बच्चों को अनुशासित करना कभी भी आसान नहीं था। अपने बच्चे को प्यार और दुलार देना तो सरल है, परंतु यदि आप चाहते हैं कि बच्चे, सही और गलत का अंतर जान सकें तथा स्व-नियंत्रण और अच्छी आदतें अपनाएँ, तब तो, आपको सीखना होगा कि बच्चे को अनुशासन में रखने की सही विधि, क्या है, अपने बच्चे के लिए, अनुशासनात्मक सहायता की आवश्यकता होगी। यदि आपका बच्चा सदैव ही असम्मानजनक रहता है और आपकी कोई भी बात नहीं सुनता है या विशेषकर जल्दी जल्दी आक्रामक या हिंसक व्यवहार का प्रदर्शन करता है, तो यह जान पाने के लिए कि आप ऐसे व्यवहार के लिए क्या कर सकते हैं, ज्योतिषीय सहायता प्राप्त करिए। यदि आप भी अपने बच्चे में एक साथ ये सारी आदतें देखना चाहते हैं तो बचपन में ही कुंडली का विश्लेषण करायें और उसे अनुशासित बनाने हेतु उसकी कुंडली के अनुसार लग्न, तृतीय, पंचम, सप्तम, नवम, दसम एवं एकादश स्थान के कारक ग्रह एवं उन स्थानों पर स्थित ग्रह के अनुसार अपने बच्चे के अच्छे गुण को विकसित करने के साथ प्रतिकूल ग्रहों की शांति अथवा ज्योतिषीय उपाय लेते हुए सभी प्रकार से अनुशासित और सुसंस्कारित बनाने हेतु निरंतर अभ्यास करायें। इससे ना सिर्फ आपका बच्चा पढ़ाई में अथवा जीवन के सभी क्षेत्रों में सफल होगा।
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