Monday 13 April 2015

शुक्र व्यवसाय और कार्यक्षेत्र

शुक्र के व्यवसाय और कार्यक्षेत्र: शुक्र आजीविका भाव मेंं बली अवस्था मेंं हो, दशमेंश हो, या फिर दशमेंश के साथ उच्च राशि का स्थित हो, तो व्यक्ति मेंं कलाकार बनने के गुण होते है। वह नाटककार और संगीतज्ञ होता है, उसकी रुचि सिनेमा के क्षेत्र मेंं काम करने की हो सकती है. शुक्र से प्रभावित व्यक्ति कवि, चित्रकार, वस्त्र विक्रेता, वस्त्र उद्योग, कपड़े बनाने वाला, इत्र, वाहन विक्रेता, वाहन बनाने वाले, व्यापारिक संस्थान, आभूषण विक्रेता, भवन बनाने वाले इंजिनियर, दुग्धशाला, नौसेना, रेलवे, आबकारी, यातायात, बुनकर, आयकर, सम्पति कर आदि का कार्य करता है।
शुक्र से संबंधित रोग: शुक्र शरीर मेंं वायु, कफ, आंखें, जननागं, पेशाब, वीर्य का प्रतिनिधित्व करता है। शुक्र के कमजोर होने पर व्यक्ति को यौन संबंधित रोग, मधुमेंह, पेशाब की थैली, गुरदे मेंं पथरी, मोतियाबिन्द, बेहोशी, के दौरे, जननांग संबंधित परेशानियां, सूजन, शरीर मेंं यंत्रणात्मक दर्द, श्वेत प्रदर, मूत्र सम्बन्धित रोग, चेहरे, आंखों और गुप्तागों से संबंधित रोग, खसरा, स्त्रियों मेंं माहवारी और उससे संबंधित रोग परेशान कर सकते हैं।
शुक्र को शुभ करने के उपाय: शुक्र की अशुभता दूर करने के लिए सामथ्र्य अनुसार रुई और दही को मंदिर मेंं दान करना चाहिए। स्त्रीजाति का कभी भी अपमान या निरादर नहीं करना चाहिए उन्हें सदैव आदर और सम्मान देने का प्रयास करना चाहिए। शुक्र की शुभता के लिए शुक्रवार का व्रत करना चाहिए तथा नियमित रुप से माता के मंदिर मेंं दर्शन करना चाहिए। मन और हृदय पर काबू रखना चाहिए और भटकाव की ओर जाने से रोकना चाहिए. शुक्र के सम्बन्ध मेंं मन और इन्द्रियों को नियंत्रित रखने पर विशेष बल देता है। गाय को हरी चारा खिलानी चाहिए इससे शुक्र की अशुभता मेंं कमी आएगी। गाय का दूध या घी, चावल या शक्कर मंदिर मेंं दान करने से भी शुक्र को बल मिलता है।
शुक्र के लिए वस्तुओं का दान: शुक्र के लिए घी, कपूर, दही, चांदी, चावल, चीनी, सफेद वस्त्र और फूल या गाय, इन वस्तुओं का दान शुक्रवार को सूर्यास्त के समय करना चाहिए।
शुभ की निशानी: सुंदर शरीर वाले पुरुष या स्त्री मेंं आत्मविश्वास भरपूर रहता है फिल्म या साहित्य मेंं उसकी रुचि रहती है। व्यक्ति धनवान और साधन-सम्पन्न होता है।
अशुभ की निशानी: अगर शनि मंद अर्थात नीच का हो तब भी शुक्र का बुरा असर होता है इसके अलावा भी ऐसी कई स्थितियां हैं जिससे शुक्र को मंद माना गया है अंगूठे मेंं दर्द का रहना या बिना रोग के ही अंगूठा बेकार हो जाता है। त्वचा मेंं विकार, गुप्त रोग, पत्नी से अनावश्यक कलह अशुभ शुक्र की निशानी है। शुक्र के साथ राहु का होना अर्थात स्त्री तथा दौलत का असर खत्म।
उपाय: लक्ष्मी की उपासना करें जिसमेंं महालक्ष्म्यै नम: का जाप करें. सफेद वस्त्र दान करें, भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे, और कुत्ते को दें। शुक्रवार का व्रत रखें खटाई न खाएं, दो मोती लें, एक को पानी मेंं बहा दें और दूसरे को जिंदगीभर अपने पास रखें। स्वयं को और घर को साफ-सुथरा रखें और हमेंशा साफ कपड़े पहनें।
शुक्र का जाप मंत्र: ऊँ शुं शुक्राय नम:,
बीच मंत्र: ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राये नम:
वैदिक मंत्र : हमकुन्द मृ्णालाभं दैत्यानां परमं गुरुम। सर्व शास्त्र प्रवक्तारं भर्गव प्रणामाम्यहम।।

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