Monday 18 July 2016

जाने ज्योतिष द्वारा क्यूँ होता है साझेदारों से कष्ट.......

साझेदारों से कष्ट कारण कुंडली में छुपा -
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में जिस प्रकार ग्रहों में आपस में मित्रता-षत्रुता तथा समता होती है, उसी का असर जीवन में सहयोगियों या साझेदारों फिर वह जीवन में नीति संबंधों का हो या व्यवसायिक संबंधों का सहभागिता, अनुकूलता तथा सहिष्णुता ज्योतिष गणना का विषय है। इसके लिए कार्य से संबंधित क्षेत्र का चयन करते समय अपनी ग्रह स्थितियों के अलावा, अपने ग्रहों की दिषा, दषा तथा स्थिति के अनुरूप व्यक्तियों से नजदीकी या दूरी बनाकर तथा किस व्यक्ति का संबंध किस स्थान है, जानकारी प्राप्त कर उस व्यक्ति से उस स्तर का संबंध बनाकर समस्या से निजात पाया जा सकता है। साझेदारों के चुनाव तथा व्यवहारगत संबंध तथा व्यक्ति का चुनाव कार्यक्षेत्र में लाभ-हानि तथा मानसिक शांति हेतु आवष्यक भूमिका निभाता है।

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