वृश्चिक लग्न या राशि दोनों का स्वामी मंगल होने से जातक में साहस व बल अधिक होता है। ये तुनक मिजाज वाले भी होते हैं। मंगल यदि लग्न में हो तो इनमें अन्य की अपेक्षा साहस अधिक होगा। ऐसे जातक पुलिस प्रशासन, सेना, संगठन, राजनीति, चिकित्सा विशेषतः हड्डी रोग में अच्छी सफलता पाने वाले होते हैं। गुरु की लग्न पर पंचम दृष्टि पड़े तो ये विद्या के क्षेत्र में अच्छी सफलता पाते हैं। इनकी संतान भी उत्तम पढ़ी-लिखी होती है एवं अपनी संतान से स्नेह करने वाले होते हैं। मनोरंजन की दुनिया में हो तो अच्छी सफलता पाने वाले होते हैं। ये अच्छे वकील, जज या प्रशासनिक सेवाओं में भी सफलता पाने वाले होते हैं। गुरु की सप्तम दृष्टि पड़ने से इनका चेहरा गोल होता है व सिर के बाल कुछ कम होते हैं। ये धर्म-कर्म को मानने वाले ईमानदार व्यक्तित्व के होते हैं। इनकी महत्वकांक्षा भी अधिक होती है। इन्हें मित्रों भाइयों से विशेष लाभ नहीं मिलता है। भाग्यभाव से गुरु की दृष्टि पड़े तो ये अपने विवेक के द्वारा प्रत्येक कार्य में अच्छी सफलता पाने वाले होते हैं। धर्म-कर्म में आस्थावान व गुरुजनों की सेवा करने वाले और मान-सम्मान पाने वाले होते हैं। ऐसी स्थितिवाले जातक यदि पुखराज पहनें तो बहुत सफलता पाते हैं। वाद-विवाद व प्रतियोगिता परीक्षाओं में भी सफल होते हैं। कर्क राशि या वृश्चिक राशि हो तो मोती के साथ पुखराज पहनकर अच्छा लाभ पाया जा सकता है। जिनकी वृश्चिक राशि या वृश्चिक लग्न है और विवाह के क्षेत्र में बाधा आ रही है तो वे पुखराज व मूँगा पहनें विवाह योग शीघ्र बनने लगेंगे। उच्च प्रशासनिक सेवा वाले जातक के लिए पुखराज पहनना सफलतादायक होगा। धनु लग्न या राशि वाले, मीन लग्न या राशि वाले, कर्क लग्न या राशि वाले, सिंह लग्न या राशि वाले, मेघ लग्न या राशि वाले पुखराज व मूँगा पहनकर लाभ पा सकते हैं।
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