Saturday 18 April 2015

अवसर की पहचान

एक बार एक ग्राहक चित्रकार की दुकान पर गया । उसने वहाँ पर कुछ अजीब से चित्र देखे। पहले चित्र में चेहरा पूरी तरह बालों से ढँका हुआ था और पैरों मे पंख थे। एक दूसरे चित्र में सिर पीछे से गंजा था।
ग्राहक ने पूछा ''यह चित्र किसका है? दुकानदार ने कहा ''अवसर का। ग्राहक ने पूछा ''इसका चेहरा बालों से ढका क्यों है? दुकानदार ने कहा ''क्योंकि अक्सर जब अवसर आता है तो मनुष्य उसे पहचानता नहीं है।
फिर ग्राहक ने पूछा ''और इसके पैरों में पंख क्यों है? दुकानदार ने कहा ''वह इसलिये कि यह तुरंत वापस भाग जाता है, यदि इसका उपयोग न हो तो यह तुरंत उड़ जाता है।
ग्राहक ने पूछा ''और यह दूसरे चित्र मे पीछे से गंजा सिर किसका है? दुकानदार ने कहा ''यह भी अवसर का है। यदि अवसर को सामने से ही बालों से पकड़ लेंगे तो वह आपका है। अगर आपने उसे थोड़ी देरी से पकडऩे की कोशिश की तो पीछे का गंजा सिर हाथ आयेगा और वो फिसलकर निकल जायेगा। वह ग्राहक इन चित्रों का रहस्य जानकर हैरान था पर अब वह बात समझ चुका था ।
आपने कई बार दूसरो को ये कहते हुए सुना होगा या खुद भी कहा होगा कि 'हमे अवसर ही नहीं मिला लेकिन ये अपनी जिम्मेदारी से भागने और अपनी गलती को छुपाने का बस एक बहाना है। भगवान ने हमें ढेरों अवसरों के बीच जन्म दिया है। अवसर हमेशा हमारे सामने से आते जाते रहते हैं पर हम उसे पहचान नहीं पाते या पहचानने मे देर कर देते हैं। और कई बार हम सिर्फ इसलिये चूक जाते हैं क्योंकि हम बड़े अवसर के ताक मे रहते हैं । पर अवसर बड़ा या छोटा नहीं होता है। हमें हर अवसर का भरपूर उपयोग करना चाहिये।


Pt.P.S Tripathi
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