Monday 11 July 2016

मंगल की आक्रामकता

छोटा बच्चा समझ के ना बहलाना रे - मंगल की आक्रामकता -
भारतीय वैदिक ज्योतिष में मंगल को मुख्य तौर पर ताकत और आक्रमण का कारक माना जाता है। मंगल के प्रबल प्रभाव वाले जातक आमतौर पर दबाव से ना डरने वाले तथा अपनी बात हर प्रकार से मनवाने में सफल रहते हैं। मंगल से मानसिक क्षमता, शारीरिक बल और साहस वाले कार्यक्षेत्र होते हैं। मंगल शुष्क और आग्नेय ग्रह है तथा मानव के शरीर में अग्नि तत्व का प्रतिनिधि करता है तथा रक्त एवं अस्थि का प्रतीक होता है। मंगल पुरूष राषि को प्रदर्षित करता है। मकर राषि में सर्वाधिक बलषाली तथा उच्च का होता है। मंगल के निम्न प्रकार से उच्च या अनुकूल होने पर बालक पर मंगल की आक्रामकता का पूर्ण प्रभाव दिखाई देता है। जिसके कारण बालक उर्जा से भरपूर तथा तेज होता है, जिससे तर्कषक्ति, विवाद तथा खेल में विषेष रूचि होती है। जिसके कारण उसमें आक्रामकता का ज्यादा प्रभाव होने से नियंत्रित तथा अनुषासित रख पाना कठिन होता है। यदि बच्चा अपने को बच्चा ना समझ बहकाव की दिषा में अग्रसर हो तो किसी विद्धान ज्योतिष से कुंडली में मंगल की स्थिति का विष्लेषण कराकर मंगलस्तोत्र का पाठ, तुला दान तथा मंगल की शांति कराना लाभकारी होता है। स्वअनुषासन में रखने हेतु बचपन से अपने बच्चे को हनुमान चालीसा का जाप करने की आदत डालना भी अच्छा होगा।

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