कवि हरिवंशराय बच्चन के पुत्र अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्टूबर 1942 को कुंभ लग्न तुला नवांश तुला राशि में इलाहबाद में हुआ। किसे मालूम था कि साधारण-सा दिखने वाला एवं बैंक में क्लर्क की नौकरी करने वाला कभी फिल्मी इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कराएगा। लग्न कुंभ है। यह स्थिर व पृथ्वी तत्व प्रधान लग्न है। कुंभ लग्न में केतु स्वभाव से जिद्दी भी बना देता है व आवाज में भारीपन आ जाता है। अमिताभ आवाज के दम पर ही फिल्मों में सफल भी रहे। पंचम (मनोरंजन भाव) का स्वामी नीच के शुक्र के साथ है जो भाग्य के साथ सुख भाव का भी स्वामी है। इससे नीच भंग योग बन रहा है। यह योग जीवन में उतार-चढ़ाव के बाद सफलता का मुकाम देता है। भाग्ये शुक्र के सूर्य के प्रभाव में होने से शुक्र की दशा अथवा अंतरदशा में अमिताभ के जीवन में कई प्रतिकूल हालात आए। राजनीति में असफलता के अलावा फिल्मों में भी असफलता का दौर देखा। लेकिन अमिताभ की जीवटता ने ही उन्हें कामयाब बनाया। इसका कारण पंचम (मनोरंजन भाव) का स्वामी उच्च होकर दशमेश व पराक्रमेश के साथ होना भी इसका कारण रहा। राहु की महादशा में शनि की अंतरदशा मार्च, 2013 से ही चल रही है जो मार्च, 2016तक चलेगी, लग्नेश शनि चतुर्थ स्थान में है अत: इस समय कार्य के क्षेत्र में अच्छी सफलता का योग चल रहा है किंतु पारिवारिक स्थिति तथा स्वास्थ्य कुछ चिंता का कारण दे सकता है। शनि का रत्न नीलम धारण करना चाहिए।
Pt.P.S Tripathi
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