sun in the 6th House from your Sign is indicative of some health issue at this time. Stay guarded. 20th through 23rd will be days dedicated to work/ business and worldly pursuits. You may be keen to explore new territories. Do verify and check credentials of new customers, prior to extending goods on credit. 25th and 26th are good date night options. There may not be much intimacy in married love, though. 27th brings a fresh dose of energy and enthusiasm. Use this to restore happiness in marital domain. Student desiring to go abroad for higher studies shall receive support from current planetary positions. Some of the professionals may decide to take a study break in their career.
Career Aspects-Planetary positions here portend heavy schedule for both business persons and professionals. Too much of work will keep you on your toes. Fortunately, you will have the energy to meet the demands of the work, as your planets will take on that responsibility. You will work tirelessly. A lot of travel is in store for both businessmen and professionals. Those employed will have newer challenges and you will be able to prove your ability by completing the tasks assigned to you. Those not happy with their current position in the office must look out for greener pastures.
Finance issues-You may have to spend money and have no options in this. As you will have enough monetary gains, you will not have any financial crises. Make a list of the things, you really need to spend on. Keep the budget for shopping fixed. Your financial condition will be strong enough to keep you happy. This is because of the good investments you had made earlier. All your returns are now proving to be beneficial. Later you will also make more monetary gains by selling some old movable assets. Keep some of the money gained in this for the future by investing it.
Health issues-Sun being afflicted by malefic and posited in the sixth house, increases the possibility of falling ill. Those prone to catching infection will now have to remain careful and take preventive measures. Take the advice of a good physician who will be able to cure you fast. Those prone to respiratory disorders will also have to take care that you don’t fall ill. Looking at planetary positions, diabetic needs to follow the diet advised by a physician. Follow your diet and medication religiously. There is a possibility of already cured old health issue staging a comeback.
Virgo March 2017 Monthly Horoscope Prediction
Begin your month on 1st with a creative class. Stars are sending some creative flourish your way now, so take advantage. Finances remain sorted, but try not to invest your money in a new scheme, when someone tries to convince you on 2nd and 3rd. Over indulgence in spicy food may make you sodden on 5th and 6th. So, say no, and pass up that plate full of (drenched in oil) paneer chilly dry. 6th may see you anxious about a personal or relationship issue. Try talking it out, even if you are busy and immersed in work. But, resolve this amicably! Retrogression of Mars and Venus in 8th House from your Sign is indicative of some issues. Health needs care. And, if you cannot seem to make any progress, go with the flow. A past issue may open up. Deal carefully and diplomatically. 13th brings finances and family matters to the centre-stage. Ruler of your Sign Mercury shifts into Aries to join the company of retrograde Venus. This shift will inspire you to think about a future course of action. Influence of aggressive Mars over Saturn may act as a wake-up call. 19th won’t be a good day to party hard. Rest and relaxation are very important. 20th brings a conflict, maybe a mental one. But, you shall manage to soar over obstacles, making determined efforts to march ahead. Pressing deadlines may push you to work for extended hours on 23rd and 24th. Or, is it a court date that’s keeping you on your toes on these days? 27th and 28th are not days when you should lose your confidence. Yes, the tide may be low, but you still have a lot in you. This is a conducive time for developing your personality and skills. So, go ahead, join a class or a likeminded group. And, end the month as you had started it.
Career Aspects- Not a very progressive month for those in business. You will have to think of more realistic and methodical ways of pushing your sales ahead. You might have to plan something concrete to come in contact with an influential person. Those employed will remain very busy in office relate work. You will have to work overtime and at times carry your work home to meet the deadlines. Accept newer and challenging assignment that will boost your growth prospects. Increase in work will be directly proportional to your chances of promotion.
Health issues-Stomach and acidity disorders will be a matter of concern to those who are frequented by this issue. Keep yourself calm and far from stress as it is the biggest factor of acidity. Have healthy eating and sleeping habits. It will bring some respite. In regard to health, issue related to deficiency of Calcium is likely to trouble you here. You will be worried by the aches and pains in your joints. Take food rich in calcium and also take supplements. Those middle aged must continue to remain watchful of the old diseases striking back.
Leo March 2017 monthly horoscope prediction
Mars and Venus keep you afloat, as the month begins. Shun laziness and confusion. Meeting an influential person will make you optimistic about future success on 3rd or 4th. A date on 4th or 5th isn’t a great time to initiate a long term relationship. Take your time to know this person well, before you profess love. Any slackening on 6th may lead to a missed opportunity. Crafty Mercury is in its Sign of debilitation, along with your Sign ruler Sun and malefic Ketu. Things may just seem to be slipping out of your hand. Well, lie low, and don’t try to do much, for a while. 8th and 9th may be interesting from relationships’ point of view. Will you meet an ex-flame at a party? Well, who knows! Marriage brings happiness. In terms of worldly matters, steer clear of ethical and legal issues. Around 13th, Mercury enters 9th House from your Sign. This brings luck in matters related to communications, fame, materialistic associations, gadgets, networks, health and more. But, with major benefics still retrograde, you need to be cautious. You may be pulled towards your past, in some way. Are you set to repeat a past mistake? Ask yourself! Do not reveal all your cards in the initial stages of an association. Too much of Martian energy in the 10th House may make you aggressive at work. While encouraging financial opportunities are great, hasty, half-baked decisions are not. Be careful of obsequious bootlickers, who may put you on a pedestal for their own good. Don’t get misguided by these flatterers. Sun shifts to its Sign of exaltation, Aries, in your 9th House on 20th. Limelight gets trained on you. Good time to make presentations and ask for favours. Try to improve your image and looks. Ones in performing arts, dance, modeling etc. will benefit. Don’t let success go to your head, though. Unless it is inevitable, refrain from making investments for now. Month end brings some delays. Hang on! Don’t vent out your frustration on someone innocent – at home or at work. Meet, mingle and party, but don’t go overboard. Health needs care now.
Career Aspects-Those who are in jobs will be upset as you will not be considered for a promotion even after putting in a lot of efforts. This will keep you wondering what went wrong. You will soon get over this and once again proceed to put in more efforts. Some good opportunity to exhibit your talent seems to be in offing. Business person should not compromise on the quality of their products. The distributors will cancel their deals with you. Your customers will increase when they see that you are honest and hardworking.
Finance Issues-With two malefic influencing the second house, pertaining to finance, handle matters related to finance very carefully. You will have to be careful of any financial investment in the first week of the month. Only when Mercury comes out of debilitation signal, you will be able to heave a sigh of relief as financial condition will improve to some extent. Make your investments carefully now so that you get higher returns in the future. At the end of the month, you may seem to be at a loss over some money matters.
Health issues-There will some minor unexpected health issues that will trouble you for some time. Remain calm and keep a positive mind. Don’t think about the illness too much. Just medication and a positive outlook can delete the illness. Keep yourself fit by your regular walks and exercises. Over all it will be good healthy month. There is no major worries for you. Ruler of your sign Sun being exalted, your immune system remains strong. Continue with your supplements to keep you strong. Diabetics will have to take care.
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