ज्योतिष शास्त्र जहां विवाह में विलंब कारक ग्रह स्थितियों का विश्लेषण करता है, वहीं शीघ्र विवाह के लिए उपायों का निर्देश भी देता है। सर्वप्रथम जन्मकुंडली का सूक्ष्म अध्ययन कर यह पता लगाना चाहिए कि व्यक्ति के विवाह कराने में कौन सा ग्रह मुख्य रूप से उत्तरादायी है। उस ग्रह पर किन शुभ एवं अशुभ ग्रहों का प्रभाव है। अशुभ प्रभावों को समाप्त करने के लिए अशुभ ग्रहों से संबंधित दान लड़के या लड़की के हाथ से कराना चाहिए। विवाह में विलंब में शनि की प्रमुख भूमिका होती है। अतः शनि का उपाय करने से भी शीघ्र विवाह की स्थितियां बनती हैं। जिनकी सहायता से शीघ्र विवाह की स्थितियां बनती है। - मेष राशि के लोगों को विवाह की वार्ता के समय लाल या गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। - वृष राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय हल्के रंग के वस्त्र तथा चमकीले आभूषण पहनने चाहिए। यदि कोई नया वस्त्र धारण किया जाए तो भी अच्छा रहेगा। - मिथुन राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय हरे रंग के वस्त्र तथा पारंपरिक पोशाक ही पहननी चाहिए। कोई नया वस्त्र धारण नहीं करना चाहिए। - कर्क राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय सफेद रंग का कोई वस्त्र अवश्य पहनना चाहिए। वस्त्र नया एवं चमकीला नहीं होना चाहिए। - सिंह राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय हल्के गुलाबी या हल्के हरे रंग के वस्त्रों का उपयोग करना चाहिए। - कन्या राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय हरे, सफेद एवं सौम्य रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। - तुला राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय नये वस्त्र धारण करने चाहिए। उन्हें सफेद, गुलाबी एवं पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। - वृश्चिक राशि के लोगों के लिए विवाह वार्ता के समय लाल रंग के वस्त्र धारण करना शुभ होता है। - धनु राशि के लोगों के लिए विवाह वार्ता के समय पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ होता है। - मकर राशि के लोगों के लिए विवाह वार्ता के समय आसमानी एवं कुछ नीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ होता है। - कुंभ राशि के लोगों के लिए विवाह वार्ता के समय बैंगनी या गहरे नीले रंग की पोशाक पहनना शुभ होता है। - मीन राशि के लोगों के लिए विवाह वार्ता के समय पीले रंग की पोशाक पहनना शुभ है। विवाह वार्ता के समय जब वर पक्ष के लोग कन्या को और कन्या पक्ष के लोग वर को देखने के लिए जाएं, तब वर और कन्या दोनों को ही अपने वस्त्राभूषणों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्हें अपनी राशि से संबंधित शुभ रंग के वस्त्र पहनने चाहिए। विवाह वार्ता के स्थान का चयन करने के लिए जन्मकुंडली के सातवें भाव में स्थित राशि की प्रकृति का अध्ययन करना चाहिए। मेषादि विभिन्न लग्नों के लोगों के लिए विवाह वार्ता हेतु कौन सा स्थान अधिक उपयुक्त होगा इसका विवरण नीचे दिया जा रहा है। मेष लग्न: विवाह के घर में तुला राशि होने के कारण इस लग्न के लोगों को विवाह वार्ता के लिए किसी पर्यटन या मनोरंजन स्थल का चयन करना चाहिए। किसी रिश्तेदार का साफ सुथरा घर भी ठीक रहेगा। वृष लग्न: विवाह के घर में वृश्चिक राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी होटल, गेस्ट हाउस या किसी अन्य महत्वपूर्ण भवन का चयन करना चाहिए। मिथुन लग्न: विवाह के घर में धनु राशि होने के कारण इस लग्न के लोगों को विवाह वार्ता के लिए किसी मंदिर या धर्मस्थल का चयन करना चाहिए। कर्क लग्न: विवाह के घर में मकर राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी प्राचीन भवन का चयन करना चाहिए। सिंह लग्न: विवाह के घर में कुंभ राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी प्रसिद्ध और प्राचीन स्थान का चयन करना चाहिए। कन्या लग्न: विवाह के घर में मीन राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी मंदिर या धर्मस्थान का चयन करना चाहिए। तुला लग्न: विवाह के घर में मेष राशि के होने के कारण इनके लिए विवाह वार्ता के लिए किसी कुंटुंबी जन का घर उपयुक्त रहेगा। इसके अतिरिक्त किसी होटल, गेस्ट हाउस या धर्मशाला का चयन कर सकते हैं। वृश्चिक लग्न: विवाह के घर में वृष राशि होने के कारण इस लग्न के लोगों को विवाह वार्ता के लिए किसी मनोरंजन स्थल, पार्क या पर्यटन स्थल का चयन करना चाहिए। धनु लग्न: विवाह के घर में मिथुन राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी प्राकृतिक सौंदर्य युक्त स्थान जैसे बाग, बगीचे या हरे भरे स्थान का चयन करना चाहिए। मकर लग्न: विवाह के घर में कर्क राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी नदी या तालाब के समीप किसी स्थान का चयन करना चाहिए। कुंभ लग्न: विवाह के घर में सिंह राशि होने के कारण इस राशि के लोगों को विवाह वार्ता के लिए किसी प्रसिद्ध एवं प्रतिष्ठित स्थान का चयन करना चाहिए। मीन लग्न: विवाह के घर में कन्या राशि होने के काण इनके लिए विवाह वार्ता के लिए किसी प्राकृतिक सौंदर्य युक्त स्थान या किसी मित्र अथवा रिश्तेदार का घर उपयुक्त रहेगा। जिस कन्या के विवाह में विलंब हो चुका हो उसके माता-पिता जब भी विवाह की वार्ता के लिए घर से जाएं, उस समय उसे अपने बाल खुले रखने चाहिए तथा माथे पर लाल चंदन की बिंदी लगानी चाहिए। विवाह भाव का स्वामी ग्रह जिस समय गोचर में अस्त या वक्री हो, उस समय विवाह की बातचीत नहीं करनी चाहिए। ऐसे समय में विवाह तय होने की संभावना निर्बल रहती है। गोचर में जब विवाह भाव का स्वामी बली हो, उस समय विवाह की बातचीत करने से सकारात्मक परिणाम सामने आते हैं। यदि शनि ग्रह के विवाह भाव में होने के कारण या उस पर शनि की दृष्टि के कारण विलंब हो रहा हो तो कन्या को शनिवार को कड़वे तेल में अपनी परछाईं देखकर तेल दान करना चाहिए। यह प्रयोग सात शनिवार को निंरतर करना चाहिए।
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Sunday 2 April 2017
राशि एवं लग्न अनुसार जाने शीघ्र विवाह के उपाय
ज्योतिष शास्त्र जहां विवाह में विलंब कारक ग्रह स्थितियों का विश्लेषण करता है, वहीं शीघ्र विवाह के लिए उपायों का निर्देश भी देता है। सर्वप्रथम जन्मकुंडली का सूक्ष्म अध्ययन कर यह पता लगाना चाहिए कि व्यक्ति के विवाह कराने में कौन सा ग्रह मुख्य रूप से उत्तरादायी है। उस ग्रह पर किन शुभ एवं अशुभ ग्रहों का प्रभाव है। अशुभ प्रभावों को समाप्त करने के लिए अशुभ ग्रहों से संबंधित दान लड़के या लड़की के हाथ से कराना चाहिए। विवाह में विलंब में शनि की प्रमुख भूमिका होती है। अतः शनि का उपाय करने से भी शीघ्र विवाह की स्थितियां बनती हैं। जिनकी सहायता से शीघ्र विवाह की स्थितियां बनती है। - मेष राशि के लोगों को विवाह की वार्ता के समय लाल या गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। - वृष राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय हल्के रंग के वस्त्र तथा चमकीले आभूषण पहनने चाहिए। यदि कोई नया वस्त्र धारण किया जाए तो भी अच्छा रहेगा। - मिथुन राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय हरे रंग के वस्त्र तथा पारंपरिक पोशाक ही पहननी चाहिए। कोई नया वस्त्र धारण नहीं करना चाहिए। - कर्क राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय सफेद रंग का कोई वस्त्र अवश्य पहनना चाहिए। वस्त्र नया एवं चमकीला नहीं होना चाहिए। - सिंह राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय हल्के गुलाबी या हल्के हरे रंग के वस्त्रों का उपयोग करना चाहिए। - कन्या राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय हरे, सफेद एवं सौम्य रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। - तुला राशि के लोगों को विवाह वार्ता के समय नये वस्त्र धारण करने चाहिए। उन्हें सफेद, गुलाबी एवं पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। - वृश्चिक राशि के लोगों के लिए विवाह वार्ता के समय लाल रंग के वस्त्र धारण करना शुभ होता है। - धनु राशि के लोगों के लिए विवाह वार्ता के समय पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ होता है। - मकर राशि के लोगों के लिए विवाह वार्ता के समय आसमानी एवं कुछ नीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ होता है। - कुंभ राशि के लोगों के लिए विवाह वार्ता के समय बैंगनी या गहरे नीले रंग की पोशाक पहनना शुभ होता है। - मीन राशि के लोगों के लिए विवाह वार्ता के समय पीले रंग की पोशाक पहनना शुभ है। विवाह वार्ता के समय जब वर पक्ष के लोग कन्या को और कन्या पक्ष के लोग वर को देखने के लिए जाएं, तब वर और कन्या दोनों को ही अपने वस्त्राभूषणों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्हें अपनी राशि से संबंधित शुभ रंग के वस्त्र पहनने चाहिए। विवाह वार्ता के स्थान का चयन करने के लिए जन्मकुंडली के सातवें भाव में स्थित राशि की प्रकृति का अध्ययन करना चाहिए। मेषादि विभिन्न लग्नों के लोगों के लिए विवाह वार्ता हेतु कौन सा स्थान अधिक उपयुक्त होगा इसका विवरण नीचे दिया जा रहा है। मेष लग्न: विवाह के घर में तुला राशि होने के कारण इस लग्न के लोगों को विवाह वार्ता के लिए किसी पर्यटन या मनोरंजन स्थल का चयन करना चाहिए। किसी रिश्तेदार का साफ सुथरा घर भी ठीक रहेगा। वृष लग्न: विवाह के घर में वृश्चिक राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी होटल, गेस्ट हाउस या किसी अन्य महत्वपूर्ण भवन का चयन करना चाहिए। मिथुन लग्न: विवाह के घर में धनु राशि होने के कारण इस लग्न के लोगों को विवाह वार्ता के लिए किसी मंदिर या धर्मस्थल का चयन करना चाहिए। कर्क लग्न: विवाह के घर में मकर राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी प्राचीन भवन का चयन करना चाहिए। सिंह लग्न: विवाह के घर में कुंभ राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी प्रसिद्ध और प्राचीन स्थान का चयन करना चाहिए। कन्या लग्न: विवाह के घर में मीन राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी मंदिर या धर्मस्थान का चयन करना चाहिए। तुला लग्न: विवाह के घर में मेष राशि के होने के कारण इनके लिए विवाह वार्ता के लिए किसी कुंटुंबी जन का घर उपयुक्त रहेगा। इसके अतिरिक्त किसी होटल, गेस्ट हाउस या धर्मशाला का चयन कर सकते हैं। वृश्चिक लग्न: विवाह के घर में वृष राशि होने के कारण इस लग्न के लोगों को विवाह वार्ता के लिए किसी मनोरंजन स्थल, पार्क या पर्यटन स्थल का चयन करना चाहिए। धनु लग्न: विवाह के घर में मिथुन राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी प्राकृतिक सौंदर्य युक्त स्थान जैसे बाग, बगीचे या हरे भरे स्थान का चयन करना चाहिए। मकर लग्न: विवाह के घर में कर्क राशि होने के कारण इन्हें विवाह वार्ता के लिए किसी नदी या तालाब के समीप किसी स्थान का चयन करना चाहिए। कुंभ लग्न: विवाह के घर में सिंह राशि होने के कारण इस राशि के लोगों को विवाह वार्ता के लिए किसी प्रसिद्ध एवं प्रतिष्ठित स्थान का चयन करना चाहिए। मीन लग्न: विवाह के घर में कन्या राशि होने के काण इनके लिए विवाह वार्ता के लिए किसी प्राकृतिक सौंदर्य युक्त स्थान या किसी मित्र अथवा रिश्तेदार का घर उपयुक्त रहेगा। जिस कन्या के विवाह में विलंब हो चुका हो उसके माता-पिता जब भी विवाह की वार्ता के लिए घर से जाएं, उस समय उसे अपने बाल खुले रखने चाहिए तथा माथे पर लाल चंदन की बिंदी लगानी चाहिए। विवाह भाव का स्वामी ग्रह जिस समय गोचर में अस्त या वक्री हो, उस समय विवाह की बातचीत नहीं करनी चाहिए। ऐसे समय में विवाह तय होने की संभावना निर्बल रहती है। गोचर में जब विवाह भाव का स्वामी बली हो, उस समय विवाह की बातचीत करने से सकारात्मक परिणाम सामने आते हैं। यदि शनि ग्रह के विवाह भाव में होने के कारण या उस पर शनि की दृष्टि के कारण विलंब हो रहा हो तो कन्या को शनिवार को कड़वे तेल में अपनी परछाईं देखकर तेल दान करना चाहिए। यह प्रयोग सात शनिवार को निंरतर करना चाहिए।
ज्योतिष में चक्र
विविध चक्रों के आधार पर भविष्य फलदर्शन की परिपाटी प्राचीन समय से आज तक चली आ रही है। जन्म समय प्रश्न, समय गोचर वर्ष फल, विविध प्रकार के मुहूर्त इत्यादि के समय ज्योतिष शास्त्र सम्मत अथवा ज्योतिष शास्त्र वर्णित विविध प्रकार के चक्रों का उपयोग, फलादेश के लिए करना, प्रचलन में है। सुदर्शन चक्र: सुदर्शन चक्र पद्धति में जन्मकालिक लग्न, चंद्र लग्न एवं सूर्य लग्न का एक साथ उत्पन्न अर्थात संभूत, संतुलित प्रभाव का आकलन किया जाता है। जन्म कालिक लग्न, चंद्र व सूर्य इन तीनों के बलाबल पर ध्यान दिए बिना ग्रहों के शुभाशुभत्व का विचार पूर्ण रूप से नहीं किया जा सकता। सूर्य आत्म कारक, चंद्रमा मन का अधिपति और जन्म लग्न शरीर रूप है। ये तीनों जातक के शुभाशुभत्व के आधारभूत हैं। इनके बलहीन होने से सुयोगों वाली कुंडली भी अशुभ ही रहेगी। इस विधि से फलादेश का जो निष्कर्ष निकलेगा वह तीनों लग्नों का मिश्रित निश्चयात्मक फल होगा। इस पद्धति में ग्रहों की वास्तविक समसामयिक स्थिति ही दर्शाई जाती है। जिस भाव का फलादेश करना हो उसे लग्न मानकर सम्मिलित रूप में विचार करना चाहिए। ऐसे भाव में जो ग्रह स्थित होते हैं उनके आधार पर फलादेश किया जाता है। ग्रह विहीन भाव का शुभाशुभात्व दृष्टिकारक ग्रहों के आधार पर करते हैं। दृष्टि कारक एकाकी ग्रह स्व-बलानुसार फलप्रदाता माना गया है जबकि भाव पर विभिन्न ग्रहों की दृष्टि रहने पर सर्वप्रबल ग्रह तदनुसार फलप्रदाता रहेगा। सुदर्शन पद्धति में विचार करते समय जितने ज्यादा शुभ ग्रहों की अभीष्ट भाव पर दृष्टि होगी, उसका फल उतना ही ज्यादा शुभ और जितने ज्यादा पापग्रहों की दृष्टि होगी उतना ही ज्यादा अनिष्टकर होगा। किसी भी ग्रह की दृष्टि न होने पर भावेश के अनुसार फलादेश करना चाहिए। सुदर्शन चक्र से फलकथन के सामान्य सिद्धांत: - शुभ ग्रह जिस भाव में विराजमान होते हैं उस स्थान की सदैव वृद्धि करते हैं। - इस पद्धति में चक्र के जिस भाव से केंद्र, त्रिकोण, षष्ठम, अष्टम या द्वादश भाव में शुभ ग्रह विराजमान हों उस भाव की वृद्धि करते हैं। - किसी भाव से केंद्र, त्रिकोण, (पंचम-नवम) अथवा आठवें स्थान में पापग्रह स्थित होने पर उस भाव को बिगाड़ देते हैं, उस भाव की शुभता को नष्ट कर देते हैं। इस संबंध में यह हाल राहु का भी है। - इसी प्रकार जिस भाव में राहु विराजमान होगा उस भाव की वृद्धि अवरुद्ध कर उसे नष्ट कर देगा। - अन्य पापग्रह भी जिस भाव में विराजमान होते हैं वे भी उस भाव या स्थान की हानि करते हैं। - अपनी स्वोच्च-राशि, स्वराशि अथवा मूल-त्रिकोण राशि में बैठे हुए अशुभ ग्रह अशुभ फल नहीं देते। - स्व-राशि, स्वोच्च-राशि या अपनी मूल-त्रिकोण राशि में बैठे हुए किसी भी शुभाशुभ ग्रह का साथी बनकर बैठा राहु भाव-नाशी नहीं होता। इस पद्धति में सूर्य-कुंडली के लग्न भाव स्थित सूर्य को पापी नहीं कहते। फलादेश करते समय सप्त वर्ग/अष्टक वर्ग का ध्यान रखते हुए भी विचार करना चाहिए। सप्तवर्गानुसार शुभ एवं अशुभ वर्गों का निश्चय कर दृष्टि, योग, स्वामित्व आदि देखकर किसी भी अभीष्ट भाव का फल कथन करना चाहिए। शुभ वर्गाधिक्य होने से अशुभ ग्रह भी शुभ हो जाते हैं और अशुभ वर्गाधिक्य होने से शुभ ग्रह भी अनिष्ट फलकारी हो जाते हैं।
Saturday 1 April 2017
Friday 31 March 2017
कुंडली में अष्टम भावस्थ शनि का विवाह पर प्रभाव
प्राचीन ज्योतिषाचार्यों ने एकमत से जातक की कुंडली के सप्तम भाव को विवाह का निर्णायक भाव माना है और इसे जाया भाव, भार्या भाव, प्रेमिका भाव, सहयोगी, साझेदारी भाव स्वीकारा है। अतः अष्टम भावस्थ शनि विवाह को क्यों और कैसे प्रभावित करता है यह विचारणीय हो जाता है क्योंकि अष्टम भाव सप्तम भाव का द्वितीय भाव है। विवाह कैसे घर में हो, जान - पहचान में या अनजाने पक्ष में हो, पति/पत्नी सुंदर, सुशील होगी या नहीं, विवाह में धन प्राप्ति होगी या नहीं आदि प्रश्न विवाह प्रसंग में प्रायः उठते हैं और यह आवश्यक भी है क्योंकि विवाह संबंध पूर्ण जीवन के लिए होते हैं। इन सब प्रश्नों का उत्तर सप्तम भाव से मिलना चाहिए। परंतु जब अष्टम भाव में शनि हो तो विवाह से जुड़े इन सब प्रश्नों पर प्रभाव पड़ता है। देखें कैसे? अष्टम भाव विवाह भाव (सप्तम) का द्वितीय भाव है तो यह विवाह का मारक स्थान होगा, जीवन साथी का धन होगा, परिवार तथा जीवन साथी की वाणी इत्यादि होगा। अतः अष्टम भावस्थ शनि इन सब बातों को प्रभावित करेगा। यदि शनि शुभ प्रभावी है तो जातक को जीवन साथी द्वारा परिवार, समाज में सम्मान, धन (दहेज या साथी द्वारा अर्जित) प्राप्ति, सुख, मधुर भाषी साथी प्राप्त हो सकता है। यदि शनि अशुभ प्रभाव में हो तो जातक के लिए मारक और उसके साथी द्वारा प्राप्त होने वाले शुभ फलों का ह्रास होगा। अष्टम भावस्थ शनि की दृष्टि दशम भाव पर होती है जो जातक का कर्म भाव है और उसके जीवन साथी का चतुर्थ भाव अर्थात परिवार, समाज, गृह सुख, विद्या आदि है; अतः जातक का यश, समाज में प्रतिष्ठा, परिवार सुख, धन समृद्धि, शिक्षा, व्यवसाय आदि प्रभावित होते हैं। अष्टम भावस्थ शनि की दूसरी दृष्टि द्वितीय भाव पर होती है तो जीवन साथी का अष्टम भाव है, अतः उसके दुःख कष्ट, आकस्मिक घटनाएं, गुप्त कृत्य आदि तथा स्वयं के संचित धन को प्रभावित करेगा। अष्टम भावस्थ शनि की तीसरी दृष्टि पंचम भाव पर होती है तो जीवन साथी का एकादश भाव है। अतः प्रभाव संतान पर, शिक्षा पर और जीवन साथी के हर लाभ पर होता है। विवाह जनित जितने भी सुख हैं वह अष्टम भावस्थ शनि से प्रभवित होते हैं जिनमें मुख्य हैं धन, संतान, शिक्षा, व्यवसाय, पैतृक संपत्ति, परिवार सुख आदि। शुभ शनि शुभ परिणाम देता है और अशुभ शनि शुभ फलों को कम कर देता है। अष्टम भावस्थ शनि निश्चित रूप से विवाह जनित सुख-दुख को प्रभावित करता है।
Thursday 30 March 2017
Tuesday 28 March 2017
मीन 2017 वार्षिक राशिफल
मीन का सामान्य
आर्थिक तौर पर मार्च का संवत आपके लिए अनुकूल लग रहा है। हालाँकि थोड़ी बहुत आर्थिक मुसीबतों से भी दो-चार हो सकते हैं। कार्य से ध्यान भटकने से आपका प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है। इस स्थिति पर जल्द-से-जल्द काबू पाने की कोशिश करें, वरना आप कुछ अच्छे अवसर खो सकते हैं। आपके पीछे आपकी बुराई करके विरोधी आपकी छवि ख़राब करने की कोशिश कर सकते हैं। भाग्य आपका साथ देगा फिर भी आपको थोड़ी निराशा रहेगी। शक्तिशाली लोगों के संपर्क में रहना लाभदायक रहेगा। काम के अधिक बोझ के कारण थोड़ी परेशानी व तनाव रहेगा। आँख बंद करके किसी पर भरोसा न करें। व्यवसायिक यात्रा आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगी। परिवार में ख़ुशी और ग़म के मिले जुले क्षण रहेंगे। स्वास्थ्य थोड़ा ख़राब हो सकता है।
मीन का आर्थिक जीवन
वरिष्ठजन आपके कार्य की सराहना करेंगे, जिससे आपको निकट भविष्य में फ़ायदा होगा। आपके प्रयास आपको बहुत लाभ पहुँचाएंगे। अपने व्यवसायिक सहयोगियों के ज़रिए व्यवसायी धन कमाएँगे। बच्चे की उच्च शिक्षा पर धन ख़र्च हो सकता है। नौकरी बदलने के लिए यह संवत अनुकूल है। कोई भी निर्णय लेने से पहले सब चीज़ों की अच्छी तरह जाँच कर लें। आर्थिक स्थिति में इस संवत उथल-पुथल रहेगी। माता-पिता की ओर से आर्थिक सहयोग मिलेगा। पूर्वजों की जमीन के संबंध में थोड़ा सावधान रहें। संवत के अंत में कोई अनचाहा आर्थिक लाभ हो सकता है।
मीन का स्वास्थ्य जीवन
संवत का आरंभ आपके स्वास्थ्य के लिये अनुकूल है। संवत के दूसरे सप्ताह में सिर दर्द और हल्के बुखार के लक्षण हो सकते हैं। योगा और मेडीटेशन करने से आप अपने आपको संवत भर शारीरिक और मानसिक तौर पर फ़िट रख पायेंगे।
मीन का पारिवारिक जीवन
इस संवत को अपने परिवारजनों के साथ समय गुज़ारें। मित्रों से अपेक्षानुसार सहयोग नहीं मिलेगा। वैवाहिक जीवन ख़शनुमा रहेगा और आप अपने जीवनसाथी के साथ कुछ यादगार पल गुज़ारेंगे। वाणी पर संयम रखें। आपके बोल दूसरों को आहत कर सकते हैं। किसी के साथ प्रेम का चक्कर चलाने से आपके और आपके परिवारजनों के बीच में खटास पैदा हो सकती है। कैसी भी परिस्थिति हो अपने अहम और गुस्से को काबू में रखें। आप अपने विश्वास को तेज़ी से खोता हुआ महसूस कर सकते हैं। किसी नए मेहमान का आपके परिवार से जुड़ाव होना काफ़ी हद तक संभव है। शराब पीकर गाड़ी न चलाएँ।
मीन का सावधानी एवं उपचार
माता दुर्गा की पूजा करने से आपके जीवन की सारी परेशानियाँ दूर होंगी। इस वर्ष दुर्गा शप्तशती का पाठ करना, दुर्गा कवच का पात करना, सुहाग की सामग्री का दान करना चाहिए.
कुम्भ 2017 वार्षिक राशिफल
कुम्भ का सामान्य
स्वास्थ्य के लिहाज़ से यह संवत अच्छा है। तकनीकी क्षेत्र से संबंध रखने वाले व्यक्तियों को सफ़लता मिलेगी और कार्य क्षेत्र में सम्मान मिलेगा। दोस्तों के बीच समय गुज़ारेंगे और उनपर पैसा भी ख़र्च करेंगे। अपने इस ख़र्चीलेपन पर काबू रखें और जितना हो सके पैसा बचाएँ। माँ को कुछ स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं, इसलिए थोड़ा सचेत रहें। शत्रुओं से सावधान रहें। सगे-संबंधियों से कुछ मतभेद हो सकते हैं। संवत के अंत में मानसिक तनाव हो सकता है। शांति और विश्वास के साथ काम करने से आप विजयी होंगे। प्रेमी जोड़ों के लिए संवत औसत रहेगा। लोन लेने से बचें और किसी को भी पैसा उधार न दें। संवत के अंत में व्यवसायियों को कठिन परिस्थितियों से गुज़रना पड़ सकता है। किसी अहम प्रोजेक्ट पर एक टीम की रहनुमाई करने का मौका मिलेगा।
कुम्भ का आर्थिक जीवन
इस संवत काम का अभाव होगा। किसी विपरीत लिंग के व्यक्ति से सहायता मिलेगी। ख़र्चों पर काबू करने से आर्थिक हालात सामान्य रहेंगे। अपने काम में निखार लाने की कोशिश करेंगे। विरोधियों से सचेत रहें। भाग्य के भरोसे रहने से बेहतर है कि चीज़ों को अपने हाथों में लें और ख़ुद से काम करें। आर्थिक हालात में सुधार के लिए अपने निजी जीवन को व्यवसायिक जीवन से दूर रखें। राजनीति से जुड़े व्यक्तियों के लिये यह संवत फ़ायदेमंद साबित होगा। संवत के मध्य में अनचाहा आर्थिक लाभ होगा।
कुम्भ का स्वास्थ्य जीवन
इस संवत आपका स्वास्थ्य सामान्य रहेगा। हालाँकि कुछ बड़ा घटित होने के आसार नहीं है, फिर भी अपने परिवारजनों की सेहत का ख़्याल रखें।
कुम्भ का पारिवारिक जीवन
मित्रों के साथ संबंध अच्छे होंगे। संवत के मध्य में कोई अतिथि घर पर आ सकता है। पारिवारिक माहौल ख़ुशनुमा बना रहेगा। इस संवत घर के नवीनीकरण के बारे में सोच सकते हैं। परिवार के साथ एक छोटी यात्रा के आसार हैं। आपके बच्चे आपसे नाराज़ हो सकते हैं और आपसे किसी चीज़ की डिमांड कर सकते हैं। जीवनसाथी के ऊपर ख़र्च कर सकते हैं। कोई भी बड़ा निर्णय लेने से पहले परिवार के किसी बड़े से सलाह ले लें। घर में किसी शुभ कार्य के होने के संकेत हैं। किसी बाहरी व्यक्ति को परिवार में दखलअंदाजी न करने दें। संवत के अंत में आप परिवार के साथ किसी नये घर में स्थानान्तरित हो सकते हैं।
कुम्भ का सावधानी एवं उपचार
शनि देव की उपासना करने से तनाव कम होगा। किसी भी प्रकार की लापरवाही करने से बचें। चीज़े आपके काबू में रहेंगी। सत्यनारायन की कथा करना चाहिए.
मकर 2017 वार्षिक राशिफल
मकर का सामान्य
इस संवत आपको मिले-जुले परिणाम प्राप्त होंगे। काम के साथ ज़िम्मेदारियों का बोझ भी बढ़ेगा। काम में लापरवाही दिखाने के लिये आपके सीनियर आपको चेतावनी दे सकते हैं। अपने कार्यों का आँकलन करें और अपने काम में निखार लाने की कोशिश करें। आय के एक से अधिक श्रोत बनेंगे। कठिन परिश्रम करने से ही लाभ होगा। ज़िम्मेदारियों में बढ़ोत्तरी होगी। ज़िम्मेदारियों से भागने की बजाय उनका सामना करें। संवत के मध्य में प्रेमी जोड़ों को ख़ुशनुमा पल बिताने का मौका मिलेगा। प्रतियोगी परीक्षा, उच्च शिक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को भाग्य का साथ मिलेगा। नई नौकरी की तलाश कर रहे आपके किसी पड़ोसी को उसके कार्य के अनुसार सफ़लता मिलेगी। कुछ सकारात्मक चमत्कारी बदलाव होने से आपको प्रसन्नता होगी। व्यवसायी अपने व्यवसाय में लाभ के लिये दूसरों का सहारा लेंगे। फ़िजूल की यात्रा करके अपना समय और पैसा बर्बाद न करें।
मकर का आर्थिक जीवन
इस संवत कठिन परिश्रम करें, आलस्य को पास न आने दें। प्रयासों में बढ़ोत्तरी होगी। आपको गंभीर रहने की ज़्यादा जरूरत है। अगर आपका काम में उत्साह कम नहीं होता है तो आपको पिछले संवत कि तरह ही उपलब्धियाँ हासिल होंगी। विरोधी आपको हानि पहुँचाने और आपसे काम छीनने की पूरी कोशिश करेंगे। व्यवसायियों को विदेश से मुनाफ़ा मिलने के आसार हैं। ख़र्चों पर काबू रखें, वरना निकट भविष्य में परेशानी खड़ी हो सकती है। शेयर बाज़ार में पैसा लगाने से बचें। व्यवसाय के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ सकती है। किसी भी परिस्थिति में अपने गुस्से पर काबू रखें। समय पर अपने कार्य को पूरा करने के लिए आप अपने किसी मित्र की सहायता ले सकते हैं। काम का बोझ बढ़ने से तनाव और बेचैनी बढ़ेगी। अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिये कुछ वक़्त निकालें। संवत के अंतिम सप्ताह में आय में वृद्धि हो सकती है।
मकर का स्वास्थ्य जीवन
यह संवत आपके स्वास्थ्य के लिहाज़ से अच्छा नहीं है। अपने स्वास्थ्य को गंभीरता से लें और समय पर डॉक्टर से सलाह लें। अपने गुस्से पर काबू रखें, अन्यथा रक्तचाप बढ़ सकता है। अपनी आँखों का ध्यान रखें और नियमित रूप से व्यायाम करें।
मकर का पारिवारिक जीवन
इस संवत आपके दिमाग में कुछ उलझन रहेगी। आपके मानसिक बदलाव से दूसरे लोग परेशान होंगे। अपने परिवारजनों के साथ हर बात साफ़ करें और उनसे अपने संबंध मजबूत रखें। इस संवत अपनी वाणी पर संयम रखना बहुत ज़रूरी है, वरना आपके कुछ अहम संबंध टूट सकते हैं। छोटे-मोटे मुद्दे आपके व्यवसायिक जीवन को प्रभावित करेंगे। अपने व्यवसायिक जीवन को अपने पारिवारिक जीवन से दूर रखें और अपने परिवार की ख़ुशी के बारे में सोचें। घर के नवीनीकरण के बारे में सोच सकते हैं, इससे आपका ख़र्चा बढ़ेगा। आप में से कोई व्यक्ति नया वाहन ख़रीद सकता है। अपने बुज़ुर्गों का सम्मान करें और उनके साथ कुछ महत्वपूर्ण पल व्यतीत करें। आप अपने जीवनसाथी से ज़्यादा अपेक्षा कर सकते हैं और वो इन्हें पूरी करने की कोशिश करेगा। संवत के अंत में ख़र्चों को कम करें और बचत के बारे में सोचें। कहीं पर धन के फँसने के आसार हैं। परिवार के साथ तीर्थ यात्रा पर जाने से आपके परिवार में समृद्धि आएगी। आप अपने किसी चाहने वाले को सिनेमा या डिनर पर ले जा सकते हैं। व्यवसायियों को उनके जीवनसाथी की वजह से व्यवसाय में लाभ होगा। कोई भी आर्थिक निर्णय लेने से पहले अपने बड़ों से सलाह लें।
मकर का सावधानी एवं उपचार
जल्दबाज़ी में और शराब पीकर गाड़ी न चलाएँ। गुरुवार का व्रत करें. पिली वास्तु का दान करें और गुरु मन्त्र का जाप करें ऐसा करने से आप ग्रहों की नकारात्मकता से बचेंगे।
धनु 2017 वार्षिक राशिफल
धनु का आर्थिक जीवन
इस संवत आर्थिक हालात ठीक नहीं रहेंगे। हालाँकि अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की आपकी निष्ठा आपके जीतने के मिज़ाज को जीवित रखेगी। आपको अपने विरोधियों के साथ किसी प्रोजेक्ट पर कार्य करना पड़ सकता है। ऐसी परिस्थितियों में डरने की बजाय चुनौती को स्वीकार करें। आपको आर्थिक तौर पर लगातार उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ सकता है। पदोन्नती के आसार हैं, लेकिन आपके वरिष्ठ इसमें बाधा उत्पन्न करने की पूरी कोशिश करेंगे। जायदाद या वाहन ख़रीदने के लिये आप लोन ले सकते हैं। बाकी चीज़ें आपके विरुद्ध हो सकती हैं। इससे पहले की हालात और ज़्यादा ख़राब हों मामले को कोर्ट में जाकर सुलझा लें, अन्यथा यह आपके लिए अच्छा नहीं होगा। कुछ समय के लिये विदेशी यात्रा को रद्द करने की आवश्यकता है। साझेदारी के कार्यों में धोखा मिलने के आसार हैं। इसलिये सावधान रहें और आँख बंद करके किसी पर विश्वास न करें। किसी भी कागज़ात पर हस्ताक्षर करने से पहले उसे अच्छी तरह पढ़ लें। कोई पुराना निवेश इस संवत आपको आर्थिक फ़ायदा पहुँचाएगा। कमाई और ख़र्चों की गति समान रहेगी। किसी को भी अपनी जमीन किराये पर न दें, क्योंकि इसके वापस मिलने के आसार बहुत कम हैं।
धनु का स्वास्थ्य जीवन
इस संवत अपको स्वास्थ्य का ख़्याल रखने की ज़रूरत है। काम के बोझ के कारण आप मानसिक तनाव व अनिद्रा से ग्रसित हो सकते हैं। सिर दर्द और आँखों में दर्द की शिकायत भी हो सकती है।
धनु का पारिवारिक जीवन
इस संवत वैवाहिक जीवन पर ध्यान और समय देने की आवश्यकता है। बच्चों और जीवनसाथी के साथ वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। जमीन-जायदाद के मामले झगड़े का कारण बन सकते हैं। आपके बच्चे आपकी बात को अनसुना कर सकते हैं। आप मुद्दों को सुलझाने की कोशिश करेंगे, लेकिन भाग्य आपके साथ नहीं है। किसी पारिवारिक जन के व्यवहार में बदलाव की वजह से आप परेशान हो सकते हैं। ये आपके व्यवसायिक जीवन को प्रभावित करेगा। इसलिये थोड़ा सावधान रहें। इस संवत नये मित्र बनाने की कोशिश न करें और कोर्ट कचहरी से संबंधित मामलों को रद्द कर दें। संवत के मध्य में आप थोड़े आक्रामक हो सकते हैं और अपना आपा खो सकते हैं। बेहतर तालमेल के लिए अपने परिवार के साथ परियोजनायें बनाएँ। पिता की ओर से समर्थन मिलेगा। लोगों पर विश्वास करना कठिन होगा। संवत के अंत में मानसिक भ्रांति उत्पन्न हो सकती है। संबंधियों से शुभ समाचार मिलने के आसार हैं। संवत के तीसरे सप्ताह में घर में कोई मांगलिक कार्य हो सकता है।
धनु का सावधानी एवं उपचार
सूर्य देवता को रोज़ सुबह जल चढ़ायें। चिड़ियों को दाना खिलाने से आपके जीवन में स्थिरता आएगी।
Monday 27 March 2017
वृश्चिक 2017 वार्षिक राशिफल
वृश्चिक का सामान्य
आपकी राशि का स्वामी मंगल व्यय घर में होने से चोट और समय स्वास्थ्य के हिसाब से अनुकूल नही है। हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर के क्षेत्र में आप अच्छा कर सकते हैं। पूरे संवत आप अपने दोस्तों के मध्य व्यस्त रहेंगे। मित्रों पर होने वाले ख़र्चे में बढ़ोत्तरी हो सकती है। ख़र्चों को कम करने की कोशिश करें। ग्रहों की स्थिति आपकी माँ के स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी का कारण बन सकती है। उनकी सेहत का ख़ास ख़्याल रखें। विरोधियों से सावधान रहें। किसी भी नये कार्य को करने का सही समय नहीं है। आपके और आपके चाचा के मध्य कुछ मतभेद हो सकते हैं। किसी परिवारजन की सेहत आपके तनाव का कारण बन सकती है। प्रेमी युगल के लिये समय अनुकूल नहीं है। आप हर प्रतियोगिता में विजयी घोषित होने वाले हैं। आप अपने सभी विरोधियों को परास्त करने में सफल होंगे। लोन लेने या देने के प्लान को रद्द करने से आपको लंबे समय के लिए लाभ होगा। अपने परिवार में अच्छा माहौल बनाये रखनेे के लिए आपको शांत और साफ़ रहने की ज़रूरत है। संवत के अंत में व्यवसायियों को अच्छे लाभ मिलने के आसार हैं। इस दौरान काम में आपके सामने ज़िम्मेदारियाँ बढ़ सकती हैं। इस संवत आपकी पदोन्नति भी हो सकती है। अवैध तरीकों से धन कमाने की कोशिश न करें। इस संवत आपको थोड़ा सचेत रहने की ज़रूरत है।
वृश्चिक का आर्थिक जीवन
कार्य स्थल पर भगवान आपके धैर्य की परीक्षा ले सकते हैं। कोई विपरीत लिंग का व्यक्ति आपके काम में आपकी मदद करेगा। इस संवत आप अपने कार्य को आनंददायक और पर्यावरण के अनुकूल बनाने में सफल हो सकते हैं। आप इसके लिए प्रशस्ति भी पायेंगे। इस संवत आपके ख़र्चों में वृद्धि हो सकती है। अपने कौशल को बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठायें। इस संवत आप अपने शारीरिक आकर्षण को बढ़ाने में समय व्यतीत कर सकते हैं। अगर आप बैंकिग जैसे विभाग से जुड़े हुए हैं तो आपको अपने कार्य में विलक्षण प्रतिभा दिखाने की आवश्यकता है। कार्य करते समय अपनी साख के प्रति सजग रहें। ऊर्जा और उत्साह से आपके दिमाग में और प्रवाह आयेगा। आप नया व्यवसाय या नयी नौकरी के अवसर प्राप्त करेंगे। अपने भाग्य को कोसना आपके लिये लाभदायक नहीं होगा। लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता है। अपनी भावनाओं पर काबू रखें और अपने काम पर ध्यान दें। राजनीति से जुड़े लोगों के लिये समय प्रतिफल देने वाला है। कूटनीतिक गुण आपके अपूर्ण कार्य को पूरा करने में सहायक साबित हो सकते हैं।
वृश्चिक का स्वास्थ्य जीवन
इस संवत आपका स्वास्थ्य सामान्य रहेगा। आप घर में अपने बड़ों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हो सकते हैं। यह आपके लिए मानसिक तनाव का कारण बन सकता है।
वृश्चिक का पारिवारिक जीवन
इस संवत आप अपनी माता के रेगूलर चैकअप के लिए आपको अस्पताल जाना पड़ सकता है। विद्यार्थियों के लिए समय अनुकूल है। इस पूरे संवत आपके परिवार का माहौल ख़ुशनुमा बना रहेगा। अपने घर की वर्तमान परिस्थितियों से लड़ने के लिए आपको अपने क्रोध पर काबू करना होगा। इस संवत आप अपने घर के नवीनीकरण के बारे में भी सोच सकते हैं। परिवार के साथ किसी छोटी यात्रा पर जा सकते हैं। दूसरों से ज़्यादा अपेक्षा करने से आपको निराशा हाथ लगेगी। आपके बच्चे आपके ख़र्चों को बढ़ा सकते हैं, इसलिये थोड़ा सावधान रहें। इस संवत आप अपने बड़ों के साथ अच्छा समय व्यतीत करेंगे। घर में आपका कोई बड़ा आपको किसी आनंददायक स्थान पर ले जा सकता है। आपको अपने पिता का सम्मान करना चाहिये। इस समय कुछ परिवारों के सभी लोग एक जगह एकत्रित हो सकते हैं। अपने छोटे भाई या बहन के साथ आपके मतभेद हो सकते हैं। किसी व्यक्ति का हस्तक्षेप आपके शांतिपूर्ण जीवन में व्यवधान उत्पन्न कर सकता है।
वृश्चिक का सावधानी एवं उपचार
मानसिक तनाव कि स्थिति में शनि देव की पूजा करना लाभदायक होगा। शनि रत्न की अंगूठी को धारण करने से पहले उसे मंत्रों से शुद्ध करना लाभदायक होगा। शनि के लिए दीपदान करना, मन्त्र जाप करना और गरीबो और प्रतारित लोगो के न्याय की कोशिश करना शुभ होगा
तुला 2017 वार्षिक राशिफल
तुला का सामान्य
इस संवत आपको मिले-जुले परिणाम मिलेंगे। मानसिक दवाब की वजह से तनाव महसूस करेंगे, साथ ही थोड़ा चिड़चिड़ापन भी रहेगा। आपका ऐसा स्वभाव आपके सहकर्मियों को नाराज़ कर सकता है। झूठ बोलने से बचें और सफलता का कोई लघु पथ नहीं है, इस बात को स्वीकारें। बेहतर होगा कि आप अपने काम में निखार लायें। इस संवत आय के श्रोत बढ़ेंगे। अच्छे परिणाम के लिए काम को और बेहतर ढंग से करने की जरूरत है। सफलता आपके कदम चूमेगी। ज़िम्मेदारियों में बढ़ोत्तरी होगी। अपने अतीत को अपनी ज़िम्मेदारियों के आगे न आने दें। मध्य संवत के बाद का समय प्रेम करने के लिहाज़ से अनुकूल है। विद्यार्थियों को उनके प्रयासों के अनुसार सफलता मिलेगी। आय में बढ़ोत्तरी होगी। थोड़े से अधिक प्रयास करने से लाभ मिलेगा। आपके सीनियर आपसे ख़ुश हो सकते हैं, साथ ही कुछ आश्चर्यजनक उपहार मिलने के भी आसार हैं। अगर आपने कहीं नौकरी के लिए आवेदन किया है तो नई नौकरी मिलने के आसार हैं। इस संवत परिस्थिति आपके अनुकूल हैं। नया व्यवसाय शुरू करने वालों को लाभ होगा। इस संवत विदेश यात्रा पर जाने का भी प्लान बना सकते हैं।
तुला का आर्थिक जीवन
सफलता पाने के लिए कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता है। लाभ प्राप्त करने के लिए आपको अधिक प्रयास करने होंगे। इस संवत बड़ों के साथ वाद-विवाद की स्थिति भी बन सकती है। कार्य स्थल पर ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए अपने आप को शांत रखें। विरोधियों से सावधान रहें। समय आपके अनुकूल नहीं है, इसलिये सोच समझकर ख़र्च करें। साझेदारी में व्यवसाय कर रहे लोगों को संवत के मध्य में लाभ होगा। विदेश से कुछ धन लाभ हो सकता है। आप अपना व्यवसाय विदेश में स्थापित करने के बारे में सोच सकते हैं। अवैध कार्यों में आप लिप्त हो सकते हैं। ये अवैध कार्य भविष्य में आपकी साख को हानि पहुँचा सकते हैं। अपने कार्यों को पूर्ण करने के लिए आप कूटनीतिक तरीकों का सहारा ले सकते हैं। आपके कार्य में कोई व्यवधान डाल सकता है। इस संवत कार्यों की अधिकता हो सकती है। नौकरी बदलने के लिए अच्छा समय है। आर्थिक दशा को बेहतर बनाने के लिए आपको अधिक परिश्रम करने की आवश्यकता है।
तुला का स्वास्थ्य जीवन
यह संवत आपके स्वास्थ्य के लिहाज़ से बेहतर नहीं है। स्वास्थ्य के प्रति उदासीन रहने की अपनी आदत में सुधार लायें। गुस्से पर काबू रखें वरना ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। पोषणयुक्त भोजन लें। शारीरिक ऊर्जा बढ़ाने के लिए नियमित व्यायाम करें। वाहन सावधानीपूर्वक चलाएँ और आँखों का विशेष ध्यान रखें।
तुला का पारिवारिक जीवन
इस संवत आपको मिले-जुले परिणाम मिलेंगे। अपने पारिवारिक मामलों को बीच में लाना इस संवत सही नहीं होगा। आपका क्रोध लोगों को आपसे दूर कर सकता है। वाणी पर संयम रखें और अपने आस-पास के लोगों को कड़वा बोलने से बचें। वैवाहिक जीवन मधुर बनाने के लिए आपको कठिन परिश्रम करने की ज़रूरत है। आपका व्यवहार आपके जीवनसाथी को आहत कर सकता है। इस संवत आप अपने जीवनसाथी की उपेक्षा कर सकते हैं। आप पहले अपनी इच्छाओं को पूरा करेंगे, जिसके कारण आप दूसरों की इच्छाओं को आवश्यक नहीं समझेंगे। यह आपके और आपके परिवार के बीच कटुता का कारण बन सकता है। पिता से संबंध ख़राब हो सकते हैं। इस संवत आप परेशानियों का सामना कर सकते हैं। संवत के मध्य में आप थोड़ा क्रोधित हो सकते हैं। आपका जीवनसाथी लाभ प्राप्त करने में आपकी सहायता करेगा। अपने से बड़ों का सम्मान करें और उनका आशीर्वाद ग्रहण करें। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले अपने परिवारजनोंं से सलाह लें।
तुला का सावधानी एवं उपचार
दुर्घटनाओं से बचने के लिए तुला दान या रक्तदान करें. हनुमान चालीसा का पाठ करें. मंगल का व्रत करें. मूंगा धारण करें
कन्या 2017 वार्षिक राशिफल
कन्या का सामान्य
आप अपने वैवाहिक जीवन में भी परेशानी का सामना कर सकते हैं। पारिवारिक जीवन में भी इस संवत उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। परिवारजनों के साथ विश्वास और स्नेह रखने से ही आपके संबंधों में मधुरता आयेगी। घर के मामलों को घर में ही सुलझाने की कोशिश करें। किसी भी अवैध कार्य को करने से बचें। इस संवत आपके प्रेम संबंध प्रगाढ़ होंगे और आप नये मित्र भी बना सकते हैं। दोस्तों के बीच समय व्यतीत करना सुकून भरा रहेगा। अपने प्रेम संबंधों को विवाह में परिवर्तित करने के लिए इंतज़ार करें। तब-तक आपको धैर्य रखने की ज़रूरत है। इस संवत अपनी माँ की सेहत के कारण परेशान हो सकते हैं। माता के साथ वैचारिक मतभेद होने के आसार अधिक हैं। धन का मुद्दा गृह क्लेश का कारण बन सकता है। नये प्रोजेक्ट्स पर कार्य करने के लिए अनुकूल समय है।
कन्या का आर्थिक जीवन
आप अपने कार्यों में थोड़ी अस्थिरता महसूस कर सकते हैं। परेशानियों से बचने के लिए पूजा-पाठ करें। लेन-देन करते समय सावधानी बरतें। कठिन परिश्रम से ही व्यवसाय में लाभ होगा। काम में सकारात्मकता लाने से बेहतर परिणाम मिलेंगे। आय में बढ़ोत्तरी हो सकती है। अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए आप कुछ प्रशिक्षण ले सकते हैं। कार्य में उन्नति होने से आत्मविश्वास बढ़ेगा। आपके सगे संबंधी इस संवत आपके लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं। अपने से बड़ों से प्रशंसा ना मिलने की वजह से आप इस संवत उदासीन महसूस करेंगे। संवत के अंत में बड़ों से संबंध मधुर होंगे। आपको अपने आपको साबित करने का बड़ा अवसर मिलेगा। सीखने और अपनी क्षमताओं को बढ़ाने का कोई भी अवसर हाथ से न जाने दें। सफलताओं के समय आपके मित्र आपके साथ होगे। प्रतियोगियों से आगे रहने के लिए अपने विवेक का सहारा लें। आप कठिन परिस्थितियों से लड़ना भली-भाँति जानते हैं। समय आपको आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करेगा। शांत रहें समय आपके साथ है।
कन्या का स्वास्थ्य जीवन
अच्छे से अपनी सेहत की देखभाल करें। इस संवत छाती से संबंधित परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। सर्दी, ज़ुकाम की भी शिकायत हो सकती है। गले को प्रभावित करने वाली चीज़ों को खाने से बचने की कोशिश करें। अगर आप किसी धार्मिक कार्य में भाग ले रहे हैं तो उसके प्रति आस्था और निष्ठा बनाए रखें।
कन्या का पारिवारिक जीवन
बच्चों की घर में उपस्थिति से पूरे संवत प्रसन्न रहेंगे। बच्चों की ओर से कुछ शुभ समाचार भी मिलने के आसार हैं। विलासितापूर्ण जीवन की ओर भागने की कोशिश न करें। आप एक सम्माननीय जीवन जीने के काबिल हैं। इस संवत अपने प्रेमी के साथ कुछ अच्छा समय गुज़ारें। किसी भी अनावश्यक वाद-विवाद से अपने आप को बचाने की कोशिश करें। बिना स्वार्थ के कार्य करने से आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे। अपने पिता का सम्मान करें। इस संवत सकारात्मक रहने की कोशिश करें। अपने बड़ों को भी प्यार और सम्मान दें और उनकी भावनाओं का सम्मान करें। आप पूरे संवत भावुक रहोगे। प्यार आपके जीवन में ख़ुशियाँ लाएगा।
कन्या का सावधानी एवं उपचार
भोर के समय सूर्य मंत्र का जाप करने से लाभ होगा। इस मंत्र के जाप से आप अनावश्यक ख़र्चों पर काबू कर पाएँगे। अपने घर में सूर्य मंत्र स्थापित करने से समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।
सूर्य मंत्र- ऊं ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम: का जाप करें. गरीबो को दवाई का दान करें.
सिंह 2017 वार्षिक राशिफल
सिंह का सामान्य
लंबे समय तक उपयोग के लिए धन संचय के योग बन रहे हैं। ख़र्च आपकी परेशानी बढ़ा सकते हैं। आप अपने कुछ कर्तव्यों का निर्वाह करने में असफल हो सकते हैं, जिसकी वजह से आपके कुछ कार्य समय पर नहीं हो पायेंगे। इस संवत आपके सम्मान में कमी आ सकती है। व्यापार में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। संवत के अंत में भाग्य आपके साथ होगा। आप अपनी बात पर लोगों को आसानी से राज़ी कर पायेंगे। आप अपने सगे-संबंधियों से भी काम लेने में सफल होंगे। काम में दूसरों की मदद लेना लाभदायक होगा। आमदनी के लिहाज़ से यह संवत आपके अनुकूल है। प्रभावी लोगों के संपर्क में आने का अवसर प्राप्त करेंगे, जो आपके करियर में सहायक सिद्ध होगे। संवत के अंत में सगे-संबंधियों से मिलने वाले सहयोग में कमी आ सकती है। कार्य की अधिकता होने की वजह से थोड़ा तनाव महसूस करेंगे। कुछ समय के लिए अपने दोस्तों पर आँख मूँदकर भरोसा करना बंद करें, वरना आपके द्वारा किये गये कार्यों का लाभ वे उठा सकते हैं। व्यवसायिक यात्रा आपको अनुकूल परिणाम देगी। इसके अलावा अपने द्वारा संचालित कार्यों की दुबारा से समीक्षा करना लाभदायक होगा। अपने कौशल में वृद्धि के लिये कुछ प्रशिक्षण ले सकते हैं। आप अधिक विश्वास और ध्यान के साथ अपने कार्यों को कर पाएँगे। चतुराई और विवेक से कार्य करना साझेदारी में परेशानियों को कम करेगा। व्यवसाय को बढ़ाने में पैसा लगा सकते हैं, क्योंकि धन का संचय करना इस समय आपके लिए कठिन होगा।
सिंह का आर्थिक जीवन
आपके कार्यों की सराहना होगी और आपको वरिष्ठ नागरिकों से मदद भी मिलेगी। अपने कार्य से संबंधित ज्ञान बढ़ाने के लिए यह उपयुक्त समय है। आपके द्वारा किये गये कार्य आपको बेहतर परिणाम देंगे। इस समय अपने प्रयासों में कमी न आने दें। संवत के मध्य में अपनी नौकरी को बदलने के बारे में सोच सकते हैं। आय और पद-प्रतिष्ठा में बढ़ोत्तरी होगी। आँख मूंदकर किसी पर विश्वास न करें। व्यवसाय संबंधी निर्णय लेने में परेशानी हो सकती है। साझेदारी में कोई भी बड़ा निर्णय सोच-विचार कर लें। आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी। आपके प्रयासों से आय के कुछ नये श्रोत बनेंगे। दयालुता और मधुरता आपको पीछे धकेल सकती है। घर में रहते समय वाणी पर संयम रखें। शत्रुओं से सावधान रहें। वैवाहिक मतभेदों को सुलझाने में आपके मित्र आपकी मदद कर सकते हैं। अपने प्रेम संबंधों को विवाह में तब्दील करने का अच्छा समय है। आपके द्वारा पहले किये गए शुभ कार्यों से आपको लाभ होगा। सही दिशा में कार्य करने से आपकी आय के साधनों में बढ़ोत्तरी हो सकती है। व्यवसायिक संबंधों को बढ़ाने का अच्छा समय है।
सिंह का स्वास्थ्य जीवन
कोई भी निर्णय लेने से पहले मन को एकाग्र रखें वर्ना परेशानियाँ और बढ़ सकती हैं। माँ के स्वास्थ्य की देखभाल करने की सख़्त जरूरत है। संवत की शुरुआत में आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। बच्चों की तरफ़ से मिलने वाली ख़ुशी से तनाव कम करने मे मदद मिलेगी। वैवाहिक जीवन के लिए समय थोड़ा परेशानी भरा हो सकता है। इस दौरान माता-पिता का स्वास्थ्य सामान्य रहेगा। कोई भी बड़ी समस्या खड़ी होने के भी आसार नहीं हैं।
सिंह का पारिवारिक जीवन
परिवारजनों के साथ अच्छे संबंध बनाने की कोशिश करें। पारिवारिक संबंधों के लिहाज़ से समय थोड़ा कठिन है, जिसके कारण आप कई क्षेत्रों में उनसे सहयोग प्राप्त करने में नाकाम रहेंगे। संवत के मध्य में आप अपने वैवाहिक रिश्तों को सुधारने की कोशिश करेंगे। वाणी पर संयम रखने की आवश्यकता है। संवत के मध्य में अपने प्रेम-संबंधों से परिवार को अवगत कराना अच्छा रहेगा। वैवाहिक संबंधों को मधुर बनाये रखने के लिए अपने क्रोध पर काबू करने की आवश्यकता है। जीवनसाथी को सम्मान दें। मध्य संवत के बाद आपके अंदर विश्वास की कमी का भाव जागृत होगा, जिसकी वजह से आप दूसरों पर आसानी से भरोसा नहीं कर पाएँगे। घर में किसी शुभ कार्य के होने की संभावना है। साथ ही घर में कोई नया मेहमान आ सकता है। व्यवसाय संबंधी कोई भी कार्य शुरू करने का अनुकूल समय नहीं है।
सिंह का सावधानी एवं उपचार
मानिक रत्न धारण करने से लाभ होगा। रविवार या सोमवार के दिन सोने की अंगूठी में और कनिष्क उँगली में माणिक धारण करना लाभदायक होगा। सूर्य का मन्त्र जाप करना और गाय को भीगा गेहू खिलाना चाहिए
सिंह का सामान्य
लंबे समय तक उपयोग के लिए धन संचय के योग बन रहे हैं। ख़र्च आपकी परेशानी बढ़ा सकते हैं। आप अपने कुछ कर्तव्यों का निर्वाह करने में असफल हो सकते हैं, जिसकी वजह से आपके कुछ कार्य समय पर नहीं हो पायेंगे। इस संवत आपके सम्मान में कमी आ सकती है। व्यापार में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। संवत के अंत में भाग्य आपके साथ होगा। आप अपनी बात पर लोगों को आसानी से राज़ी कर पायेंगे। आप अपने सगे-संबंधियों से भी काम लेने में सफल होंगे। काम में दूसरों की मदद लेना लाभदायक होगा। आमदनी के लिहाज़ से यह संवत आपके अनुकूल है। प्रभावी लोगों के संपर्क में आने का अवसर प्राप्त करेंगे, जो आपके करियर में सहायक सिद्ध होगे। संवत के अंत में सगे-संबंधियों से मिलने वाले सहयोग में कमी आ सकती है। कार्य की अधिकता होने की वजह से थोड़ा तनाव महसूस करेंगे। कुछ समय के लिए अपने दोस्तों पर आँख मूँदकर भरोसा करना बंद करें, वरना आपके द्वारा किये गये कार्यों का लाभ वे उठा सकते हैं। व्यवसायिक यात्रा आपको अनुकूल परिणाम देगी। इसके अलावा अपने द्वारा संचालित कार्यों की दुबारा से समीक्षा करना लाभदायक होगा। अपने कौशल में वृद्धि के लिये कुछ प्रशिक्षण ले सकते हैं। आप अधिक विश्वास और ध्यान के साथ अपने कार्यों को कर पाएँगे। चतुराई और विवेक से कार्य करना साझेदारी में परेशानियों को कम करेगा। व्यवसाय को बढ़ाने में पैसा लगा सकते हैं, क्योंकि धन का संचय करना इस समय आपके लिए कठिन होगा।
आपके कार्यों की सराहना होगी और आपको वरिष्ठ नागरिकों से मदद भी मिलेगी। अपने कार्य से संबंधित ज्ञान बढ़ाने के लिए यह उपयुक्त समय है। आपके द्वारा किये गये कार्य आपको बेहतर परिणाम देंगे। इस समय अपने प्रयासों में कमी न आने दें। संवत के मध्य में अपनी नौकरी को बदलने के बारे में सोच सकते हैं। आय और पद-प्रतिष्ठा में बढ़ोत्तरी होगी। आँख मूंदकर किसी पर विश्वास न करें। व्यवसाय संबंधी निर्णय लेने में परेशानी हो सकती है। साझेदारी में कोई भी बड़ा निर्णय सोच-विचार कर लें। आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी। आपके प्रयासों से आय के कुछ नये श्रोत बनेंगे। दयालुता और मधुरता आपको पीछे धकेल सकती है। घर में रहते समय वाणी पर संयम रखें। शत्रुओं से सावधान रहें। वैवाहिक मतभेदों को सुलझाने में आपके मित्र आपकी मदद कर सकते हैं। अपने प्रेम संबंधों को विवाह में तब्दील करने का अच्छा समय है। आपके द्वारा पहले किये गए शुभ कार्यों से आपको लाभ होगा। सही दिशा में कार्य करने से आपकी आय के साधनों में बढ़ोत्तरी हो सकती है। व्यवसायिक संबंधों को बढ़ाने का अच्छा समय है।
कोई भी निर्णय लेने से पहले मन को एकाग्र रखें वर्ना परेशानियाँ और बढ़ सकती हैं। माँ के स्वास्थ्य की देखभाल करने की सख़्त जरूरत है। संवत की शुरुआत में आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। बच्चों की तरफ़ से मिलने वाली ख़ुशी से तनाव कम करने मे मदद मिलेगी। वैवाहिक जीवन के लिए समय थोड़ा परेशानी भरा हो सकता है। इस दौरान माता-पिता का स्वास्थ्य सामान्य रहेगा। कोई भी बड़ी समस्या खड़ी होने के भी आसार नहीं हैं।
परिवारजनों के साथ अच्छे संबंध बनाने की कोशिश करें। पारिवारिक संबंधों के लिहाज़ से समय थोड़ा कठिन है, जिसके कारण आप कई क्षेत्रों में उनसे सहयोग प्राप्त करने में नाकाम रहेंगे। संवत के मध्य में आप अपने वैवाहिक रिश्तों को सुधारने की कोशिश करेंगे। वाणी पर संयम रखने की आवश्यकता है। संवत के मध्य में अपने प्रेम-संबंधों से परिवार को अवगत कराना अच्छा रहेगा। वैवाहिक संबंधों को मधुर बनाये रखने के लिए अपने क्रोध पर काबू करने की आवश्यकता है। जीवनसाथी को सम्मान दें। मध्य संवत के बाद आपके अंदर विश्वास की कमी का भाव जागृत होगा, जिसकी वजह से आप दूसरों पर आसानी से भरोसा नहीं कर पाएँगे। घर में किसी शुभ कार्य के होने की संभावना है। साथ ही घर में कोई नया मेहमान आ सकता है। व्यवसाय संबंधी कोई भी कार्य शुरू करने का अनुकूल समय नहीं है।
मानिक रत्न धारण करने से लाभ होगा। रविवार या सोमवार के दिन सोने की अंगूठी में और कनिष्क उँगली में माणिक धारण करना लाभदायक होगा। सूर्य का मन्त्र जाप करना और गाय को भीगा गेहू खिलाना चाहिए
कर्क 2017 वार्षिक राशिफल
कर्क का सामान्य
इस संवत में आर्थिक मामलों में इस समय सतर्कता बरतना बेहद ज़रूरी है। नौकरी बदलने का इरादा है तो प्रयास कर सकते हैं। नौकरी-पेशे के संदर्भ में किए गए प्रयास सफल रहेंगे। अपने कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए दृढ़ निश्चय होकर काम करें। आय और व्यय में समानता रहने की संभावना है, इसलिए फ़िज़ूल ख़र्चों से परहेज़ करें। इस संवत में आर्थिक स्थिति थोड़ी नाज़ुक हो सकती है। इसके कारण कुछ समय के लिए तनाव भी हो सकता है। अपनी योग्यता को लेकर मन में अहंकार का भाव लाना आपको नुकसान करा सकता है। इस समय प्रशासनिक कार्यों में आपकी रूचि ज़्यादा रहेगी, लेकिन बौद्धिक कार्यों में आपको परेशानी हो सकती है। योजना बनाने में अनुभवी लोगों की सलाह लेना समझदारी भरा काम होगा। प्रबंधन विषयों में आपके द्वारा किया गया कार्य सराहनीय रहेगा। वरिष्ठ लोगों की मदद से रूके हुए कार्य पूरे होंगे। अपनी टीम के साथ सख़्ती से पेश आना उचित नहीं है। पूरी निष्ठा और अनुशासन के साथ किए गए कार्यों में सफलता मिलेगी, इसमें कोई संदेह नहीं है।
कर्क का आर्थिक जीवन
कार्यों में सफल होने के लिए आपको अपने लक्ष्यों पर ध्यान देना ज़रूरी है। ख़ुद को परेशानियों में अडिग रूप से खड़ा रखने के लिए तैयारी करनी चाहिए। यह भी हो सकता है कि आपको अपनी योग्यता के अनुसार काम नहीं भी मिले, लेकिन आपको परेशान होने की दरकार नहीं है, क्योंकि कुछ समय बाद आपको बेहतरी का अनुभव होने वाला है। पारिवारिक मामलों के निपटारे में संवत का अत्यधिक समय व्यतीत होगा। वित्तीय स्थिति में अस्थिरता रह सकती है। लोन लेने का ख़्याल मन में आ सकता है। कार्यस्थल पर कुछ अनचाहे कार्यों की वज़ह से परेशानी हो सकती है। इस समय अपने ख़र्चों पर लगाम लगाने की आवश्यकता है। इस संवत होने वाले लाभ में सहकर्मियों का श्रेय काफ़ी सराहनीय रहेगा। अनैतिक कार्यों में शामिल होने से परहेज़ करें और जल्दबाज़ी में निर्णय न लें। बड़े नुकसान होने की संभावना है। यह समय अपने बोए हुए फसल को काटने का है, इसलिए जल्दबाज़ी करना ठीक नहीं होगा। संवत के पूर्वार्ध में किए गए कार्यों का परिणाम जल्द ही आपको मिलने वाला है। आय और व्यय के बीच संतुलन बनाकर चलें, इसी में आपकी समझदारी है। अपनी योग्यता से आप अपने आय को बरकरार रखने में सफल रहेंगे।
कर्क का स्वास्थ्य जीवन
संवत के शुरूआती दौर में सेहत के प्रति लापरवाही उचित नहीं है। क्रोध और अहंकार आपको अपने आगोश में ले सकता है, इसलिए इससे दूरी बनाकर रहें। आपके इस व्यवहार से पार्टनर का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। संतान की भावनाओं को समझने का प्रयास करें। तनाव लेने से परहेज़ करें।
कर्क का पारिवारिक जीवन
इस समय आपको अपने गृहस्थ जीवन पर ज़्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। इस समय आपके परिवार में भिन्न प्रकार के विचारों का जन्म होगा, इसलिए मतभेद होने की संभावना ज़्यादा है। जमीन-ज़ायदाद को लेकर झगड़ा हो सकता है। परिवार के सदस्य अपने हिस्से के लिए विवाद पैदा कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में आपको बड़ी ही शालीनता और सहभागिता से काम लेना होगा। इस समय आपका अहंकारी रवैया आपके रिश्ते को प्रभावित कर सकता है। वैसे परिवार और दोस्तों के साथ कुछ बेहतर पल बिताने में सफल रहेंगे। शारीरिक सुख के लिए समय अनुकूल नहीं है। नए रिश्ते शुरू करने के लिए भी समय गवाही नहीं दे रहा है। संवत के आरंभ में परिवार किसी रिश्तेदार से मिलने की योजना बन सकती है। छोटे भाई-बहन से कहा-सुनी होने की संभावना है। पिता का पूरा सहयोग और आशीर्वाद मिलेगा, परंतु माता के साथ संबंध कुछ ख़राब हो सकते हैं। वैवाहिक जीवन से आत्मिय सुखों की प्राप्ति नहीं होगी। जीवनसाथी के साथ कुछ तर्क-वितर्क हो सकता है।
कर्क का सावधानी एवं उपचार
पूजनगृह में महामृत्युंजय यंत्र स्थापित करें और सोमवार के विधि-विधान से पूजा करें। संभव हो तो निम्नलिखित मंत्र का 108 बार जप कर सकते हैं। इससे आपके भाग्य में वृद्धि होगी। शिव पूजन से लाभ होगा और सफ़ेद वस्तुओ का दान करना चाहिए.
मिथुन 2017 वार्षिक राशिफल
मिथुन का सामान्य
संवत की शुरूआत में आपको त्वचा संबंधी रोग, बुख़ार, सर्दी, इत्यादि होने की संभावना है। दाम्पत्य जीवन और प्रोफ़ेशनल जीवन में कुछ मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। आपके तीसरे भाव में रहू आपकी रोगों को और ज़्यादा बढ़ा रहा है। चोट लगने की संभावना ज़्यादा है, एहतियात बरतना बहुत ज़रूरी है। सप्तम में शनि से कोई पुरानी बीमारी फिर से आपको अपने चपेट में ले सकती है। बड़े-बुजुर्गों को पित्त विकार के कारण समस्या हो सकती है। सात्विक विषयों की ओर आपकी रूची ज़्यादा रहेगी। यात्रा के दौरान थोड़ी एहतियात बरतने से होने वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर रहेगी और कारोबार भी सुचारू रूप से चलेगा। शत्रु हावी हो सकते हैं, लेकिन आप उनका सामना पूरी साहस के साथ करने में सफल रहेंगे। गुरु आप को शुभता प्रदान कर आपकी आमदनी बढ़ा रहे हैं। राहु के कारण आपकी कार्यक्षमता में कमी होगी। अचानक से ख़र्चों के बढ़ने से परेशानी हो सकती है। इस समय आपकी कल्पनाशक्ति क़ाबिले तारीफ़ रहेगी।
मिथुन का आर्थिक जीवन
इस समय सूर्य मीन राशि में अवस्थित हैं। इसके कारण आपका आत्मविश्वास ज़बरदस्त रहेगा। वाद-विवाद प्रतियोगिता जैसे विषयों में आपकी रूची रहेगी। ज्ञान का स्तर भी काफ़ी ऊँचा रहेगा और इच्छाशक्ति प्रबल रहेगी। आय का स्वामी मंगल अपनी स्वराशी में विराजमान है। मंगल की इस स्थिति के कारण कार्यक्षेत्र में आपकी प्रगति होगी। नई नौकरी की तलाश करने वाले लोगों के लिए समय अनुकूल है। नौकरी मिलने की संभावना प्रबल है। नए कारोबार की शुरूआत भी हो सकती है। समाज और आसपास के लोग आपकी तारीफ़ करेंगे। शनि की वर्तमान अवस्था आपके शत्रुओं को पराजित करने में आपकी मदद करेगी। मनचाहे स्थान पर तबादला हो सकता है। वैसे कुछ बातों को लेकर मन अशांत रहेगा, लेकिन अपनी योजनाओं को पूरा करने में आप सफल भी रहेंगे। मित्र भाव में राहु के होने की वज़ह से आप ग़लत संगत में पड़ सकते हैं। यह संगति आपकी मुसीबतों का कारण भी बन सकती है। अप्रत्याशित यात्रा का भी योग बन रहा है। नया घर और वाहन ख़रीदने की मुरादें पूरी हो सकती हैं। वैसे आपको इस समय अपनी महत्वकांक्षाओं को ज़्यादा ऊँचा रखना ठीक नहीं है। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। ग्रहों के योग के कारण आप छोटी-मोटी बातों को लेकर भी ज़्यादा चिंतित रह सकते हैं। उच्चाधिकारियों की मदद से आपके बहुत सारे कार्य पूरे होंगे।
मिथुन का स्वास्थ्य जीवन
अपने गुस्से को काबू में रखने की कोशिश करें, अन्यथा यह आपकी सेहत को नुकसान पहुँचा सकता है। सेहत सामान्य रहने वाली है। तनाव के कारण विश्राम करने का समय कम ही प्राप्त होगा। संतान की सेहत को लेकर भी परेशानी हो सकती है।
मिथुन का पारिवारिक जीवन
संतान सुख मिलने की संभावना प्रबल है, परंतु कुछ समय के लिए अनबन भी हो सकती है। प्रेम-संबंधों के लिए समय बेहद ही कष्टकारी है। पुराने संबंधों में भी दरार आ सकती है। पार्टनर के साथ कुछ मामलों में कहा-सुनी हो सकती है। हालाँकि संवत के उत्तरार्ध में रिश्ते बेहतर हो सकते हैं और चिंताएँ भी कम होंगी। माता-पिता से संबंध अच्छे रहेंगे। परिवार मे नए सदस्य के आगमन से माहौल गुलज़ार होगा। वैसे आपके लिए ज़रूरी है कि आप सभी लोगों के साथ विनम्रता के साथ पेश आएँ और पार्टनर की सेहत का ख़्याल रखें। विवाहेत्तर संबंधों से दूरी बनाकर रहें, दाम्पत्य जीवन में दरार आने की संभावना है।
मिथुन का सावधानी एवं उपचार
सेहत की अनुकूलता के लिए मंगल ग्रह की प्रिय वस्तुओं जैसे - सिंदूर और मसूर की दाल, का दान करें अथवा नदी की बहती धारा में प्रवाहित करें। यह कर्म आप मंगलवार के दिन कर सकते हैं। इस उपाय से सभी प्रकार के रोगों से आपको मुक्ति मिलेगी और आप निरोगी काया के स्वामी होगे। मंगल के मन्त्र का जाप करें, गाय की सेवा करें.
वृषभ 2017 वार्षिक राशिफल
वृष का सामान्य
इस संवत में आमदनी में अस्थिरता रह सकती है। वित्तीय और प्रबंधन मामलों में सावधानी बरतें। सूर्य शुक्र के योग के कारण ग़लती होने की संभावना ज़्यादा है। सूर्य का गोचर बदलने के कारण पिछले काफ़ी दिनों से उच्चाधिकारियों के साथ चली आ रही परेशानियाँ दूर होंगी। आपकी कुंडली के सप्तम मंगल व्यय भाव में हैं। इस कारण गृहस्थ जीवन में ऊँच-नीच हो सकता है। ऐसे समय में धैर्य और संयम से काम लें। वैसे समय के साथ परिवार का माहौल बेहतर होने वाला है, इसलिए ज़्यादा परेशान होने की कोई दरकार नहीं है। नौकरी-पेशा में भाग्य आपका बख़ूबी साथ देगा, परंतु राहु के प्रभाव से अनुकूल परिणाम प्राप्त नहीं होंगे। व्यवसायिक क्षेत्र में आपकी मान-मर्यादा कम हो सकती है और आपके कार्यों की तारीफ़ भी कुछ ख़ास नहीं मिलने वाली है। व्यापार के क्षेत्र में आपको अनुभवों की कमी का आभास हो सकता है। नकारात्मकता आपको घेर सकती है, इसका असर आपके कार्यों पर भी पड़ सकता है, इसलिए नकारात्मक विचारों को न पनपने दें।
वृष का आर्थिक जीवन
इस समय आपको अपने कारोबारी दुश्मनों से सावधान रहने की ज़रूरत है। शत्रु नुकसान पहुँचाने का प्रयास कर सकते हैं। शेयर बाज़ार से दूर रहें और निवेश करने से बचें। आमदनी में कमी हो सकती है। परिश्रम के अनुरूप परिणाम प्राप्त करनें में काफ़ी मसक्क़त करनी पड़ सकती है। संवत के मध्य समय के बाद स्थितियाँ कुछ हद तक नियंत्रण में आएंगी। अधिनस्थों का सहयोग प्राप्त नहीं होगा, वैसे आप प्रत्येक कार्य को अपने नियंत्रण में रखने की कोशिश करेंगे। अचानक से कार्यभर बढ़ सकता है। साझेदारी वाले कारोबार में पार्टनर आपके ऊपर हावी रहेंगे। अचानक से कुछ घटनाएँ घटित हो सकती हैं, जिससे आपकी चिंताओं बढ़ने की आशंका है। मेहनत के फलस्वरूप परिणाम नहीं मिलने से निराशा हो सकती है। फ़ैसले लेने में दुविधा की स्थिति बनी रहेगी। जिसके कारण कार्यों को पूरा करने में देर हो सकती है। ज़ोख़िम वाले काम करने से परहेज़ करें, समय अनुकूलता नहीं दर्शा रहा है।
वृष का स्वास्थ्य जीवन
इस संवत सेहत को लेकर कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। रोगों से लड़ने में आप असफल रहेंगे। वाहन चलाते वक़्त सतर्क रहें। किसी बात को लेकर मानसिक तनाव हो सकता है। जीवनसाथी और संतान के स्वास्थ्य को लेकर थोड़ी परेशानी हो सकती है।
वृष का पारिवारिक जीवन
इस संवत आपके लिए प्रेम-प्रसंगों के अनुकूल नहीं है। दोस्तों के बीच किसी बात को लेकर बहस हो सकती है। माता के साथ संबंध बेहतर बनाने का प्रयास करें। परिवार के साथ विनम्रता से बात-चित करने की कोशिश करें। परिवार में सुख-शांति की कमी रह सकती है। अपनी वाणी पर नियंत्रण बनाए रखें, किसी को बुरा-भला कहने और अपशब्द बोलने से परहेज़ करें। संवत के अंत में स्थिति कुछ हद तक सुधर सकती है और परिवार के साथ भ्रमण करने का सुअवसर भी मिल सकता है। वैसे इस संवत में आप अपने शौक़ को पूरा करने में सफल रहेंगे। प्रेम-संबंध औसत रहेगा। घर पर किसी मंगलकार्य और उत्सव का आयोजन भी हो सकता है। इससे परिवार में हँसी-ख़ुशी का माहौल बना रहेगा। हालाँकि परिवार के सदस्यों के व्यवहार से आपको परेशानी हो सकती है। जीवनसाथी के ऊपर क्रोध करने से परहेज़ करें, रिश्तों में दरार आने की संभावना है। इस अवधि में भाग्य आपका साथ देगा और पराक्रम में वृद्धि होगी।
वृष का सावधानी एवं उपचार
शनिवार के दिन सरसों का तेल रोटी में लगाकर काले कुत्तों को खिलाएँ। नियमित रूप से रोज़ पक्षियों को बाजरा डालें। शनि मंत्रो का जाप करें और टिल का दान करें. जरुरत मंद को द्वइयो का दान करें|
Saturday 25 March 2017
मेष 2017 वार्षिक राशिफल
सामान्य
इस संवत में धन कमाने के ग़लत रास्तों का चुनाव करना आपके लिए कष्टकारी हो सकता है। अति-उत्साहित होने से बचें और जोश में आकर किसी काम को न करें। स्वास्थ्य समान रहेगा। इस संवत में शेयर बाज़ार से दूर रहना हितकर होगा। वित्तीय स्थिति को लेकर किसी प्रकार का ज़ोख़िम लेने से बचें। क्रोध के कारण बना-बनाया काम भी बिगड़ सकता है, इसलिए इसका परित्याग करें। अत्यधिक प्रयास से नई नौकरी मिल सकती है। संतान को लेकर तनाव हो सकता है। साथ ही अधिक यात्रा करने से भी थकान महसूस हो सकता है। इस संवत में पुरानी मित्रता प्यार में बदल सकती है। विपरित लिंग के प्रति आपका रुझान बढ़ेगा। ज़्यादा साहस और पराक्रम दिखाने का प्रयास न करें, अन्यथा लाभ के बदले हानि भी हो सकती है।
मेष का आर्थिक जीवन
इस संवत में आप अपने कार्यों के प्रति गंभीर रहेंगे और स्वयं की कमियों को दूर करने का प्रयास करेंगे। वैसे अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित रखना फ़ायदे का सौदा होगा। ज़ोख़िम वाले कार्यों में निवेश करने से परहेज़ करें। आवेग में आकर कोई काम न करें, अन्यथा रक्तचाप बढने की संभावना है। सेहत को लेकर व्यय की संभावना प्रबल है। ऋण के लेन-देन में पूरी तरह से एहतियात बरतें। नए कार्य को आरंभ करने में ज़्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है। कारोबार में भाग्य आपके साथ रहने वाला है। विदेशों से आय प्राप्त होने की संभावना है। पदोन्नती के लिए प्रयास कर सकते हैं, अनुकूल परिणाम मिलने की उम्मीद है। अत्यधिक कार्यों के कारण ब्लड प्रेशर हो सकता है, इसलिए समय पर आराम करने का प्रयास करें। साझेदारी वाले कारोबार में उतार-चढाव हो सकता है। नौकरी बदलने के लिए समय उचित है। शत्रु पक्ष से किसी प्रकार का नुकसान नहीं होने वाला है। मेहनत से किए गए कार्यों में सफलता अवश्य मिलेगी। बड़ी योजनाओं का आरंभ कर सकते हैं, हालाँकि योजनाओं के आरंभ में लाभ कम मिलेंगे, लेकिन समय के साथ इसमें वृद्धि होगी। यात्रा पर ज़्यादा व्यय होने की संभावना है।
मेष का स्वास्थ्य जीवन
सेहत के हिसाब से शुरू के कुछ संवत ठीक नहीं है। शारीरिक और मानसिक परेशानी बढ सकती है। कान, नाक, पेट इत्यादि से संबंधित बीमारी हो सकती है। हाई बल्ड-प्रेशर और ह्रदय रोगियों को तनाव लेने से बचना होगा। संतान को लेकर भी स्वास्थ्य नाज़ुक हो सकता है। सेहत के ऊपर अधिक व्यय होने की संभावना है। यात्रा के दौरान सावधानी बरतें, दुर्घटना हो सकती है। आवेश में आकर कोई ग़लत कदम न उठाएँ। पहले के कुछ संवत में अधिक सतर्कता बरतें।
मेष का पारिवारिक जीवन
दोस्तों और प्रियजनों से विवाद ख़त्म करना चाहेंगे। पुरानी मित्रता प्रेम-संबंधों में बदल सकती है। शुरूआत में संतान को लेकर चिंता हो सकती है। प्यार का माहौल बेहतर बनाए रखने के लिए अहंकार और क्रोध का पूरी तरह से त्याग करें। ख़र्चों को लेकर परिवार में तनाव हो सकता है। संवत के पूर्वार्ध में पार्टनर को कम समय दे पाएंगे, हालाँकि पारिवारिक जीवन में मधुरता बरकरार रहेगी। जीवनसाथी का भरपूर सहयोग मिलेगा, हालाँकि जीवनसाथी के प्रति आपकी नराज़गी बनी हुई है। संवत के आरंभ में व्यय बढ़ सकता है। इस संवत पिता के स्वास्थ्य में कुछ उतार-चढाव हो सकता है। बिना मतलब के तनाव लेने और शारीरिक श्रम करने से परहेज़ करें।
मेष का सावधानी एवं उपचार
शनि के प्रभाव से बचने के लिए शनि स्त्रोत का पाठ करें। अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएँ। विद्यार्धियों को नियमित रूप से सरस्वती वंदना करना चाहिए। स्मरण शक्ति के लिए मन्त्र जप करें। सौभाग्य में वृद्धि के लिए चीटियों को आटा या सत्तू खिलाएँ।
वर्ष के दशाधिकारियों का फल
इस २०७४ विक्रमीय संवत्सर का नाम 'साधारण' है । अत: प्रजा में अर्थात साधारण जन में खुशहाली का माहोल रहेगा। अन्तराष्ट्रीय मुद्रा में गिरावट देखने को मिलेगी। जडी बूटियों एव फूलों के उत्पादन करने वाले जनों हेतु लाभकारी वर्ष है । आडम्बर ने वृद्धि होगी। ब्राह्मण और वैश्य पीडित रहेगे। कुल मिला कर मिला जुला असर रहेगा। जनमानस ने सौम्यता कम एवं उग्रता अधिक बढेगी। जीवनोपयोगी वस्तुओं के मूल्य में कमी होगी, सुलभता बढ़ेगी, धन-धान्य की वृद्धि होगी, वर्षा कहीं कम तो कहीं अतिवृष्टि होगी। शिक्षा के क्षेत्र में सुधार होगा । धर्म-कर्म का प्रचार-प्रसार होगा। प्रजा में मांगलिक कार्य तथा उत्सवादि अधिक होंगे। पश्चिमी देशों में युद्धादि भय, दुर्भिक्ष, उत्तर की ओर आंधी तूफान एवं पूर्वी क्षेत्रों में राज विग्रह की संभावना प्रबल है।
राजा मंगल हैं- अत: शासक एवं "उच्चाधिकारी वर्ग में मनमानी एव तानाशाही प्रवृति इस वर्ष अधिक होने से प्रजा एवं नेतागण के बीच आपसी सम्बन्य सौहाद्रपूर्ण न होकर उनके बीच दूरी बढेगी। प्रजा का कठोर श्रम से कमाया हुआ धन शासक वर्ग भारी कराघन कर लूटते रहेगे। इस वर्ष किसी नये मजबूत और कठोर नेतृत्व उभरने कि प्रबल सम्भावना है। जमीन की खरीद फरोक्त हेतु लाभकारी वर्ष
मंत्री गुरूदेव हैं- अत: वर्षा समयानुकूल व अच्छी होगी, जिससे वृक्षों ने फल फूल अधिक लगेंगे । धानयोत्पादन में वृद्धि होगी । यज्ञादि धर्मिक कार्य विशेष होगे । मेवा और फल मंदे होगे। अधिकारी वर्ग जनता की भलाई में तत्पर रहेगे । समस्त विश्व में शान्ति रहेगी । सरकारी योजनाओं के चलते कई विभागों से नौकरीयाँ इस वर्ष बडी मात्रा में निकलेगी । भौतिकवादी वस्तुओं एव गाडियों के दाम इस वर्ष मंदे होगे ।
सस्येश (पूर्व धान्येश) रवि हैं- अत: देश के मानसून के कमजोर होने के कारण कई प्रदेशो में खण्ड वृष्टि, सूखाजन्य प्रकोप से स्थिति बनेगी । अन्नादि पदार्थों में मँहगाई बढ़ेगी। आपसी वैमनस्य में वृद्धि एव भाईचारे की भावना समाप्त होगी। संसद का ग्रीष्म वस्तु का अधिवेशन हंगामी होगा । संसद की गरिमा के विपरित आचरण देखने को मिलेगा। देश के आत्मविश्वास में वृद्धि देखने को मिलेगी।
धान्येश (पश्चिम धान्येश) शुक्रदेव हैं- अत: अन्नादि के भाव मंदे होंगे। जौ, गेहूँ चना, सरसों, राई, अरहर, आदि का उत्पादन अच्छा होगा। पकने के समय कहीं-कहीँ खेती को हानि संभव है । विप्रगण यजन-याजन कार्य में तत्पर रहेगें । विकास कार्यों द्वारा कृषि में उन्नति होगी। वर्षा साधारण होगी। विलासिता एव चकाचौंध भरी वस्तुओ के दाम बढ़ेंगे । शेयर माकेंट से जुड़े व्यक्तियों के लिये शुभ संकेत है।
मेघेश बुधदेव हैं- अत: फलों की उत्पति अच्छी होगी वर्षा सुखद एव सामयिक होगी । चारा, घास, कमल, पुष्प आदि अधिक उत्पन्न होंगे | प्रजा और राजनेता अच्छी प्रकार से सुखमय जीवन व्यतीत करेगे । जनता से रोग-पीड़ा की वृद्धि होगी । दालों के दाम बड़ेगे।
रसेश मंगलदेव हैं- अता फ्लोत्पादन पर आश्रित रहने वाले को इस वर्ष कठोर श्रम एव संघर्ष करना पडेगा। फलों का उत्पादन कम होगा व फलों के दामों में वृद्धि होगी। संसद के वर्ष कालीन सत्र में एक दुसरे पर आरोप-प्रत्यारोप नजारा सामने आयेगा।
नीरसेश सूर्यदेव हैं- अत: विभिन्न राजनैतिक दल एक दूसरे पर हावी होने का प्रयास करते रहेंगे, हालाँकि अन्तराष्ट्रीय स्तर पर हिंदुस्तान की ताकत में इजाफा होगा । शासक वर्ग अच्छे और सुविचारित निर्णय लेगा। जौ, मुंग, मटर, अरहर, सर्वधान्य सरसों, घी, कपास, हैसियन, जुट-पाट बारदाना इन सभी प्रकार के उत्पादन पर विपरीत असर पडेगा।
फलेश बुधदेव हैं- अत: प्रजा में सुख शांति बनेगी। कृषि से जुडे व्यक्तियों के लिये शुभ संकेत है, उत्पादन काफी अच्छा होगा। फूलों एवं जड़ी बूटियों की खेती करने वाले विशेष लाभ उठायेगे । प्रजा और राजनेता मिलकर सुखमय जीवन व्यतीत काँगे ।
धनेश शनिदेव हैं- अत: देश में आर्थिक संकट बना रहेगा । प्रजा में धन का अभाव रहेगा । राजनेता प्राय: बीमार रहेंगे । अधिकारीयों के भष्टाचार से सामान्य जन पीडित रहेगे । व्यापारिक जगत की स्तिथि भी डावांडोल रहेगी । शासन में बड़ी शिथिलता आ जायेगी । कृषि जीवी तथा द्विज समुदाय अनेक प्रकार की चिंता से व्याकुल रहेगे। कल्याणकारी कार्यों का लाभ जन-सामान्य तक पहुंचेगा।
दुर्गेश बुघदेव हैं- अत: जनता को कभी कष्ट तो कभी सुख होगा। गुंडों, चौरादि के उपद्रव से जनता त्रस्त रहेगी। यात्रियों को मार्ग में चलते समय काफी भय का सामना करना पडेगा। आतंरिक एवं बाहरी शत्रुओ का भय बढेगा।
वर्ष नाम- वर्ष नाम "फाल्गुन" है, अत: पुराने सम्बन्धों को भली प्रकार से निभाने में कामयाबी निलेगी । मन को शांति का अहसास रहेगा। भाईचारे की भावना बढ़ेगी । आन्तरिक शत्रुओ को भी पराभव का सामना करना पड़ेगा ।
मेघ फल- नौ मेघों में इस वर्ष 'संवर्त' नाम के मेघ का प्रभाव दिखाई देगा । अत: वर्षा श्रेष्ठ होगी एव सुभिक्ष होगा । राष्ट्र की आय कम परन्तु व्यय अधिक होगा। कृषि हेतु यह वर्ष उत्तम रहेगा। मेवा व किराने की वस्तुएँ मंदी होगी। कृषक खुशहाल रहेगे।
रोहिणी निवास- इस वर्ष रोहिणी का निवास 'तट' पर है। अतएव वर्षा अच्छी होगी। जिससे धन्यादी का उत्पादन श्रेष्ठ होगा। हरी भरी फसल से खेती लहलहाएगी पैदावार में वृद्धि होगी । कृषि कार्यो मे अकस्मात् बाया आयेगी परन्तु कुछ समय मे टल भी जायेगी।
समय निवास- इस वर्ष का समय निवास रजक के घर में है-अत: नशे, तालाब, बावली एव जल के अन्य श्रोत जल से परिपूर्ण रहेगे, वर्षा उत्तम होगी । जल से जुडी विधुत परियोजनाएं पूरी क्षमता से काम करेगी । जल अच्छी मात्रा मे होने से रोगों में कमी भी रहेगी । अधिक जल चाहने वाली फसले भी अच्छी होगी ।
समय वाहन- इस वर्ष समय का वाहन "वृषभ" है अत: यातायात के साधनों में वृद्धि, नये रेलपथ एव नई सड़को का बहुरा तेजी से निर्माण होगा। कई नयी सरकारी योजनाओं की शुरूआत होगी। प्रशासन एव सुरक्षात्मक विषयों पर विशेष ध्यान दिया जायेगा।
पतझर में देरी का ज्योतिष कारण
जब ज़्यादातर पेड़ो के पत्ते पेड़ो के नीचे मिलते है तो हमें पता चल जाता है की पतझड़ का मौसम आ गया है। पर पतझड़ के मौसम में पत्ते झड़ क्यों जाते है ? इसका वैज्ञानिक कारण होता है तो हिन्दू पंचांग में इसके कारण भी बताये गये हैं. दरअसल, गर्मी के समय पेड़ सूरज की किरणों की मदद से अपने लिए खाना बना लेते है और कुछ खाने को संचय करके रखते है । शरद ऋतु में पेड़ो को खाना बनाने के लिए उपयुक्त रोशनी नहीं मिल पाती और वो अपने संचय किये गए खाने में ही निर्भर रहते है । परन्तु, पेड़ अपना बहुत सारा पानी पत्तो के छोटे- छोटे छेदों में से निकाल देते है । इससे पेड़ो का संचय किया गया बहुत सारा पानी नष्ट हो जाता है । इसे रोकने के लिए पेड़ उस जगह को सील कर देते है जहाँ से पत्ते पेड़ से जुड़े होते है। सील की वजह से पत्तो को उपयुक्त खाना और पानी नहीं मिल पाता, इसलिए वो पेड़ो से नीचे गिर जाते है । इस प्रकार पेड़ अपने अधिकतर पत्ते गिरा देते है ताकि उन्हें सर्दी में पानी की कमी ना हो और वो मरे नहीं। वसंत ऋतु में नए पत्ते फिर से आ जाते है और पेड़ फिर से हरे- भरे हो जाते है ।
एक दिन के चौबीस घंटों में होने वाले मौसम परिवर्तन से हम सब वाकिफ है। समय चक्र की यह सबसे छोटी अवधि है। व्यावहारिक रूप से इसे हम... प्रातःकाल, मध्याह्न, संध्याकाल एवं रात्रि में विभाजित करते हैं। इसी प्रकार एक वर्ष के बारह महीनों में होने वाले मौसमी परिवर्तन से हम वाकिफ हैं। समय-चक्र की इस अवधि को हम ठंड, गर्मी एवं वर्षाकाल में विभाजित करते हैं। परंतु, मौसम में होने वाले दैनिक परिवर्तन से हम नावाकिफ हैं। जैसे कि ठंड के मौसम में कौन से दिनों में शीतलहर होगी? या ग्रीष्म ऋतु में लू कब चलेगी? या वर्षा ऋतु में कौन से दिन भीगे. और कौन से शुष्क? आदि। भारतीय पंचांग की काल गणना पद्धति में सूर्य की गति के साथ ही चंद्रमा की गति को भी समायोजित किया गया है... सूर्य की गति से जहाँ साल में होने वाले ऋतु परिवर्तन की गणना की जाती है, वहीं हम चंद्रमा की गति से मौसम में होने वाले दैनिक परिवर्तन का भी अनुमान लगा सकते हैं। 1. शुक्ल पक्ष तापमान में वृद्धि का परिचायक है, और कृष्णपक्ष तापमान में कमी का। अतः अमावस के आसपास जैसे कृष्णपक्ष की त्रयोदशी (शिवरात्रि) से शुक्ल पक्ष की पंचमी तक मौसम तुलनात्मक रूप से ठंडा होता है।... 2. चंद्रमा की गति से मौसम का पूर्वानुमान करते समय सूर्य की गति पर भी ध्यान रखना आवश्यक है। जैसे ग्रीष्म ऋतु में कृष्ण पक्ष में तापमान में वृद्धि होती है,.. 3. इसी प्रकार शीत ऋतु में शुक्ल पक्ष में भी तापमान में कमी हो सकती है, परंतु तापमान में कमी की दर कृष्ण पक्ष में तीव्र होगी। अतः ठंड के मौसम में शीत लहर चलने की अधिकतम संभावना पौष माह की अमावस के... 4. गर्मी के मौसम में तापमान में असीमित वृद्धि का नियंत्रण जल और वायु की गतिशीलता से होता है। अतः ज्येष्ठ माह के अमावस वाले सप्ताह में मानसून पूर्व की ठंडी हवाओं का प्रवाह आरंभ हो जाता है। पूर्णिमा वाले सप्ताह में आँधी के साथ मानसून पूर्व की बारिश होने की संभावना बनती है। 5. इसी प्रकार ठंड के मौसम में तापमान में असीमित गिरावट का नियंत्रण भी जल और वायु की गतिशीलता से होता है। अतः पौष माह के अमावस एवं पूर्णिमा वाले सप्ताह में शीतलहर की अधिकतम संभावना होती है। माघ मास के अमावस वाले सप्ताह में ठिठुराने वाली ठंडी हवा का प्रवाह प्रारंभ हो जाता है। इसी प्रकार पतझर में पतों का गिरना| जब गुरु कन्या से वृश्चिक राशी तक होता है तो यह व्यय का व्यय होता है जिसके कारण तापमान का वह व्यय नहीं होने से मौसम में शीत का असर कम नहीं होने से पतों का जडो से जुडाव कम नहीं होने से पतझर की शुरुआत नहीं हो पाती है और एसा 120 साल में होता है. इस समय यही स्थिति बनी हुई है किसके कारण मौसम में बदलाव और ऋतु का गडबड दिखाई दे रहा है.
एक दिन के चौबीस घंटों में होने वाले मौसम परिवर्तन से हम सब वाकिफ है। समय चक्र की यह सबसे छोटी अवधि है। व्यावहारिक रूप से इसे हम... प्रातःकाल, मध्याह्न, संध्याकाल एवं रात्रि में विभाजित करते हैं। इसी प्रकार एक वर्ष के बारह महीनों में होने वाले मौसमी परिवर्तन से हम वाकिफ हैं। समय-चक्र की इस अवधि को हम ठंड, गर्मी एवं वर्षाकाल में विभाजित करते हैं। परंतु, मौसम में होने वाले दैनिक परिवर्तन से हम नावाकिफ हैं। जैसे कि ठंड के मौसम में कौन से दिनों में शीतलहर होगी? या ग्रीष्म ऋतु में लू कब चलेगी? या वर्षा ऋतु में कौन से दिन भीगे. और कौन से शुष्क? आदि। भारतीय पंचांग की काल गणना पद्धति में सूर्य की गति के साथ ही चंद्रमा की गति को भी समायोजित किया गया है... सूर्य की गति से जहाँ साल में होने वाले ऋतु परिवर्तन की गणना की जाती है, वहीं हम चंद्रमा की गति से मौसम में होने वाले दैनिक परिवर्तन का भी अनुमान लगा सकते हैं। 1. शुक्ल पक्ष तापमान में वृद्धि का परिचायक है, और कृष्णपक्ष तापमान में कमी का। अतः अमावस के आसपास जैसे कृष्णपक्ष की त्रयोदशी (शिवरात्रि) से शुक्ल पक्ष की पंचमी तक मौसम तुलनात्मक रूप से ठंडा होता है।... 2. चंद्रमा की गति से मौसम का पूर्वानुमान करते समय सूर्य की गति पर भी ध्यान रखना आवश्यक है। जैसे ग्रीष्म ऋतु में कृष्ण पक्ष में तापमान में वृद्धि होती है,.. 3. इसी प्रकार शीत ऋतु में शुक्ल पक्ष में भी तापमान में कमी हो सकती है, परंतु तापमान में कमी की दर कृष्ण पक्ष में तीव्र होगी। अतः ठंड के मौसम में शीत लहर चलने की अधिकतम संभावना पौष माह की अमावस के... 4. गर्मी के मौसम में तापमान में असीमित वृद्धि का नियंत्रण जल और वायु की गतिशीलता से होता है। अतः ज्येष्ठ माह के अमावस वाले सप्ताह में मानसून पूर्व की ठंडी हवाओं का प्रवाह आरंभ हो जाता है। पूर्णिमा वाले सप्ताह में आँधी के साथ मानसून पूर्व की बारिश होने की संभावना बनती है। 5. इसी प्रकार ठंड के मौसम में तापमान में असीमित गिरावट का नियंत्रण भी जल और वायु की गतिशीलता से होता है। अतः पौष माह के अमावस एवं पूर्णिमा वाले सप्ताह में शीतलहर की अधिकतम संभावना होती है। माघ मास के अमावस वाले सप्ताह में ठिठुराने वाली ठंडी हवा का प्रवाह प्रारंभ हो जाता है। इसी प्रकार पतझर में पतों का गिरना| जब गुरु कन्या से वृश्चिक राशी तक होता है तो यह व्यय का व्यय होता है जिसके कारण तापमान का वह व्यय नहीं होने से मौसम में शीत का असर कम नहीं होने से पतों का जडो से जुडाव कम नहीं होने से पतझर की शुरुआत नहीं हो पाती है और एसा 120 साल में होता है. इस समय यही स्थिति बनी हुई है किसके कारण मौसम में बदलाव और ऋतु का गडबड दिखाई दे रहा है.
Friday 24 March 2017
Thursday 23 March 2017
विपरीत राजयोग
फलदीपिका ग्रंथ के अनुसार:- दुःस्थानभष्टमरिपु व्ययभावभाहुः सुस्थानमन्य भवन शुभदं प्रदिष्टम्। (अ. 1.17) अर्थात् ‘‘जन्मकुण्डली के 6,8,12 भावों को दुष्टस्थान और अन्य भावों को सुस्थान कहते हैं।’’ अन्य भावों में केन्द्र (1,4,7,10) तथा त्रिकोण (5,9) भाव विशेष षुभकारी माने गये हैं। इन भावों मे स्थित राषियों के स्वामी ग्रह जातक को जीवन में सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं। इन शुभ भावों के स्वामियों की शुभ भावों में युति अथवा सम्बन्ध होने पर ‘राजयोग’ का निर्माण होता है, जिसके फलस्वरूप व्यक्ति अपने पुरूषार्थ द्वारा प्रगति और सुख-समृद्धि का उपभोग कर संतोष प्राप्त करता है। केन्द्र व त्रिकोण के स्वामियों की परस्पर दृष्टि, युति व स्थान परिवर्तन से उत्तम राजयोग का निर्माण होता है। षष्टम भाव की अशुभता रोग, चोट, ऋण और शत्रु के कारण सुखों को कम करती है। अष्टम भाव की अशुभता जातक की क्षीण आयु/ स्वास्थ्य, वैवाहिक सुख की कमी तथा अन्य कठिनाइयों के कारण सुखों में कमी करती है। द्वादश भाव की अशुभता सभी प्रकार के सुख, वैभव, धन तथा शैय्या सुख का नाश करती है। षष्ठम्, अष्टम् व द्वादश भावों को ‘त्रिक’ भाव की संज्ञा दी गई है। इनमें से अष्टम भाव को सर्वाधिक अशुभ और द्वादश भाव सबसे कम अशुभ माना गया है। ‘भावात् भावम्’ के सिद्धान्त अनुसार षष्ठ से षष्ठ एकादश भाव, तथा अष्टम् भाव से अष्टम् तृतीय भाव को कुछ कम अशुभ माना गया है। परन्तु त्रिक भावों की एक विशेषता भी है। इन भावों के स्वामी अपने ही भाव में, या इनमें से किसी भाव में, स्थित होकर बिना परिश्रम के राजयेाग से भी अधिक धन-समृद्धि व यश प्रदान करते हैं। इस स्थिति को ‘विपरीत राजयोग’ की संज्ञा दी गई है। कुण्डली में विपरीत राजयोग बनाने वाले ग्रहों की दशा-भुक्ति के समय राजयोग से कई गुना अधिक लाभ व समृद्धि व्यक्ति को मिलती है। आचार्य कालिदास ने अपने ग्रंथ ‘उत्तर कालामृत’ में विपरीत राजयोग के संदर्भ में कहा है: रन्ध्रेशो व्ययषष्ठगो रिपुपतौ रन्ध्रेव्यये व स्थिते रिःफेशोऽपि तथैव रन्ध्ररिपुभे यस्यास्ति तस्मिन्वदेत। अन्योन्यक्र्षगता निरीक्षण युताश्चान्यैर युक्तेक्षिता जातोऽसौ नृपतिः प्रशस्त विभवो राजाधिराजेश्वरः।। अर्थात् ‘‘ अष्टमेश यदि व्यय या षष्ठ में हो, षष्ठेश यदि अष्टम् अथवा व्यय में हो, व्ययेश यदि षष्ठ अथवा अष्टम् भाव में हो, और इन नेष्ट भावों के स्वामियों की युति, दृष्टि अथवा व्यत्यय द्वारा परस्पर सम्बन्ध भी हो, परन्तु अन्य किसी ग्रह से युति अथवा दृष्टि सम्बन्ध न हो, तो जातक वैभवशाली राजराजेश्वर समान होता है।’’ ऐसा शुद्ध ‘विपरीत राजयोग’ बहुत कम कुण्डलियों में मिलता है, अतः लाभ भी उसी अनुपात मे जातक को मिलता है। आचार्य मंत्रेश्वर ने अपने ग्रंथ ‘फल दीपिका’ में ‘षष्ठेश’ की 6,8,12 भाव में स्थिति को ‘हर्ष योग’ का नाम दिया है। ऐसा व्यक्ति सुखी, भाग्यशाली, स्वस्थ, शत्रुहन्ता, यशस्वी, उच्च मित्रों वाला और पुत्रवान होता है। अष्टमेश की ऐसी स्थिति से ‘सरल योग’ बनता है। ऐसा व्यक्ति दृढ़ बुद्धि, दीर्घायु, निर्भय, वि़द्वान, पुत्र व धन से युक्त, शत्रु विजेता, सफल और विख्यात होता है। द्वादशेश की ऐसी स्थिति होने पर ‘विमलयोग’ बनता है। ऐसा व्यक्ति धनी, कम खर्च करने वाला, स्वतंत्र, श्रेष्ठ, गुणी और प्रसिद्व होता है। जन्म लग्न के साथ-साथ चन्द्र राशि से भी ‘विपरीत राजयोग’ का आकलन करना चाहिए। दोनो लग्नों से बने विपरीत राजयोग के फल पूर्ण रूप से मिलते हैं। ‘विपरीत राजयोग’ बनाने वाले ग्रह कम अंशो पर , दुर्बल होने, तथा उन पर दुष्प्रभाव के अनुपात में अधिकाधिक शुभ फल देते हैं। परन्तु शक्तिशाली पापी ग्रह के अशुभ भाव में स्थित होने पर जातक की हानि करते हैं। ज्योतिषीय तथ्यों के गूढ़ अध्ययन से यह निष्कर्ष निकलता है कि जातक की जन्म कुण्डली में स्थित ‘राजयोग’ उसके पूर्वजन्म के अच्छे कर्मों का फल होता है, जबकि ‘विपरीत राजयोग’ पूर्व जन्म में अच्छे कार्य, परिश्रम एवं तात्कालिक सामाजिक आचार संहिता के पालन के बावजूद पीड़ित रहने वाले जातक की इस जन्म की कुण्डली में पाये जाते हैं। वह पूर्व जन्म में जिन लोगों द्वारा सताया गया था उन्हीं लोगों की ओर से इस जन्म में उसके वर्तमान कर्मों का कई गुना अधिक फल देने का कार्य ‘विपरीत राजयोग’ करते हैं। इस जन्म में विपरीत राजयोग के कारण जातक को अत्यधिक लाभ होता है। परन्तु पूर्व संस्कार-वश उसकी नियति परमार्थिक हो जाती है जिससे मृत्योपरान्त उसकी ख्याति काफी समय तक रहती है। स्वाभाविक जिज्ञासा होती है कि षष्ठ और अष्टम् दुष्ट भावों के स्वामी किस प्रकार ‘विपरीत राजयोग’ बनाकर जातक को लाभ पहुंचाते हैं। यह कार्य प्रणाली इस प्रकार है लग्न भाव जातक को दर्शाता है और सप्तम भाव उस व्यक्ति को जिससे वह सम्बन्ध रखता है। षष्ठ भाव सप्तम से द्वादश (व्यय) भाव है, तथा अष्टम भाव सप्तम से द्वितीय (धन) भाव है। सम्बन्धी व्यक्ति के 2 व 12 भावों का विनिमय उसकी हानि करता है। और उसका लाभ जातक को मिलता है। उदाहरणार्थ, जब जातक की षष्ठ व अष्टम भावेशों की दशा-भुक्ति चलती है उस समय पर कोई व्यक्ति किसी मजबूरी से अपनी प्रोपर्टी कम मूल्य में जातक को बेच देता है। कुछ समय बाद उसकी कीमत अत्यधिक ऊँची हो जाती है और जातक उसे बेच कर बहुत अधिक लाभ कमा लेता है। छठे और आठवें भाव के स्वामी पापी ग्रह हों, और उन पर जितना पाप प्रभाव हेागा, उतना ही अधिक शुभ फल प्राप्त होगा। जन्म कुण्डली में ‘विपरीत राजयोग’ का उत्कृष्ट उदाहरण पूर्व प्रधानमंत्री श्री चन्द्रश्खर की कुण्डली में मिलता है। मेष लग्न की इस कुण्डली में अन्य शुभ योग के अतिरिक्त, तृतीय व षष्ठ भावों का स्वामी बुध द्वादश भाव में स्थित है। अष्टम् भाव का स्वामी मंगल तृतीय (अष्टम से अष्टम) भाव में राहु के साथ स्थित है। एकादश (षष्टम् से षष्टम् ) भाव का स्वामी शनि अष्टम भाव में है। द्वादश भाव का स्वामी एकादश भाव में है। इस प्रकार 6,8,12 भाव के स्वामी अन्य अशुभ स्थानों में हैं। किसी बड़ी पार्टी का नेता न होने पर भी उन्हें धन, मान, सम्मान, सफलता एवं भौतिक सुख साधन प्राप्त हुए, और थोड़े समय के लिए वे प्रधानमंत्री के पद पर भी आसीन रहे।
बुध ग्रह के शांति के उपाय
बुध की शांति के लिए स्वर्ण का दान करना चाहिए. हरा वस्त्र, हरी सब्जी, मूंग का दाल एवं हरे रंग के वस्तुओं का दान उत्तम कहा जाता है. हरे रंग की चूड़ी और वस्त्र का दान किन्नरो को देना भी इस ग्रह दशा में श्रेष्ठ होता है. बुध ग्रह से सम्बन्धित वस्तुओं का दान भी ग्रह की पीड़ा में कमी ला सकती है. इन वस्तुओं के दान के लिए ज्योतिषशास्त्र में बुधवार के दिन दोपहर का समय उपयुक्त माना गया है.बुध की दशा में सुधार हेतु बुधवार के दिन व्रत रखना चाहिए. गाय को हरी घास और हरी पत्तियां खिलानी चाहिए. ब्राह्मणों को दूध में पकाकर खीर भोजन करना चाहिए. बुध की दशा में सुधार के लिए विष्णु सहस्रनाम का जाप भी कल्याणकारी कहा गया है. रविवार को छोड़कर अन्य दिन नियमित तुलसी में जल देने से बुध की दशा में सुधार होता है. अनाथों एवं गरीब छात्रों की सहायता करने से बुध ग्रह से पीड़ित व्यक्तियों को लाभ मिलता है. मौसी, बहन, चाची बेटी के प्रति अच्छा व्यवहार बुध ग्रह की दशा से पीड़ित व्यक्ति के लिए कल्याणकारी होता है.
-घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाना चाहिए तथा निरन्तर उसकी देखभाल करनी चाहिए। बुधवार के दिन तुलसी पत्र का सेवन करना चाहिए।
-बुधवार के दिन हरे रंग की चूड़ियाँ हिजड़े को दान करनी चाहिए।
-हरी सब्जियाँ एवं हरा चारा गाय को खिलाना चाहिए।
-बुधवार के दिन गणेशजी के मंदिर में मूँग के लड्डुओं का भोग लगाएँ तथा बच्चों को बाँटें।
-घर में खंडित एवं फटी हुई धार्मिक पुस्तकें एवं ग्रंथ नहीं रखने चाहिए।
-अपने घर में कंटीले पौधे, झाड़ियाँ एवं वृक्ष नहीं लगाने चाहिए। फलदार पौधे लगाने से बुध ग्रह की अनुकूलता बढ़ती है।
-तोता पालने से भी बुध ग्रह की अनुकूलता बढ़ती है।
-बुध के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु बुधवार का दिन, बुध के नक्षत्र (आश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती) तथा बुध की होरा में अधिक शुभ होते हैं
-बुधवार के दिन हरे रंग की चूड़ियाँ हिजड़े को दान करनी चाहिए।
-हरी सब्जियाँ एवं हरा चारा गाय को खिलाना चाहिए।
-बुधवार के दिन गणेशजी के मंदिर में मूँग के लड्डुओं का भोग लगाएँ तथा बच्चों को बाँटें।
-घर में खंडित एवं फटी हुई धार्मिक पुस्तकें एवं ग्रंथ नहीं रखने चाहिए।
-अपने घर में कंटीले पौधे, झाड़ियाँ एवं वृक्ष नहीं लगाने चाहिए। फलदार पौधे लगाने से बुध ग्रह की अनुकूलता बढ़ती है।
-तोता पालने से भी बुध ग्रह की अनुकूलता बढ़ती है।
-बुध के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु बुधवार का दिन, बुध के नक्षत्र (आश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती) तथा बुध की होरा में अधिक शुभ होते हैं
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