Sunday 19 June 2016

आपके मापदंड एवं जीवन में कष्ट-जाने अपनी कुंडली से

जब भी कोई व्यक्ति या व्यवस्था न्यूनतम न्याय की अवहेलना कर निरंकुश होता है, तब-तब विनाश निश्चित होता है। जो लोग भी मूल्यों से परे जाकर सामान्य हित के खिलाफ होकर स्व हित का निर्णय लेते हैं तो उसे दण्ड भोगना पड़ता है। आपको चाहने वाले तब तक आपके साथ रहेंगे जब तक आप अपनी मर्यादाओं के अनुशासन पर खरे उतरते रहेंगे, अन्यथा पतन निश्चित होगा...। मतलब बहुत साफ है जो भी लक्ष्मण रेखा के अंदर रहेगा, वही सुरक्षित रहेगा। शनि साथ ही गुरू उंचे मानदंडों का पुनस्र्थापन कर रहे हैं। अतः जिस की भी कुंडली में शनि एवं गुरू की स्थिति विपरीत कारक है, उसके जीवन में परेशानियों एवं कष्ट का समय हो सकता है। अतः यदि आप परेशान या कष्ट जोकि कार्यक्षेत्र से लेकर सामाजिक अथवा परिवार से लेकर स्वास्थ्य तक कुछ भी हो सकता है तो अपनी कुंडली का विश्लेषण कराकर शनि एवं गुरू को अनुकूल करने हेतु ग्रह शांति, मंत्रजाप तथा उक्त ग्रहों से संबंधित दान कर अपने जीवन में अनुकूलता जा सकते हैं। 

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