Monday 13 April 2015

भारतीय राजनीती में शनि के परिवर्तन के भाव


शनि के परिवर्तन का प्रभाव:
2/11/2014 को शाम 4 बजकर 8मिनट पर शनि ''वृश्चिक राशि मे प्रवेश कर रहे हैं जहां वह 26/1/2017 तक रहेंगे इस दौरान 14/3/2015 से 2/8/2015 तक तथा 25/3/2016से 13/8/2016तक 2 बार शनि वक्री होंगे तथा 31/10/2014 से 6/12/2014 तक,12/11/2015 से 17/12/2015 तक तथा 22/11/2016से 28/12/2016तक 3 बार शनि इसी वृश्चिक राशि मे अस्त भी होंगे।
अपनी अति धीमी गति से संचार करने के कारण शनि के किसी भी राशि मे संचार करने से धरती पर पडऩे वाले व्यापक प्रभाव का अंदाजा लगाया जा सकता हैं। शनि अब तक अपनी ऊंच राशि ''तुलाÓÓ मे भ्रमण कर रहे थे जिसके व्यापक प्रभाव भारत सहित कई देशो मे विद्रोह व देशो की सरकारो का बदलना रहा हैं। अब चूंकि शनि वृश्चिक राशि अथवा अपनी शत्रु राशि से संचार करेंगे जो की काल पुरुष की आठवी राशि हैं यह देखना काफी असरकारक होगा की यह शनि धरती पर, भारत वर्ष मे तथा धरती के सभी राशिवाले प्राणियों में क्या प्रभाव डालेंगे? इस राशि मे संचार करते हुये शनि मकर, वृष तथा सिंह राशियों पर दृष्टि तथा तुला, वृश्चिक व धनु पर साढ़ेसाती का प्रभाव रखेंगे। पाप ग्रहों का 3,6,व 11वे भावो से गोचर लाभकारी माना जाता हैं चूंकि शनि की गिनती भी पापी ग्रह मे होती हैं अत: जिन राशि के शनि 3, 6व 11वे गोचर करेंगे उन्हे शुभफलों की प्राप्ति होगी तथा अन्य राशि वालो को मिलेजुले फल प्राप्त होंगे।
शनि के लिए कहाँ जाता हैं की शनि जिस भाव मे आते हैं उस भाव की वृद्धि करते हैं तथा जिस भाव को देखते हैं उस भाव की हानी करते हैं इस वृश्चिक राशि पर भ्रमण करते हुये शनि की अधिकतर दृष्टि उत्तर दिशा की और रहेगी जिससे उत्तर की और के देश व प्रांत प्रभावित होंगे जिनमे अस्थिरता, प्राकृतिक आपदाए, भूकंप, बाढ़ तथा सत्ता परिवर्तन जैसे हालात बनेंगे। आइए जानते हैं की विभिन्न राशियों पर शनि के इस वृश्चिक राशि गोचर का क्या प्रभाव पड़ेगा:-
1) मेष राशि- इस पहली राशि से शनि का अष्टम गोचर होगा जो की आजीविका मे परिवर्तन अथवा ऊठा पटक जैसे हालात बनाएगा,धन की पूर्ति बाधक होगी व खर्चे बढ़ेंगे, संतान होने की अथवा संतान से संबंधी कोई समस्या होने की समभावनाएं बनेंगी, कमर पैर से संबन्धित कोई चोट इत्यादि लग सकती हैं। जीवन साथी के लिए अच्छे समाचार प्राप्त होंगे। किसी बड़े निवेश से बचना लाभदायक रहेगा।
उपाय- दशरथ शनि श्रोत का पाठ करे तथा प्रत्येक शनिवार किसी गरीब को सरसों का तेल दान करे।
2)वृष राशि- इस राशि से शनि का सप्तम गोचर होगा जिससे भाग्योदय कारक समय बनेगा कामकाज बढऩे लगेंगे, नई संपत्ति, वाहन इत्यादि खरीदने के योग बनेंगे तथा पुरानी संपत्ति बिकेगी, यात्राएं व भागदौड़ बढ़ेगी, जीवनसाथी व पिता हेतु शुभ समाचार प्राप्त होंगे, कोई भागीधारी का प्रस्ताव भी आ सकता हैं, दाम्पत्य सुख मे कमी हो सकती हैं।
उपाय- शनि श्लोक नीलांजन सभामासम का जाप रोजाना शाम के समय करे तथा किसी को भी शराब व सेन्ट (परफ्यूम) उपहार मे ना दे।
3)मिथुन राशि- इस राशि से शनि का यह छठा गोचर होगा जो की ज्यादातर शुभ होगा जिसके प्रभाव से जो भी चाहेंगे वह होगा, सभी दिशाओ से शुभ समाचार मिलेंगे, उधार लेने व देने की सम्भावनाएं बनेगी, सहोदरों को कष्ट मिलेंगे, अचानक चोट लगने की, धन प्राप्ति की तथा किसी गुप्त विद्या जानने की इच्छा बढ़ेगी, धार्मिक कार्य, लंबी यात्राए व योजनाए बन सकती हैं जिनसे लाभ होगा।
उपाय- कनकधारा श्रोत का पाठ रोजाना करे तथा हर शनिवार एक मु_ी साबुत बादाम जलप्रवाह करे।
4) कर्क राशि- शनि का इस राशि से पांचवा गोचर विवाह व संतान प्राप्ति के अतिरिक्त किसी बड़े पद की प्राप्ति भी करवाएगा, कोई बड़ी जिम्मेदारी अथवा सम्मान मिल सकता हैं, भाग्य से अब काम बनने लगेंगे, परिवार मे किसी की विवाह होने की संभावना बनेगी,धन प्रवाह मे थोड़ा विलंब रहेगा।
उपाय- शाकाहारी रहे तथा एक मु_ी साबुत बादाम मंदिर मे हर शनिवार रखकर आए।
5) सिंह राशि- इस राशि से शनि का चतुर्थ गोचर कार्यक्षेत्र मे ऊठा पटक मचा कर बदलाव अथवा पदोन्नति करवा सकता हैं, मकान व भूमि का सुख बड़ेगा, शारीरिक कष्ट, दुर्घटना व स्वस्थ्य हानी भी होगी परंतु आपकी लोकप्रियता बढ़ती रहेगी, किसी को उधार देना पड़ सकता हैं शत्रु भी सिर उठाएंगे परंतु कुछ बिगाड़ नहीं पाएंगे।
उपाय- हनुमान चालीसा का पाठ नित्य करे तथा शिवलिंग पर प्रत्येक सोमवार दूध का अभिषेक करे।
6) कन्या राशि- राशि से तीसरा गोचर होने की वजह से शनि का यह गोचर आपको बहुत शुभता प्रदान करेगा आपकी पद प्रतिष्ठा बड़ेगी, संतान प्राप्ति हो सकती हैं, धार्मिक व विदेश यात्राए होंगी, खर्चे बढं़ेगे, विवादों मे आपकी विजय होगी व शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति होने से तनावमय जीवन से छुटकारा मिल जाएगा।
उपाय- रोजाना '' नम: शिवाय का 108बार जाप करे तथा 3 कुत्तो को रोजाना कुछ खिलाये।
7) तुला राशि- इस राशि से दूसरा गोचर होने से धन लाभ बड़ेगा, भूमि वाहन व मकान खरीदने की समभावनाए बड़ेगी, आपकी माता को व आपको कोई सम्मान प्राप्त होगा, उतरती हुयी साढ़ेसाती खूब यात्राए कराएगी, नियम के विरुद्ध कार्य करने व बिना जाने पहचाने उधार देने दिलवाने से परेशानियाँ होंगी।
उपाय- प्रतिदिन धर्मस्थान मे जरूर जांये।
8) वृश्चिक राशि- इस राशि से शनि का गोचर कार्यक्षेत्र व बदलाव व पिता के लिए कष्ट लाएगा,जीवन साथी से संबन्धित कोई नया कार्य कर सकते हैं सहोदरो से संबन्धित कोई खबर मिल सकती हैं। शनि साढ़ेसाती की दूसरी ढैया किसी बुजुर्ग की मृत्यु कारण अन्त्येष्टि कर्म मे सम्मिलित करवा सकती हैं स्वयं हेतु विष इत्यादि से भय हो सकता हैं अत: बाहर के खाने से परहेज करे।
उपाय- नित्य शनि चालीसा, हनुमान चालीसा का पाठ करे तथा हर शनिवार बंदरों को केला खिलायें।
9) धनु राशि- इस राशि से द्वादश भाव मे शनि का गोचर शनि की साढ़ेसाती की शुरुआत करेगा जिसके प्रभाव से स्थान परिवर्तन व धननाश होकर रहेगा, धन आने मे दिक्कते होंगी, आपके खिलाफ कोई इल्जाम अथवा कारवाई की जा सकती हैं जिनसे स्वयं स्वास्थ्य संबंधी कष्ट शुरू होने के कारण अस्पताल जाना पड़ सकता है। मामा पक्ष मे परेशानियाँ आएंगी परंतु विदेश अथवा दूर की यात्रा से लाभ भी मिलेगा।
उपाय- विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ नित्य करे तथा चींटियों को चावल के आटे का चुरा डाले।
10) मकर राशि- इस राशि से एकादश भाव मे शनि का गोचर होने से शनि व गुरु दोनों ग्रहो की इस राशि पर दृष्टि होगी जिससे जबरदस्त सफलता व धन लाभ की समभावनाएं बनेगी जिस कारण आपके आत्मविश्वास मे बढोतरी होगी, जीवन मे बहुत से बदलाव आएंगे, व्यापार विस्तार हेतु नई योजनाए बनेगी जिनसे लाभ होगा, आप धन को कहीं ना कहीं किसी भी रूप मे निवेश करेंगे, संतान के लिए थोड़ा कष्टकारक समय रहेगा।
उपाय- सोमवार को शिवजी की तथा शनिवार को शनिदेव की पुजा करे, किसी सेवार्थ अस्पताल मे गरीबो के लिए मदर टिंचर नामक दवा दान करें।
11) कुम्भ राशि- इस राशि से दशम गोचर कार्य की अधिकता, नौकरी का छूटना व सम्मान की हानि कराएगा आपको अपने खर्चे निकालने में दिक्कत प्राप्त होंगी, उधार चुकाना मुश्किल होगा, इन सब कारणो से सेहत प्रभावी हो सकती हैं, पिता या किसी पार्टनर से लाभ होगा, लंबी यात्राओ मे धन खर्च होगा, आपका विदेश अथवा अस्पताल से संबंध जुड़ सकता हैं, पत्नी से संबन्धित सुखो मे कमी तथा भूमि व मकान संबंधी योजनाओ मे परेशानियाँ बनेगी।
उपाय- प्रतिदिन किसी धर्मस्थान मे अवश्य जाए तथा शनिवार शाम को शनि सहस्त्रनाम का पाठ करे।
12) मीन राशि- राशि से नवम गोचर धर्म, धन व भाग्य वृद्दि करेंगे, भाई बहनो को लाभ देंगे, शत्रुओ को नुकसान मिलेगा अर्थात आपकी विजय होगी, दुष्साहसी प्रवृति बड़ेगी, कानूनी मामलो मे मदद व लाभ मिलेंगी, पिता के स्वास्थ्य मे सुधार होगा, धर्म गुरुओ से मिलना अथवा विदेश मे तबादला हो सकता है।
उपाय- शनि चालीसा का पाठ रोजाना करे तथा हल्दी का तिलक माथे पर नित्य लगाए।

Pt.P.S Tripathi
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