Tuesday, 14 April 2015

केजरीवाल अभी कायम हैं


केजरीवाल अभी कायम हैं
गत कुछ वर्षों में भारतीय राजनीति में किसी बड़ी क्रांति की तरफ देखते हैं तो वह क्रांति है आरटीआई का कानून। जिसके पारित कराने में जिनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही, वे थे अरविंद केजरीवाल। ये बात सच है कि पिछले दिल्ली के चुनाव में इन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर एक आत्मघाती कदम उठाया, जिसकी चारों ओर निंदा हुई। इससे उनका जनाधार कम हुआ, पार्टी के अंदर व बाहर फूट हुई। जो केजरीवाल आप पार्टी के सर्वेसर्वा माने जाते थे उनका अपनी पार्टी में ही विरोध होने लगा। एक बार तो विरोधियों को लगा होगा कि केजरीवाल खत्म। परंतु ज्योतिष ऐसा नहीं कहता। अब एक नजर अरविंद केजरीवाल के ज्योतिषीय भविष्य पर डालें तो देखेंगे कि उनकी जिंदगी जबरदस्त उतार-चढ़ाव भरी रही। पर वे कभी हारे नहीं, शायद इसकी वजह उनकी कुंडली में है। अरविंद केजरीवाल की राशि और लग्न दोनों वृषभ है। लग्न का चंद्रमा जहां इनके व्यक्तित्व को आकर्षक बना रहा है वहीं मित्र सूर्य के घर में बैठा बुध इन्हें बेहतर वक्तृत्व शैली भी प्रदान कर रहा है। बुध के साथ-साथ स्वगृही सूर्य की उपस्थिति बुधादित्य नामक राजयोग निर्मित करते हैं तथा लाभ स्थान के राहु ने इनके लिए एक नई जगमगाती कथा लिखी। इसी राहू ने इन्हें लोगों के बीच भरोसेमंद बनाया।
वर्तमान में गुरू की महादशा में शुक्र का अंतर १ मार्च को समाप्त हो रहा है और दिल्ली के चुनाव फ रवरी माह में समाप्त हो रहे हैं। इसके बाद सूर्य का अंतर इनकी प्रतिष्ठा और सक्रियता को कई गुना बढ़ायेगा। इसके कई मायने लगाये जा सकते हैं। पर सार यह है कि ये दिल्ली में महत्वपूर्ण भूमिका में होंगे और सरकार के लिये परेशानी पैदा करते रहेंगे और अपना जनाधार बढ़ाते रहेंगे।
अब एक नजर उनके जीवन पर डालें तो मंगल में केतु की दशा में उन्होंने १९८९ में आई.आई.टी. किया तथा राहु में शनि के अंतर में १९९२ में वे आई.आर.एस. में आ गए। यहां आकर उन्होंने भ्रष्टाचार देखा। २००० में राहु में शुक्र का अंतर चल रहा था, उस समय उन्होंने छुट्टी ले ली और नागरिक आंदोलन, परिवर्तन की शुरूआत की। और जब फरवरी २००६ में जब गुरू में राहु का प्रत्यंतर चल रहा था तब उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। इस समय अरुणा राय और इनके प्रयास से आर.टी.आई. का कानून संसद में पास कर दिया गया। ६ फरवरी २००७ जब गुरू में शनि का अंतर चल रहा था तो लोग २००६ के लिए लोक-सेवा में सीएनएन-आईबीएन इस वर्ष का भारतीय Indian of the year शद्घ नामित किया गया। गुरू में शुक्र का अंतर प्रारंभ हुआ जून २०१२ से, यहीं से उन्होंने अन्ना के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ जनलोकपाल बिल के लिए बड़ा आंदोलन किया जिसे आगे चलकर अगस्त क्रान्ति का नाम दिया गया। परन्तु इस आंदोलन में बड़ी राजनैतिक पार्टियों का सहयोग नहीं मिला और यहीं पर शुक्र की अंतरदशा में ही अपने राजनैतिक कैरियर की शुरूआत की और आप पार्टी की स्थापना की। इन्होंने दिल्ली विधान सभा में २८ सीटें जीतकर देश की राजनीति में खलबली मचा दी थी, हालांकि ग्रहदशाओं के चलते वे अपनी इस सफ लता को दूरगामी बना पाने में सफ ल नहीं हो पाए।
अगर इनके निकटतम भविष्य को देखें, 2015 से प्रारंभ होने वाली सूर्य की अंतर्दशा उन्हें नए पंख प्रदान करेगी। सूर्य की अंतर्दशा उन्हें जरूर बड़ा पद या हैसियत प्रदान करेगी। बड़े-बड़े दिग्गजों को बेचारा बना देने वाले अरविंद केजरीवाल आगे भी अनेक खास को आम बना देने का कौशल दिखा सकते हैं। यदि बहुत बुरा हुआ तो भी केजरीवाल विपक्ष के नेता के तौर पर दिल्ली की राजनीति में कायम रहेंगे।

Pt.P.S Tripathi
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