Sunday 19 June 2016

निर्धनता की समस्या: ज्योतिष्य नजरिये से

भारत की अन्य सामाजिक समस्यायों में निर्धनता की समस्या अत्यंत प्रमुख है निर्धनता मतलब व्यक्ति द्वारा अपने आश्रितों का अनुपयुक्त भरण-पोषण से है। निर्धनता एक दशा है जिसमें व्यक्ति अनुपयुक्त आय के कारण अथवा मुर्खतापूर्ण व्यय के कारण अपने जीवन स्तर को अपनी शारीरिक और मानसिक कुशलता के योग्य बनाए रखने में अपने को असमर्थ पाता है तथा अपने आश्रितों को अपने समाज के स्तर के अनुकूल बनाए रखने में असमर्थ रहता है इसके आधार पर यह निष्कर्ष प्राप्त किया जा सकता है की निर्धनता एक सामाजिक समस्या है जो व्यक्ति के आर्थिक असमर्थता की ओर संकेत करती है। सरकार द्वारा गरीबी उन्मूलन के तमाम प्रयास के बावजूद दशा जस की तस है। हम भ्रष्टाचार या अन्य कारक जिसके कारण आज तक व्यवस्था में परिवर्तन नहीं हो सका पर चर्चा नहीं करेंगे हम इसके ज्योतिषीय कारण देखा जाए तो लग्नस्थ राहु के कारण नीतियों में नियत की कमी तथा लग्नेश शुक्र के सूर्य के साथ तीसरे स्थान में होने के कारण सही मनोबल का अभाव ही आज भी देश में निर्धनता का प्रमुख कारण है। ये बात देश या व्यक्ति पर एक जैसी लागू होती हैं अतः यदि इस राष्टव्यापी समस्या को समाप्त करना हो तो इमानदार प्रयास तथा राहु की शांति करानी चाहिए।

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