Monday 4 July 2016

उद्योग क्षेत्र की समस्याओं का निराकरण करें ज्योतिष सलाह से........

आज का उद्योग विविध समस्याओं से ग्रसित है जिनमें परिस्थितिजनक सामाजिक तथा कर्मचारी चयन की। व्यक्तिगत गुणों के आधार पर हर व्यक्ति दूसरे से भिन्न होता है और इस सिद्धान्त के आधार पर कहा जा सकता है कि हर व्यक्ति हर कार्य को समुचित रूप से कर सकने में सक्षम नहीं होता। जहाँ उत्पादन, प्रशिक्षण, प्रेरण, नियोक्ता-कर्मचारी संबंध जैसी समस्याएँ उद्योग क्षेत्र अथवा प्रबंधकों की कार्य प्रणाली की होती है, वहीं कर्मचारियों द्वारा उत्पन की गयी समस्याएँ भी कम महत्वपूर्ण नहीं होतीं। कर्मचारियों की कार्य अथवा उद्योग संस्थान के प्रति मनोवृति, मनोबल, कार्य संतुष्टि, हडताल तथा तालाबंदी, औद्योगिक उथलपुथल, अनुपस्थिति तथा श्रमिक परिवर्तन आदि कुछ ऐसी ही महत्त्वपूर्ण समस्याएँ है जिनका सामना आज हर छोटे-बड़े उद्योग को करना पड़ रहा है। योग्य व्यक्तियों को चुन लेना मात्र ही अपने आपमें सब कुछ नहीं होता। उनका उचित स्थान पर नियोजन भी उतना ही आवश्यक है। हर कोटि की समस्याओं का समाधान प्रबंधक शीघ्रताशीघ्र कर लेना चाहता है क्योंकि इसी से उद्योग की भलाई तथा समृद्धि है। इन सभी प्रकार की समस्याओं को सामान्यतः समझना कठिन होता है किंतु अगर ज्योतिषीय नजरिये से देखा जाए तो सभी समस्या चाहे वह उत्पादन, कार्यप्रकृति की हो अथवा कर्मचारियों से संबंधित, सभी का ज्योतिषीय कारक जरूर होता है। अतः किसी भी उद्योग को निरंतर उन्नतिशील बनाये रखने एवं कर्मचारियों की उपयोगिता तथा कार्यप्रणाली के अनुसार चयन करने से अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए उद्योग के प्रणेता की कुंडली एवं उद्योग स्थापित करने की तिथि का ज्योतिषीय विश्लेषण कराया जाकर कमजोर ग्रहों को मजबूत करने एवं कार्यरत लोगों की कुंडली का विश्लेषण कराया जाकर उनकी उपादेयता निर्धारित करनी चाहिए।

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