Tuesday 3 November 2015

अंगूठे का प्रकार

(क) गदा के आकार का अंगूठा। (ख) लचीला अंगूठा (पिछे मुड़ने वाला) (ग) कठोर अंगूठा। (घ) दूसरा भाग बीच से पतला। (ड़) वर्गाकार अंगूठा। (च) नुकीला अंगूठा। (छ) छोटा अंगूठा।
सीधा अंगूठा
ऐसे व्यक्ति अंतर्मुखी व्यक्तित्व वाले होते हैं, अर्थात भावुकतावश उल्टा-सीधा बोल देने वाले और ’’क्षणे रुष्टः क्षणे तुष्टः’’, यानी क्षण में क्रोध आना क्षण भर बाद प्रसन्न मुद्रा में बात करना इनकी प्रमुख विशेषता होती है। ये ’’प्राण जाय पर वचन न जाइ’’ सिद्धांत को मानने वाले, रूढि़वादी परंपराओं से जुड़े, बुजुर्गो से डरने वाले होते हैं। अतः पे्रम विवाह में यदि लड़की इन्हें साहस दिलाये, तो ये, हनुमान की
तरह, अपनी शक्ति से पूर्ण समर्थ हो कर, घर से अलग हो कर भी, हर स्थिति का सामना कर लेते हैं। इसलिए ये लोग मनचाही लड़की प्राप्त कर लेते हैं। स्वयं डरपोक, भीरु, कायर, एवं स्वार्थी प्रकृति के होते हैं। इन्हें मितव्ययी या कंजूस भी कहा जा सकता है। किन्तु मौका आने पर, भावुकतावश, अपना सर्वस्व दान कर देते हैं। केवल इनके सामने वाले को प्रभावित करने की कला आनी चाहिए, तो फिर ये उसपर तन-मन-धन से न्योछावर हो जाते हैं। लेकिन लोकप्रियता इन्हें कम मिल पाती है। इनके हर कार्य के पूर्ण होने में काफी विलंब होता है। शरीर में गर्मी अधिक होने से ये जातक बहुत कर्मठ होते हैं।
दुर्भाग्य से इन्हें दांपत्य जीवन का सुख और न ही कर्म के अनुसार पूर्ण फल ही मिल पाता है। ऐसे लोग अपने कार्य को गुप्त रखना पसंद करते हैं।अपयश इन्हें जल्दी मिलता है। कंजूसी और स्वार्थीपन, प्रचार से बचने की भावना, असामाजिकता, व्यवहार कु’ालता की कमी, अत्यधिक औपचारिकता निभाने की प्रवृत्ति, मौन, गंभीर व्यक्तित्व, दयालुता का अभाव इन्हें लोकप्रियता देने में बाधक होते हैं। नियमितता, ईमानदारी, सत्यवादिता इनकी प्रमुख वि’ोषताएं होती हैं। इस कारण इन्हें अधिक कष्ट उठाने पड़ते है। सीधे अंगूठे वाले बहुत जल्दी ही किसी से प्रभावित हो जाते हैं। कट्टरपंथी, अतिभाग्यवादिता, रूढि़वादिता के कारण ज्योतिष, तंत्र,मंत्र, देवी,देवताओं के प्रति इनकी आस्था अधिक होती है। भूत-पे्रत में भी ये वि’वास करते हैं। इनकी इस कमजोरी का लाभ उठा कर अन्य इनके संचित धन से फायदा उठाते हैं। इनको सही समय पर पैसों का लाभ नहीं मिलता, या बहुत कम मिलता है। अतः इन्हें झुकने वाले अंगूठे के जातकों से ही लेन-देन करनी चाहिए, अन्यथा इन्हें हानि होती है, स्त्री पक्ष से भी इन्हें हानि होती है।
पीछे की ओर झुका अंगूठा:
व्यापार में साझेदारी या भागीदारी उन्हीं लोगों से आजीवन निभ पाती है, जिनके अंगूठे एक समान न हों। एक समान अंगूठा वाले, प्रभुसत्ता जमाने की प्रकृति के कारण, एक दूसरे पर अधिकार जमाने के कारण बिगाड़ कर लेते हैं। स्वयं का पत्नी के प्रति अधिक आकर्षण नहीं होता। 20 वर्ष से 29 वर्ष की आयु में श्रेष्ठतर समय, 40 से 49 के बीच श्रेष्ठतम समय, फिर यदि दीर्घायु होती है, तो 80 से 89 में भी अच्छा यश देने वाले कार्य होते हैं। किंतु लंबी बीमारी, जैसे तपेदिक, कैंसर आदि “यंकर रोग इन्हें बुढ़ापे में धर दबोचते हैं। संतान सुख भी इन्हें कम मिल पाता है। इन्हें आयुर्वेदिक, प्राकृतिक योग, चिकित्सा, होम्योपैथिक, प्राणायाम आदि के द्वारा की गयी चिकित्सा शीघ्र लाभ करती हैं। प्रवाल या मोती भी इन्हें शीघ्र लाभ पहुंचाती हैं। ये पानी के विशेष शौकीन होते हैं। ये दिन में एक से अधिक बार नहाते हैं। इन्हें अधिक पसीना आता है (गर्मी के दिनों में) और लू लग जाती है (गर्मी की तासीर होने से) डाक्टरी दवा आदि का इन पर उल्टा असर हो जाता है, जिससे इनको गर्मी करने वाली वस्तुओं से बच कर रहना चाहिए। इन्हें अनायास कहीं से पैसा नहीं मिलता है। इन्हें अपने नाम से कभी भी लाॅटरी नहीं लेनी चाहिए। “गवान इन्हें केवल मेहनत का ही देता है। इन लोगों की इच्छा’ाक्ति बलवती होती है,
किंतु बिना गुणों के दूसरे व्यक्तियों से ये परिचित नहीं हो पाते । इनमें मिलनसारिता का अभाव रहता है। ये व्यक्ति स्वयं गहरे रंग के वस्त्र पहनना पसंद करते हैं, जबकि पत्नी हल्के रंग के वस्त्रों की शौकीन होती है।
लम्बा अंगूठा
लम्बा अंगूठा होने से व्यक्ति में सुदृढ़ इच्छा शक्ति और विकसित चरित्र पाया जाता है। साधारणतया अंगूठे की लम्बाई तर्जनी के आधार से कुछ ऊँचा होता है, इससे ज्यादा या कम स्थिति में छोटा-बड़ा अंगूठा माना जाता है। लम्बे अंगूठे वाले लोग व्यापार में लाभ कमाते हैं तथा आवश्यक जीवन दर्शन को मानने वाले होते हैं। अगर यह पीछे की ओर झुका हुआ होता है तो व्यक्ति प्रतिभावान और सफल होता है तथा हर परिस्थित में अपने आप को अनुकूल बना लेता है। यदि यही अंगूठा ऊपर की ओर नुकीला और पतला होता है तो व्याक्ति में स्नायुविक असन्तुलन पाया जाता है।
छोटा अंगूठा
छोटा अंगूठा बीच में पतला और पोर मोटा तथा निचला भाग भी मोटा होगा तो अपराधी वर्ग का व्यक्ति कहा जायेगा ये अंगूठे प्रायः गदे की तरह गोल, मांसल और सकरे नाखून वाले अंगूठे होते हैं जो कि कातिलों और अपराधियों में अधिक पाये जाते हैं, इनकी इच्छा शक्ति अविकसित स्वभाव अस्थिर तथा खूंखार होता है। इन्हें अच्छे बुरे का ज्ञान नहीं होता तथा इन्हें हमेशा खून की पिपासा प्रताडि़त करती है।
वर्गाकार मोटा अंगूठा
ऐसे लोग नशे के आदी होते हैं घर में अधिक खर्च करने वाले एवं अन्याय होने पर चिल्ला-चिल्लाकर न्याय मांगते हैं। वर्गाकार अंगूठे के स्वामी सफल व्यक्ति माने जाते हैं, अपने व्यवहार, के द्वारा सफलता प्राप्त करते हैं। अगर यही अंगूठा पुष्ट होगा तो स्वास्थ्य अच्छा होता है तथा स्फूर्ति खूब होती है।
विचित्र आकृति का अंगूठा
विचित्र आकृति का अंगूठा अपराधी वर्ग के लोगों का होता है ये हथियारों के भयानक उपयोग से भी नहीं घबराते और बिना सोचे समझे भयावह कार्य कर बैठते हैं। इनका स्वभाव अस्थिर और खूंखार होता है।
Pt.P.S.Tripathi
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