Saturday 23 July 2016

बुरे सपनों का कारण है राहु

 सपनों की दुनिया भी बड़ी अजीब होती है। हर इंसान अपनी जिंदगी में सपने जरूर देखता है। स्वप्न कभी डरावनें कभी सुंदर तो कभी परेषान करने वाले कुछ भी हो सकते हैं कभी सच्चाई के करीब तो कभी बेहद काल्पनिक। वैज्ञानिक सपनों को स्वप्नावस्था के अवचेतन मस्तिष्क की उपज मानता है वहीं भारतीय ज्योतिष में स्वप्न को अवचेतनावस्था का ही परिणाम मानता है कि मस्तिष्क नहीं अपितु मन की अवचेतन अवस्था का। वैदिक ज्योतिष के अनुसार मन पर चंद्रमा का प्रभाव होता है अतः चंद्रमा जिस भाव में होगा, उसके स्वप्न उस भाव से संबंधित होते हैं। किंतु कई स्वप्न स्थाई होते हैं जैसे सांप, पानी या प्रेत के सपनें इन सपनों का कारण राहु दोष होता है अतः लगातार इस प्रकार के सपने आयें को राहु की शांति कराना चाहिए, काली चीजों का दान एवं मंत्रजाप करने से सपनों के डर से मुक्ति मिलती है।

No comments: