Saturday 25 March 2017

वर्ष के दशाधिकारियों का फल


इस २०७४ विक्रमीय संवत्सर का नाम 'साधारण' है । अत: प्रजा में अर्थात साधारण जन में खुशहाली का माहोल रहेगा। अन्तराष्ट्रीय मुद्रा में गिरावट देखने को मिलेगी। जडी बूटियों एव फूलों के उत्पादन करने वाले जनों हेतु लाभकारी वर्ष है । आडम्बर ने वृद्धि होगी। ब्राह्मण और वैश्य पीडित रहेगे। कुल मिला कर मिला जुला असर रहेगा। जनमानस ने सौम्यता कम एवं उग्रता अधिक बढेगी। जीवनोपयोगी वस्तुओं के मूल्य में कमी होगी, सुलभता बढ़ेगी, धन-धान्य की वृद्धि होगी, वर्षा कहीं कम तो कहीं अतिवृष्टि होगी। शिक्षा के क्षेत्र में सुधार होगा । धर्म-कर्म का प्रचार-प्रसार होगा। प्रजा में मांगलिक कार्य तथा उत्सवादि अधिक होंगे। पश्चिमी देशों में युद्धादि भय, दुर्भिक्ष, उत्तर की ओर आंधी तूफान एवं पूर्वी क्षेत्रों में राज विग्रह की संभावना प्रबल है।
राजा मंगल हैं- अत: शासक एवं "उच्चाधिकारी वर्ग में मनमानी एव तानाशाही प्रवृति इस वर्ष अधिक होने से प्रजा एवं नेतागण के बीच आपसी सम्बन्य सौहाद्रपूर्ण न होकर उनके बीच दूरी बढेगी। प्रजा का कठोर श्रम से कमाया हुआ धन शासक वर्ग भारी कराघन कर लूटते रहेगे। इस वर्ष किसी नये मजबूत और कठोर नेतृत्व उभरने कि प्रबल सम्भावना है। जमीन की खरीद फरोक्त हेतु लाभकारी वर्ष
मंत्री गुरूदेव हैं- अत: वर्षा समयानुकूल व अच्छी होगी, जिससे वृक्षों ने फल फूल अधिक लगेंगे । धानयोत्पादन में वृद्धि होगी । यज्ञादि धर्मिक कार्य विशेष होगे । मेवा और फल मंदे होगे। अधिकारी वर्ग जनता की भलाई में तत्पर रहेगे । समस्त विश्व में शान्ति रहेगी । सरकारी योजनाओं के चलते कई विभागों से नौकरीयाँ इस वर्ष बडी मात्रा में निकलेगी । भौतिकवादी वस्तुओं एव गाडियों के दाम इस वर्ष मंदे होगे ।
सस्येश (पूर्व धान्येश) रवि हैं- अत: देश के मानसून के कमजोर होने के कारण कई प्रदेशो में खण्ड वृष्टि, सूखाजन्य प्रकोप से स्थिति बनेगी । अन्नादि पदार्थों में मँहगाई बढ़ेगी। आपसी वैमनस्य में वृद्धि एव भाईचारे की भावना समाप्त होगी। संसद का ग्रीष्म वस्तु का अधिवेशन हंगामी होगा । संसद की गरिमा के विपरित आचरण देखने को मिलेगा। देश के आत्मविश्वास में वृद्धि देखने को मिलेगी।
धान्येश (पश्चिम धान्येश) शुक्रदेव हैं- अत: अन्नादि के भाव मंदे होंगे। जौ, गेहूँ चना, सरसों, राई, अरहर, आदि का उत्पादन अच्छा होगा। पकने के समय कहीं-कहीँ खेती को हानि संभव है । विप्रगण यजन-याजन कार्य में तत्पर रहेगें । विकास कार्यों द्वारा कृषि में उन्नति होगी। वर्षा साधारण होगी। विलासिता एव चकाचौंध भरी वस्तुओ के दाम बढ़ेंगे । शेयर माकेंट से जुड़े व्यक्तियों के लिये शुभ संकेत है।
मेघेश बुधदेव हैं- अत: फलों की उत्पति अच्छी होगी वर्षा सुखद एव सामयिक होगी । चारा, घास, कमल, पुष्प आदि अधिक उत्पन्न होंगे | प्रजा और राजनेता अच्छी प्रकार से सुखमय जीवन व्यतीत करेगे । जनता से रोग-पीड़ा की वृद्धि होगी । दालों के दाम बड़ेगे।
रसेश मंगलदेव हैं- अता फ्लोत्पादन पर आश्रित रहने वाले को इस वर्ष कठोर श्रम एव संघर्ष करना पडेगा। फलों का उत्पादन कम होगा व फलों के दामों में वृद्धि होगी। संसद के वर्ष कालीन सत्र में एक दुसरे पर आरोप-प्रत्यारोप नजारा सामने आयेगा।
नीरसेश सूर्यदेव हैं- अत: विभिन्न राजनैतिक दल एक दूसरे पर हावी होने का प्रयास करते रहेंगे, हालाँकि अन्तराष्ट्रीय स्तर पर हिंदुस्तान की ताकत में इजाफा होगा । शासक वर्ग अच्छे और सुविचारित निर्णय लेगा। जौ, मुंग, मटर, अरहर, सर्वधान्य सरसों, घी, कपास, हैसियन, जुट-पाट बारदाना इन सभी प्रकार के उत्पादन पर विपरीत असर पडेगा।
फलेश बुधदेव हैं- अत: प्रजा में सुख शांति बनेगी। कृषि से जुडे व्यक्तियों के लिये शुभ संकेत है, उत्पादन काफी अच्छा होगा। फूलों एवं जड़ी बूटियों की खेती करने वाले विशेष लाभ उठायेगे । प्रजा और राजनेता मिलकर सुखमय जीवन व्यतीत काँगे ।
धनेश शनिदेव हैं- अत: देश में आर्थिक संकट बना रहेगा । प्रजा में धन का अभाव रहेगा । राजनेता प्राय: बीमार रहेंगे । अधिकारीयों के भष्टाचार से सामान्य जन पीडित रहेगे । व्यापारिक जगत की स्तिथि भी डावांडोल रहेगी । शासन में बड़ी शिथिलता आ जायेगी । कृषि जीवी तथा द्विज समुदाय अनेक प्रकार की चिंता से व्याकुल रहेगे। कल्याणकारी कार्यों का लाभ जन-सामान्य तक पहुंचेगा।
दुर्गेश बुघदेव हैं- अत: जनता को कभी कष्ट तो कभी सुख होगा। गुंडों, चौरादि के उपद्रव से जनता त्रस्त रहेगी। यात्रियों को मार्ग में चलते समय काफी भय का सामना करना पडेगा। आतंरिक एवं बाहरी शत्रुओ का भय बढेगा।
वर्ष नाम- वर्ष नाम "फाल्गुन" है, अत: पुराने सम्बन्धों को भली प्रकार से निभाने में कामयाबी निलेगी । मन को शांति का अहसास रहेगा। भाईचारे की भावना बढ़ेगी । आन्तरिक शत्रुओ को भी पराभव का सामना करना पड़ेगा ।
मेघ फल- नौ मेघों में इस वर्ष 'संवर्त' नाम के मेघ का प्रभाव दिखाई देगा । अत: वर्षा श्रेष्ठ होगी एव सुभिक्ष होगा । राष्ट्र की आय कम परन्तु व्यय अधिक होगा। कृषि हेतु यह वर्ष उत्तम रहेगा। मेवा व किराने की वस्तुएँ मंदी होगी। कृषक खुशहाल रहेगे।
रोहिणी निवास- इस वर्ष रोहिणी का निवास 'तट' पर है। अतएव वर्षा अच्छी होगी। जिससे धन्यादी का उत्पादन श्रेष्ठ होगा। हरी भरी फसल से खेती लहलहाएगी पैदावार में वृद्धि होगी । कृषि कार्यो मे अकस्मात् बाया आयेगी परन्तु कुछ समय मे टल भी जायेगी।
समय निवास- इस वर्ष का समय निवास रजक के घर में है-अत: नशे, तालाब, बावली एव जल के अन्य श्रोत जल से परिपूर्ण रहेगे, वर्षा उत्तम होगी । जल से जुडी विधुत परियोजनाएं पूरी क्षमता से काम करेगी । जल अच्छी मात्रा मे होने से रोगों में कमी भी रहेगी । अधिक जल चाहने वाली फसले भी अच्छी होगी ।
समय वाहन- इस वर्ष समय का वाहन "वृषभ" है अत: यातायात के साधनों में वृद्धि, नये रेलपथ एव नई सड़को का बहुरा तेजी से निर्माण होगा। कई नयी सरकारी योजनाओं की शुरूआत होगी। प्रशासन एव सुरक्षात्मक विषयों पर विशेष ध्यान दिया जायेगा।

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