Tuesday 14 April 2015

अनिन्द्रा और ज्योतिष


यह आधुनिक बीमारी है। बहुत व्यस्त है, बहुत धनी है, उन्हे नींद की गोला खानी पड़ती है। शरीर का संचालन मस्तिष्क करता है। हमारे विचार, भाव, कर्म आदि को स्नायु संस्थान संचालित करते है। चन्द्रमा ह्रदय, फेफड़ा एवं पेट का स्वामी है। क्रोध आना ऐसा भाव है, जिससे मन असंतुलित हो जाता है, रक्त चाप बढ़ जाता है, मस्तिष्क की स्नायु प्रणाली प्रभावित होती है। मस्तिष्क, फेफड़ा एवं पेट ठीक हो तो यह बीमारी नही होती। कुण्डली में निम्न ग्रहों के संयोग से यह रोग उत्पन्न होता है -
1. सूर्य, मंगल लग्न में हो तथा पापी ग्रहों से दृष्ट हो।
2. मंगल, शुक्र 12 वें भाव में हो।
3. 12 वां भाव 12 वीं राशि एवं उसका स्वामी पीडि़त हो, तो वह बीमारी होती है, क्योंकि
यह भाव शयन का है।
4. सूर्य, मंगल, चन्द्रमा 8 वें में पानी ग्रह से दृष्ट हो, तो यह रोग होता है।
उपाय -
आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ निम्न उपाय भी लाभकारी है -
1. मोती 6 रत्ती या पन्ना 5 रत्ती या सफेद मोती 12 रत्ती पहने।
2. सूर्यदेव के चरणों में समर्पण एवं आराधना करें।
3. काल या दुर्गा की आराधना या अन्य जप करें।
4. कमरे के पर्दे, चादर आदि हरे या नीले रंग के लगायें।

Pt.P.S Tripathi
Mobile no-9893363928,9424225005
Landline no-0771-4035992,4050500
Feel Free to ask any questions in

No comments: