Thursday 30 June 2016

अनिष्ट की आंशका दूरने हेतु करें रवि योग में रवि की पूजा -

ज्योतिष के अनुसार अगर कोई भी कार्य शुभ योग-संयोग देखकर किया जाए तो सफलता निश्चित रूप से मिलती है। शुभ कार्य संपन्न करने या मंगल कार्य को बिना किसी बाधा के करने के लिए के लिए सिद्धि योग एवं शुभ मुहुर्त देख कर ही किए जाने चाहिए। शास्त्रों में कहा गया है कि जिस तरह हिमालय का हिम सूर्य के उगने पर गल जाता है और सैकडों हाथियों के समूहों को अकेला सिंह भगा देता है, उसी तरह से रवि योग भी सभी अशुभ योगों को भगा देता है, अर्थात इस योग में सभी शुभ कार्य निर्विघ्न रूप से पूर्ण होते हैं। रवि-योग को सूर्य का अभीष्ट प्राप्त होने के कारण प्रभावशाली योग माना जाता है। सूर्य की पवित्र ऊर्जा से भरपूर होने से इस योग में किया गया कार्य अनिष्ट की आंशका को नष्ट करके शुभ फल प्रदान करता है। यह संयोग खरीदी एवं कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत के लिए सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त माने जाते हैं। आज किए जाने वाले शुभ कार्य विशेष फलदायी होंगे क्योंकि आज सर्वार्थसिद्ध योग भी है। अतः रवियोग के संयोग में बाजार से खरीदी स्थायित्व प्रदान करने वाली होगी अतः स्थाथी संपत्ति क्रय हेतु सूर्य की पूजा के साथ किए गए कार्य आज शुभ फलदायी है।

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