भारत के हर समुदाय में विवाह योग्य युवक युवतीयों को मनपसन्द साथी मिलना एक बड़ी समस्या है। इस कारण बहुत से व्यक्तियों के विवाह योग्य उम्र हो जाने पर भी विवाह नही हो पाता है। मां-बाप अपने होनहार- पढ़े लिखे बच्चों के लिए उपयुक्त जीवन साथी के लिए परेषान रहते है। कभी-कभी विवाह की बात बनते-बनते बिगड़ जाती है और कई बार बन जाने के बाद बिगड़ जाती है। इसका कारण किसी को भी समझ नही आता। इस समस्या में अन्य कारणों के अलावा एक महत्वपूर्ण कारण होता है, उसे भवन का दोषपूर्ण वास्तु जहां वे निवास करते है।
ईषान दिषा में वास्तु संबंधी दोष होने पर जैसे ईषान दिषा की ओर चारदीवारी का कटा, घटा या गोल होना अत्यन्त अषुभ है। जिसका प्रभाव वहा रहने वाली विवाह योग्य सन्तान पर भी पड़ता है।
निवास स्थान के ईषान, उत्तर या पूर्व में भूमिगत पानी की टंकी, कुआं या बोर होना बहुत शुभ होता है। इससे सन्तान की तरक्की व खुषहाली देखने का सुख मिलता है, उचित समय पर विवाह होता है व वंष वृध्दि होती है। उपरोक्त दिषाओ के अलावा अन्य किसी भी दिषा में हो तो इसके विपरीत परिणाम देखने को मिलते है।
यदि मुख्य द्वार के सामने कोई बाधा होती है तो उसे द्वार वेध कहा जाता है, जैसे बिजली का खम्बा, स्तम्भ, वृक्ष खूली नाली या सामने के भवन का धारदार कोना इत्यादि। यह स्थिति अषुभ होती है। इससे प्रेम या शादी में काफी रुकावाट आती है।
विवाह योग्य बच्चों को हमेषा डबल बेड पलंग पर सुलाना चाहिए। चाहे वे अकेले ही क्यों ना सोये। इससे शीघ्र जीवन साथी मिलने की संभावना बढ़ती है। ध्यान रहे कि पलंग के ऊपर किसी भी प्रकार का बीम या टांड होना अषुभ है।
यदि आपकी लड़की का विवाह नही हो पा रहा हो तो उसे अपने घर के वायव्य कोण में सुलाएं। उसका बिस्तर उसके कमरे में पष्चिम दीवार से लगा हुआ होना चाहिए जो तीनों ओर से उपयोग में लिया जा सके। वायव्य कोण में भूमिगत पानी की टंकी, बोर, कुआं, सेप्टिक टैंक या किसी भी प्रकार से नीचा होने पर कन्या सन्तान घर में कम और बाहर ज्यादा रहती है व कई बार अपनी मर्जी से बिना बताये भाग कर विवाह कर लेती है।
फेंगषूई के अनुसार विवाह योग्य बच्चे के शयनकक्ष के प्रवेषद्वार के सामने वाली दीवार का दायां कोना प्यार का होता है। यह कोना दबा या कटा होने से मनचाहा प्यार नही मिल पाता। ऐसे कटे हुए स्थान पर कमरे के अन्दर एक दर्पण न बहुत छोटा न बड़ा पर्याप्त ऊंचाई पर इस प्रकार लगाना चाहिए जिसमें की व्यक्ति का पूरा चेहरा दिखाई दें, ताकि वह अपने मनचाहे प्यार को पा सके।
अपने शयनकक्ष में विवाह योग्य बच्चों को पियोनिया के फूल रखने चाहिए लेकिन हरे पेड़-पौधे न रखें। व्यवसाय से संबंधित कोई भी वस्तु शयनकक्ष में न रखें।
लड़की के शयनकक्ष में चन्द्रमा का चित्र या कोई शो पीस हो तो लगा दें। उसके शयनकक्ष में क्रिसमस ट्री लगा दें। इसे उत्तर की ओर रखें। पूर्णिमा की रात्रि को एक बाल्टी पानी छत में खुला रख छोड़ दें। प्रातः इस जल से स्नान करवा दें। ऐसा सात पूर्णिमा करें।
Pt.P.S Tripathi
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