Monday 13 April 2015

भारतीय तर्कशास्त्र का इतिहास


भारतीय तर्कशास्त्र का इतिहास २३ शताब्दियों में पसरा हुआ है। भारतीय न्यायिकों की प्रकाशित एवं अप्रकाशित (प्राप्य या अप्राप्य) कृतियों की संख्या भी विशाल है। पश्चिमी भाषाओं में या अच्छे हालत में पार्त रचनाओं की संख्या कुल रचनाओं की संख्या का एक छोटा भाग ही है।
भारतीय तर्कशास्त्र के इतिहास के लिये जिसे पाँच भागों में बांट सकते हैं -
१) व्याकरण - पाणिनि आदि के द्वारा विकसित ; इस व्याकरण के अत्यन्त परिष्कृत तर्कपूर्ण नियमों ने बाद के अधिकांश विद्वतापूर्ण कार्यों पर अपनी छाप छोड़ी।
२) मीमांसा
३) वैशेषिक एवं पुराना न्याय
४) बौद्ध न्याय
५) नव्यन्याय

Pt.P.S Tripathi
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