मधुमेह के रोग को एक वंशानुगत रोग के रूप में भी जाना जाता है. अगर आपके शरीर में इन्सुलिन की मात्रा की कमी है तब ये रोग आपको घेरता है. आप दवाओ के सहारे इस रोग पर कुछ हद तक काबू पा सकते है. अगर आप ज्योतिषीय मान्यताओ की तरफ ध्यान देते है तो इसके अनुसार आप पाओगे कि अगर जलीय राशी जैसे कि कर्क, वृश्चिक या मीन और शुक्र राशी जैसे कि तुला में दो या दो से अधिक पापी ग्रहों ने प्रवेश कर रखा है तो इन राशी के लोगो को मधुमेह के रोग की आशंका बहुत ज्यादा है. अगर इन राशियों के शुक्र के साथ ब्रस्पति या चंद्रमा दूषित है या त्रिक भाव में है तब भी आपको मधुमेह हो सकता है. शत्रु राशी या क्रूर ग्रहों जैसे राहू, शनि, सूर्य, और मंगल ने आपकी राशी में प्रवेश कर रखा है तब भी आपको मधुमेह हो सकता है.
ज्योतिष उपायों के अनुसार मधुमेह के रोग से मुक्त होने के लिए आप सोलह शुक्रवार तक पूर्ण मन से किसी मंदिर या जरूरतमंद व्यक्ति को सफेद चावल का दान करे. इसके अलावा आप ú शुं शुक्राय नम: मंत्र की एक माला का जाप करे. इसी तरह आप ब्रहस्पति और चंद्रमा की वस्तुओं का भी दान करे. आप शाम के समय या फिर रात्रि में महामृत्युंजय मंत्र का भी जाप अवश्य करें. साथ ही आप पुष्प नक्षत्र में जामुनों को इक्कठा करें और फिर उनका सेवन करे. आप करेले के पाउडर को प्रतिदिन सुबह दूध के साथ मिला कर उसका सेवन करे ऐसा करने से भी आपको मधुमेह के रोग से मुक्ति में लाभ मिलेगा.
ज्योतिष शास्त्र में कई बार उन लोगों को भी मधुमेह के रोग की शिकायत मिली है जिनकी कुंडली में लग्न पर शनि-केतु की पाप की दृष्टी देखी गई हो. अगर वृश्चिक राशी के चतुर्थ स्थान में शुक्र-शनि की युति, मीन पर सूर्य व मंगल की दृष्टी हो, साथ ही तुला राशी के लोगो पर राहू स्थित हो कर चन्द्रमा पर दृष्टी रखे तो इस स्थिती में इन सब लोगो की इज्जत, प्रतिष्टा को हानि होती है साथ ही इन लोगों को मधुमेह के रोग का भी खतरा होता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मधुमेह के कारण:
ज्योतिष शास्त्र में अगर मीन राशी के जातकों की राशी में बुध पर सूर्य की दृष्टी हो या ब्रहस्पति लग्नेश के साथ छठे भाव में हो या फिर इन जातकों के दशम भाव में मंगल-शनि की युक्ति या मंगल दशम स्थान पर शनि पर दृष्टी रख रहा हो तो इस स्थिति में भी ये रोग हो सकता है. इन सबके अलावा अगर लग्नेश शत्रु राशी में, नीचे का या लगन व मग्नेश पाप ग्रहों से दृष्टी मिला रहा हो व शुक्र आठवे घर में विराजमान हो तब भी इस रोग का खतरा है, कुछ मामलों में अगर चतुर्थ भाव में वृश्चिक राशी में शनि-शुक्र की युति भी मधुमेह के रोग का एक बड़ा कारण बन सकती है.
* अगर आप औषधि का सेवन कर रहे है या हवन करने का विचार कर रहे है तो उसके लिए शुभ नक्षत्र का इंतजार करे.
* अगर आप औषधियों का सेवन आरम्भ कर रहे है तो उनके किये अश्वनी, पुण्य, हस्त, और अभिजित नक्षत्रो का चयन करे और उन्ही नक्षत्रो में सेवन आरम्भ करे.
* अगर आपके गोचरीय ग्रहों में आपको अशुभता दिखाई दे रही है तो आप पहले उन्हें औषधीय स्नान करके शुभ कर ले.
* अगर आपके ग्रह दूषित है तो आप हवन करा सकते है, सूर्य की शांति के लिए आपको समिधा, आक या मंदार की डालियों का सेवन करना चाहिए, चंद्रमा की शांति के लिए आप पलाश, मंगल की शांति के लिए खरीद या खैर, बुध की शांति के लिए अपामार्ग या चिचिढा, गुरु की शांति के लिए पीपल, शुक्र की शांति के लिए उदुम्बर या गुलर, शनि की शांति के लिए खेजड़ी या शमी, रहू के लिए दूर्वा और अंत में केतु की शांति के लिए आप कुशा की समिधा, सरल, सनिग्ध डाली हे हवन की प्रक्रिया ले लिए इस्तेमाल करनी चाहिए, इसके साथ साथ ग्रहों के मंत्रो के साथ ही हमे यज्ञाआहुति देनी चाहिए. तभी आपको आपके द्वारा कराए गये हवन का पूरा लाभ मिल सकेगा और आपको मधुमेह के रोग से बचने में आपकी सहायता कर सकेगा.
उपरलिखित मधुमेह के रोग के होने के कारण और उनसे बचने या मुक्ति पाने के उपायों को पड़ कर आप अपने आप को मधुमेह जैसी भयंकर बीमारी से बचा सकते है और एक रोगमुक्त जीवन जी सकते है.
वास्तु शास्त्र में मधुमेह:
* वास्तु शास्त्र के अनुसार मधुमेह से बचाव के लिए आपको अपने घर के मध्य भाग को लोहे के जाल, बेकार सामान, और स्टोर से बचाना होगा.
* आपको अपने घर की उत्तर-पूर्व दिशा में नीले फूल वाला पौधा लगाने से भी लाभ प्राप्त हो सकता है.
* याद रखे कि आप कभी भी भूल कर भी अपने बेडरूम में खाना न खाए.
* मधुमेह से बचने के लिए आप अपने बेडरूम में कभी भी जूते या चप्पल पहन कर न जाये और न ही कभी पुराने जूते चप्पलो को अपने बेडरूम में रखे.
* आप अपने पीने के पानी के लिए मिट्टी के घड़े का इस्तेमाल करे और घड़े में तुलसी के सात पत्तो को डालना न भूले, उसके बाद ही घड़े के जल का इस्तेमाल करें.
* मधुमेह से बचाव हेतु आप प्रतिदिन एक बार अपनी माँ के हाथो से बने खाने का सेवन जरुर करे.
* आप अपने घर के मुखिया, अपने पिता का हमेशा आदर करे, उन्हें सम्मान दे और उनका सदैव कहना माने.
* मधुमेह से मुक्ति पाने के लिए आप हर मंगलवार के दिन अपने मित्रो को मिठाई देना न भूले.
* आप ब्रहस्पति देव की हल्दी की एक गांठ को सिलबट्टे पर पीस ले फिर उसमे शहद मिला कर प्रतिदिन सुबह खाली पेट ले, ऐसा करने से भी आपको मधुमेह के रोग से मुक्ति मिलेगी.
* आप प्रत्येक रविवार के दिन प्रात: सुबह सूर्य को जल दे, उसके बाद आप बंदरो को गुड खिलाये इससे भी आपको मधुमेह में लाभ मिलेगा.
* आप अपने घर के ईशानकोण से लोह धातु से निर्मित हर वास्तु को हटा दे.
मधुमेह से बचने के लिए आप इन सब उपायों का इस्तेमाल कर सकते है और इन उपायों को करने से आपको महसूस होगा के आपका मधुमेह का रोग कितनी जल्दी ठीक हो रहा है और आप रोग मुक्त हो रहे है.
ज्योतिष उपायों के अनुसार मधुमेह के रोग से मुक्त होने के लिए आप सोलह शुक्रवार तक पूर्ण मन से किसी मंदिर या जरूरतमंद व्यक्ति को सफेद चावल का दान करे. इसके अलावा आप ú शुं शुक्राय नम: मंत्र की एक माला का जाप करे. इसी तरह आप ब्रहस्पति और चंद्रमा की वस्तुओं का भी दान करे. आप शाम के समय या फिर रात्रि में महामृत्युंजय मंत्र का भी जाप अवश्य करें. साथ ही आप पुष्प नक्षत्र में जामुनों को इक्कठा करें और फिर उनका सेवन करे. आप करेले के पाउडर को प्रतिदिन सुबह दूध के साथ मिला कर उसका सेवन करे ऐसा करने से भी आपको मधुमेह के रोग से मुक्ति में लाभ मिलेगा.
ज्योतिष शास्त्र में कई बार उन लोगों को भी मधुमेह के रोग की शिकायत मिली है जिनकी कुंडली में लग्न पर शनि-केतु की पाप की दृष्टी देखी गई हो. अगर वृश्चिक राशी के चतुर्थ स्थान में शुक्र-शनि की युति, मीन पर सूर्य व मंगल की दृष्टी हो, साथ ही तुला राशी के लोगो पर राहू स्थित हो कर चन्द्रमा पर दृष्टी रखे तो इस स्थिती में इन सब लोगो की इज्जत, प्रतिष्टा को हानि होती है साथ ही इन लोगों को मधुमेह के रोग का भी खतरा होता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मधुमेह के कारण:
ज्योतिष शास्त्र में अगर मीन राशी के जातकों की राशी में बुध पर सूर्य की दृष्टी हो या ब्रहस्पति लग्नेश के साथ छठे भाव में हो या फिर इन जातकों के दशम भाव में मंगल-शनि की युक्ति या मंगल दशम स्थान पर शनि पर दृष्टी रख रहा हो तो इस स्थिति में भी ये रोग हो सकता है. इन सबके अलावा अगर लग्नेश शत्रु राशी में, नीचे का या लगन व मग्नेश पाप ग्रहों से दृष्टी मिला रहा हो व शुक्र आठवे घर में विराजमान हो तब भी इस रोग का खतरा है, कुछ मामलों में अगर चतुर्थ भाव में वृश्चिक राशी में शनि-शुक्र की युति भी मधुमेह के रोग का एक बड़ा कारण बन सकती है.
* अगर आप औषधि का सेवन कर रहे है या हवन करने का विचार कर रहे है तो उसके लिए शुभ नक्षत्र का इंतजार करे.
* अगर आप औषधियों का सेवन आरम्भ कर रहे है तो उनके किये अश्वनी, पुण्य, हस्त, और अभिजित नक्षत्रो का चयन करे और उन्ही नक्षत्रो में सेवन आरम्भ करे.
* अगर आपके गोचरीय ग्रहों में आपको अशुभता दिखाई दे रही है तो आप पहले उन्हें औषधीय स्नान करके शुभ कर ले.
* अगर आपके ग्रह दूषित है तो आप हवन करा सकते है, सूर्य की शांति के लिए आपको समिधा, आक या मंदार की डालियों का सेवन करना चाहिए, चंद्रमा की शांति के लिए आप पलाश, मंगल की शांति के लिए खरीद या खैर, बुध की शांति के लिए अपामार्ग या चिचिढा, गुरु की शांति के लिए पीपल, शुक्र की शांति के लिए उदुम्बर या गुलर, शनि की शांति के लिए खेजड़ी या शमी, रहू के लिए दूर्वा और अंत में केतु की शांति के लिए आप कुशा की समिधा, सरल, सनिग्ध डाली हे हवन की प्रक्रिया ले लिए इस्तेमाल करनी चाहिए, इसके साथ साथ ग्रहों के मंत्रो के साथ ही हमे यज्ञाआहुति देनी चाहिए. तभी आपको आपके द्वारा कराए गये हवन का पूरा लाभ मिल सकेगा और आपको मधुमेह के रोग से बचने में आपकी सहायता कर सकेगा.
उपरलिखित मधुमेह के रोग के होने के कारण और उनसे बचने या मुक्ति पाने के उपायों को पड़ कर आप अपने आप को मधुमेह जैसी भयंकर बीमारी से बचा सकते है और एक रोगमुक्त जीवन जी सकते है.
वास्तु शास्त्र में मधुमेह:
* वास्तु शास्त्र के अनुसार मधुमेह से बचाव के लिए आपको अपने घर के मध्य भाग को लोहे के जाल, बेकार सामान, और स्टोर से बचाना होगा.
* आपको अपने घर की उत्तर-पूर्व दिशा में नीले फूल वाला पौधा लगाने से भी लाभ प्राप्त हो सकता है.
* याद रखे कि आप कभी भी भूल कर भी अपने बेडरूम में खाना न खाए.
* मधुमेह से बचने के लिए आप अपने बेडरूम में कभी भी जूते या चप्पल पहन कर न जाये और न ही कभी पुराने जूते चप्पलो को अपने बेडरूम में रखे.
* आप अपने पीने के पानी के लिए मिट्टी के घड़े का इस्तेमाल करे और घड़े में तुलसी के सात पत्तो को डालना न भूले, उसके बाद ही घड़े के जल का इस्तेमाल करें.
* मधुमेह से बचाव हेतु आप प्रतिदिन एक बार अपनी माँ के हाथो से बने खाने का सेवन जरुर करे.
* आप अपने घर के मुखिया, अपने पिता का हमेशा आदर करे, उन्हें सम्मान दे और उनका सदैव कहना माने.
* मधुमेह से मुक्ति पाने के लिए आप हर मंगलवार के दिन अपने मित्रो को मिठाई देना न भूले.
* आप ब्रहस्पति देव की हल्दी की एक गांठ को सिलबट्टे पर पीस ले फिर उसमे शहद मिला कर प्रतिदिन सुबह खाली पेट ले, ऐसा करने से भी आपको मधुमेह के रोग से मुक्ति मिलेगी.
* आप प्रत्येक रविवार के दिन प्रात: सुबह सूर्य को जल दे, उसके बाद आप बंदरो को गुड खिलाये इससे भी आपको मधुमेह में लाभ मिलेगा.
* आप अपने घर के ईशानकोण से लोह धातु से निर्मित हर वास्तु को हटा दे.
मधुमेह से बचने के लिए आप इन सब उपायों का इस्तेमाल कर सकते है और इन उपायों को करने से आपको महसूस होगा के आपका मधुमेह का रोग कितनी जल्दी ठीक हो रहा है और आप रोग मुक्त हो रहे है.
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