बाॅस से नहीं पटतीः ज्योतिषीय कारक-
कई बार अच्छा कार्य करने के बाद भी बाॅस खुश नहीं होते और कमी निकालते रहते है। किसी किसी को कार्यबोझ अधिक होने के बाद भी बाॅस छोटी-छोटी बातें जैसे छुट्टी स्वीकृत करना जैसे कार्यो के लिए भी सहयोग नहीं करते वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें बाॅस हर संभव सहयोग तथा कार्य ना करने पर ही पसंद करते हैं। इसके पीछे ज्योतिषीय कारण देखा जाए तो यदि किसी जातक के दशम स्थान जहाॅ से बाॅस तथा कर्म का क्षेत्र देखा जाता है। यदि उस स्थान का स्वामी सूर्य या शनि होकर किसी भी प्रकार से एक दूसरे से पापाक्रांत हो जाए तो ऐसे में बाॅस से कभी नहीं पटती उसी प्रकार यदि सूर्य या शुक्र अथवा गुरू या शुक्र हो जाए तो भी इसी प्रकार की स्थिति बनती है। इसी प्रकार यदि लग्न, चतुर्थ, अष्टम अथवा दशम स्थान में शनि हो तो ऐसे में बाॅस के साथ इगो के कारण नापंसदी बनती है। इस प्रकार यदि आपके भी बाॅस से पटरी नहीं जम रही हो तो अपनी कुंडली का विश्लेषण कराकर सूर्य, शनि जैसे ग्रहों की शांति कराकर अपने बाॅस से दोस्ती की जा सकती है।
कई बार अच्छा कार्य करने के बाद भी बाॅस खुश नहीं होते और कमी निकालते रहते है। किसी किसी को कार्यबोझ अधिक होने के बाद भी बाॅस छोटी-छोटी बातें जैसे छुट्टी स्वीकृत करना जैसे कार्यो के लिए भी सहयोग नहीं करते वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें बाॅस हर संभव सहयोग तथा कार्य ना करने पर ही पसंद करते हैं। इसके पीछे ज्योतिषीय कारण देखा जाए तो यदि किसी जातक के दशम स्थान जहाॅ से बाॅस तथा कर्म का क्षेत्र देखा जाता है। यदि उस स्थान का स्वामी सूर्य या शनि होकर किसी भी प्रकार से एक दूसरे से पापाक्रांत हो जाए तो ऐसे में बाॅस से कभी नहीं पटती उसी प्रकार यदि सूर्य या शुक्र अथवा गुरू या शुक्र हो जाए तो भी इसी प्रकार की स्थिति बनती है। इसी प्रकार यदि लग्न, चतुर्थ, अष्टम अथवा दशम स्थान में शनि हो तो ऐसे में बाॅस के साथ इगो के कारण नापंसदी बनती है। इस प्रकार यदि आपके भी बाॅस से पटरी नहीं जम रही हो तो अपनी कुंडली का विश्लेषण कराकर सूर्य, शनि जैसे ग्रहों की शांति कराकर अपने बाॅस से दोस्ती की जा सकती है।
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