Saturday 15 July 2017

मिथुन जुलाई 2017 मासिक राशिफल

 आपकी कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। आप जमकर परिश्रम करेंगे व विरोधी जन आपके सामने हार मान जाएंगे। पिता, जीवनसाथी व भाई-बहनों को अपनी सेहत का ख्याल रखना होगा। माता के स्वभाव में आप आध्यात्मिकता की वृद्धि महसूस करेंगे। मन प्रसन्न रहेगा व मानसिक शांति प्राप्त होगी। नौकरी में मान-सम्मान, प्रतिष्ठा व प्रमोशन होने के संकेत हैं।  इससे जुड़ी कोई यात्रा भी संभव है। अचल संपत्ति से संबंधित विवादों का हल निकलेगा। शिक्षा के संबंध में और आर्थिक विषयों में शुभ परिणाम की प्राप्ति होगी।  प्रणय संबंध में सफलता मिलेगी। इस समय आकस्मिक खर्च होंगे। आर्थिक कारणों से चिंता और मानसिक बैचेनी अधिक रहेगी। महीने के अंत में इस अवधि के दौरान आपके पारिवारिक सुख-संबंधों में वृद्धि होगी। उधार वसूली संबंधित कार्य में रुकावटों के बाद सफलता मिलेगी। मैत्री संबंधों में गलतफहमी और वाद-विवाद उत्पन्न होने का योग है। इस समय संभव हो वहाँ तक कोई भी उद्यम शुरू करने अथवा नये कार्यों की शुरूआत करना टालें। चल अथवा अचल संपत्ति संबंधी कामकाज पूरे होंगे। आप अपने आसपास का माहौल सुधारने के लिए घर अथवा ऑफिस की सजावट में रुचि लेंगे।
 
आर्थिक स्थिति- आर्थिक स्थिति के लिए यह महीना बेहतरीन रह सकता है। आर्थिक मोर्चे पर शुरूआत के समय में आपकी आवक की तुलना में भोग-विलास अथवा धार्मिक आशय से खर्च का प्रमाण बढ़ेंगा। घर के किसी मांगलिक कार्य में आपका खर्च होगा। हालांकि, महीने के उत्तरार्ध में भागीदारी से आप पैसे कमाएंगे।  इस दौरान आप कम मेहनत से अधिक धन कमा पाएंगे। बेहतरीन काम के चलते आपकी नौकरी में उन्नति व प्रमोशन होने के पूरे आसार नज़र आ रहे हैं। इस समय आपको अनेक स्रोतों से आर्थिक लाभ मिल सकता है। बिज़नेस में आपको लोहा, प्रॉपर्टी डीलिंग, धार्मिक वस्तुओं को बेचने आदि से विशेष धन लाभ संभव है।
 
स्वास्थ्य-
 ज्यादा मानसिक तनाव लेने से बचें और अपनी दिनचर्या में सुधार करना आपके लिए बेहतर रहेगा। कुछ लोगों को नेत्र व पैरों में कष्ट संभव है। इसके अतिरिक्त त्वचा से जुड़े रोग हो सकते हैं। प्राणायाम व योग को जीवन में अपनाने से न केवल आप दुरुस्त रहेंगे बल्कि अनेक प्रकार की शारीरिक व्याधियों से भी बचे रहेंगे। संतुलित आहार व संयमित जीवन शैली अपनाना आपके लिए लाभकारी रहेगा। इस समय दांत और मसूड़ों की समस्या और कंधे के स्नायुओं में दुखाव की शिकायत हो सकती है। महीने के उत्तरार्ध में उतावली करने से आकस्मिक चोट, बिजली के करंट और एसिडिटी की समस्याओं में खास चौकन्ने रहने की सलाह है। महीने के उत्तरार्ध में मानसिक तरोताजगी हेतु पिकनिक या प्रवास पर जा सकते हैं।

वृषभ जुलाई 2017 मासिक राशिफल

लंबी दूरी की यात्राएं आपके लिए धनदायक रहेंगी। बिज़नेस में पिता का सहयोग आपको बड़ा आर्थिक लाभ दे सकता है। इस समय के दौरान लंबे समय से जो लोग बीमार हैं उनकी तबीयत अच्छी होगी। जीवनसाथी के स्वभाव में आपको नयापन देखने को मिलेगा। सार्वजनिक जीवन में आपकी मान प्रतिष्ठा अधिक होगी। कई बड़े लाभ आपके हाथ आने की सम्भावना रहेगी। इस दौरान आप अपने परिवार से दूर रह सकते हैं। नौकरीपेशा लोगों को पदोन्नति होने का अथवा प्रमोशन होने का योग बनेगा। विद्यार्थीवर्ग को शिक्षा के लिए उत्तम समय है। नौकरी में नए अवसर मिलने का योग है। दूसरे सप्ताह में थोड़े अंशों में मानसिक उथलपुथल रहेगी। आपको कार्य में विघ्न आने का या रूकावट आने का योग बनेगा। आपको जीवनसाथी की चिंता सताएगी। इस समय के दौरान आपको किसी व्यसन की लत नहीं पड़ जाए इसका ध्यान रखें। महीने के मध्य में कोर्ट-कचहरी- कानूनी काम में सफलता मिल सकती है। नौकरी में उच्च अधिकारी आपके कार्य से प्रसन्न रहेंगे। अंत में इस अवधि के दौरान आपकी ज्ञानपिपासा अधिक होगी। आपको दान-पुण्य करने का मन होगा। संतान को नई नौकरी प्राप्त होने से आपको आर्थिक मदद मिल सकती है।

आर्थिक स्थिति- आर्थिक मामलों में यह महीना अनुकूल है। आर्थिक मोर्चे पर यह समय आपके लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आ सकता है। आपकी नियमित आय का श्रोत बरक़रार रहेगा। लक्ष्मी जी की कृपा आप पर जमकर बरसेगी। धन संबंधी लेन-देन में जल्दबाज़ी करने से बचें। विदेशी कंपनियों में कार्यरत जातक अच्छा ख़ासा पैसा कमा सकते हैं। आपके अटके हुए धन संबंधी कार्य संपन्न होने की पूर्ण सम्भावना रहेगी।
शुरू के समय में आवक को बढ़ाने के लिए आपके प्रयास सफल रहेंगे। वसूली के कार्यों में आपकी वाणी की वजह से बनी हुई बात बिगड़ नहीं जाए इसका ख्याल रखें।

स्वास्थ्य- स्वास्थ्य की दृष्टि से यह माह श्रेष्ठ रहने की सम्भावना है। इस समय के बाद भी स्थिति में एकदम से सुधार नहीं आएगा। आप जोश, उत्साह, उमंग व साहस से अपने को भरा हुआ पाएंगे। आपकी कार्य-शक्ति काफी अच्छी रहेगी जिस वजह से आप कम से कम समय में ज्यादा कार्यों को निपटा पाएंगे। इस दौरान एक मानसिक प्रसन्नता व संतुष्टि बने रहने की उम्मीद है।

Astrology Sitare Hamare "Saawan Me Paiyen Shandev Ki Kripa" On 15 July 2017

Thursday 22 June 2017

Astrology Sitare Hamare On 22 June 2017

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Sitare Hamare Saptahik Rashifal 19 June To 25 June 2017

Wednesday 21 June 2017

धनु जून 2017 मासिक राशिफल



कार्य क्षेत्र में आप बिना फल की इच्छा रखे जमकर मेहनत करेंगे। नौकरी पेशा लोग को नौकरी में अपना साहस तथा ज्ञान प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा। प्रमोशन होने की भी प्रबल संभावना है। दांपत्य जीवन में तनाव की संभावना अधिक रहेगी।भाई-बहनों व मित्रों की मदद से आपकी उन्नति संभव है। विद्यार्थियों को अपने ज्ञान तथा अपने प्रोजेक्टों को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा। उन्हें कोई सार्वजनिक मान-सम्मान मिल सकता है। भाई-बहनों को अपनी सेहत का ख़्याल रखना होगा। सामाजिक कार्यकर्ताओं का विविध कार्यक्रमों में निरंतर उपस्थित रहने का योग बनेगा। अधूरे आर्थिक कार्य पूर्ण होने से मन को शांति मिलेगी। महीने के उत्तरार्ध में वैवाहिक जीवन में थोड़ी प्रतिकूलता तथा वाद-विवाद की भी संभावना रहेगी | स्वास्थ्य के मोर्चे पर त्वचा में इन्फेक्शन की शुरूआत हो सकती है।
आर्थिक स्थिति- आर्थिक मोर्चे पर आपकी कमाई अच्छी रहेगी। साथ ही धन प्राप्ति के योग भी बन रहे हैं। आर्थिक उन्नति करने व धन कमाने के लिए आप खूब प्रयास करने वाले हैं। इस दौरान कोई पुराना उधार दिया धन अचानक वापस मिल सकता है। व्यवसायियों की धीमी पर एक स्थिर गति से कमाई होगी। विदेश या किसी दूर स्थल से अच्छा पैसा कमाने की भी सम्भावना है। आप अपने मित्रों पर कुछ ख़र्च कर सकते हैं। सुख-सुविधाओं की वस्तुओं को ख़रीदने में भी कुछ ख़र्चे संभव हैं।
स्वास्थ्य- स्वास्थ्य के मामले में आपको थोड़ा संभलकर चलने की ज़रुरत है। इस महीने आप व्यवसायिक व्यस्तता और काम के भार के कारण थकान, बोरियत और सुस्ती रहने की संभावना है।रोजमर्रा के कार्यों से छुट्टी लेकर आप कहीं घूमने जाने का मन बना सकते हैं। जो लोग लंबे समय से बीमार हैं उन्हें अपनी सेहत का ख़ास ख़्याल रखना चाहिए।

Astrology Sitare Hamare On 21 June 2017

Saturday 17 June 2017

तुला 2017 मासिक राशिफल



इस माह आपकी कार्य क्षमता काफी अच्छी रहेगी जिसके चलते आप कई कार्यों को शीघ्रता से निपटा सकेंगे । काम के प्रति आपको अरुचि जागृत होगी। ससुराल पक्ष की तरफ से आपको किसी सामाजिक अथवा शुभ प्रसंग में जाने का आमंत्रण मिलेगा। यदि किसी को रकम उधार दी है तो इस समय उसकी वसूली करने के लिए उत्तम समय है। संतान को शिक्षा व स्वास्थ्य के मामले में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। दाम्पत्य जीवन अत्यंत सुखमय रहेगा। प्रतिकूल समय के बाद वातावरण फिर से आनंदमय और घरेलू बन सकता है। ज़मीन-ज़ायदाद ख़रीदने की भी आपकी प्रबल सम्भावना बन रही है।आप अधिक स्फूर्ति का अनुभव करेंगे। पारिवारिक ख़ुशियों में वृद्धि होने की संभावना रहेगी। इस समय स्वास्थ्य को लेकर अधिक संभाल रखनी पड़ेगी। विशेष करके मौसमी बीमारियों से सावधानी रखें। महीने के अंतिम चरण में आप सम्मेलनों और सार्वजनिक कार्यक्रमो में बिताने की संभावना रहेगी।
आर्थिक स्थिति- इस माह आपके लिए धन प्राप्ति के अच्छे योग बने हुए हैं। आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए किये गए आपके प्रयास सफल हो सकते हैं अगर आपके ऊपर किसी भी प्रकार का कर्जा है तो इस अवधि में आप उसे चुका पाएंगे। धन प्राप्ति के लिए आपको थोड़ी ज्यादा भाग-दौड़ करनी पड़ सकती है। लेकिन अपेक्षित नतीजे मिलने की सम्भावना भी रहेगी। कानूनी व सरकारी कामों में खर्च बढ़ेंगा। नौकरी कर रहे लोगों को भी इस समय काम के अनुपात में कम लाभ मिलने का अंदेशा रहेगा।
स्वास्थ्य- आपकी सेहत इस अवधि में काफी अच्छी रहने वाली है। आपके स्वास्थ्य में अचानक से कोई सुधार आने की सम्भावना रहेगी। आपके अच्छे व्यक्तित्व से अनेक लोग आपके प्रति आकर्षित होंगे। नौकरी या व्यवसाय की चिंता के कारण महीने के पूर्वार्ध में आपको मानसिक बेचैनी रहने का अंदेशा है। आप एक अद्भुत मानसिक शांति का अनुभव करेंगे। इस माह सेहत और मानसिक शांति पाने के लिए आध्यात्मिक विषयों की ओर आपका रुझान बढ़ सकता है। कुछ मौसमी बीमारियाँ आपको तंग कर सकती है। गर्मी के कारण होने वाले रोगों से संभल कर रहें और साफ़ सफाई का ख्याल रखें।
उपाय
1.ऊॅ धृणि सूर्याय नमः का पाठ करें, सूर्य नमस्कार करें,
2.केशर, इलायची, गुड, गेहू का सामान दान करें,
3.आदित्य ह्दय स्त्रोत का पाठ करें,

कन्या जून 2017 मासिक राशिफल

इस माह आप कोई नया उद्यम या कोई नया व्यवसाय कर सकते है | आप धार्मिक स्थल से जुड़ी कोई यात्रा भी कर सकते हैं। इस समय आपकी महत्वाकांक्षा अधिक होगी जिससे उसके अनुरूप आप जीवन में बदलाव लाने की कोशिश करेंगे। आयात-निर्यात के कार्यों आदि में बढ़िया अवसर मिल सकते हैं। इस दौरान आप अपना निवास स्थान बदल सकते हैं। परिवार के कार्य करने में विलंब होगा। पुराने विवाद अथवा पैतृक संपत्ति का विवाद भी तनाव का कारण बन सकता है । आपकी संघर्ष क्षमता में इजाफ़ा होगा। उच्च अधिकारियों की तरफ से बढ़िया सहयोग मिलेगा | अचानक आर्थिक लाभ व हानि संभव है। इस दौरान आप अपनी नौकरी में परिवर्तन कर सकते हैं। पारिवारिक शांति बरक़रार रखने के लिए आपको संघर्ष करना पड़ेगा। आपको नेत्र व पैरों में कष्ट हो सकता है।
आर्थिक स्थिति- अचानक कोई बड़ा लाभ मिलने से आपकी आमदनी बढ़ सकती है और कोई नई कमाई का नए जरिये मिल सकते है | विदेश में व्यवसायिक रुप से जुड़े जातक अपनी तर्कशक्ति के आधार पर कमाई कर सकेंगे। महीने के उत्तरार्ध का समय कमाई के लिए अधिक उत्तम दिखाई देता है। अगर आप सावधानी के साथ अपना पैसा लगाएँ तो धन प्राप्ति के अच्छे योग बने हुए हैं। नौकरी करने वालों के लिए धीमी पर एक स्थिर गति से आगे बढ़ने का समय कहा जाएगा। हालांकि, महीने के पूर्वार्ध में आपको प्रोफेशनल मामलों में कुछ खर्च की तैयारी रखनी पड़ेगी।
स्वास्थ्य- इस अवधि में आपको कुछ स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। फ़िटनेस के प्रति आपको जागरुकता बढ़ानी चाहिए। शत्रु आपको हानि पहुंचाने की भरसक कोशिश करेंगे। जो लोग लंबी बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें अपने स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहने की ज़रुरत है। वैसे इस दौरान आपके अंदर आध्यात्मिकता अपनी चरम सीमा पर रहेगी। पूजा-पाठ या धार्मिक स्थलों की यात्रा करके आप ख़ुद को तनाव मुक्त रख सकते हैं। कार्यों में जल्दबाजी न करें |

सिंह जून 2017 मासिक राशिफल



महीने के शुरुआत में यदि किसी जगह पैसे का निवेश किया हो तो वह फंस सकता है। महीने के शुरुआत में आपके मन में कोई इच्छा हो तो वह पूर्ण होगी।कोई भी नया काम करने से पहले बड़ों का आशीर्वाद लें | संतान का बिज़नेस में सहयोग आपको जबरदस्त उन्नति दिलवा सकता है। इस दौरान आपके मन में विरक्ति की भावना पैदा हो सकती है। मित्रों के साथ किसी जगह घूमने फिरने का प्रोग्राम बनेगा एवं उनके साथ आनंदपूर्वक समय बिता सकेंगे। संतान से आर्थिक मदद मिलने की संभावना है। विद्यार्थियों को अध्ययन में पर्याप्त ध्यान देना पड़ेगा। पैतृक सम्पति के बिकने से आपको धन लाभ संभव है। कार्य स्थल पर वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग मिलेगा। वैवाहिक जीवन के लिए यह गोचर एक शुभ संकेत नहीं है। बिज़नेस में आपको दिक़्क़तों का सामना करना पड़ सकता है। जो कि आपके लिए धनदायक रहेंगी। नौकरी में आपको प्रमोशन प्राप्त होने की प्रबल संभावनाएं रहेंगी। इस दौरान आप ज़मीन-ज़ायदाद भी ख़रीद सकते हैं। उच्च अधिकारियों व सहकर्मियों का सहयोग व प्रशंसा आपको मिलती रहेगी। आपको पेट की समस्याएं हो सकती हैं। आपको अपनी तबीयत का ख़ास ख्याल रखना पड़ेगा |
आर्थिक स्थिति- इस माह आपके ख़र्चे बढ़ सकते हैं। अपने शौक पूरे करने के लिए भी आप कुछ ज्यादा ख़र्च कर सकते हैं इसलिए अपने ख़र्चों को नियंत्रित करने की कोशिश करें। बहुत सी जिम्मेदारियों को निभाने में आपका धन खर्च होगा। धन का आगमन कुछ मिला-जुला रहेगा। आर्थिक मामलों का लिखित रूप से रिकॉर्ड रखें। लंबी दूरी की यात्राएं आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकती हैं। माह के दूसरे भाग से आपको कुछ विशेष आर्थिक लाभ मिलने संकेत हैं और आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। आय के नए स्रोत मिलने से आपकी आमदनी में इजाफ़ा होने के आसार हैं।
स्वास्थ्य- इस अवधि में स्वास्थ्य के प्रति आपको थोड़ा सचेत रहने की आवश्यकता है। माता का स्वास्थ्य आपके लिए चिंताकारक रहेगा।मानसिक रूप से कुछ तनाव रह सकता है | बाहर का खाना खाने से बचें वरना फूड पॉयजनिंग हो सकती है। कुछ लोगों को पेट से जुड़ी तकलीफें हो सकती हैं। काम के साथ-साथ विश्राम के लिए भी समय निकाले तो बेहतर होगा। जो लोग किसी लंबी बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें चिकित्सक से परामर्श करते रहना चाहिए। योग, प्राणायाम व नियमित ध्यान करने से आपको लाभ होगा। इस माह गाड़ी चलाते समय सावधान रहें और गति पर नियंत्रण रखना आपके लिए बेहतर रहेगा।
उपाय
1.हनुमान जी के दर्शन करें
2.हनुमान चालीसा का पाठ करें
3.बड़े बुजुर्गो के आशीर्वाद लें
4.सूक्ष्म जीवों की सेवा करें

Astrology Sitare Hamare "Bachat aur Jyotish, Kaise Karen Bachat " On 17 ...

Monday 12 June 2017

कर्क जून 2017 मासिक राशिफल

इस माह आपके पराक्रम में वृद्धि होगी। बिज़नेस को लेकर आप लोन ले सकते हैं। आपको हर कार्य सावधानीपूर्वक करना चाहिए। बिज़नेस में कोई भी बड़ा निवेश सोच समझकर करना ही आपके लिए ठीक रहेगा। नौकरीपेशा लोग तथा जो लोग फुटकर कामकाज से कमाई कर रहे है उनके कामकाज फिलहाल धीमी गति से आगे बढ़ेंगे। कुछ लोगों की नौकरी में परिवर्तन होने की सम्भावना भी रहेगी। विद्यार्थी जातकों की इस समय स्टडी टूर का योजना बन सकती है। आपको अचानक धन की प्राप्ति हो सकती है। आपके चल अथवा अचल संपत्ति या पैतृक संपत्ति अथवा वारिसी संपत्ति से संबंधित कार्यों में अधिक व्यस्त रहने की संभावना है। संतान की ओर से भी आपको आर्थिक मदद संभव है। महीने का मध्य समय में आप धार्मिक विषयों में अधिक रुचि लेंगे। कानूनी और सरकारी विवाद आपकी चिंता और खर्च दोनों बढ़ाएंगे। विचारों में नकारात्मकता आ सकती है। कम्युनिकेशन में आपके शब्दों का गलत मतलब निकाला जा सकता है।आपके रोगों का नाश होगा, विरोधी आपसे परास्त रहेंगे। अनिंद्रा व पैरों में दर्द की समस्या हो सकती है। भाई-बहनों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या व उनसे मतभेद संभव है।
आर्थिक स्थिति- सरकारी विभागों में कार्यरत अथवा किसी प्रकार से सरकारी क्षेत्र से जुड़े जातक को अच्छा खासा लाभ मिलने की संभावना है। धन कमाने के लिए आपको लगातार प्रयास करने पड़ सकते हैं। वैसे इस दौरान पैसा आता-जाता रहेगा। इस माह आप अपनी सुख-सुविधाओं पर थोड़ा अधिक खर्च करेंगे। धन का निवेश आप नया घर ख़रीदकर भी कर सकते हैं। बिज़नेस को बढ़ाने के लिए आप लोन भी ले सकते हैं। व्यापार के विस्तार के लिए और पूंजी निवेश के लिए विशेषज्ञों के साथ आपकी बैठक सफल होगी। आर्थिक लेन-देन व महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने में लापरवाही न बरतें। अपनी विलासिता पर लगाम लगाना आपके लिए बेहतर होगा वरना कुछ आर्थिक दिक्कते भी संभव है। महीने के दूसरे भाग से आपको धन कमाने के काफी अच्छे अवसर मिल सकते हैं। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और अपनी खुद की मेहनत से आप धन कमाने में आप सफल रहेंगे साथ ही शेयर बाजार, कमीशन आदि के कार्यों से भी आपको लाभ मिल सकता है।
स्वास्थ्य- आप में साहस का स्तर अधिक रहेगा और इच्छा शक्ति भी ख़ूब प्रबल रहेगी। संतान प्राप्ति के इच्छुक जातकों को यदि इस समय कोई शारीरिक समस्या आएँगी | धार्मिक कार्यों के प्रति आपकी रुचि बढ़ेगी और आप जनसेवा के लिए तन-मन-धन से सहायता करेंगे। जिससे आपको मानसिक ख़ुशी व संतुष्टि प्राप्त होगी। नियमित व्यायाम और अच्छी नींद लेने से स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। सुबह की सैर भी आपके लिए लाभदायक रहेगी।

उपाय
1.चावल, कपूर, का दान करें....
2.शिव सहस्त्रनाम का पाठ करें...
3.शंकरजी का जल से अभिषेक करें....

Astrology Sitare Hamare On 12 June 2017

Thursday 8 June 2017

मिथुन जून 2017 मासिक राशिफल

महीने के प्रारंभ में आप जोशीले रहेंगे जिससे प्रोफेशनल मोर्चे पर उत्साहपूर्ण शुरूआत करेंगे। वरिष्ठजनों और बुजुर्गों के साथ व्यवहार में खूब सावधानी रखें। माह की शुरुआत में जीवनसाथी के साथ मनमुटाव बना रह सकता है। नया उद्यम शुरू करने, नौकरीपेशा लोग नये अवसर का लाभ उठाने अथवा व्यवसाय में नया क्षेत्र अथवा नई पद्धति अपनाने के लिए प्रेरित होंगे, परंतु कोई भी निर्णय व्यवहारिक रूप से ही लें। बिज़नेस में कोई भी बड़ा निवेश करने से बचें। किन्तु महीने के उतरार्द्ध में बड़ा आर्थिक लाब हो सकता है | किसी भी व्यक्ति के साथ संक्षेप में और स्पष्ट शब्दों में कम्युनिकेशन करें। आप कोई अध्यात्मिक यात्रा कर सकते है | घर में कोई पूजा-पाठ या धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन भी संभव है। इस शुरूआती अवधि के दौरान विद्यार्थी जातकों को थोड़ी मुश्किल पड़ेंगी। संतान के इच्छुक जातक अथवा गर्भवती महिलाओं को फिलहाल थोड़ी विपरीत स्थिति का सामना करने के बाद फल मिल सकेगा। आपके विचारों में नकारात्मकता बढ़ सकती है। हांलाकि, महीने के अंत में आपके विचारों में परिवर्तन होगा। विद्यार्थी जातकों के लिए अंतिम चरण सबसे अच्छा दिखाई दे रहा है। इन दिनों में आप प्रेम संबंधों में भी अधिक रुचि लेंगे। परिवारजनों के साथ आप अधिक समय बिता सकेंगे। उधारवसूली, लोन अथवा निवेश जैसे कार्यों में आपकी अधिक सक्रियता होगी। कोई भी औजार, वाहन चलाते समय या बिजली सम्बन्धी उपकरणों का प्रयोग करते वक़्त सतर्कता बरतें।
आर्थिक स्थिति-
इस माह अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए आप कठोर परिश्रम करने वाले हैं। थोड़ी सूझ-बूझ और अवसर को पहचान कर आप मनचाहा धन कमाने में सफल हो सकते हैं । अपने बेफिजूल के ख़र्चों पर नियंत्रण रखना आपके लिए जरुरी है ताकि अवसर पड़ने पर पैसों की दिक्कत न हो। कोई भी बड़ा निवेश करने से पहले सोच-विचार कर लें। माह के मध्य से आपको अपनी आर्थिक स्थिति में विशेष सुधार देखने को मिलेगा और आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी । साथ ही कोई पुराना फँसा हुआ पैसा भी वापिस मिल सकता है जिससे आप काफी राहत महसूस करेंगे। भागीदारी के कार्यों में इनकम कम रहेगी।
स्वास्थ्य-
स्वास्थ्य के मामले में यह महीना सामान्य की अपेक्षा उससे थोड़ा कमजोर कहा जाएगा। इस अवधि में आप शारीरिक श्रम की बजाय मानसिक श्रम अधिक करेंगे। खासकर कि आप में इस वक्त आवेश अधिक रहने की आशंका रहेगा। महीने के पूर्वार्ध में बेचैनी और बेचैनी के कारण क्रोध करने से आप अपने आसपास के वातावरण को तनावपूर्ण बना सकते हैं। महीने के उत्तरार्ध में आपको आकस्मिक चोट, किसी के साथ झगड़े और बिजली के करंट की संभावना नजर आती है। महीने के अंतिम सप्ताह में आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना होगा।
उपाय-
1.हल्दी, चंदन, नारियल दान करें,
2.गणपति की उपासना करें, धूप, दीप तथा नैवेद्य चढ़ायें
3.सार्वजनिक सेवा करें

वृषभ जून 2017 मासिक राशिफल

इस माह नौकरी में परिवर्तन होने की सम्भावना रहेगी। कुछ लोग काम के सिलसिले में घर से दूर रहेंगे। साहित्य और लेखन कार्य से जुड़े लोगो को सफलता मिलेगी। व्यवसायिक मोर्चे पर आप धीमी पर एक स्थिर गति से आगे बढ़ेंगे। मशीनरी से जुड़ा काम करते वक़्त आपको सावधानी रखनी होगी। संतान को शिक्षा में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। रियल एस्टेट से जुड़े अथवा सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स वगैरह का काम कर रहे जातकों को सुनहरे मौके मिलेंगे। विद्यार्थी वर्ग के लिए अनुकूल समय है। उन्हें स्वास्थ्य सम्बन्धी तकलीफें भी उठानी पड़ सकती हैं। जो लोग विदेश में अध्ययन के प्रयोजन से जाना चाहते हैं उनको भी अनुकूल अवसर प्राप्त हो सकते हैं। सट्टे व लॉटरी के काम से दूर रहने में ही आपकी भलाई है। अपने कार्य क्षेत्र में आपको कम मेहनत से ज्यादा लाभ प्राप्त होगा। आपकी मानसिक शांति भंग हो सकती है। माता को सेहत से जुड़ी परेशानियां रह सकती हैं। आप अपना निवास स्थान बदल सकते हैं। भूमि-मकान से जुड़ा कोई विवाद उग्रता का रुप ले सकता है। इस माह आपको बड़े अधिकारियों व सहयोगियों के साथ आपको तालमेल बिठाकर चलना होगा वरना नौकरी जाने या तबादला होने की सम्भावना रहेगी। व्यापार के द्वारा धन लाभ होने की ओर इशारा कर रही है। विदेशी स्रोतों से भी आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं। जीवनसाथी की तरफ से आर्थिक मदद मिलने के संकेत हैं। आपके स्वभाव में क्रोध व उग्रता की वृद्धि होगी। आपके भोग-विलासों में बढ़ोतरी करेगी। आपके ख़र्चों में अधिकता रहेगी। संतान शिक्षा प्राप्ति के लिए विदेश का रुख कर सकती है। विदेश में कार्यरत जातक उन्नति के शिखर छुएंगे।
आर्थिक स्थिति- इस महीने आप सरकारी कामकाज अथवा कृषि, जमीन,स्थायी संपत्ति, रसायन, औजार वगैरह के कामों से कमाई कर सकेंगे। आर्थिक मोर्चे पर आपका ख़र्च अधिक रहने की संभावना है।आर्थिक मामलों में किसी अनुभवी व्यक्ति की सलाह आपको लाभ पहुँचा सकती है। हालांकि, वसूली या लोन जैसे कार्यों में यदि आप अपनी बोली पर अंकुश नहीं रखेंगे तो बनी हुई बात बिगड़ जाने का डर रहेगा। आमदनी के स्रोत बढ़ाने को लेकर किए जाने वाले कार्यों में उतावलीपूर्वक निर्णय नहीं लें। हाल में भोगी प्रवृत्ति रहने से आप मौजमस्ती की चीजों के पीछे बेधड़क खर्च कर सकते हैं। वित्तीय तंगी से बचने के लिए बचत पर ध्यान दीजिए। छोटे समय के लिए किये गए निवेश आगे चलकर आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं।
स्वास्थ्य- सेहत के मामले में आपको थोड़ा संभलकर चलने की आवश्यकता है | इस अवधि में आपको सावधानी बरतनी होगी क्योंकि चोट लगने की सम्भावनाएं नज़र आ रही हैं। आप अधिक भावुक होने के कारण मानसिक बेचैनी महसूस करेंगे। यदि आपने खाने-पीने के मामले में सतर्कता नहीं बरती तो आपका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। कार्य का अत्यधिक बोझ आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। बेहतर होगा कि आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ घूमने-फिरने का आयोजन करें, जो आपको ताजगी प्रदान करेगा। ब्लड प्रेशर, मधुमेह व ह्रदय रोग से पीड़ित जातकों को अधिक सावधानी रखने की आवश्यकता होगी।
उपाय-
1.पुरोहित को केला, नारियल का दान करें....
2.साई जी के दर्शन कर दिन की शुरूआत करें....
3.देवी जी में पीला वस्त्र...पीले पुष्प....लड्डू...का भोग लगायें....
4.सूक्ष्म जीवों को आहार दें..

Tuesday 6 June 2017

मेष जून 2017 मासिक राशिफल

इस माह कार्य क्षेत्र को लेकर आप दूरगामी यात्राएं कर सकते हैं। पिता, भाई-बहनों व मित्रों की सलाह से आपको आर्थिक लाभ होने की सम्भावना रहेगी। कार्य क्षेत्र में आपकी तरक्की होने व प्रमोशन मिलने से आपके विरोधी दंग रह जाएंगे। उच्च अधिकारियों से सहयोग मिलने की उम्मीद है। संतान की शिक्षा में अडचन आ सकते हैं। पढ़ाई में बच्चों का ध्यान कम लगेगा। उन्हें शारीरिक कष्ट होने की सम्भावना भी है। इस अवधि में आपको पेट से जुड़े रोग हो सकते हैं। शेयर बाजार, सट्टा-लॉटरी से अच्छे धन लाभ होने के संकेत हैं। दोस्तों से आपकी मुलाकातों का दौर बढ़ेगा। कुछ पुराने मित्रों से मुलाकात संभव है। प्रिंटिंग, मीडिया व संचार से जुड़े लोगों की जबरदस्त प्रगति होने के संकेत हैं। मनोरंजन, फ़िल्म-उद्योग आदि से जुड़े लोग अच्छा पैसा कमा सकते हैं। आप निजी प्रयासों से धन कमाने में सफल रहेंगे। कुछ लोगों को स्वास्थ्य सम्बन्धी तकलीफें हो सकती हैं।स्पोर्ट्स में रुचि रखने वाले जातक उत्साह और जोश के साथ बेहतर परफॉरमेंस दे सकेंगे।
आर्थिक स्थिति- आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी । इस माह धन लाभ होने की सम्भावना है। आपकी आर्थिक तंगी दूर होगी।महीने के उत्तरार्ध में अपनी आमदनी का स्रोत बढ़ाने के लिए नया प्रयास कर सकते हैं। कोई अप्रत्याशित लाभ मिलने से आपकी वित्तीय स्थिति में अचानक सुधार होगा। शेयर बाजार व सट्टे-लॉटरी से जुड़ा काम करने वाले लोगों को अप्रत्याशित लाभ मिलने के संकेत हैं। आपके साझेदार और मित्र आपको खूब अच्छा सहयोग देंगे। इस समय आपके विरोधी आपके व्यवसायिक कामकाज में अवरोध उत्पन्न करने की कोशिश करेंगे। अलबत्ता काम के प्रति अपने समर्पण भाव और कौशल से उनकी कोई चाल आपके सामने सफल नहीं होगी। अगर आपके व्यवसाय की बात करें तो आपके टर्नओवर में वृद्धि होगी। कोई भी सरकारी लेखन या दस्तावेज सम्बंधित प्रक्रिया में ढुल-मुल रवैया आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। इसलिए पैसों के मामले में किसी पर भी आँख बंद करके विश्वास न करें।
स्वास्थ्य- स्वास्थ्य में आपके इस महीने उतार-चढ़ाव रहने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। सेहत की दृष्टि से यह समय अच्छा रहेगा। जो लोग किसी लंबी बीमारी से पीड़ित है उनको इस समय राहत मिलने की आशा नजर नहीं आती। आपके साहस का स्तर बढ़ेगा और आप काफी ऊर्जावान बने रहेंगे। बाहर के खाने-पीने या सैर-सपाटे के कारण आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े, इस बात का विशेष ध्यान रखें। आप कार्यों में अनावश्यक जल्दबाजी न करें वरना आप चोटिल भी हो सकते हैं। घूमने-फिरने के अनेक मौके मिलने से आपकी मानसिक प्रसन्नता बनी रहेगी। फिटनेस अच्छी रहने से आप अनेक कार्यों को एक साथ सरलता से निपटा सकेंगे। अपने आप को फिट रखने के लिए आप जिम या जॉगिंग का सहारा ले सकते हैं।

Thursday 1 June 2017

Rahu Transit in different houses of horoscope

When Rahu transits through the third, sixth and eleventh house it gives auspicious results. Results of Rahu are quite similar to the results of Saturn. If Rahu transits through the remaining houses, it can be painful for the native.
Rahu Transit in the First House.
Transit of Rahu through the first house may affect the health of the native. During this transit the person may get involved in conflicts. He may also have to bear loss due to change of place. The person may also not share good relationship with his life-partner. Due to all these problems he may become obstinate.
Rahu Transit in the Second House.
When Rahu transits through the second house it affects the wealth of the native, which may cause conflicts within the family. He may also use harsh words against others, which may create troubles for him. Therefore, he should have control over his speech and think before saying anything. He should also not trust anyone blindly, as there are high chances to be cheated by someone during this time.
Rahu Transit in the Third house.
Transit of Rahu through the third house makes the person fortunate. His efforts will be rewarded and he will get great success in life. His health will be maintained and he will share good relationship his life-partner. The person during this time will spend some time in spiritual activities.
Rahu Transit in the Fourth house.
When Rahu transits through this house it may cause health related problems. The person may get problems related to stomach. This transit is also not auspicious for the health of his mother. The person needs to take well-thought out decisions in matters of land and property.
Rahu Transit in the Fifth house.
When Rahu transits through this house the person will have unstable mind. He will not be able to use his intellect in the right direction. During this time, the person may lose trust of his officers. He may have to leave his job. This transit may cause conflicts with his life-partner.
Rahu Transit in the Sixth house.
This transit will give the person auspicious results. The person will gain monetary benefits and he will also be able to pay all his debts. The person will be physically fit and healthy. It will be very auspicious if the person makes journeys towards west direction during this time. He will also start working on new business projects during this time.
Rahu Transit in the Seventh house.
Seventh house is the house of marriage. Transit of Rahu through this house may create problems with life-partner. He may also bear pain due to a change in job. The person may have contradictions with women during this time. In this situation, the person needs to control his anger which may help to reduce his problems.
Rahu Transit in the Eighth house.
When Rahu transits through this house it influences the economic condition of the person. During this time the person may get defamation and may follow the path of immorality due to his inclination towards bad company.
Rahu Transit in the Ninth house.
Transit of Rahu through this house may influence his belief in spirituality. The person may have serious health related problems. His expenditures will also increase. This time is also not good for traveling. Conflicts may also occur with siblings.
Rahu Transit in the Tenth house.
Due to this transit the person will get involved in conflicts at work-front. He may not get promotion in his job even after putting lots of efforts. His problems will increase due to his involvement in immoral practices. However, the person will get the opportunities to visit pilgrimage during this time.
Rahu Transit in the Eleventh house.
The person gets auspicious results when Rahu transits through this house. He becomes fortunate and his wealth will increase. The person gets benefits from foreign tours. He will gain monetary benefits if he continues to work hard during this time.
Rahu Transit in the Twelfth house.
Transit of Rahu through this house increases the expenditures of the native. During this time, the person may get various problems due to a change in job. He may feel less courageous and confident. Number of his rivals will increase, which may create obstacles in his important works.

गुरु मार्गदर्शन

किसी भी व्यक्ति के जीवन में शिक्षा ग्रहण करने से लेकर जीवन में सफलता प्राप्त करने तक एक गुरू का होना आवष्यक है। मार्गदर्शन हेतु गुरू का साथ महत्वपूर्ण होता है। कहा जाता है कि प्रथम गुरू माता होती है जोकि संसार से परिचित कराती है उसी प्रकार जीवन में यष व उन्नति प्राप्ति हेतु गुरू का साथ जीवन संघर्ष को कम करता है। कई बार व्यक्ति को कोई अच्छा मार्गदर्षन प्राप्त नहीं होता परंतु वह व्यक्ति फिर भी सफलता प्राप्त करने में सफल होता है। किसी व्यक्ति को जीवन में सफलता हेतु गुरू का साथ मिलेगा या उसका गुरू कौन होगा, कब प्राप्त होगा तथा किस सीमा तक सफलता प्राप्ति में सहायक होगा इसका पता व्यक्ति की कुंडली से जाना जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पिति ग्रह को गुरू भी कहा जाता । है। वेद में गुरू को समस्त देवताओं तथा ग्रहों का गुरू माना जाता है। किसी व्यक्ति की सफलता में गुरू का अहम हिस्सा होता है। सामान्यतः जिन व्यक्तियों की कुंडली में गुरू केंद्र या त्रिकोण का स्वामी होता है। विषेषतः मेष, कर्क और वृष्चिक लग्न की कुंडली में गुरू शुभ भावों में स्थित हो तो व्यक्ति को अच्छे गुरू का मार्गदर्षन अवष्य प्राप्त होगा। यदि गुरू पंचम या नवम में स्थित हो तो गुरू की कृपा से भाग्योदय होता है। यदि गुरू चतुर्थ या दषम भाव में हो तो क्रमषः माता-पिता ही गुरू रूप में मार्गदर्षन व सहायता देते हैं। गुरू यदि 6, 8 या 12 भाव में हो तो गुरू कृपा से प्रायः वंचित ही रहना पड़ता है।
यदि गुरू लग्न में अनुकूल हो तो व्यक्ति को स्वयं ही ज्ञान व आध्यात्म के रास्ते पर जाने को प्रेरित करता है। यदि गुरू पर पाप प्रभाव न हो तो व्यक्ति स्व-परिश्रम तथा स्व-प्रेरणा से ज्ञानार्जन करता है। दूसरों को भी मार्गदर्षन देने में सक्षम होता है। अच्छे सलाहकार भी बनने में सफल होता है।

शालिग्राम एवं मुंगे की माला

शालिग्राम भगवान नारायण के साक्षात स्वरूप के समान है। यह पवित्र प्रतिमा गण्डकी नदी से प्राप्त होती है। वैष्णव सम्प्रदाय में भक्ति, भाव एवं विश्वास के साथ नित्य शालिग्राम की पूजा होती है। सात्विक आहार, विचार वाले लोगों के लिए शालिग्राम की पूजा, अर्चना अधिक शालिग्राम की पूजा में तुलसी पत्रों की विशेष भूमिका होती है। जैसे शिवलिंग पर जलाभिषेक के साथ मात्र विल्वपत्र चढ़ाने से शिव प्रसन्न होते हैं उसी भांति यदि कोई व्यक्ति नित्य जलाभिषेक करके शालिग्राम पर मात्र तुलसी पत्र अर्पण करता है तो इसी से भगवान नारायण शीघ्र प्रसन्न होते हंै। शालिग्राम की नित्य पूजा करने से जन्म-जन्मान्तर के पाप, ताप, शाप नष्ट होकर जीवन में दुःख, दरिद्रता का नाश होता है, सुख, शांति एवं धन, सिद्धिदायक होती है। भगवान विष्णु की भक्ति करने वाले लोगों के लिए शालिग्राम शीघ्र उन्नतिकारक एवं शुभफलदायक होता है। मान, पद प्रतिष्ठा की वृद्धि होती है। घर-परिवार में अशांति, कलह एवं पितृदोष हो तो ऐसी परिस्थिति में शालिग्राम की पूजा, अर्जना करना सुख, शांतिकारक होता है। पूजन विधि: शालिग्राम की प्राण प्रतिष्ठा आदि करने की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि इसमें साक्षात भगवान विष्णु का वास माना जाता है। इसको उत्तरायण में माघ मास के किसी शुभ मुहूर्त में तथा स्थिर लग्न में घर अथवा देवालय में स्थापित करना चाहिए। शालिग्राम को किसी स्वच्छ पात्र में स्थापित करके गंगाजल तथा पंचामृत से स्नान कराकर, तुलसी पत्र तथा चंदन धूप, दीप, फल, नैवेद्य, दक्षिणा आदि से यथाशक्ति पूजन करके घर के पूजा स्थल में किसी स्वच्छ पात्र में स्थापित करें। नित्य जलाभिषेक एवं तुलसी पत्र एवं चंदन से पूजा करें। विशेष शुभ प्राप्ति के लिए निम्न मंत्र की एक माला जप करें अथवा विष्णुसहस्र नाम का पाठ करें। मंत्र: नमो नारायणाय मुंगे की माला: प्रमुख नौ रत्नों में से मूंगा रत्न की अपनी खास उपयोगिता है। मूंगे का उपयोग मंगल ग्रह की शुभता बढ़ाने के लिए अंगूठी में धारण करने के अतिरिक्त अन्य कार्यो की सिद्धि के लिए भी किया जाता है। इसकी माला पर गणेश जी का मंत्र जप करने से शीघ्र विघ्न बाधाओं की शांति होती है। मंगलवार के दिन हनुमान जी को भक्तिभाव से शुद्ध मूंगे की माला अर्पण करने से मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव से रक्षा होती है। लक्ष्मी मंत्र की उपासना में यह माला उपयोगी मानी गई है। इस माला को धारण करने से रक्तचाप संतुलित रहता है, रक्त संबंधी बीमारियों में तथा क्रोध आदि पर नियंत्रण होता है। कोर्ट-कचहरी के मामलों एवं शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। इसके अतिरिक्त प्रोपर्टी एवं तकनीकी, सेना आदि से जुड़े व्यक्तियों के लिए यह माला धारण करना शुभ फलदायक होता है।

Astrology Sitare Hamare On 01 June 2017

Wednesday 31 May 2017

शनि की पूजा से पायें आय में वृद्धि और कर्ज से मुक्ति

विरक्त और निर्मोही व्यक्ति को छोड़ के ऐसा कोई व्यक्ति नही है. जिनको धन-प्राप्ति की आकांक्षा ना हो. सब लोग उनके लिए सतत प्रयत्नशील होते है. फिर भी हम देखते है की कठिन से कठिन मेहनत करने के बावजूद भी यथा-योग्य धन नहीं मिलता. सिर्फ जीवन की आवश्यकता अनुसार मिलता है या फिर आवश्यकता के हिसाब से नहीं मिलता. और जब आवश्यकता से कम मिलता है तो हमें उसके लिए कर्ज लेना पड़ता है। जन्म-कुंडली में दों भाव (स्थान) धन-विषयक है. (१) द्वितीय - धन स्थान (२) एकादशम - लाभ। ग्यारवें भाव को आय का भाव माना गया है। कर्ज लेना आज के युग में बुरा या कष्टकारी नहीं है किंतु कई बार योजना या परिस्थिति के अनुकूल ना होने से यही कर्ज दुख, परेषानी तथा अपयष का कारण भी बनता हैं। ज्योतिष में अर्थ प्राप्ति और अर्थ संचय का ज्ञान जन्म पत्रिका के प्रथम, द्वितीय, पंचम, नवम, दषम और एकादष भाव से होता है। प्रथम भाव से जातक के संपूर्ण व्यक्तित्व व स्वास्थ्य का आकलन करते हैं। द्वितीय भाव से जातक के संचय धन, पंचम से धन प्राप्ति हेतु आचरण, नवम से धन प्राप्ति हेतु भाग्य, दषम से व्यवसाय तथा एकादष भाव से लाभ का ज्ञान होता है। इन स्थानों के स्वामी ग्रह के अनुकूल या प्रतिकूल स्थिति से धन की स्थिति का आकलन किया जा सकता है साथ ही इन स्थानों पर स्थित ग्रह की अनुकूलता या प्रतिकूलता का प्रभाव भी जातक के धन संबंधी विषय पर पड़ता है। चूॅकि छठवे स्थान से ऋण देखा जाता है अतः उपरोक्त स्थानों से संबंधित ग्रह का संबंध किसी भी प्रकार से छठवे स्थान से बनना उसके ऋण या कर्ज की स्थिति को प्रदर्षित करता है। यदि जातक की कुंडली में छठा भाव या छठवे भाव का स्वामी अस्त, नीच, शत्रुराषि या पीड़ित या कमजोर हो तो व्यक्ति कर्ज से मुक्त रहता है इसके विपरीत कर्ज लेने से लेकर पटने की दषा, ग्रहों की स्थिति तथा संबंध जीवन को सुखमय या दुखमय बनाती हैं। कई बार छठवे स्थान का स्वामी अनुकूल होने पर कर्ज से समृद्धि का भी कारक होता है। ज्योतिषीय मान्यता है कि कर्ज से संबंधित ग्रहों या स्वामियों का राहु से संबंध या राहु का अष्टम या भाग्य स्थान में होने भी आकस्मिक हानि दर्षाती है अतः कर्ज लेकर हानि उठाकर दोहरे कष्ट हो सकते हैं। यदि कोई जातक कर्ज से बहुत परेषान है साथ ही कर्ज किसी भी विधि से उतर ना रहा हो तो जातक को कर्ज मुक्ति हेतु निम्न उपाय करने से लाभ होगा। निम्न मंत्र पढ़े
‘‘ सर्वाबाधाविनिर्मुक्तो धनधान्यसुतान्वितः मनुष्यों मत्प्रसादेन भविष्यति न संषयः’’
इसके साथ ही शनिवार का व्रत, काली वस्तुओं विशेषकर तिल का दान और शनि मंत्र अथवा कर्ज मुक्ति का मंत्र जाप करना चाहिए।

क्यों होता है रोजगार का अभाव - ज्योतिष से जाने शिक्षा गुणवत्ता की कमी

किसी मानव के जन्म से ही उसकी शिक्षा का प्रारंभ हो जाता है, जीवित रहने के लिए भौतिक साधन चाहिए होता है और यह शिक्षा के द्वारा ही संभव हो सकता है। जीवन का सबसे बड़ा प्रश्न ही रोटी अर्थात रोजगार है, तो क्या हम ऐसी शिक्षा व्यवस्था को श्रेष्ठ कह सकते हैं जो इस पहले मोर्चे पर ही असफल साबित हो जाए। इस आधार और कसौटी पर तौलें तो भारत की वर्तमान शिक्षा प्रणाली दोयम दर्जे की सिद्ध होती है। वर्तमान डिग्री प्राप्त करने से ईतर स्वावलंबन परक शिक्षा की शुरूआत होने की दरकार है। कालपुरुष की कुंडली में शनि कर्म और आय का स्वामी होता है, वहीं तृतीयेश और पंचमेश शिक्षा अर्थात् बुध और सूर्य, भाग्य से ही सब कुछ मिलता है अतः गुरू इस प्रकार इस समय पंचम में राहु होने के कारण कालपुरूष की कुंडली में बच्चों का व्यवहार राहु से प्रेरित अर्थात् मोबाईल, इंटरनेट इत्यादि के कारण शिक्षा एवं अनुशासन में कमी देखी जा रही है अतः बच्चों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राहु के उपाय कराना चाहिए। अतः शिक्षा के क्षेत्र में भी कुछ नया करते हुये ऐसी शिक्षा देने का प्रयास करना चाहिए जिससे डिग्री या ज्ञान के साथ-साथ समर्थवान बन सके...व्यवहारिक तथा आत्मनिर्भरता परक शिक्षा एवं बेरोजगारी को कम करने हेतु ना सिर्फ तकनीकी या स्वरोजगार की योजना अपितु ज्योतिषीय गणनाओं का सहारा लेते हुए एक अच्छी शिक्षा व्यवस्था को आधार बनाते हुए रोटी तथा रोजगार मूलक शिक्षा को बढावा दिया जाए तो भविष्य में आने वाली पीढियों को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वालंब तो प्राप्त होगा ही उसके साथ मंहगाई तथा भ्रष्टाचार जैसे राक्षसों से भी निजात पाया जा सकता है।

महानंदा नवमी व्रत से पायें दारिद्रय से मुक्ति

माघ माह के शुक्ल पक्ष में प्रतिपदा से गुप्त नवरात्र की शुरूआत होती है और इसमें नवमी को श्री महानंदा नवमी व्रत किया जाता है। माना जाता है कि इस दिन अज्ञात कारणों से किसी के जीवन में सुख-समृद्धि की कमी हुई हो तो इस नवरात्र में नवमी के दिन महानंदा नवमी की पूजा व्रत तथा दान-मंत्र जाप करने से व श्री की देवी की पूजन विधि विधान से करने से दारिद्रय सामाप्त होकर संपन्नता तथा विष्णुलोक की प्राप्ति होती हैं इस दिन पूजनस्थल के मध्य में एक बड़ा अखण्ड दीपक जलाकर रात्रि जागरण एवं ओं हृीं महालक्ष्म्यै नमः इस महालक्ष्मी मंत्र का जप करना चाहिए तथा ब्रम्ह मूहुर्त में घर का कूड़ा रखकर सूपे में रखकर बाहर ले जाना चाहिए, इसे अलक्ष्मी का विसर्जन कहते हैं तथा हाथ-पैर धोकर दरवाजे पर खडे होकर महालक्ष्मी का आवाहन करना चाहिए। रात्रि में पूजन के उपरांत व्रत का पारण करना तथा कुॅवारी कन्या से आशीर्वाद लेना विशेष शुभ होता है।
जिस किसी की भी कुंडली में अष्टम स्थान में राहु या शुक्र, द्वितीयेश, एकादशेश, भाग्येश या धनप्रदाता ग्रह राहु से पापाक्रांत होकर विपरीत कारक हो तो उसे गुप्त नवरात्र में श्री की देवी की विधिवत पूजा कर महानंदा नवमी व्रत का पालन, कुंवारी कन्याओं को भोज और महालक्ष्मी के मंत्रों का जाप तथा विधि विधान से हवन पूजा करना चाहिए इससे दारिद्रय समाप्त होकर श्री की प्राप्ति होती है।

Astrology Sitare Hamare, 'Skand Shashthi Vrat, स्कंद षष्ठी व्रत, On 31 M...

Tuesday 30 May 2017

कोर्ट कचहरी व मुकदमे जीत कैसे: ज्योतिष्य गणना

कोर्ट कचहरी व मुकदमे ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ जाने से हर कोई बचना चाहता हैं। लेकिन कुछ परिस्थितिया ऐसी बन जाती हैं जिनके कारण व्यक्ति को न्यायालय जाना पड जाता हैं। कोई व्यक्ति अपने जीवन में कितनी बार और कब कब कोर्ट कचहरी के चक्कर लगायेगा यह जन्म कुंडली में ग्रहो की स्थिति पर निर्भर करता हैं। कई बार यह देखा हैं की शुभ ग्रहो की दशा में भी न्यायालय जाना पड जाता हैं महत्वाकांक्षा ही व्यक्ति से नैतिक- अनैतिक, वैधानिक- अवैधानिक, सामाजिक-असाजिक कार्य कराती है साथ ही किसी विषय पर विवाद, कोई गुनाह, संपत्ति से संबंधित झगड़े इत्यादि का होना आपकी कुंडली में स्पष्ट परिलक्षित होता है। अगर इस प्रकार के कोई प्रकरण न्यायालय तक पहुॅच जाए तो उसमें जय प्राप्त होगी या पराजय का मुॅह देखना पड़ सकता है इसका पूर्ण आकलन ज्योतिष द्वारा किया जाना संभव है। सामान्यतः कोर्ट-कचहरी, शत्रु प्रतिद्वंदी आदि का विचार छठे भाव से किया जाता है। सजा का विचार अष्टम व द्वादश स्थान से इसके अतिरिक्त दसम स्थान से यश, पद, प्रतिष्ठा, कीर्ति आदि का विचार किया जाता है। साथ ही सप्तम स्थान में साझेदारी तथा विरोधियों का प्रभाव भी देखा जाता है। इन सभी स्थान पर यदि क्रूर, प्रतिकूल ग्रह बैठे हों तो प्रथमतया न्यायालयीन प्रकरण बनती है। इनकी दशाओं एवं अंतदशाओं में निर्णय की स्थिति में जय-पराजय का निर्धारण किया जा सकता है।

केतु देता है बदलाव

निरंतर चलायमान रहने अर्थात् किसी जातक को अपने जीवन में निरंतर उन्नति करने हेतु प्रेरित करने तथा बदलाव हेतु तैयार तथा प्रयासरत रहने हेतु जो ग्रह सबसे ज्यादा प्रभाव डालता है, उसमें एक महत्वपूर्ण ग्रह है केतु। ज्योतिष शास्त्र में राहु की ही भांति केतु भी एक छायाग्रह है तथा यह अग्नितत्व का प्रतिनिधित्व करता है। इसका स्वभाग मंगल ग्रह की तरह प्रबल और क्रूर माना जाता है। केतु ग्रह विषेषकर आध्यात्म, पराषक्ति, अनुसंधान, मानवीय इतिहास तथा इससे जुड़े सामाजिक संस्थाएॅ, अनाथाश्रम, धार्मिक शास्त्र आदि से संबंधित क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है। केतु ग्रह की उत्तम स्थिति या ग्रह दषाएॅ या अंतरदषाओं में जातक को उन्नति या बदलाव हेतु प्रेरित करता है। केतु की दषा में परिवर्तन हेतु प्रयास होता है। पराक्रम तथा साहस दिखाई देता है। राहु जहाॅ आलस्य तथा कल्पनाओं का संसार बनाता है वहीं पर केतु के प्रभाव से लगातार प्रयास तथा साहस से परिवर्तन या बेहतर स्थिति का प्रयास करने की मन-स्थिति बनती है। केतु की अनुकूल स्थिति जहाॅ जातक के जीवन में उन्नति तथा साकारात्मक प्रयास हेतु प्रेरित करता है वहीं पर यदि केतु प्रतिकूल स्थिति या नीच अथवा विपरीत प्रभाव में हो तो जातक के जीवन में गंभीर रोग, दुर्घटना के कारण हानि,सर्जरी, आक्रमण से नुकसान, मानसिक रोग, आध्यात्मिक हानि का कारण बनता है। केतु के शुभ प्रभाव में वृद्धि तथा अषुभ प्रभाव को कम करने हेतु केतु की शांति करानी चाहिए जिसमें विषेषकर गणपति भगवान की उपासना, पूजा, केतु के मंत्रों का जाप, दान तथा बटुक भैरव मंत्रों का जाप करना चाहिए जिससे केतु का शुभ प्रभाव दिखाई देगा तथा जीवन में निरंतर उन्नति बनेगी।

Astrology Sitare Hamare 'Ahenkar se kaise bachen', अहंकार से कैसे बचें,...

Saturday 27 May 2017

नक्षत्र गंड दोष - कितना असरकारक

गंड अर्थात् दोष। गंड तीन प्रकार के माने जाते हैं जिनमें क्रमषः लग्नगंड, तिथि गंड तथा नक्षत्र गंड होता है। जिसमें नक्षत्र गंड सबसे ज्यादा अषुभ माना जाता है। 27 नक्षत्रों में से छः नक्षत्र गंडदोष युक्त माने जाते हैं जिसमें क्रमषः अष्विनी, अष्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल और रेवती नक्षत्रों को गंड दोषयुक्त माना जाता है। इन नक्षत्रों में जन्म लेने पर मूल के जन्म माने जाते हैं और माना जाता है कि गंडमूल नक्षत्र में जन्म होने पर अषुभ फलकारक स्थिति बनती है। इन नक्षत्रों को दोषयुक्त मान कर इनकी शांति का विधान कराया जाता है। भारतीय ज्योतिष में कुल 27 नक्षत्र होते हैं, इनमें से जन्म के छः नक्षत्र जिन्हें मूल कहा जाता है तथा मृत्यु के पाॅच नक्षत्र जिन्हें पंचक कहा जाता है, इनकी शांति आवष्यक होती है। मान्यता है कि इन नक्षत्रों में जातक लड़का हो या लड़की के पैदा होने पर माता-पिता, भाई, धन, आरोग्य, प्रतिष्ठा तथा पितरों का अंतिमतः कल्याण होता है। ज्योतिष के ग्रंथो में प्रत्येक नक्षत्र में जनम का प्रभाव बड़े विस्तार से लिखा है जिसका सार है कि नक्षत्रों में जन्म लिये हुए बच्चों की नक्षत्र शांति, ग्रो प्रसव के साथ कराना चाहिए। कहते हैं कि तुलसीदासजी का जन्म भी मूल नक्षत्र में हुआ था और उस के प्रभाव से उनकी माता का अल्पायु में देहांत हो गया। पिता भी तुलसीदासजी की उपेक्षा किया करते थे। इस तरह भारतीय दर्षन में इस दोष की बड़ी किंवदंतियाॅ प्रचलित हैं। यदि इन नक्षत्रों में जातक का जन्म हों तो पिता को 27 दिन संतति का मुख नहीं देखना चाहिए तथा उसी नक्षत्र में बच्चे के माता-पिता द्वारा विधिवत् गो प्रसव के साथ मूल वृक्ष बनाकर मूल की शांति कराना चाहिए। 27 छेद के घडे से स्नान करना चाहिए। कहते हैं कि यह पूजा बड़ी कठिन होती है क्योंकि इस पूजा में सात स्थानों की मिट्टी, सात जलाषय का जल, पंचपल्लव, सर्वोषधि आदि संकलित कर कलष में डालकर इनकी पूजा करके माता-पिता वस्त्र सहित बच्चे को गोद में लेकर पूर्वाभिमुख होकर समंत्रक 27 छेद वाले घड़े से स्नान करते हैं तथा पूजन पूर्ण होने पर छायापात्र का दान करते हैं। बच्चे के माता-पिता इस छाया पात्र में तेल डालकर विधिपूर्वक बच्चे का मुख दर्षन करते हैं। ऐसा करने से मूल दोष शांत होता है।

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Tuesday 23 May 2017

तनाव और परीक्षा का डर

परीक्षा के समय ज्यादा से ज्यादा अंक लाने की होड़, साथी बच्चों से तुलना, लक्ष्य का पूर्व निर्धारित कर उसके अनुरूप प्रदर्षन तथा इसी प्रकार के कई कारण से परीक्षा के पहले बच्चों के मन में तनाव का कारण बनता है। परीक्षा में अच्छे अंक की प्राप्ति के लिए किया गया तनाव अधिकांषतः नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करता है क्योंकि तनाव के कारण स्मरणषक्ति कम होती है, जिसके कारण पूर्व में तैयार विषय भी याद नहीं रह जाता, घबराहट के कारण स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ता है, साथ ही अनिद्रा, सिरदर्द तथा स्टेसहार्मोन के कारण एकाग्रता की कमी से परीक्षा का परिणाम भी विपरीत आता है, जोकि डिप्रेषन का कारण बनता है। अतः परीक्षा के डर के कारण उत्पन्न तनाव को दूर करने हेतु ज्योतिषीय तथ्य का सहारा लिया जा सकता है। जब भी परीक्षा से पहले तनाव के कारण सिरदर्द या अनिद्रा की स्थिति बने तो तृतीयेष ग्रह को शांत करने का उपाय आजमाते हुए चंद्रमा तथा राहु की स्थिति तथा दषाओं एवं अंतरदषाओं का निरीक्षण कर उक्त ग्रहों के लिए उचित मंत्र जाप, दान द्वारा मनःस्थिति पर नियंत्रण किया जा सकता है। साथ ही ऐसे में जातक को चाहिए कि हनुमान जी के दर्षन कर हनुमान चालीसा का पाठ कर एकाग्रता बढ़ाते हुए शांत मन से पढ़ाई करनी चाहिए साथ ही मन को प्रसन्न करने का उचित उपाय आजमाने से तनाव से मुक्त हुआ जा सकता है।

तनाव से खराब होते रिश्ते : ज्योतिष्य उपाय

आज की प्रतिद्धंदिता की स्थिति तथा लगातार हर क्षेत्र में परेषानी, कार्य का दबाव, समय की कमी, कुंठाओं और भौतिकसंपन्नता की चाहत के कारण व्यवहार का चिड़चिड़ापन तथा क्रोध ज्यादातर स्थिति में नजदीकी रिष्तों को प्रभावित करता है। जब व्यक्ति तनाव में होता है तो वह अपने सबसे नजदीकी रिष्तों के प्रति असहिष्णुता का व्यवहार कर बैठता है जबकि साथी को उसके तनाव के कारण की अज्ञानता उस व्यवहार की सच्चाई से अनभिज्ञता के कारण रिष्तों में भी तनाव देती हैं ऐसी स्थिति में रिष्तों में भी दूरी बढ़ने से उस जातक का तनाव लगातार चरम पर होता है और रिष्तें दूर से दूर होते जाते हैं और कई बार इसी तनाव के कारण दोस्ती का टूटना, जीवनसाथी से तलाक की नौबत तक आ जाती है। इस तनाव को समझने के लिए जातक के तृतीयेष, सप्तम, पंचम तथा एकादष भाव या भावेष संबंध किसी भी प्रकार से षष्ठम, अष्टम या द्वादष स्थान या राहु के साथ लग्न में या तीसरे स्थान में शनि होने से जातक का व्यवहार कठोर हो जाता है, जिससे उसके रिष्ते प्रभावित होते हैं और इस तनाव का असर सबसे ज्यादा उसके रिष्तों के दरार के रूप में दिखाई देती है। तनाव के कारण इस बढ़ती दूरी को कम करने हेतु शनिवार का व्रत, काली वस्तुओं के दान के साथ मंगलगौरी की पूजा करने से तनाव कम करने के साथ रिष्तों में आपसी सामंजस्य उत्पन्न होती है।

Astrology Sitare Hamare On 23 May 2017

Thursday 18 May 2017

बच्चे को बनायें अनुशासित करायें कुंडली का विश्लेषण

बच्चों को अनुशासित करना कभी भी आसान नहीं था। अपने बच्चे को प्यार और दुलार देना तो सरल है, परंतु यदि आप चाहते हैं कि बच्चे, सही और गलत का अंतर जान सकें तथा स्व-नियंत्रण और अच्छी आदतें अपनाएँ, तब तो, आपको सीखना होगा कि बच्चे को अनुशासन में रखने की सही विधि, क्या है, अपने बच्चे के लिए, अनुशासनात्मक सहायता की आवश्यकता होगी। यदि आपका बच्चा सदैव ही असम्मानजनक रहता है और आपकी कोई भी बात नहीं सुनता है या विशेषकर जल्दी जल्दी आक्रामक या हिंसक व्यवहार का प्रदर्शन करता है, तो यह जान पाने के लिए कि आप ऐसे व्यवहार के लिए क्या कर सकते हैं, ज्योतिषीय सहायता प्राप्त करिए। यदि आप भी अपने बच्चे में एक साथ ये सारी आदतें देखना चाहते हैं तो बचपन में ही कुंडली का विश्लेषण करायें और उसे अनुशासित बनाने हेतु उसकी कुंडली के अनुसार लग्न, तृतीय, पंचम, सप्तम, नवम, दसम एवं एकादश स्थान के कारक ग्रह एवं उन स्थानों पर स्थित ग्रह के अनुसार अपने बच्चे के अच्छे गुण को विकसित करने के साथ प्रतिकूल ग्रहों की शांति अथवा ज्योतिषीय उपाय लेते हुए सभी प्रकार से अनुशासित और सुसंस्कारित बनाने हेतु निरंतर अभ्यास करायें। इससे ना सिर्फ आपका बच्चा पढ़ाई में अथवा जीवन के सभी क्षेत्रों में सफल होगा।

कैसे करें समय का सदुपयोग जाने अपनी कुंडली से -



कई लोग अपना रूटिन का कार्य भी दौड़ते भागते पूरा करते हैं तो कई लोग बड़े इत्मीनान से सावधानी के साथ अपना कार्य गुणवत्ता के साथ पूर्ण करते हैं। कई बार लोग बिल की लाईन में भी अंतिम तिथि को पहुॅचते हैं और परेशान होते है। वहीं कुछ आराम से कार्य समय पर निपटाकर सुख से रहते हैं। समय की शक्ति अद्भुत है। धन से भी महत्वपूर्ण है, समय की संपदा। इसलिए समय को व्यर्थ न जाने दीजिए। समय ही महानता के उच्चतम शिखर तक चढ़ने का सोपान है और सूर्य जैसे ग्रहों के अनुरूप नियम तथा नियमित रह कर समय का सदुपयोग करने से ही सफलता प्राप्त हो सकती है अतः किसी की कुंडली में एकादष स्थान से उसके समय के मूल्य को आंका जा सकता है। जिस भी व्यक्ति की कुंडली में एकादष स्थान का स्वामी उच्च, शुभ तथा अनुकूल स्थान पर हो अथवा शुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो ऐसा जातक अपने कार्य में नियमित होता है तथा यदि उसका तीसरा स्थान भी शुभ हो तो ऐसे जातक की एकाग्रता भी अच्छी होती है यदि इसके साथ ही भाग्य स्थान भी अनुकूल हो तो ऐसे जातक को सफलता प्राप्ति में आसानी होती है अतः यदि आपका भाग्य अनुकूल हो साथ ही तीसरा स्थान एकाग्रता भी दे रहा हो तो एकादष स्थान को अनुकूल करने से आपको अवष्य ही सफलता प्राप्त हो सकती है। यदि आप अपने समय का सदुपयोग ना कर पा रहे हों तो एकादष स्थान के स्वामी ग्रह तथा उस स्थान पर उपस्थित ग्रह की स्थिति तथा उस स्थान से संबंधित ग्रह की दषा और अंतरदषा की जानकारी प्राप्त कर उससे संबंधित ग्रह शांति, मंत्रजाप तथा दान से आप अपने जीवन में समय का सदुपयोग कर अपने जीवन में सफलता प्राप्ति का रास्ता आसान कर सकते हैं। साथ ही कालपुरूष की कुंडली के अनुसार शनि की शांति, मंत्रजाप तथा काली वस्तुओं के दान करने चाहिए।

Astrology Sitare Hamare ACHANAK APYASH KE KARAN?- अचानक अपयश के कारण O...

Tuesday 16 May 2017

मन की अशांति का कारण -चंद्रमा

आधुनिक भागदौड़ के इस जीवन में प्रायः सभी व्यक्तियों को चिंता सताती रहती है। हर आयुवर्ग तथा हर प्रकार के क्षेत्र से संबंधित अपनी-अपनी चिंता होती हैं। चिंता को भले ही हम आज रोग ना माने किंतु इसके कारण कई प्रकार के लक्षण ऐसे दिखाई देते हैं जोकि सामान्य रोग को प्रदर्षित करते हैं। अगर यह चिंता कारण विषेष या समय विषेष पर हो तो चिंता की बात नहीं होती किंतु कई बार व्यक्ति चिंता करने का आदि होता है, जिसके कारण उसे हर छोटी बात पर चिंता हो जाती है। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में इसे रासायनिक स्त्राव का असंतुलन माना जाता है किंतु वैदिक ज्योतिष के अनुसार इस चिंता का दाता मन को संचालित करने वाला ग्रह चंद्रमा तथा व्यक्ति की जन्मकुंडली में तृतीय स्थान को माना जाता है। चंद्रमा के प्रत्यक्ष प्रभाव को आप सभी महसूस करते हैं जब ज्वार-भाठा या पूर्णिमा अमावस्या आती है। चंद्रमा का पूर्ण संबंध हमारे मानसिक क्रियाकलापों से है अगर चंद्रमा या तृतीयेष नीच राषि में स्थिति हो या षष्ठेष से युति या षष्ठस्थ हो या राहु केतु से युत हो तो व्यक्ति में तनाव जन्मजात गुण होता है। चूॅकि कालपुरूष का चतुर्थभाव चंद्रमा का भाव होता है अतः बहुत हद तक चतुर्थभाव का प्रतिकूल होना या चतुर्थेष का प्रतिकूल होना भी तनाव का कारण होता है। चंद्रमा या तृतीयेष का अष्टमस्थ या द्वादषस्थ होना भी लगातार तनाव का कारण देता रहता है। विषेषकर इन ग्रह या इनसे संबंधित ग्रहों की गोचर में व्यक्ति पर मानसिक असंतुलन दिखाई देती है। चिंता से मुक्ति हेतु पीड़ित व्यक्ति को अपनी वर्तमान परिथितियों पर नजर रखते हुए उनमें बदलाव का प्रयास करना चाहिए। इसके अलावा अपने जीवन में लगातार चिंता के कारणों तथा उससे जुड़े लोग तथा स्थिति को बेहतर करने का प्रयास करने के अलावा चंद्रमा को मजबूत करने तथा राहु की शांति के अलावा तृतीयेष का उपयुक्त उपाय करने से व्यक्ति को चिंता से मुक्ति मिल सकती है।