Monday 31 August 2015

हस्तरेखा से व्यक्ति के चरित्र चित्रण

हस्तरेखाओ के माध्यम से व्यक्ति के चरित्र का चित्रण भी बहुत अच्छी तरह से किया जाता है हस्त रेखाओं के माध्यम से हाथ में वह कौन सी रेखाएँ अथवा चिन्ह हैं जिनके माध्यम से हम यह कह सकते हैं कि यह हाथ एक अच्छे चरित्र वाले व्यक्ति का है. जिसमें गुणों की खान हैं और वह अपने जीवन में यश की प्राप्ति करेगा।
हाथ में स्थित गुरु प्रधान व सूर्य प्रधान व्यक्ति के कुमार्ग पर चलने की संभावना नहीं होती है. ऐसे लोग किसी भी तरह से बुरे कामो से संबंध नहीं रखते हैं. ऐसा कोई काम नहीं करते हैं जिसे करने से वह बदनामी के घेरे में ना आ जाएँ. वे लक्षण जो किसी व्यक्ति को यश दिलाते हैं- पर एक निगाह डालने का प्रयास करें.
जिस व्यक्ति के नाखूनों का आकार गोल होता है, वह व्यक्ति मित्रता के सभी कर्तव्य निभाता है. और ऐसे व्यक्ति को अच्छे मित्रता के लिए यश की प्राप्ति होती है।
नाखूनों में गुलाबी रंग की चमकीली आभा व्यक्ति के सहृदय को दिखाती है. ऐसा व्यक्ति अच्छे दिल वाला होता है और ऐसे व्यक्ति की पहचान खुले दिल के तौर पर होती है।
यदि किसी व्यक्ति के हाथ में ह्रदय रेखा और मस्तिष्क रेखा शाखाओं से युक्त हो लेकिन उनकी शाखाएँ एक्-दूसरे से टकराती ना हों. साथ ही इन दोनो मुख्य रेखाओं के बीच फासला भी अच्छा हो तब ऐसा व्यक्ति सदगुणों से भरा होता है.
हाथ की रेखाएँ पतली हों और बिना किसी दोष के स्थित हों तो ऐसा व्यक्ति सदगुणी होता है.
व्यक्ति के हाथ में मंगल रेखा पतली हो और वह जीवन रेखा से दूर हो, हाथ में गुरु मुद्रिका बनी हो या हाथ में गुरु पर्वत पर क्रॉस बना हो या गुरु पर्वत पर आड़ी, तिरछी अथवा खड़ी रेखा बनी हो तो ऐसे व्यक्ति के अंदर बहुत से गुणो का भंडार होता है, और ऐसे व्यक्ति को सभी लोग पसंद करते हैं।
यदि हाथ में सीधी तथा लंबी अंगुलियाँ हों और जब हाथ को फैलाएँ तब यह अंगुलियाँ जापानी पंखे की तरह अलग - अलग फैल जाएँ तथा इन सभी अंगुलियों का झुकाव हथेली से बाहर की ओर हो.
अपयश योग:
किसी जातक को जीवन में अपयश का सामना करना पड़ता है. निम्नलिखित योगो में से जितने अधिक लक्षण व्यक्ति के हाथ में होगें उतने अधिक उसके अपयश के कारण बनते हें.
जिन व्यक्तियों के हाथ में बुध पर्वत विकसित होता है वह व्यक्ति कुछ ज्यादा ही चतुर होते ह ैं और ज्यादा चतुराई के कारण लोग उन्हें बुरा बोलते हैं।
जिनकी कनिष्ठिका अंगुली लंबी और मोटी होती है अथवा टेढ़ी होती है ण्ेसे व्यक्ति बहुत चालाक होते हैं. ऐसे व्यक्ति बहुत जल्दी कुमार्ग पर जा सकते हैं जिसके कारण उनके जीवन में अपयश आती है।
व्यक्ति कि हथेली में सूर्य रेखा पर धब्बे या गड्ढे हों या क्रॉस बना हो तब व्यति के एक उम्र विशेष में बदनामी के योग बनते हैं. यदि इसके बाद भी सूर्य रेखा बन रही हो तब कुछ समय मानसिक परेशानी के बाद सब कुछ शांत हो जाता है.
यदि किसी के हाथ में अन्य उपरोक्त दोषो के साथ बुध रेखा लहरदार हो या बुध पर्वत पर जाल बना हो या बुध पर्वत पर स्टार बना हो तब ऐसा व्यक्ति अपयश प्राप्त कर सकता है.
हाथ में तर्जनी अंगुली छोटी है और गुरु पर्वत दबा हुआ हो तब बदनामी के योग बनते हैं.
अन्य दोषो के साथ व्यक्ति का हाथ पतला भी हो तब बदनामी के योग बनते हैं.
हाथ में शनि रेखा मोटी हो या दूषित हो तब भी अपयश मिल सकता है.
यदि शनि रेखा मध्यमा अंगुली के तीसरे पोर तक प्रवेश कर जाए तब बुढ़ापे में अपयश मिलने की संभावना बनती है.
यदि किसी व्यक्ति के हाथ में दूषित मस्तिष्क रेखा हो तब भी अपयश मिलने की संभावना बनती है.
हाथ में ह्रदय बनी ही ना हो या फिर ह्रदय रेखा छोटी हो तब भी अपमान मिलने की संभावना बनती है.
हाथ में मंगल रेखा की एक शाखा चंद्र पर्वत तक जा रही हो और व्यक्ति का हाथ गुदगुदा हो या पतला हो तब ऐसे व्यक्ति को व्यसन की आदत होती है, जिसके कारण उसे अपयश प्राप्त होता है।
यदि हाथ में मंगल रेखा की एक शाखा चंद्र पर्वत पर जा रही हो और व्यक्ति का हाथ भारी व सख्त हो तब वह अत्यधिक कामी हो सकता है. जो उसके जीवन में कई बार अपयश दिलाता है।
Pt.P.S.Tripathi
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