Friday 22 May 2015

उच्च कैरिअर में सफलता पाएँ ज्योतिषीय गणना से -


उच्च कैरिअर में सफलता पाएँ ज्योतिषीय गणना से -
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आज कल हर पैरेंटस की दिली तमन्ना होती है कि उनकी संतान उच्च तकनीकी षिक्षा प्राप्त करें, जिससे उसके कैरियर की शुरूआत ही एक अच्छे पैकेज से हो, किंतु सभी इसमें सफलता प्राप्त तो नहीं कर सकते किंतु अपने संतान की कुंडली के ज्योतिषीय विवेचन तथा उचित समाधान कर एक अच्छे कैरियर हेतु प्रयास किया जा सकता है। आज के युग में आईआईटी में सफल होना उच्च कैरियर की गारंटी मानी जाती है। अतः जाने की क्या आपकी संतान में ऐसे योग हैं। आधुनिक टेक्नाॅलाजी का कारक ग्रह शुक्र, अग्नि व इलेक्टानिक्स कारक सूर्य, आकाषीय वायु कारक राहु, तकनीकी मषीन कारक मंगल, तकनीकी ग्रह कारक शनि आज की आधुनिक तकनीकी पाठ्यक्रमों हेतु अति महत्वूपर्ण ग्रह हैं। षिक्षा कारक ग्रह गुरू, जोकि तर्कषक्ति तथा गणित जैसे विषयों का कारक ग्रह होता है यदि गुरू का संबंध इन में से किसी भाव या भावेष के साथ बनें तो जातक कम्प्यूटर, इलेक्टानिक्स, इलेक्टिकल, साफ्टवेयर, दूरसंचार में इंजीनियरिंग का योग बनता है। मंगल औजार तथा शनि इनका प्रयोग और शुक्र औजारों में प्रयोग का रिफाइनमेंट देता है अतः यदि इन ग्रहों का संबंध दषमभाव या दषमेष से बने तो जातक इंजीनियर बनता है। यदि इनमें मंगल बली होतो जातक धातु से संबंधित क्षेत्र में इंजीनियर होता है, यदि सूर्य चंद्र की युति हो तो माइनिंग से संबंधित क्षेत्र में जाता है। यदि शनि और मंगल की सीधी दृष्टि हो तो सिविल इंजीनियर तथा सूर्य, केतु के साथ बुध का उच्च संबंध दषम भाव से बने तो आईआईटी से इंजीनियर होता है। किंतु उच्च ग्रह स्थिति होने के बावजूद यदि गोचर में ग्रह दषाएॅ अनुकूल ना हो तो जातक को सफलता प्राप्त होने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। अतः अपने संतान के ग्रह स्थिति के अलावा ग्रह दषाओं का आकलन समय से पूर्व कराया जाकर उनके उचित उपाय करने से आईआईटी जैसे उच्च संस्थान से इंजीनियरिंग कर एक सफल कैरियर की प्राप्ति संभव है।



Pt.P.S Tripathi
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