बच्चों के पढ़ाई में मन नहीं लगने के कारण माता-पिता चिंतित रहते हैं, जो स्वाभाविक है। इसका एक कारण चित्त की चंचलता हो सकती है। दूसरा कारण मन के कारक चंद्र का दुर्बल होना होता है। वहीं मन का प्रतिनिधित्व करने वाले दूसरे भाव या उसके स्वामी का पीड़ित होना भी इसका एक कारण है। शिक्षा के कारण ग्रहों बृहस्पति (ज्ञान) और बुध (बुद्धि) अशुभ होने की स्थिति में भी जातक की शिक्षा अधूरी रह सकती है। यहां मन के कारक चंद्र की उन विभिन्न स्थितियों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत है, जिनके फलस्वरूप जातक का मन पढ़ाई में नहीं लगता या फिर उसकी शिक्षा अधूरी रह जाती है। चंद्र की केमदु्रम योग (चंद्रमा के आगे पीछे कोई ग्रह ना हो, राहु, केतु छोड़कर) में स्थिति। चंद्र की क्षीणावस्था। चंद्र का अस्त होना या पापकर्तरी योग में होना। चंद्र का पाप ग्रहों से पीड़ित होना। चंद्र का ग्रहण योग में होना।राहु, केतु, शनि और सूर्य के साथ चंद्र की युति। कई छात्रों को अत्यधिक परिश्रम के बावजूद अंक कम मिलते हैं। इसका भी कोई विशेष कारण हो सकता है। इस कारण को जानने के लिए लग्न (शरीर), द्वितीय भाव (मन), तृतीय भाव (पराक्रम), चतुर्थ (बु़िद्ध), पंचम (शिक्षा) तथा षष्ठ (प्रतियोगिता) भावों के अलावा तृतीय भाव तथा सूर्य (मनोबल) और चंद्र (मानसिक बल) का विश्लेषण करना आवश्यक है। षष्ठेश की स्थिति का विशेष रूप से विश्लेषण करना चाहिए। द्वितीयेश व चुतर्थेश शुभ हों तो जातक प्रबल स्मरण शक्ति का स्वामी होता है। द्वितीयेश और चतुर्थेश का संबंध षष्ठेश, अष्टमेश और द्वादशेश से हो, तो स्मरण शक्ति कमजोर होती है। छात्रगण के लाभार्थ शिक्षा में अवरोध को दूर करने और परीक्षा में वांछित फल की प्राप्ति के कुछ उपाय यहां प्रस्तुत हैं। एकाग्रता हेतु: नित्य मां के चरण स्पर्श करें और ¬ सोम सोमाय नमः का जप करें। परिश्रम के अनुरूप अंक प्राप्ति हेतु: किसी योग्य ज्योतिर्विद के परामर्श के अनुरूप लग्नेश या पंचमेश का रत्न या उपरत्न धारण करें। स्मरण शक्ति को सुदृढ़ करने हेतु: पन्ना धारण करें और ¬ ऐं सरस्वत्यै नमः का जप करें। अच्छे अंक की प्राप्ति हेतु: लग्न (लक्ष्य), सूर्य (मनोबल) और चंद्र (मन) अनुकूल हों, तो छात्र को अच्छे अंक प्राप्त होते हैं। आत्मविश्वास को मजबूत करने के लिए पिता के चरण स्पर्श करें और सूर्य को अघ्र्य दें। पढ़ाई पर अधिक ध्यान दें, किंतु साथ ही थोड़ा समय खेल, परिवार और मित्रों के लिए भी निकालें। प्रसन्नचित्त रहें और शाकाहारी तथा पौष्टिक भोजन लें। मन की चंचलता दूर करने हेतु: लौंग को अपने ऊपर से 7 बार उतार कर बाहरी सड़क पर फेंक दें, मन की चंचलता दूर और निर्णय क्षमता सुदृढ़ होगी। शिक्षा संबंधी किसी भी कष्ट से मुक्ति हेतु: गणेश को प्रतिदिन 3 से 5 पत्तियों वाली दूर्वा चढ़ाएं और उनके द्वादश नामों का पाठ करें। इससे मन शांत तथा अनुकूल रहेगा और शिक्षा में आने वाली रुकावटें दूर होंगी।
best astrologer in India, best astrologer in Chhattisgarh, best astrologer in astrocounseling, best Vedic astrologer, best astrologer for marital issues, best astrologer for career guidance, best astrologer for problems related to marriage, best astrologer for problems related to investments and financial gains, best astrologer for political and social career,best astrologer for problems related to love life,best astrologer for problems related to law and litigation,best astrologer for dispute
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment