Tuesday 21 February 2017

किस्मत का तारा चमकायें करें अनुकूल उपाय

हम जो चाहते है उसको पाने के लिए हम हर कोशिश करते है कि वह हमें प्राप्त हो जाए। लेकिन कभी-कभी अधिक कोशिश करने के बाद भी हम असफल हो जाते है। और इसका पूरा दोष अपनी किस्मत में डाल देते है कि हमारी किस्मत खराब है। इसके बाद हम और फिर किसी भी तरह की कोशिश नहीं करते है और बैठ जाते है कि अब सब खुद ठीक होगा। ऐसा क्यूं होता है कि कभी-कभी अपने काम में जान तक झोंक देने वाले को सफलता नहीं मिलती और किसी-किसी को छोटी कोशिश से ही बुलंदियां मिल जाती हैं। क्यूं कोई मुकद्दर का सिकंदर कहलाता है और क्यूं कोई किस्मत का गरीब कहलाता है। क्यूं लोग भाग्यशाली या दुर्भाग्यशाली कहे जाते हैं। सामान्यतौर पर यह बता पाना किसी के भी बस की बात नहीं होती है किंतु इसे ज्योतिषीय शास्त्र द्वारा बताया जा सकता है। जब किसी भी व्यक्ति की कुंडली में उसका भाग्येश उच्च या अनुकूल स्थिति में हो तो भाग्येश की दशा या अंतरदशा में उसके जीवन में अचानक उन्नति तथा सफलता के योग बनते हैं और यदि इसके साथ ही लग्नेश, तृतीयेश या एकादशेश भी अनुकूल तथा उच्चस्थ हों तो निश्चित ही किस्मत बदलती है और लोग मुकद्दर का सिकंदर कहते हैं। भाग्य का साथ पाने और मेहनत के बाद भी असफलता को सफलता में बदलने के लिए पितृ शांति कराना चाहिए क्योंकि हमाने शास्त्र में माना जाता है किसी भी व्यक्ति की समृद्धि का कारण उसके पितरों का आर्शीवाद होता है।

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