खतरनाक हिप बोन और बैक बोन की चोटों से बचने का ज्योतिषीय उपाय-
बाइक से गिरने, फर्श पर स्लिप होने और खानपान में गड़बड़ी जैसे विभिन्न कारणों से हड्डी टूटने की घटनाएं होती हैं। हाथ की कलाई, पैर और कूल्हे में फ्रेक्चर दुपहिया वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा देखने में आता है। सड़क हादसों में घायल होने वाले सिर पर चोट लगने से भले ही बच जाएं, लेकिन शरीर के बाकी हिस्सों की चोटों से नहीं बच सकते, जो काफी गंभीर हो सकती हैं। ये चोटें व्यक्ति को अपाहिज तक बना सकती हैं। इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक हिप बोन (कूल्हे की हड्डी) और बैक बोन (रीढ़ की हड्डी) की चोट होती है। ये दोनों फ्रेक्चर बेहद गंभीर किस्म के होते हैं, जो किसी भी मरीज को बाकी उम्र के लिए काम करने और चलने-फिरने से लाचार कर सकते हैं। हिप बोन फ्रेक्चर में सबसे बड़ी परेशानी यह होती है कि कूल्हे की हड्डी का निचला और पतला हिस्सा बहुत छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटता है, जिसे बैग ऑफ बोन्स के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे मरीजों को फिर से पैरों पर खड़े होने लायक बनाना नामुमकिन-सा हो जाता है, क्योंकि इसी हिस्से में टांग की हड्डी कूल्हे के साथ जुड़ी होती है। इसी प्रकार हाथ या रीढ़ की हड्डी के साथ होता है। इस प्रकार के चोटों को ज्योतिषीय गणना से आसानी से देखा जा सकता है। अगर किसी व्यक्ति के लग्नेश, द्वितीयेश, तृतीयेश, एकादशेश मंगल होकर अपने स्थान से छठवे आठवे या बाहरवे स्थान पर हो जाए तो इस प्रकार के चोटों की संभावना होती है। क्योंकि लग्नेश मंगल होगा तो अष्टमेश भी होगा जिसके कारण इस प्रकार के दोनों चोटों के लगने की संभावना होती है अतः अगर मंगल इस प्रकार हो जाए तो जातक को तुला दान कराना, मंगल के मंत्रों का जाप हनुमान मंदिर में बैठकर करना एवं गायों की सेवा करना चाहिए।
बाइक से गिरने, फर्श पर स्लिप होने और खानपान में गड़बड़ी जैसे विभिन्न कारणों से हड्डी टूटने की घटनाएं होती हैं। हाथ की कलाई, पैर और कूल्हे में फ्रेक्चर दुपहिया वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा देखने में आता है। सड़क हादसों में घायल होने वाले सिर पर चोट लगने से भले ही बच जाएं, लेकिन शरीर के बाकी हिस्सों की चोटों से नहीं बच सकते, जो काफी गंभीर हो सकती हैं। ये चोटें व्यक्ति को अपाहिज तक बना सकती हैं। इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक हिप बोन (कूल्हे की हड्डी) और बैक बोन (रीढ़ की हड्डी) की चोट होती है। ये दोनों फ्रेक्चर बेहद गंभीर किस्म के होते हैं, जो किसी भी मरीज को बाकी उम्र के लिए काम करने और चलने-फिरने से लाचार कर सकते हैं। हिप बोन फ्रेक्चर में सबसे बड़ी परेशानी यह होती है कि कूल्हे की हड्डी का निचला और पतला हिस्सा बहुत छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटता है, जिसे बैग ऑफ बोन्स के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे मरीजों को फिर से पैरों पर खड़े होने लायक बनाना नामुमकिन-सा हो जाता है, क्योंकि इसी हिस्से में टांग की हड्डी कूल्हे के साथ जुड़ी होती है। इसी प्रकार हाथ या रीढ़ की हड्डी के साथ होता है। इस प्रकार के चोटों को ज्योतिषीय गणना से आसानी से देखा जा सकता है। अगर किसी व्यक्ति के लग्नेश, द्वितीयेश, तृतीयेश, एकादशेश मंगल होकर अपने स्थान से छठवे आठवे या बाहरवे स्थान पर हो जाए तो इस प्रकार के चोटों की संभावना होती है। क्योंकि लग्नेश मंगल होगा तो अष्टमेश भी होगा जिसके कारण इस प्रकार के दोनों चोटों के लगने की संभावना होती है अतः अगर मंगल इस प्रकार हो जाए तो जातक को तुला दान कराना, मंगल के मंत्रों का जाप हनुमान मंदिर में बैठकर करना एवं गायों की सेवा करना चाहिए।
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