Tuesday 31 October 2017

धैर्य की कमी कारण होता है कुंडली में



किसी व्यक्ति में सह्नसिलता बहुत होती है तो कई बहुत अधीर होते हैं. कोई व्यक्ति हर कार्य को सावधानी और धीरज से करता है तो कोई इतनी हडबडी में की नुकसान और दुर्घटना हो जाती है. कई बार दुर्घटना स्वयं की ही गलती से होती है या कोई सुरक्षित रहता है वहीं कई लोग चोट खाते ही रहते हैं सामान्य तौर पर इस फंडे को नहीं जाना जा सकता है कि किसी के साथ ही ऐसा क्यों होता है और किसे के साथ नहीं हो सकता? इस बात का ज्ञान ज्योतिष द्वारा लगाया जा सकता है। जब भी किसी की कुंडली में लग्न, दूसरे, तीसरे, एकादश अथवा द्वादश स्थान पर मंगल या केतु हो अथवा इन स्थानों का स्वामी मंगल होकर छठवे, आठवे या बारहवे हो जाए तो ऐसे लोगों को दुर्घटना लगने के योग बनते हैं। वहीं यदि केतु का किसी भी प्रकार से इन स्थानों पर होकर शनि से संबंध बने तो सर्जरी होने के कारण बनते हैं। अतः किसी की कुंडली में इस प्रकार दुर्घटना में शारीरिक हानि या चोट की आशंका बन रही हो तो उसे नियम से तुला दान करना चाहिए, रक्तदान करना भी अच्छा विकल्प है चोट लगने का। साथ ही मंगल की शांति हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।

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