Thursday 18 August 2016

क्या अंक ज्योतिष द्वारा नामकरण हो सकता है??????

लड़की का विवाह होने के बाद उसके नाम के आगे का उपनाम (सरनेम) बदल जाता है और उसकी दुनिया व भाग्य भी बदल जाता है। संन्यास के बाद गुरु संन्यास आश्रम में प्रवेश करने वाले का नया नाम रख देते हैं और इस प्रकार उसकी दुनिया ही बदल जाती है। इसी प्रकार फिल्म इंडस्ट्री में बड़े एक्टर नया नाम रखकर अपने फिल्मी करियर का आरंभ करते हैं जिससे उनके गत जीवन का प्रभाव उनके करियर पर न पडे़। बहुत से लेखक भी ऐसा करते हैं। बहुत से लोगों का यह मानना है कि नाम परिवर्तन से भाग्य परिवर्तन हो जाता है। पूर्ण रूप से नाम बदलने से तो जीवन का स्वरूप ही बदल जाता है परंतु नाम में सूक्ष्म परिवर्तन भी भाग्य में बदलाव लाता है। हमारा नाम हमारे व्यक्तित्व को प्रभावित करता है। प्रत्येक व्यक्ति की यह महत्वाकांक्षा होती है कि जीवन में उसका नाम हो जाए। कोई भी व्यक्ति ऐसा नाम नहीं रखना चाहता जो किसी बदनाम या अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति का हो। सामान्यतः वे अपनी मनोवृत्ति के अनुसार किसी महान व्यक्ति के नाम या उसके समानार्थक किसी अन्य संबोधन को चुनते हैं। इसीलिए राम तो बहुतों का नाम होता है परंतु रावण किसी का नहीं होता। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्मराशि के नक्षत्रचरणानुसार दिए गए नामाक्षर से ही नामकरण होना चाहिए। बहुत से लोगों का यह मानना है कि हमें अपनी जन्मराश्यानुसार अपना नाम नहीं रखना चाहिए अन्यथा जादू टोना करने वाले लोगों को हमारे ग्रह नक्षत्रों की गति का अनुमान होने से हमें नुकसान हो सकता है। परंतु यथार्थ में यदि हमें अपनी जन्मपत्री के वास्तविक शुभ फल को प्राप्त करना है तो हमें अपने नाम के आदि अक्षर का चयन जन्म राशि नक्षत्र चरणानुसार ही करना चाहिए। यदि हमें नक्षत्रचरणानुसार अक्षर पसंद नहीं आ रहे हैं तो राशि अक्षर ले लेना चाहिए। यदि यह भी पसंद न हो तो हमें मित्र राशि के अक्षरानुसार नाम रखना चाहिए। ज्योतिष में नाम के केवल प्रथम अक्षर को ही महत्व दिया गया है। शायद इसीलिए एकता कपूर के धारावाहिक अधिकतर ‘क’ अक्षर से आरंभ होने वाले नाम के ही होते हैं। अंक शास्त्र में नामांक का विशेष महत्व है। अंक शास्त्र का वैज्ञानिक आधार जन्म दिनांक के पीछे काम करने वाला वाइब्रेशन होता है। अंक शास्त्र में मूलांक व भाग्यांक का हमारे व्यक्तित्व पर असर पड़ता है। यदि नाम का भी इन अंकों के साथ रेजोनेन्स होता है तो हमें शुभ फल प्राप्त होते हैं अन्यथा नाम प्रभावहीन हो जाता है। नाम में तीन महत्वपूर्ण अंक होते हैं। पहला नामाक्षर यानि जिस अक्षर से नाम आरंभ हो रहा है उस अक्षर का अंक। इसके अतिरिक्त आपके नाम के योग का अंक अर्थात नामांक। अंत में आपके पूर्ण नाम का योग अर्थात पूर्ण नामांक। नाम का चयन करते हुए नामांक तक पहुुंचने की प्रक्रिया में इस बात का ध्यान रखना परमावश्यक होता है कि आपका नामांक आपका मूलांक या भाग्यांक अथवा उनका मित्रांक हो अन्यथा उसकी वाईब्रेशन आपको अधिक बेहतर परिणाम नहीं दे सकेगी।

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