Tuesday 14 April 2015

कबाड़ घर के नियम


भवन में अनेक अनुपयोगी अथवा यदा-कदा प्रयोग में आने वाली वस्तुओं को रखने के लिए कबाड़घर बनाया जाता है। घर बड़ा है तो स्वतः ही एक कमरा अनुप्रयुक्त सामग्री से भर दिया जाता है। कुछ लोग सामान को इकट्ठा करते रहते है चाहे वो काम में आए अथवा नही। भविष्य में काम लाने की आषा में ऐसे सामानों का ढेर लग जाता है। ऐसे सामानों को नैऋत्य कोण के कमरे में रखें। कभी भी कबाड़घर आग्नेय, ईषान अथवा दक्षिण दिषा में नही होना चाहिए। विषेष कर ईषान कोण को त्याग ही देना सही होगा। इसकी लम्बाई और चैड़ाई न्यूनतम हो और इसका द्वार भी अन्य द्वारों से छोटा रखें।
कबाड़घर को किसी व्यक्ति को रहने, सोने अथवा किराए पर नही दिया जाना चाहिए। गृहस्वामी ऐसे व्यक्ति से सदैव परेषान रहेगा।
कबाड़घर के नीचे तहखाना नही हो और न ही इसकी दीवारों में सीलन आये। पानी का रखना या देवी-देवताओं की तस्वीर भी इसमें नही रखनी चाहिए। इसके द्वार के समीप कोई गप-षप बातचीत आदि नही करनी चाहिए न ही जोर से ठहाका लगाएं और न ही गुस्से में अथवा ऊंची आवाज में बात करें। यह घर की खुषियों के लिए हानिकारक है।

Pt.P.S Tripathi
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