Sunday 19 June 2016

शिवजी के अर्धनारीश्वर रूप की पूजा से पायें चंद्र-राहु के दोष से मुक्ति

शिवजी के अर्धनारीश्वर रूप की पूजा से पायें चंद्र-राहु के दोष से मुक्ति -
वाम मार्ग को भगवान् शिव का मार्ग कहा जाता है। यह मार्ग प्रकृति के कृतित्व निर्माण के लिए जाना जाता है, इसके माध्यम से बिना किसी भ्रम के पुनरोत्पादन, पुनर्निर्माण, विकास और क्रियात्मकता का मार्ग खुलता है। भगवान शिव जो वाम मार्ग का अनुयायी कहा जाता है, वे अर्धनारीश्वर हैं, जिसका अर्थ है - जो आधा स्त्री हो और आधा पुरुष हो।
अविचारं शक्त्युच्छिष्ठ पिबेच्छक्रपुरो यदि।
घोरञ्च नरकं याति वाममार्गात्पतेद्ध्रुवं॥
अर्थात् एक शक्तिशाली और सक्रिय (शिष्य) अपने जाति, पंथ, अभिमान, अहंकार, धन, आदि के प्रभाव में नौ (देवी नौ महिलाओं, जो माँ देवी दुर्गा के नौ रूपों के बराबर माना जाता है) देवियों का अपमान करता है तो वह अपनी शक्ति और ऊर्जा खो देता है, चाहे वह स्वयं देवताओं का राजा इंद्र ही क्यों न हो। यदि इंद्र भी ऐसा करेगा तो वह भी अपनी सत्ता और राज्य खो देता है। अतः जिनकी भी कुंडली में चंद्रमा राहु से पापाक्रांत होता है, उन्हें इसका दोष लगता है अतः किसी की भी कुंडली में ऐसी स्थिति बने तो उसे स्त्रीजाति का अपमान नहीं करना चाहिए एवं चंद्रमा की प्रियता के लिए रूद्राभिषेक कराना चाहिए। आज शिवाधिवास और श्रावणमास की समाप्ति में इस प्रकार से किया गया पूजन आपके जीवन में सभी कष्टों से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करेगा।

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